सगी बहन की करी जमकर चुदाई – XXX बहन की चुदाई कहानी भाग 2

सगी बहन की करी जमकर चुदाई – XXX बहन की चुदाई कहानी भाग 2

हेलो दोस्तों मैं सोफिया खान हूं, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “सगी बहन की करी जमकर चुदाई – XXX बहन की चुदाई कहानी भाग 2”। यह कहानी राजीव की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।

XXX बहन की चुदाई कहानी में मैं अपनी सेक्सी बहन की जवानी पर मोहित हो गया था. लेकिन मुझे नहीं पता था कि वो मुझसे ज्यादा सेक्स का मजा लेना चाहती थी, वो बहुत बड़ी रांड थी.

दोस्तो, मैं राजीव आपको अपनी सगी बहन की चुदाई की कहानी बता रहा था. तो आज बहन की चुदाई की बारी है. आज तुम्हें दो जवान जिस्मों की गर्मी और तड़प का पता चलेगा.

कहानी के पहले भाग XXX बहन की चुदाई में मैं अपनी बहन के शरीर का आनंद ले रहा था,
अब तक आपने पढ़ा था कि कैसे दीदी ने मेरे साथ सेक्स का प्रोग्राम बनाया.

बहन ने अपने हाथों में मेहंदी लगा रखी थी.
उसने मुझसे अपने पेटीकोट का नाड़ा खुलवाया और अपनी पैंटी भी निकलवा दी और नीचे से पूरी नंगी होकर मेरे सामने पेशाब करने लगी. (XXX बहन की चुदाई)

उसकी चूत से छप-छप की आवाज के साथ मधुर संगीत के साथ पेशाब की धार बहने लगी.

अब XXX बहन की चुदाई की कहानी:

दीदी- क्या देख रहे हो?
मैं- आपकी चूत.

दीदी- क्यों पहले कभी नहीं देखी क्या?
में : माँ की तो मैंने एक बार देखी था और वो भी गलती से.. लेकिन ठीक से पहली बार देख रहा हूँ.

दीदी- तुमने तो माँ को भी नहीं छोड़ा.. तुमने कैसे देख लिया?
मैं- वो, वो…

दीदी- ठीक से बोलो!
मैं- माँ बाथरूम में नहा रही थी. मुझे लगा कि बाथरूम में कोई नहीं है. मैं प्रवेश करता रहा. मैंने अन्दर देखा तो मेरी नज़र सीधे उनकी काली चूत पर पड़ी, जिसमें वो नहाते वक्त उंगली कर रही थी.

दीदी हंसते हुए बोलीं- अभी मां भी तुम्हारे बिस्तर पर होंगी, मैं तुम्हें आइडिया बताऊंगी. बुढ़िया को इतना चोदना कि वो तुम्हारे लंड की गुलाम बन जाये. मैं: हाँ, लेकिन ऐसा क्यों?

दीदी- जब तू चोदने लगेगा तब मैं तुझे इसके बारे में बताऊंगी.
मैं- ठीक है दीदी.

दीदी- बेटा, अगर मैं पहल न करती तो तू मुठ मारता रहता… और मैं बाहर Chut Chudai करवाती रहती।
मैं: हां ये तो है. लेकिन आप बाहर किससे?

दीदी- एक है.. सुनील नाम है.. उसका 5 इंच का पतला लंड है। यह बिल्कुल बेकार है… 2-3 मिनट में स्खलित हो जाता है। जवानी की प्यास नहीं बुझती तो करवाना ही पड़ता है. उधर सुनील मेरी जवानी देखते ही झड़ जाता है और कुछ नहीं कर पाता.

मैं: साली तू इतनी रांड है कि तूने बहार चुदवा भी लिया?
दीदी- इसे चुदना नहीं कहते. (XXX बहन की चुदाई)

में : तो फिर चुदाई किसे कहते है?
दीदी- अब जब तुम्हारा मोटा लंड मेरी चूत के अंदर जाएगा तो पता चलेगा कि चुदाई किसे कहते हैं.

मैं उसकी चूत को देखने लगा जिसमें से पेशाब निकलना बंद हो गया था.

मैंने कहा- दीदी, आपकी चूत से पिचकारी निकलना बंद हो गई है.
दीदी : चलो, बस बकवास ही करेगा या कुछ अंदर बाहर का काम भी करेगा?

मैं: दीदी ये आपकी मेहंदी?
दीदी- ये तो तुम्हें पटाने का एक तरीका था. इसका कोई उपयोग नहीं है.

Maya दीदी ने अपने हाथ धोये और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये।
मैंने उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे कस कर पकड़ लिया और उसके होंठों को चूसने लगा.

दस मिनट तक मेरे होंठ चुसवाने के बाद मैं बहुत उत्तेजित हो गया.
मैंने बाथरूम में ही बहन का ब्लाउज उतार दिया और उसके मम्मे दबाने लगा.

दीदी : सब कुछ यहीं करोगे क्या? मुझे अपनी गोद में उठा कर बेडरूम में ले चल और मेरी जवानी का मजा लूट लो और मेरी तड़प बुझा दो। मैं- दीदी आज आप रोओगी.. मैं आपको इतना चोदूंगा कि आपकी चूत की सारी गर्मी निकाल दूंगा.

दीदी- अच्छा बेटा, इतना कॉन्फिडेंस!
मैं- हां मेरी जान. (XXX बहन की चुदाई)

मैंने दीदी को अपनी बांहों में पकड़ कर उठाया और उनके गुलाबी होंठों को चूसने लगा.
दीदी की टाँगें हवा में थीं और उनके रसीले Big Boobs मेरी छाती से रगड़ खा रहे थे।

मैं दीदी को उसी पोजीशन में लटका कर उनको चूसने लगा और उन्हें बिस्तर पर पटक कर उनके ऊपर चढ़ गया.
मैंने दीदी के होंठों को चूस-चूस कर लाल कर दिया था.

जब चुम्बन टूटा तो दीदी मुस्कुराते हुए बोलीं- आज सच में बहुत मजा आने वाला है.

दीदी के गोरे स्तन बड़े और गोल थे, किसी फिल्म अभिनेत्री की तरह चमक रहे थे।

मैं अपने आप पर काबू नहीं रख सका और उसके एक स्तन को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को हाथ से जोर-जोर से दबाने लगा।

दीदी के मुँह से ‘आई माँ…उई माँ आह ओह हाँ सीईईई’ निकल निकलने लगा। मेरा जोश और बढ़ाने लगा.

दस मिनट में मैंने दीदी के मम्मों को मसल कर लाल टमाटर बना दिया था.
उसके दोनों स्तनों पर काटने के निशान थे.

अब मैं दीदी के सामने से उनके पास आ गया और एक हाथ से दीदी की चूत को सहलाने लगा.
मेरा दूसरा हाथ दीदी के मस्त गोल स्तन दबा रहा था।

होठों की चुसाई चल रही थी… होठों में जंग छिड़ गई थी।
उसकी जीभ मेरे मुँह में थी और मेरी जीभ उसकी जीभ को चूस रही थी और उसके मुँह की लार पी रही थी।

उधर नीचे मैं अपनी उंगली को तेजी से दीदी की चूत में अन्दर-बाहर करने लगा.

दीदी के मुँह से जोर जोर से ‘आह सी ऊऊ सी आह…’ की आवाज निकल रही थी.
तभी दीदी अचानक अकड़ने लगीं और उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और अपना सारा वीर्य गिरा दिया.

उसकी चूत का रस मेरी उंगलियों से होकर बाहर आने लगा.

कुछ पलों तक चुत में वीर्य उगलने के बाद दीदी शांत स्वर में बोलीं- आह मजा आ गया भाई … तुम अब तक कहां थे. तेरी बहन कभी किसी और से चुदवा कर शांत नहीं होती. (XXX बहन की चुदाई)

आपने तो अभी शुरुआत की है और मैं तुरंत झड़ गयी। अब मुझे लंड चूसने दो. अपना लंड मेरे मुँह में डालो.

दीदी ने मुझे नंगा कर दिया और मेरा बड़ा लंड देख कर उनकी आंखें चमक उठीं.
उसने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली- मैं ऐसे ही लंड की तलाश में थी. ऐसे लंड की तलाश में मैं 3 लंड ले चुकी हूं और ये मेरे घर में था… और अब मुझे मिल गया है.

मैं- साली तू पूरी रंडी बन गई है क्या… अब तक 3 लंड ले चुकी है अपनी चूत में?
दीदी- दीदी अब तुम्हें पता चल जाएगा कि मैं रंडी हूं या नहीं.

इतना कह कर दीदी घुटनों के बल बैठ गईं और मेरा लम्बा और मोटा लंड अपने मुँह में पकड़ कर चूसने लगीं।
दीदी बिल्कुल किसी सड़कछाप रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी.

वो पूरा लंड मुँह में लेने की कोशिश कर रही थी, लेकिन बड़ा होने के कारण पूरा लंड उसके मुँह में नहीं जा रहा था।

लगभग आधा लंड अभी भी बाहर था.
दीदी बाहर रह गये लंड को अपने हाथ से सहला रही थी।

अब मैंने भी बहन के बाल पकड़ लिए और उसके मुँह में धक्के लगाने लगा.

उत्तेजना के कारण मैंने और ज़ोर लगाया और मेरा लंड मेरी बहन के गले तक पहुंच गया.
इससे बहन की आंखें बाहर आने लगीं।

दीदी ने मेरी कमर पर चिकोटी काट कर मुझे रोक दिया.
मैं समझ गया कि लंड बहुत अन्दर घुस चुका है.

मुझे पहली बार मेरी बहन ने मुझे चोदने का ऑफर दिया था.

मैंने बहन से कहा- अब तुम पेट के बल लेट जाओ और लंड चूसो.

बहन ने मुँह से लंड निकाला और बोली- भाई, अब तू मुझे चोदना सिखाएगा… बोल क्या करेगा?
मैंने कहा- लेट जाओ मेरी जान. (XXX बहन की चुदाई)

दीदी लेट गईं और लंड चूसने लगीं.

मैंने झुक कर अपना लंड दीदी के मुँह में डाल दिया और उसके नितम्बों पर मारने लगा।
कभी मैं नीचे हाथ डाल कर उसके मम्मे दबाने लगता, कभी उसकी Moti Gand सहलाने लगता.

मैं अब अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुका था।
दीदी मेरे दोनों आंडों को सहला रही थी और मेरे लंड को चूस रही थी.

इस वजह से मुझे अपना लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था.

मैं झड़ने लगा और सारा वीर्य दीदी के मुँह में भर दिया.

साली पक्की रंडी थी.
उसने लंड का रस पी लिया और चाट कर साफ़ कर दिया.

फिर उसने नशीली आंखों से लंड को चूमा और बोली- ऐसा लंड मैंने ब्लू फिल्मों के अलावा कभी नहीं देखा.
मैं हाँफ रहा था और नशीली आँखों से उसे देख रहा था।

दीदी- चल अब मेरी चूत चाट.
मैं- ठीक है दीदी.

दीदी- भोसड़ी के दीदी मत बोल, अब मैं तेरी जीएफ हूं.
मैं- ठीक है जान.

मैं दीदी की चूत को चाटने लगा.
चूत चाटते-चाटते अपनी दो उंगलियाँ भी तेजी से दीदी की चूत में अन्दर-बाहर करने लगा।

उसकी कराहने की आवाज तेज हो गई- उह आह आह … हे भगवान … मर गयी मैं.

कुछ मिनटों के बाद लंड फिर से उफान मारने लगा।

दीदी का भी पानी निकल गया.
उसने झट से मेरा सिर अपनी चूत पर दबा दिया और बोली- मैं तुम्हारी हूँ मेरी जान. आह चूस ले हरामी…आह.

इतना कह कर दीदी ने सारा पानी मेरे मुँह में निकाल दिया.
मैंने उसकी चूत से निकला सारा पानी चाट कर साफ कर दिया.

‘दीदी, आज तो जैसे मैं स्वर्ग में हूँ!’
‘अब मुझे स्वर्ग की सैर कराओ।’
‘आओ मेरी जान, अब लंड तुम्हारी चूत में जाने के लिए तैयार है।’

अब बारी थी बहन को चोदने की.

दीदी- हरामी, मेरी चूत को कुत्ते की तरह चोद कर अपनी और मेरी जवानी की आग बुझा दे.

दीदी ने अपना पैर उठाया और घुटने से मोड़कर मुझे अपनी ओर खींच लिया और बोलीं-  चोद दे अपनी बहन को … चोद मुझे और चूत का छेद बड़ा कर दे. जल्दी से अपना लंड घुसा.
मैं अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ रहा था.

बहन दर्द से कराह रही थी और मुझसे कह रही थी कि भाई जल्दी से धक्के मारो.. ओह अब मैं नहीं रुक सकती.
उसके मुँह से ये शब्द सुनकर मजा आ गया. मैं जानबूझ कर उसे और सता रहा था.

दीदी ने लंड पकड़ कर चूत पर सेट किया और नीचे से गांड उठाते हुए एक जोरदार झटका मारा.
मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत में घुस गया.

फिर मैंने दूसरा झटका मारा जिससे आधा लंड चूत में घुस गया.

दीदी की जोरदार चीख से घर गूंज उठा।
चूँकि घर में कोई नहीं था तो मैंने आवाज़ पर ध्यान नहीं दिया.. और दूसरा झटका दे दिया।

इस बार लंड ने चूत की माँ चोद दी और बहन की दर्द भरी चीख निकल गयी.

वो तड़पते हुए शब्दों में कहने लगी- आह थोड़ा रुको … आह, मुझे सांस तो लेने दो. मैं कोई रंडी नहीं हूँ.. मैं तुम्हारी सगी बहन हूँ. लेकिन अब मैं तुम्हारी रंडी हूँ… मुझे पाँच दिन तक दिन रात चोदना… लेकिन एक मिनट रुको।

मैं रुक गया और दीदी को चूमने लगा.
मैंने अपने एक हाथ से उसका स्तन पकड़ लिया और उसे चूसने लगा और जोर-जोर से दबाने और सहलाने लगा।

एक मिनट बाद दीदी ने नीचे से गांड हिला कर इशारा किया.
मैं उसे चोदने लगा.

नीचे स्पंजी गद्दा था और ऊपर से मेरे धक्के ऐसे चल रहे थे जैसे कोई परमाणु बम फूट रहा हो।

दीदी सेक्सी आवाज में ऊंची आवाज में चिल्ला रही थीं- आह आह मर गई… भाई मेरी Tight Chut फट जाएगी… आह धीरे चोदो… आह आह आउच मम्मी मैं मर गई!

पूरे कमरे में बहन की आवाजें गूंज रही थीं।
दस मिनट बाद मैंने चुदाई की पोजीशन बदल ली.

मैं नीचे हो गया और दीदी लंड पर बैठ गयीं.
अब बहन उछल उछल कर चुदवाने लगी.
उसके दोनों स्तन भी अद्भुत ढंग से हवा में उछलने लगे।

दोस्तो, आपको मेरी XXX बहन की चुदाई स्टोरी कैसी लगी? बाकी की चुदाई कहानी के अगले भाग में लिखूंगा उसे पढ़ना न भूले।

कहानी का अगला भाग:  XXX बहन की चुदाई कहानी

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