पड़ोसन की बेटी कोपहले फसाया बातों में और फिर पकड़ा दिया हाथों में | Virgin Ladki ki Bur Chudai

पड़ोसन की बेटी कोपहले फसाया बातों में और फिर पकड़ा दिया हाथों में | Virgin Ladki ki Bur Chudai

मेरी कहानी पढ़ने सभी लोगों को मेरा लंड से नमस्कार मैं हूँ जगत (जगत गुप्ता) और मैं नहीं हूँ कोई चोदु भगत।

मैं वैसे तो खुद को बहुत भोला भाला मानता हूँ लेकिन हूँ तो मैं एक नंबर का कमीना ही।

मैं जब छोटा था तब मेरे दोस्त की बड़ी बहन मुझे बहुत अच्छी लगती थी और सोचता रहता था कि कैसे उनको पटाऊ लेकिन तब तो मैं छोटा था यही सोच कर मैं रुक जाता था।

वो मेरे घर के बाजू में रहते थे और हमारी छत आपस में जुडी थी। मेरे पापा अखाड़े में पहलवान थे और मुझे भी कसरत करने का बहुत शौक है। अब मैं आपको बताता हूँ कि कैसे मैंने दोस्त की बड़ी बहन को चोदा।

मैं भी पापा की तरह अखाड़े में कसरत करता था और मेरे पापा और मैं छत पर बैठ कर मालिश किया करते थे। तो मेरे दोस्त की बड़ी बहन जिसका नाम सोनल है और घर का नाम सोना वो छत पर आया करती थी।

अब मैं बड़ा हो चुका था और सोना अब और मस्त लगने लगी थी। सोना का रंग साफ़ था और चेहरा गोल। उसके दूध बड़े थे और चलते वक़्त गांड हिलती थी और ये देखकर मेरा उसे चोदने का मन होता था। लेकिन मैंने मन में ठान लिया था कि एक बार इसकी चाहिए।

मैंने अखाड़े में कसरत ज्यादा कर दी और सिक्स पैक भी निकाल लिए। जैसे ही सोना छत पर आती थी तो मैं टी-शर्ट उतार देता था और घूमने लगता था। वो भी तिरछी नज़र से मुझे देखती थी और देखकर जब मन भर जाये तो चली जाती थी। एक बार मैं छत पर खड़ा था तो वो आई और उसका पानी पर पैर पड़ा और वो फिसल गई तो मैंने देखा और भाग कर उसकी छत पर गया और उसे उठाने लगा।

उठाते समय मैंने उसका हाँथ पकड़ा और एक हाँथ उसकी कमर पर लगाया। वो उठकर खड़ी हो गई लेकिन मैंने उसकी कमर नहीं छोड़ी वो मैं खो गया था। उसने मेरा हाँथ पकड़ा और कहा अब मैं उठ गई हूँ छोड़ भी दो और थैंक यू मदद के लिए।

तो मैंने कहा वेलकम जी, वैसे आपको लगी तो नहीं। तो उसने कहा नहीं लगी और वो जाने लगी और वो थोडा लंगड़ा कर चलने लगी। तो मैंने कहा आपके पैर में लगी है मैं आपको नीचे तक छोड़ देता हूँ तो उसने कहा नहीं मैं चली जाउंगी। तो मैंने कहा अरे आपको लगी है मैं छोड़ देता हूँ।

तो मैंने उसका एक हाँथ पकड़ कर अपने कंधे पे रखा और फिर से मैंने उसकी कमर पकड़ ली और उसको सीढियों से नीचे ले गया। उसको मैंने कुर्सी पर बैठा दिया और उसके घर वाले आकर मुझसे पूछने लगे क्या हुआ ? तो मैंने उनको बताया और फिर वहीँ बैठ कर सोना से बात करने लगा।

फिर हमारे बीच में बातें शुरू हो गई। एक बार छत पर बैठा था तो मुझे वो छत पर आती हुई दिखाई दी तो मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और बैठा रहा। तो उसने मुझे आवाज़ लगाई तो मैं उठा और उसके पास जाके खड़ा हो गया।

उसने मुझसे कहा जब भी मैं छत पर आती हूँ तुम अपनी टी-शर्ट क्यों उतार देते हो ? तो मैंने कहा ऐसा कुछ नहीं है बस थोड़ी देर शरीर को धूप दिखानी होती है इसलिए। मैं उसके सामने बिना टी-शर्ट के खड़ा था और उसकी नज़र बार बार नीचे जा रही थी।

तो उसने पूछा जिम जा रहे हो ? तो मैं कहा नहीं अखाड़े। तो उसने कहा तुम्हारी बॉडी बहुत अच्छी है तो मैंने कहा थैंक यू। उसने कहा मैं तुम्हारे एब्स छू सकती हूँ ? तो मैं कहा ठीक है।

तो उसने मेरे एब्स पर ऊँगली लगाई और कहा बहुत सख्त है। अब जब भी छत पर आती थी तो मैं ज्यादातर तो बिना टी-शर्ट के होता था लेकिन अगर नहीं होता था तो वो कहती थी कि एब्स दिखाओ। तो मैं उसे हर बार एब्स दिखाता था और वो ऊँगली से छूती रहती थी।

एक बार मैं छत पर बैठा था और मैं उसको देखा ही नहीं था तो वो पीछे से आई और मेरी आँखें बंद करके पूछा पहचान कौन ? तो मैं कहा सोना। तो उसने कहा कैसे पहचाना तो मैंने कहा तुम हमेसा मुझे छूती रहती हो इसलिए मैं तुम्हारा टच पहचान लेता हूँ। तो उसने मुझसे से कहा अच्छा तो आज भी टच करुँगी उतारो अपनी टी-शर्ट।

तो मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और वैसे तो हर बार वो बस एक दो बार अपनी ऊँगली लगाती थी लेकिन इस बार वो दोनों हाँथ से मेरे एब्स छु रही थी। जिस तरह वो छू रही थी मुझे जोश चढ़ने लगा और मेरा लंड खड़ा हो गया।

मेरे लंड का उठाव दिखने लगा तो मैं किसी तरह से उसे छुपाने लगा। वो भी समझ गई लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। फिर उसने मेरे सीने पे हाँथ लगाया और मेरे सीने को दूध कि तरह दबाया और आअह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह करके हसने लगी। मैंने कहा ये आप नहीं, मैं करूँगा।

तो उसने कहा अच्छा किसको ? तो मैंने कहा जिसने मुझे ऐसा किया है। तो उसने कहा अच्छा करके दिखाओ तो मैंने जल्दी से अपना हाँथ उसके दूध पर रखा और उसके दूध दबा दिए। वो शांत हो गई और उठकर जाने लगी तो मैंने उसका हाँथ पकड़ा और कहा सॉरी। तो उसने कहा मेरे घर में कोई नहीं है मुझे जाने दो।

तो मैंने सोचा ये बता रही है या बुला रही है, तो मैं उसके पीछे गया तो उसने मुड कर मेरी तरफ देखा और प्यारी सी स्माइल दी। तो मैं समझ गया और उसके पीछे पीछे उसके घर में चला गया और नीचे जाके मैंने उसे पीछे से पकड़ कर उसके गर्दन पर किस कने लगा

उसने खुद को मेरी पकड़ से छुड़ाया और कहा कोई आएगा तो मैंने कहा नहीं कोई नहीं आएगा. फिर मैंने उसकी कमर पकड़ ली और उसे अपने पास चिपका लिया और उसे चूमने ही वाला था, लेकिन उसने मुझे रोक दिया और पूछा, “क्या यह सही है?” तो मैंने उसे ज़ोर से किस किया और किस करने के बाद उसने कहा कि हाँ यह सही है. तो उसने भी जवाब में मुझे किस किया और हम किस करने लगे.

मैंने अपने हाथ उसकी कमर पर रखे हुए थे और उसने अपने हाथ मेरे पेट पर रखे हुए थे। मैं उसकी गर्दन पर चूमने लगा और वो मेरी पीठ पर हाथ फिराने लगी. फिर मैंने उसकी कुर्ती उतार दी और उसकी ब्रा खोल दी और उसके स्तनों को चूसने लगा। मैं उसके एक स्तन को चूस रहा था और दूसरे स्तन के निप्पल को दबा रहा था और खींच रहा था।

वो आआह्ह्ह ऊऊम्म्म्म ऊऊम्म्म्म आअह्हह्हह की आवाजें निकालने लगी। फिर मैंने उससे बैठने को कहा, तो वो वहीं सीढ़ियों पर बैठ गयी. फिर मैंने अपनी पैंट और अंडरवियर उतार दिया और कहा- ये लो.

तो उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाया और बोली कि क्या तुम इससे एक्सरसाइज भी करवाते हो? तो यही तो मैं करवाने आया हूँ. तो उसने मेरा लंड अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी. उसने कुछ देर तक मेरा लंड चूसा और मुझे पकड़ कर अन्दर ले गयी.

उसने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया और मेरे ऊपर बैठ गई और मेरी पूरी छाती और पेट पर चूमने लगी। फिर वो उठी और अपनी सलवार उतार कर पेंटी में खड़ी हो गयी और बोली कि क्या में इसे भी उतार दूँ? तो मैंने कहा हां ये जरूरी है. तो उसने अपनी पैंटी भी उतार दी और मैंने उसकी चूत देखी तो मुझे मजा आ गया.

उसकी चूत की नाली दिख रही थी और दरार बहुत चिकनी थी। मैंने कहा अब और इंतज़ार नहीं होता जल्दी आओ तो वो मेरे पास आ गयी और मैं लेटा हुआ था तो वो मेरे लंड पर आकर बैठ गयी. उसने मेरा लंड अपनी चूत में घुसा लिया और उस पर उछलने लगी.

मुझे उसकी चूत का आलिंगन महसूस हो रहा था और बहुत मजा आ रहा था. वो मेरे ऊपर 10 मिनट तक उछलती रही और फिर लेट गयी. तो मैंने उसकी एक टांग उठाई और लेटा कर उसकी चूत चोदने लगा. वो आअहह आअहह हहहह उम्म्म्मम करने लगी और किये जा रही थी.

मैंने उसे 20 मिनट तक ऐसे ही चोदा और फिर आगे से उसकी चूत चोदने लगा. मैंने उसे कुछ देर और चोदा और फिर मैं झड़ गया और मैंने अपना पूरा मुट्ठ उसके पेट पर गिरा दिया। फिर हमने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिये कि कहीं कोई आ न जाये। फिर हमने कई बार तब सेक्स किया जब उसका या मेरा घर खाली होता था।

उन दोनों के घर खाली नहीं थे तो हमने एक कमरा भी किराये पर ले लिया था जहाँ हम जब चाहें जा सकते थे और मस्त सेक्स कर सकते थे।

फिर हमें जब भी सेक्स करने का मन होता था तो हम Delhi Escorts सर्विस से होटल बुक करते थे और दबाकर सेक्स करते थे।

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