गर्लफ्रेंड सेक्स स्टोरी कहानी मुझे एक गाँव में मिली एक लड़की की है जो शहर में कान्वेंट में पढ़ती थी. उसे मैंने कैसे सेट करके उसकी अनचुदी बुर की सील खोली? (Village Girlfriend Sex Story)
नमस्कार दोस्तो, यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. अगर लिखने में कोई ग़लती हो, तो मुझे क्षमा करें.
इस कहानी में मैं अपनी आपबीती सुनाने जा रहा हूँ, जो गांव की एक शर्मीली सी लड़की और मेरे बीच हुई एक सच्ची व सेक्सी घटना है.
यह आज से 7 साल पहले की बात है.
आगे बढ़ने से पहले मैं अपने बारे में कुछ बताना चाहता हूँ.
मेरा नाम शाद है और मैं उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर का रहने वाला हूँ.
मैं दिखने में बहुत स्मार्ट तो नहीं हूँ, पर ठीक-ठाक हूँ.
मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच की है और मैं स्लिम फिट बॉडी का मालिक हूँ. (Village Girlfriend Sex Story)
ये गर्लफ्रेंड सेक्स स्टोरी कहानी मेरी गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी है. उसका मैं रियल नाम नहीं लिखना चाहता हूँ.
मैं इधर उसका नाम जैस्मिन रख लेता हूँ. वो एक छोटे से गांव की बहुत प्यारी सी और सीधी सादी लड़की थी.
उस वक़्त वो 12वीं क्लास में थी और पास के शहर में अच्छे इंग्लिश मीडियम के स्कूल में पढ़ती थी. (Village Girlfriend Sex Story)
मैं अपने एक रिश्तेदार के यहां शादी में गया हुआ था.
एक आम शादी की तरह सारे विधि विधान के साथ शादी सम्पन्न हो गई और विदाई के बाद सारे रिश्तेदारों की अपने अपने घर जाने की तैयारी चल रही थी.
मैं भी सबसे मिल जुलकर अपने घर जाने को तैयार हो ही रहा था कि मेरी नज़र एक प्यारी सी मुस्कान वाली कोमल सी कली पर जा पड़ी. (Village Girlfriend Sex Story)
वो शायद उसी गांव की ही रहने वाली थी. वो दिखने में बहुत ही खूबसूरत और मासूम सी लग रही थी.
उसे देखते ही शायद मुझे उससे प्यार हो गया था.
मेरी नज़र उससे हटने तो तैयार ही नहीं हो रही थी.
इस बात को मेरे एक कज़िन ने शायद भांप लिया था.
ये उसने थोड़ी देर बाद मुझे बताया.
तभी आंटी ने कहा- शाद बेटा, तुम्हारे घर से और कोई क्यों नहीं आया?
मैंने बहाना बना दिया- नहीं आंटी, घर पर सब बीमार पड़े थे, तो घर वालों ने मुझे ही भेज दिया.
यह बात कुछ हद तक सही भी थी क्योंकि पापा ने मुझे जबरन ही शादी में भेजा था.
आंटी ने कहा- बेटा, तुम बहुत दिनों बाद आए हो. एक दो दिन और रुक जाओ, गांव भी घूम लेना.
उस लड़की को देखने के बाद मेरा मन भी रुकने का था तो मैं चुप रह गया.
फिर उन्होंने फोन पर मेरे पापा से बात करके मुझे रोक भी लिया.
थोड़ी देर बाद जब मैं घर से बाहर निकला तो मेरे साथ मेरा कज़िन भी था.
उसने पूछा- क्या हुआ, तुम इस लड़की को बड़े गौर से देख रहे थे. कहीं तुम्हारा दिल तो नहीं आ गया उस लड़की पर?
वो मुझे छेड़ने लगा. (Village Girlfriend Sex Story)
मैंने टालते हुए कहा- नहीं भैया, ऐसी कोई बात नहीं है, बस ऐसे ही!
उन्होंने कहा- ऐसे ही नहीं, तुम्हारी तो उस पर से नज़र ही नहीं हट रही थी!
अब मुझे बताना ही पड़ा- मैं उसे पहली ही नज़र में चाहने लगा हूँ.
तो उन्होंने कहा- अगर तुम बोलो, तो मैं कुछ बात आगे बढ़ाऊं?
मैंने भैया से हां कहते हुए बात आगे बढ़ाने की बात कही.
वो बोले- तुम दोपहर एक बजे मुझसे मिलो. मैं तुम्हारी उससे सैटिंग करता हूँ.
उनकी बात सुनकर मुझे बहुत ख़ुशी हो रही थी.
मैं बार बार घड़ी की तरफ देखने लगा था.
ऐसा लग रहा था मानो मेरी तो जैसे घड़ी ही बंद पड़ गई थी.
मैं सिर्फ़ एक बजने का इंतज़ार कर रहा था कि कैसे एक बज जाए और मेरी सैटिंग हो जाए.
जैसे ही दोपहर का एक बजा, मैं भैया को ढूँढता हुआ पहुंच गया.
मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा- मैंने उसकी सहेली से तेरी सैटिंग के लिए बात कर ली है और उसने मुझे बोला है कि वो शाम को गांव के बाहर नदी के पास तेरी और उसकी बात कराएगी.
मैंने उन्हें धन्यवाद बोला और शाम को साथ में चलने को बोल दिया.
शाम होते ही भैया खुद मुझे नदी के पास वाली जगह पर ले गए.
जब मेरा और उसका सामना हुआ, तो मेरी तो जैसे सांस ही अटक गई थी.
मैं सिर्फ़ उसे देखता ही रह गया.
तभी एक प्यारी सी आवाज़ ने मेरी नींद उड़ा दी.
जैसे ही उसकी प्यारी सी आवाज़ आई- हैलो, कहां खो गए जनाब! मैंने सुना है कि आप मुझसे मिलने को बहुत बेताब हैं? (Village Girlfriend Sex Story)
ये सुनकर मेरी तो कुछ समझ में ही नहीं आया कि क्या कहा जाए.
मेरे मुँह से बस ये निकला- नहीं तो, ऐसी कोई बात नहीं, बस मैं तो ऐसे ही आपसे मिलना चाह रहा था.
उसकी प्यारी सी आवाज़ फिर से आई- अगर नहीं मन था, तो फिर मैं चलूँ? (Village Girlfriend Sex Story)
मैंने सोचा कि अब अगर कुछ नहीं किया तो लड़की समझ जाएगी कि मैं चूतिया टाइप का हूँ.
मैंने उससे कह दिया- मैंने तुम्हें जब से शादी वाले घर पर देखा, तब से ही बात करना चाहता था, पर बात नहीं हो पाई क्योंकि वहां बहुत से लोग थे. इसीलिए मैंने भैया से कहकर तुम्हें यहां बुलाया. वैसे आपका नाम क्या है?
तो उधर से मीठी से आवाज़ में वो बोली- मेरा नाम जैस्मिन है.
आह … ये नाम बिल्कुल उससे मैच करता हुआ था.
बस अब क्या था.
थोड़ी देर इधर उधर की बात हुई और वो वापस जाने को हुई.
मैंने उससे दुबारा मिलने के लिए कहा.
उसने कहा- मैं कल इसी टाइम यहां पर आऊंगी.
इतना बोलकर वो चली गई.
मैंने भैया को थैंक्यू बोलते हुए कहा कि अगर आप ना होते तो शायद मैं जैस्मिन से नहीं मिल पाता.
अगले दिन फिर से हम दोनों उसी टाइम पर मिले.
हम दोनों ने थोड़ी देर बात की.
मैंने उससे उसका नम्बर मांगा.
तो उसने कहा- मैं फोन यूज नहीं करती हूँ. वैसे अगर आप चाहें तो अपना नम्बर दे दें. मैं घर के किसी के भी फोन बात कर लिया करूँगी.
मैंने झट से उसे अपना नम्बर दे दिया.
कुछ देर बाद जाते जाते मैंने उसे प्रपोज़ कर दिया, जिसका उसने कोई जवाब नहीं दिया.
मेरे ज़ोर देने पर उसने फोन पर बात करने का बोला और चली गई.
अगली सुबह मैं अपने घर वापिस आकर उसके फोन का इंतज़ार करने लगा. (Village Girlfriend Sex Story)
पर दो दिन तक कोई कॉल नहीं आई तो मैंने भी उसके कॉल आने की उम्मीद छोड़ दी.
अचानक रात के 11 बजे मेरे फोन की रिंग बजी.
मैंने भी नींद में ही फोन उठाया और हैलो कहा.
उधर से जो आवाज़ मेरे कान ने सुनी, मेरी तो नींद ही चली गई.
मैंने उससे एक मिनट का समय माँगा क्योंकि उस वक्त मेरे बाजू में मेरी अम्मी सो रही थीं.
मैंने उससे छत पर आकर कॉल करने को बोला.
उसने ओके कह कर फोन काट दिया.
ऊपर जाकर मैंने वापस कॉल लगाया, तो उसने मेरे प्रपोज़ल का जवाब मुझे मेरे हक़ में ही दिया.
वो बोली- जब आप मुझे शादी में घूर रहे थे, तो मैंने भी आपको देखा था और बहुत गुस्सा आया था. पर जब आपसे बात हुई तो मेरे अन्दर भी आपके प्रति प्यार उमड़ आया.
ऐसे ही मेरी उससे अलग अलग नम्बरों से बात होने लगी. वो ही मुझे मिस कॉल देती थी और मैं उसे कॉल बैक करता था.
धीरे धीरे हमारी प्रेम की रेलगाड़ी पटरी पर चलने लगी. हम दोनों लगभग रोज़ ही फोन पर बात करने लगे.
फिर हम लोगों ने मिलने का प्लान बनाया.
चूंकि हमारे घर सौ किलोमीटर से भी ज़्यादा की दूरी पर थे, तो मिलना भी बहुत मुश्किल था.
मैंने उसे मिलने के लिए उससे स्कूल से बंक मारके मिलने को मना लिया.
प्लान के मुताबिक हम दोनों एक रेस्टोरेंट में मिले और सिर्फ़ बातचीत हुई और कुछ हल्का फुल्का खा पीकर वापस अपने अपने घर आ गए. (Girlfriend Sex Story)
हमारी नज़दीकियां बढ़ने लगीं और हम सेक्स की बातें करने लगे.
ये सब मेरे और उसके लिए पहली बार था, जो मुझे बाद में मालूम पड़ा था.
हम दोनों सेक्स को लेकर भी बहुत आतुर हो चुके थे.
अगली बार के मिलन पर हम सेक्स के लिए तैयार थे.
पर जगह की प्राब्लम थी. किसी सेफ और प्राइवेट जगह की जरूरत थी, जहां हम दोनों मिल सकें.
उसके शहर में मेरे पास तो कोई जुगाड़ नहीं था, तो उसने ही अपनी सहेली परी से बात की.
वो उसकी क्लासमेट के साथ साथ बेस्ट फ्रेंड भी थी. वो उसी शहर में सिर्फ़ अपनी मम्मी के साथ रहती थी.
बहुत मनाने पर परी मान गई.
एक दिन उससे बात करते हुए मैंने मिलने के लिए कहा तो उसने बताया कि अगले हफ्ते उसकी सहेली का घर दो दिन के लिए खाली रहेगा. उसकी सहेली की मम्मी किसी शादी में जा रही हैं और उसकी सहेली ने एक्सट्रा क्लास का बहाना करके जाने से मना कर दिया है.
ये सुनकर मैंने भी अपना प्लान बनाया और 2 दिन के लिए दोस्त की बहन की शादी का बहाना बना कर घर से जाने की आज्ञा ले ली.
तय समय पर मैं घर से निकल गया और जैस्मिन स्कूल बंक करके पूरे टाइम के लिए मेरे पास होने वाली थी.
उसकी सहेली हम दोनों को साथ अकेले घर में छोड़ कर स्कूल जाने वाली थी.
हम दोनों साथ में परी के घर पर गए और हम दोनों को घर पर छोड़ कर वो स्कूल चली गई.
फिर हम लॉबी में रखे सोफे पर बैठ गए और बहुत सी बातें की. (Village Girlfriend Sex Story)
फिर हमने एक दूसरे को टाइटली हग किया, जैसे हम एक दूसरे समा ही जाएंगे.
हम एक दूसरे को चूमने लगे.
हमारी चूमाचाटी इतनी ज़्यादा लंबी हो गई कि हम दोनों हांफने लगे और एक दूसरे की हालत देख कर हंसने लगे.
ये सब इसलिए हो पा रहा था क्योंकि यहां हम लोगों को कोई डर नहीं था.
गर्लफ्रेंड सेक्स स्टोरी के लिए ये बिल्कुल सुरक्षित जगह थी.
कुछ ही देर में हम एक दूसरे पर टूट पड़े और हमारा चूमना चाटना शुरू हो गया.
इसी दौरान ना जाने कब मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर चला गया.
जैस्मिन का कोई विरोध ना पाकर मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने उसके दोनों मम्मों को एक साथ दबाना शुरू कर दिया.
वो मादक आहें भरने लगी और सिसकारने लगी.
हम दोनों अब गर्म होने लगे थे.
मैंने धीरे से उसके टॉप के अन्दर हाथ डाल दिया और उसके मम्मों को दबाने लगा.
उसने बदन ढीला करके कपड़े उतारने में मेरी मदद की.
अब वो ऊपर सिर्फ़ ब्रा में रह गई थी. उसके 32 साइज़ के मम्मों को मैं अभी भी दबाए जा रहा था और वो सिसकारी ले रही थी और मेरे होंठों पर होंठ लगा कर चूम रही थी.
वो कुछ ज्यादा ही जोश में आ गई थी और कामुकता के कारण मेरे होंठों को काटने लगी थी.
अब मैं उसके दोनों मम्मों को ब्रा के ऊपर से दबाने और चूसने लगा था.
फिर मैंने उसकी ब्रा को भी उसके बदन से अलग कर दिया.
जैस्मिन भी किसी भूखी शेरनी की तरह मेरे ऊपर टूट पड़ी और उसने मेरी शर्ट व पैंट को उतार दिया.
मैं सिर्फ़ फ्रेंची में रह गया था और वो नीचे स्कर्ट और पैंटी में.
मैंने भी उसके मम्मों को दबाते हुए एक हाथ से उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी कोमल बुर पर फेरा, तो वो मचल उठी.
उसने मुझे और कसके पकड़ लिया.
अब मेरा लंड उसकी जांघों पर टच हो रहा था जिससे उसे सिरहन सी होने लगी थी.
मैंने जैस्मिन की मदद से उसकी स्कर्ट और पैंटी को एक साथ में ही उतार दिया. (Village Girlfriend Sex Story)
वो मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थी.
मैं उसकी बुर देख कर जैसे पागल सा हो गया. अगले ही पल मैं बुर के दाने को रगड़ने लगा, जिससे उसके अन्दर जोश भर गया.
जल्द ही जैस्मिन की बुर गीली हो गई.
मैंने अपनी अपनी उंगलियों पर उसकी बुर के पानी को महसूस किया.
फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और अन्दर बेडरूम में ले जाकर उसे बेड पर पटक दिया; उसके ऊपर चढ़ कर मैं उसे किस करने लगा.
मैं एक हाथ से उसके मम्मों को बारी बारी से दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी बुर में उंगली करने को हुआ.
मैंने उंगली बुर में घुसेड़ी तो जैस्मिन एकदम चिहुंक सी गई क्योंकि अभी वो बिल्कुल सील पैक माल थी.
पहले मैंने एक उंगली धीरे से उसकी बुर में डाली और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.
kritika Bakshi भी मेरे 6.5 इंच लंबे और 3.5 इंच मोटे लंड को फ्रेंची के ऊपर से पकड़ लिया.
लंड का आकार महसूस करते ही वो एकदम से डर गई और उसने लंड छोड़ दिया.
वो बोलने लगी- कितना हैवी है तुम्हारा लंड … मेरी में कैसे जाएगा?
मैंने उसे समझाया कि धीरे धीरे सब हो जाएगा, तुम सिर्फ़ मज़े लो बस.
मैं फिर से उसके मम्मों को चूसने लगा.
वो मेरे सिर को अपने बूब्स पर दबाने लगी.
मैं बहुत देर तक दूध चूसने के बाद नीचे की ओर बढ़ने लगा.
पेट से होते हुए नाभि … और फिर उसकी बुर के ऊपर किस किया, जिससे जैस्मिन पागल सी हो गई और अपने पैर सिकोड़ने लगी.
मैंने फिर से उसकी टांगों को खोल कर उसकी बुर पर अपनी जीभ से चाटा. (Village Girlfriend Sex Story)
वो मचल उठी.
मैंने जीभ उसकी बुर में पेल दी और जीभ से उसे खूब पेला.
इससे वो झड़ने पर मजबूर हो गई और अपना कामरस छोड़ बैठी.
मैंने उसका नमकीन सा कमरस चाट कर साफ कर दिया.
अब उसके चेहरे पर संतुष्ट होने का भाव साफ दिख रहा था. वो एकदम ढीली पड़ गई थी.
मैंने उसे चूमा और उसकी बुर के रस स्वाद उसे चखाया.
वो शर्मा गई.
मैंने उससे कहा- अब तुम्हारी बारी!
उसने मना कर दिया- मुझसे नहीं हो पाएगा.
मैंने उसे समझाया मगर वो नहीं मानी.
फिर मैंने भी जोर नहीं दिया.
अब वो चुदने के लिए रेडी थी.
मैंने उसकी बुर फैला कर अपने लंड का सुपारा बुर पर घिसा.
वो डर रही थी.
मैंने धीरे से उसकी बुर में लंड पेला.
वो दर्द से काँप उठी मगर उसने मुँह भींच लिया था.
मैंने उसकी आँखों में देखा.
वो राजी थी.
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों का ढक्कन कसा और एक जोरदार प्रहार के साथ लंड पेल दिया.
बुर फट गई, सील टूट गई और खून बह निकला.
कुछ देर के बाद वो सामान्य हो गई और हम दोनों की चुदाई मस्ती से आगे बढ़ चली.
उस दिन मैंने उसे एक ही बार चोदा.
दूसरे दिन का मामला अभी बाकी था.
अगले दिन मैंने उसे कैसे चोदा और उससे अपना लंड भी चुसवाया, वो सब मैं अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा. (Girlfriend Sex Story)
आपको मेरी गर्लफ्रेंड सेक्स स्टोरी कहानी पर क्या कहना है, प्लीज मुझे बताएं.