अपनी सगी भाभी को चोदा और उनकी कामवासना को शांत किया

अपनी सगी भाभी को चोदा और उनकी कामवासना को शांत किया

नमस्कार दोस्तों! मैं अमन आज में आपको बताने जा रहा हु की कैसे मेने “अपनी सगी भाभी को चोदा और उनकी कामवासना को शांत किया”

मैं 22 साल का नवयुवक हूँ. मेरा शरीर भर गया है. मेरी हाइट 5.7 फीट है. मैं मुंबई में रहता हूँ. मैंने कभी लिंग का आकार नहीं मापा है, इसलिए मैं यहाँ आकार नहीं लिख रहा हूँ।

लेकिन मुझे पता है कि मैं बिस्तर पर किसी भी महिला या लड़की को खुश कर सकता हूं। ये कहानी मेरे और मेरी भाभी के बीच की है. मेरी भाभी का नाम कृतिका है। (सगी भाभी को चोदा)

उनका साइज 34-30-34 है. वो सेक्सी बॉडी की मालकिन हैं. वैसे घर में मैं मेरी बहन और मेरे 2 भाई भी हैं. लेकिन ये कहानी जिसके बारे में है वो मेरे बड़े भाई की पत्नी है. दोनों अलग-अलग मकान किराये पर लेकर रहते हैं।

ये बात जुलाई महीने की है. मेरी मां के निधन के बाद वो 13-14 दिनों तक हमारे साथ रहीं। एक रात की बात है मैं अपनी गर्लफ्रेंड से व्हाट्सएप पर चैट कर रहा था.

रात को करीब 11 बजे भाभी ने मुझसे पूछा- तुम किससे बात कर रहे हो? मैंने भाभी से कहा- मैं एक दोस्त से बात कर रहा हूँ. भाभी ने मुझे छेड़ते हुए कहा- दोस्त है या कोई और? मुझे भी दिखाओ

मैंने भाभी को उसकी फोटो दिखाई तो भाभी बोलीं- बहुत सुन्दर. फिर भाभी पूछने लगीं- क्या इसके साथ कुछ किया है या ऐसे ही टाइम पास कर रहा है? मुझे उम्मीद नहीं थी कि भाभी ये सवाल इतने बेधड़क तरीके से पूछेंगी.

उनका सवाल सुनकर मेरी बोलती बंद हो गयी. उसके बाद मैंने भाभी से कहा- हम दोनों अब सिर्फ दोस्त हैं. अभी कुछ दिन पहले ही हम दोनों की बातचीत शुरू हुई थी.

भाभी बोलीं- तो फिर जल्दी से पकड़ो. ऐसा न हो कि वो कहीं और चली जाये. मैंने हां में सिर हिलाया. फिर दो दिन के बाद भाभी अपने घर चली गयी. अब मैं जब भी भाभी के घर जाता तो वो मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में चिढ़ाती रहती थी.

धीरे-धीरे मुझे भी भाभी के साथ बातें करना और समय बिताना अच्छा लगने लगा। उसे भी मेरा साथ पसंद आया. हम दोनों खुल कर बातें करते थे. हमारे बीच कई बार मजाक भी हो जाता था.

अब भाभी खुल कर गर्लफ्रेंड सेक्स के बारे में पूछती थीं. एक दिन भाभी ने ऐसे ही पूछ लिया- क्या तुमने अब तक अपना खाता खुलवाया है या अभी तक वर्जिन हो? मैंने कहा- भाभी, मेरी एक गर्लफ्रेंड है जो शादीशुदा है.

उनके 2 बच्चे भी हैं. मैंने उसके साथ सेक्स किया है. मेरी बात पर भाभी बोलीं- ठीक है. वैसे मुझे पता था कि मेरा देवर अंदर से जितना शरीफ दिखता है उतना हे नहीं. मैं भाभी की बात से शरमा गया.

फिर ऐसी ही बातों में पूरा महीना बीत गया. एक दिन भाभी ने मुझे फोन किया और कहा कि उनके पापा की तबीयत अचानक खराब हो गयी है. इसलिए उसे तुरंत अपने मायके जाना होगा. मैंने कहा – भैया नहीं है क्या?

वो बोली- अगर तेरा भाई होता तो तुझे क्यों बुलाती, वो तो काम पर गया है. मैंने कहा- ठीक है भाभी. मैं थोड़ी देर में आऊंगा. वो बोली- ठीक है, तब तक मैं बाकी काम भी निपटा लूंगी. (सगी भाभी को चोदा)

फिर दो घंटे के बाद भाभी का फोन आया कि वो जाने के लिए तैयार हैं. मैं उनके घर गया. मैंने बाइक ले ली थी. मैं भाभी को लेकर उनके मायके के लिए निकल पड़ा.

वैसे भाभी भी बाकी औरतों की तरह अक्सर दोनों पैर एक तरफ करके बैठती थीं. उस दिन भाभी दोनों पैर अलग-अलग तरफ करके बैठी थीं, जैसे लड़के बैठते हैं.

उनका घर यानि भाभी का मायका वहां से दो घंटे की दूरी पर था. लेकिन बाद में मुझे पता चला कि ऐसे बैठने के पीछे भाभी का मकसद कुछ और ही था.

जैसे ही हम घर से कुछ दूर पहुंचे तो मुझे लगा कि भाभी मेरे शरीर से कुछ ज्यादा ही चिपक रही हैं. भाभी के चूचे मेरी पीठ से लग रहे थे. इससे मेरा लंड भी खड़ा होने लगा.

कुछ देर बाद भाभी मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगीं. वह मुझे चिढ़ा रही थी. कभी वो अपनी उंगलियों से सहला रही थी तो कभी मेरी पीठ में नाखून गड़ा रही थी.

मैंने इसे काफी समय तक बर्दाश्त किया.’ फिर मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ. मैंने भाभी से कहा- भाभी थोड़ा पीछे बैठो, मुझे दिक्कत हो रही है. भाभी बोलीं- दिक्कत क्या है?

मैंने कहा- ऐसे मत बैठो. मुझे कुछ हो रहा है। भाभी बोलीं- क्या हो रहा है? मैंने कहा- तुम थोड़ा पीछे बैठो. अगर ऐसे चिपक कर बैठोगी तो मेरा खड़ा हो जायेगा. भाभी – क्या कहा?

मैंने अपनी बात दोहराते हुए कहा- तुम पीछे बैठो, नहीं तो बाद में तुम्हें परेशानी होगी. वो बोली- मुझे कोई दिक्कत नहीं हो रही है. मैंने कहा- तुम्हें बाद में पता चलेगा कि क्या दिक्कत हो सकती है.

भाभी मेरी बात पर हंसने लगीं. उसने फिर से मेरे साथ छेड़खानी शुरू कर दी. मैंने कहा- मान जाओ भाभी, मुझे दिक्कत हो रही है. वो बोली- मुझे मजा आ रहा है.

मैंने कहा- क्या बात है, क्या इरादा है? वो बोली- इरादा तो बहुत कुछ है. मैंने पूछा- क्या हुआ, भाई से मन भर गया है क्या आपका? भाभी ने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया और मुझे ऐसे ही सहलाती रहीं.

ऐसे ही मस्ती करते हुए हम लोग भाभी के घर पहुँच गये। वहां हमने उनके पिता का हालचाल पूछा. कुछ देर रुके खाना खाया और फिर अपने घर मुंबई के लिए निकल पड़े. (सगी भाभी को चोदा)

वापस आते समय भाभी फिर से मुझे छेड़ने लगीं. मैंने कहा- मान जाओ भाभी. नहीं तो मैं भूल जाऊंगा कि तुम मेरे भाई की पत्नी हो. वो बोली- ऐसा क्या करेगा तू? मैंने कहा- मैं घर जाकर बताऊंगा कि मैं क्या कर सकता हूं.

वो बोली- ठीक है. वैसे भी तुम्हारा भाई अब मेरे साथ कुछ नहीं करता. मुझे पता चल गया कि भाभी ने चुदाई का मन बना लिया है. उसके बाद मैं चुपचाप बाइक चलाता रहा और वो मुझे छेड़ती रही. आख़िरकार हम घर पहुँच गए।

भाभी ने मुझे पूरी तरह गर्म कर दिया था. मेरी हालत ख़राब होती जा रही थी. अब मैं भाभी के साथ कुछ करना चाहता था. घर पहुँच कर भाभी मेरे लिए पानी लेकर आईं. मैंने कहा – भाभी अब इस पानी से प्यास नहीं बुझेगी.

वो बोली- तो फिर तुम्हारी प्यास कैसे बुझेगी? मैंने कहा- अब मेरी प्यास तुम्हारे बदन से ही बुझेगी. भाभी कातिलाना अंदाज में हंसते हुए बोलीं- पहले पानी तो पी लो. उसके बाद जो चाहो पी लो.

ये सुनकर मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे. मेरा लंड एकदम तन गया. पानी पीते समय मैंने भाभी से कहा- भाभी, दरवाजा तो बंद कर लो. मेरे कहने पर वह धड़ाम से दरवाजे की ओर गयी और ताला लगा कर वापस आ गयी.

मैंने पानी गिलास में आधा छोड़ दिया और भाभी को अपनी बांहों में भर लिया. मेरा लंड पहले से ही खड़ा था. मैं भाभी को कस कर गले लगाने लगा. भाभी को भी पता था कि आज ये सब होने वाला है.

मैंने उसे कस कर अपनी बांहों में पकड़ कर उसकी गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया. तभी भाभी ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये और हम दोनों एक दूसरे में खो गये. भाभी और मैं दोनों एक दूसरे के होंठों का रस पीने लगे.

मेरी सेक्सी भाभी के चूचे मेरी छाती से लगे हुए थे. मैं उसकी चुचियां दबाने लगा. मैं जोर जोर से भाभी की चुचियों को मसलने लगा. उस दिन भाभी ने गुलाबी रंग का सूट पहना हुआ था.

इसमें वह कमाल की लग रही थीं. भाभी किसी भी तरह का विरोध नहीं कर रही थी. बल्कि भाभी ने ही जानबूझ कर मुझे गर्म किया था. रास्ते में आते समय उसने मुझे उसके साथ ये सब करने के लिए उकसाया.

करीब दस मिनट तक मैंने भाभी के होंठों का रस पीया. उनके चूचों को सूट के ऊपर से ही अच्छी तरीके से दबाया। उसके निपल्स टाइट हो गये थे. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मेरा लंड पूरे जोश में था.

मैंने उसकी कुर्ती ऊपर उठा दी. ऊपर करते हुए मैंने उसको निकाल दिया. उसके बाद मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसकी चुचियों को दबाना शुरू कर दिया. मैं एक हाथ से उसकी चुचियाँ दबा रहा था. दूसरे हाथ से उसकी गांड को छेड़ रहा था.

भाभी का शरीर मेरे शरीर से सटा हुआ था. फिर मैंने अपना हाथ आगे बढ़ाया और उसकी चूत को सहलाने लगा. उसके बाद मैंने भाभी की सलवार का नाड़ा खोल दिया. भाभी ने सलवार को अपने पैरों से अलग कर दिया. (सगी भाभी को चोदा)

अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी. उसने काली पैंटी और काली ही ब्रा पहनी हुई थी. उसमें वो किसी पॉर्न वीडियो की हीरोइन जैसी लग रही थीं. मैं फिर से भाभी की गांड को सहलाने लगा.

भाभी मेरे लंड को सहलाने लगीं. मेरा लंड फटने को हो गया था. वो मेरे लंड को पकड़ कर दबा रही थी. मेरा लंड पैंट से बाहर आने को तड़प रहा था.

फिर मैंने भाभी की ब्रा खोल दी और उनके मम्मे नंगे कर दिए. उसके गोरे मम्मे बहुत मस्त लग रहे थे. मैंने उनको हाथ में लेकर दबा दिया. भाभी के निपल्स टाइट हो गये थे.

मैं उसके निपल्स को एक एक करके चूसने लगा. भाभी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं। उसके बाद मैंने भाभी को बिस्तर पर लेटा दिया. मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया.

उसके होठ पीने लगा। भाभी भी मेरी कमर पर हाथ रख कर मेरा पूरा साथ दे रही थीं. उसके बाद मैंने भाभी की पैंटी को खींचने की कोशिश की. उसकी पैंटी उसकी मोटी गांड में फंसी हुई थी.

फिर भाभी ने अपनी गांड ऊपर उठाकर पैंटी नीचे करने में मेरी मदद की. मैंने भाभी की पैंटी उतार दी. अब भाभी पूरी नंगी थी. मैंने भाभी की चूत देखी. उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे.

ऐसा लग रहा था कि भाभी ने कुछ दिन पहले ही अपनी चूत शेव की थी. उसके बाद भाभी मेरे कपड़े उतारने लगीं. मेरी टी-शर्ट उतार दी और फिर मेरी पैंट उतार दी. मेरा लंड मेरे अंडरवियर में खड़ा हुआ था.

मेरा लंड कामरस छोड़ चुका था. मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और मेरे अंडरवियर को गीला कर दिया. तभी अंडरवियर पर कामरस का बड़ा सा दाग लग गया. फिर मैंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया.

मेरा लंड आजाद हो गया और फड़फड़ाने लगा. उसके बाद मैं एक बार फिर से भाभी पर टूट पड़ा. उसके होंठों को चूसने लगा. उसकी चुचियों को पीने लगा. अब मैंने उसके पेट पर किस किया. उसकी नाभि को चाटा.

मैं धीरे धीरे नीचे आ रहा था. उसके बाद जैसे ही मैं भाभी की चूत की तरफ बढ़ने लगा तो उन्होंने मुझे रोक दिया. मैं भाभी की चूत चाटना चाहता था लेकिन भाभी ने मुझे रोक दिया. भाभी ने कहा कि उन्हें ये सब करना पसंद नहीं है.

फिर मैंने अपना लंड भाभी के मुँह के पास कर दिया. वो बोलीं- मैंने कहा था कि मुझे ये सब करना पसंद नहीं है. मैं भाभी की बात समझ गया. उन्हें ओरल सेक्स में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी. (सगी भाभी को चोदा)

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उसके बाद मैं अपना लंड भाभी की चूत पर रगड़ने लगा. मेरा लंड भाभी की चूत की फांकों पर रगड़ रहा था. भाभी तड़पने लगीं. जब उससे नहीं रुका गया तो वो मुझे अपनी तरफ खींचने लगी. वह बहुत बेचैन हो गयी थी.

मैंने सोचा कि भाभी को थोड़ा और तड़पाना चाहिए. इसलिए मैंने भाभी की चूत पर लंड रगड़ना जारी रखा. मैं कभी लंड को बाहर निकालता था तो कभी दोबारा से रगड़ता था.

उसके बाद भाभी बोलीं- क्यों खेल रहा है, मुझे क्यों परेशान कर रहा है? मैंने कहा- मैंने तुम्हें पहले ही कहा था कि मुझे परेशान मत करो. नहीं तो मुसीबत में पड़ जाओगी.

वो बोली- ठीक है, मैं ज्यादा देर रुकने वाली नहीं हूं. अन्दर डालो बहुत प्यास लगी है. मैंने कहा- हां भाभी … ये तो मुझे तब पता चला जब आप बाइक पर बैठ कर मुझे छेड़ रही थीं.

बोली- तो फिर किस शुभ घड़ी का इंतजार कर रहा है. डाल क्यों नहीं रहा अंदर हरामी? अब मैंने भी भाभी की चूत चोदने का मन बना लिया और अपना लंड उनकी चूत पर रख दिया.

एक जोरदार झटका दिया और आधा लंड भाभी की चूत में घुस गया. जब तक भाभी संभलती, इतने में मैंने एक और झटका मारा और मेरा लंड पूरा भाभी की चूत में समा गया. मेरा लंड भाभी की चूत में काफी अन्दर तक चला गया था.

मैं लंड पूरा घुसाकर उसके होंठों को चूसने लगा. उसके बाद भाभी अपनी चूत को मेरे लंड की तरफ धकेलने लगीं. वो चुदाई के लिए तड़प रही थी. मैं भी भाभी की चूत में हल्के हल्के धक्के लगाने लगा. मैं भी भाभी के होंठों को चूस रहा था.

भाभी की चूत में लंड देकर बहुत मजा आ रहा था. मैं जोर जोर से भाभी के होंठों का रस पी रहा था और मेरे लंड के धक्के अब तेज़ होते जा रहे थे.

मैंने भाभी के होंठों से होंठ हटाये तो वो सिसकने लगीं. उसके मुँह से कामुक आवाजें निकल रही थीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… जोर से करो… बहुत मजा आ रहा है। आह्ह श्स्स्स… याह… आई… आह्ह…. और चोदो… मुझे चोदो।

भाभी ने कामुक आवाजें निकाल कर मेरा जोश और भी बढ़ा दिया. अब मैं और तेजी से उसकी चूत में लंड पेलने लगा. मुझे भी जन्नत का मजा मिल रहा था.

चूँकि मैं पहली बार किसी की चूत चोद रहा था इसलिए मैं ज्यादा देर तक अपने आप पर काबू नहीं रख पाया। चार-पांच मिनट तक भाभी की चूत में धक्के लगाने के बाद ही मैं अपने लंड पर नियंत्रण खो बैठा.

मेरा शरीर झटके खाने लगा और लंड से वीर्य निकल कर भाभी की चूत में गिरने लगा. भाभी भी झटके मारते हुए झड़ने लगीं. भाभी शायद बहुत दिनों से चुदी नहीं थीं इसलिए वो भी उत्तेजना में झड़ गईं.

एक साथ झड़ने के बाद हम दोनों एक दूसरे से चिपक गये. कुछ देर तक मैं भाभी के ऊपर ही लेटा रहा. उसके बाद मैंने फिर से भाभी के मम्मों को छेड़ना शुरू कर दिया.

भाभी ने मेरा हाथ हटा दिया और बोलीं- बस, अब तुम्हारे भैया आते ही होंगे. आज के लिए इतना पर्याप्त है। अब मैं तुम्हें फिर कभी फोन करूंगी. (सगी भाभी को चोदा)

उसके बाद मैंने अपने कपड़े पहने और भाभी को बाय बोलकर चला गया. भाभी के साथ चुदाई का सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा. जब भी भैया काम के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए बाहर जाते थे तो भाभी मुझे बुला लेती थीं.

हम दोनों ने खूब सेक्स का मजा लिया. इस तरह मुझे भी औरतों की चूत चुदाई का अच्छा अनुभव हुआ.

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