आज की Ritu Ji की कहानी Aadil की ज़ुबानी धन्यवाद रितु जी, आपने मुझे अपनी कहानियाँ प्रस्तुत करने का अवसर दिया।
हेलो रीडर्स, मे फर्स्ट टाइम वाइल्डफैंटसी पर स्टोरी लिखने जारहा हु। पहली बार ही अपनी ये सच्ची कहानी मैंने लिखी है, और किसी के साथ शेयर कर रहा हूं। (Pakistani Muslim Sex Story)
लंबी कहानी के लिए सॉरी। क्योंकि एक-एक डिटेल मैं आप सबको देना चाहता हूं। और इसे भी मुझे वो सीन याद करके बहुत मजा आता है। सारे सीन का एक-एक सेकंड इस कहानी में लिख कर मैं वो टाइम फिर से इमेजिन करना चाहता हूं, लोल।
में Aadil हु अभी मेरी उम्र 24 है, और मैं इस्लामाबाद, पाकिस्तान में रहता हूं। कहानी मेरी तब की है, जब मैं 19 साल का था। मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं, और हमारे घर में हमेशा 2-3 मेड काम करती होती थी। (Pakistani Muslim Sex Story)
हमें वक़्त हमारे पास 2 नौकरानियाँ थी। एक का नाम रानी था, और उसकी बेटी मीना थी। रानी 12-13 साल से हमारे पास काम करती थी, और बचपन से लेके मेरी टीनएज लाइफ तक वही मेरा ख्याल रखती थी। मेरा और उसका रिश्ता एक मां-बेटे का था।
बहुत ख्याल रख्ति थी वो मेरा। मैं जब 16 साल का था, तो रानी की उस वक़्त की उम्र 40 के आसपास होगी। और उसकी बेटी कृतिका खान मीना तकरीबन 17 साल की होगी। रानी की हाइट 5’4″ थी, और थोड़ी सी हेल्दी बॉडी थी उसकी। लेकिन वो ज्यादा मोती नहीं थी। (Pakistani Muslim Sex Story)
मध्यम भूरा रंग था उसका, और शकल बस औसत थी। लेकिन एक खास किस्म की सेक्सी फीलिंग आती थी उसे देख कर। गांड उसकी काफी बड़ी थी, और मटक-मटक कर चलती थी वो। लेकिन सबसे ज़बरदस्त चीज़ तो उसके बूब्स थे। बहुत बड़े और मुलायम उसके बूब्स। जब वो चलती थी, तो उसके बूब्स फुल हिल रहे होते थे। उसके बूब्स का साइज 38DD” था।
मेरे रानी से बहुत अच्छे दोस्ताना रिश्ते थे, और मुझे कभी भी उससे कोई सेक्सुअल अट्रैक्शन नहीं थी। ना ही मैंने उसके साथ सेक्स करने का सोचा था। इसकी एक वजह ये थी, कि मैं सोच भी नहीं सकता था कि रानी और मेरे दरमियान ऐसा कोई सेक्स का रिश्ता बन सकता था। (Pakistani Muslim Sex Story)
मैंने ये कभी सोचा ही नहीं था, कि रानी को सिड्यूस करूं, ये कोई प्लानिंग करूं। 18 की उम्र तक मैं काफी हॉर्नी बॉय था। मैं पोर्न देख कर मास्टरबेशन कर्ता था। मैं हर वक्त सोचता रहा होता था, कि कब और कैसे मैं किसी लड़की के साथ सेक्स करूंगा।
लड़कियों के मामले में मैं काफी शर्मी था। और इसीलिये मैंने कभी कोई गर्लफ्रेंड बनाने की कोशिश नहीं की थी। लेकिन अब 18 की उम्र हो चुकी थी, और मेरी सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन बढ़ गई थी। अब मैं गर्लफ्रेंड बनाने की स्कूल में कोशिश कर रहा था। लेकिन मुझे काम्याबी नहीं मिल रही थी। ऐसा इसलिए है क्योंकि लड़की से बात करने की हिम्मत नहीं होती थी मेरी, लोल।
गर्मी की छुट्टी चल रही थी मेरी। और मैं अपने कमरे में बैठक के टीवी देख रहा था। तबी अपनी रूटीन के मुताबिक रानी मेरे कमरे में सफाई करने आई। रानी ज़मीन पे बैठ के झाड़ू फर्ने लग गई।
मेरी जब उसपे नजर पड़ी तो मेरे होश उड़ गए। क्योंकि उस दिन रानी ने लो नेक वाली कमीज पहनी थी। उसने दुपट्टा भी नहीं लिया था, और उसके बड़े-बड़े बूब्स नज़र आ रहे थे। (Muslim Sex Story)
उसके बूब्स को देख कर मेरे अंदर एक करंट सा गुजरा, और मेरा लंड फौरन खड़ा हो गया। ये पहली बार था जब मैंने रानी को सेक्शुअल नजर से देखा था। मैं उसको अब पूरा देखना शुरू हो गया। कभी मैं उसके बूब्स देखता, तो कभी गांड।
मैंने उसके झाड़ू और पोचा लगाने का सारा मंजर देखा। अब मेरा दिल पूरी तरह से रानी पे आ गया। अब एक-दम से रानी मुझे जबरदस्त किस्मत की सेक्सी औरत लगने लगी। मैं सावधान भी था, ताकी रानी को ना पता चले, कि मैं उसे देख रहा था। हां ऐसे सेक्स की सोच थी मेरे दिल में।
क्योंकि मुझे डर था, कि वो मेरी ये हरकत देख के गुस्सा करेगी, और अम्मी-अबू को बता देगी। मैं सोचता रहा था, कि उसको पता लगाने पर वो मेरे बारे में क्या सोचेगा। उसे लगेगा, कि मुझे उसने पाल के बड़ा किया था। और मेरी ये हरकतें थी।
उस दिन के बाद से जब भी मुझे मौका मिलता है, तो मैं रानी और उसके बूब्स को देखता रहता हूं। और फिर बाद में मैं हस्तमैथुन कर्ता। मेरी कोशिश होती थी, कि रोज मैं एक बार उसका नजारा जरूर देख।
रानी के बूब्स को दबने और चूसने का हर वक्त मेरे दिमाग में ख्याल चल रहा होता था। रानी को लुभाने का कोई प्लान करके रानी को छोड़ने की हिम्मत मेरे में बिलकुल नहीं थी। बहुत रिस्क था इसलिए, क्योंकि आगे से पता नहीं क्या रिएक्शन होना था।
और वैसे भी रानी की तरफ से कोई ऐसा संकेत नहीं थी, कि वो भी मेरे साथ कोई सेक्स का रिश्ता चाहती थी। ये सब 1-2 महीने ऐसे ही चलता रहा। फिर एक दिन बस सब कुछ बदल गया। वो दिन मेरी जिंदगी का सब से खूबसूरत दिन था। सुबह का टाइम था, और मेरी अम्मी ने मुझे कहा- (Pakistani Muslim Sex Story)
अम्मी: जाओ स्टोर में से कुछ समान निकालना है। उसकी रानी की मदद करो।
मैंने कहा: ठीक है।
स्टोर अब एक छोटा कमरा था, जिस्म बहुत ज्यादा सामान पड़ा था। उसमें बिल्कुल ऊपर-नीचे चीज पड़ी थी, एक-दम फस्सी हुई। स्टोर के दरवाजे को खोल कर, और अंदर जा कर दरवाजा बंद करना पड़ता था। तब जाके 2 लोग स्टोर में खड़े हो सकते हैं। (Pakistani Muslim Sex Story)
मैं स्टोर में जब गया, तो रानी पहले से ही अंदर थी, और 2 कुर्सियों को निकालने की कोशिश कर रही थी. कुर्सियाँ बिलकुल फस्सी हुई थी। उनके ऊपर बहुत समान था। स्टोर के अंदर अब मैं और रानी थे, और जगह बहुत कम थी खड़े होने के लिए।
हेलो रीडर्स, ये मेरा फर्स्ट टाइम है वाइल्डफैंटसी पे स्टोरी लिखने का। बाल्की पहली बार ही अपनी ये सच्ची कहानी मैंने लिखी है, और किसी के साथ शेयर कर रहा हूं।
लंबी कहानी के लिए सॉरी। क्योंकि एक-एक डिटेल मैं आप सबको देना चाहता हूं। और इसे भी मुझे वो सीन याद करके बहुत मजा आता है। सारे सीन का एक-एक सेकंड इस कहानी में लिख कर मैं वो टाइम फिर से इमेजिन करना चाहता हूं, लोल।
अभी मेरी उम्र 24 है, और मैं इस्लामाबाद, पाकिस्तान में रहता हूं। कहानी मेरी तब की है, जब मैं 19 साल का था। मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं, और हमारे घर में हमेशा 2-3 मेड काम करती होती थी। (Pakistani Muslim Sex Story)
हमें वक़्त हमारे पास 2 नौकरानियाँ थी। एक का नाम रानी था, और उसकी बेटी मीना थी। रानी 12-13 साल से हमारे पास काम करती थी, और बचपन से लेके मेरी टीनएज लाइफ तक वही मेरा ख्याल रखती थी। मेरा और उसका रिश्ता एक मां-बेटे का था।
बहुत ख्याल रख्ति थी वो मेरा। मैं जब 16 साल का था, तो रानी की उस वक़्त की उम्र 40 के आसपास होगी। और उसकी बेटी मीना तकरीबन 17 साल की होगी। रानी की हाइट 5’4″ थी, और थोड़ी सी हेल्दी बॉडी थी उसकी। लेकिन वो ज्यादा मोती नहीं थी।
मध्यम भूरा रंग था उसका, और शकल बस औसत थी। लेकिन एक खास किस्म की सेक्सी फीलिंग आती थी उसे देख कर। गांड उसकी काफी बड़ी थी, और मटक-मटक कर चलती थी वो। लेकिन सबसे ज़बरदस्त चीज़ तो उसके बूब्स थे। बहुत बड़े और मुलायम उसके बूब्स। जब वो चलती थी, तो उसके बूब्स फुल हिल रहे होते थे। उसके बूब्स का साइज 38DD” था।
मेरे रानी से बहुत अच्छे दोस्ताना रिश्ते थे, और मुझे कभी भी उससे कोई सेक्सुअल अट्रैक्शन नहीं थी। ना ही मैंने उसके साथ सेक्स करने का सोचा था। इसकी एक वजह ये थी, कि मैं सोच भी नहीं सकता था कि रानी और मेरे दरमियान ऐसा कोई सेक्स का रिश्ता बन सकता था।
मैंने ये कभी सोचा ही नहीं था, कि रानी को सिड्यूस करूं, ये कोई प्लानिंग करूं। 18 की उम्र तक मैं काफी हॉर्नी बॉय था। मैं पोर्न देख कर मास्टरबेशन कर्ता था। मैं हर वक्त सोचता रहा होता था, कि कब और कैसे मैं किसी लड़की के साथ सेक्स करूंगा। (Pakistani Muslim Sex Story)
लड़कियों के मामले में मैं काफी शर्मी था। और इसीलिये मैंने कभी कोई गर्लफ्रेंड बनाने की कोशिश नहीं की थी। लेकिन अब 18 की उम्र हो चुकी थी, और मेरी सेक्शुअल फ्रस्ट्रेशन बढ़ गई थी। अब मैं गर्लफ्रेंड बनाने की स्कूल में कोशिश कर रहा था। लेकिन मुझे काम्याबी नहीं मिल रही थी। ऐसा इसलिए है क्योंकि लड़की से बात करने की हिम्मत नहीं होती थी मेरी, लोल।
गर्मी की छुट्टी चल रही थी मेरी। और मैं अपने कमरे में बैठक के टीवी देख रहा था। तबी अपनी रूटीन के मुताबिक रानी मेरे कमरे में सफाई करने आई। रानी ज़मीन पे बैठ के झाड़ू फर्ने लग गई।
मेरी जब उसपे नजर पड़ी तो मेरे होश उड़ गए। क्योंकि उस दिन रानी ने लो नेक वाली कमीज पहनी थी। उसने दुपट्टा भी नहीं लिया था, और उसके बड़े-बड़े बूब्स नज़र आ रहे थे। (Pakistani Muslim Sex Story)
उसके बूब्स को देख कर मेरे अंदर एक करंट सा गुजरा, और मेरा लंड फौरन खड़ा हो गया। ये पहली बार था जब मैंने रानी को सेक्शुअल नजर से देखा था। मैं उसको अब पूरा देखना शुरू हो गया। कभी मैं उसके बूब्स देखता, तो कभी गांड।
मैंने उसके झाड़ू और पोचा लगाने का सारा मंजर देखा। अब मेरा दिल पूरी तरह से रानी पे आ गया। अब एक-दम से रानी मुझे जबरदस्त किस्मत की सेक्सी औरत लगने लगी। मैं सावधान भी था, ताकी रानी को ना पता चले, कि मैं उसे देख रहा था। हां ऐसे सेक्स की सोच थी मेरे दिल में।
क्योंकि मुझे डर था, कि वो मेरी ये हरकत देख के गुस्सा करेगी, और अम्मी-अबू को बता देगी। मैं सोचता रहा था, कि उसको पता लगाने पर वो मेरे बारे में क्या सोचेगा। उसे लगेगा, कि मुझे उसने पाल के बड़ा किया था। और मेरी ये हरकतें थी।
उस दिन के बाद से जब भी मुझे मौका मिलता है, तो मैं रानी और उसके बूब्स को देखता रहता हूं। और फिर बाद में मैं हस्तमैथुन कर्ता। मेरी कोशिश होती थी, कि रोज मैं एक बार उसका नजारा जरूर देख। (Pakistani Muslim Sex Story)
रानी के बूब्स को दबने और चूसने का हर वक्त मेरे दिमाग में ख्याल चल रहा होता था। रानी को लुभाने का कोई प्लान करके रानी को छोड़ने की हिम्मत मेरे में बिलकुल नहीं थी। बहुत रिस्क था इसलिए, क्योंकि आगे से पता नहीं क्या रिएक्शन होना था।
और वैसे भी रानी की तरफ से कोई ऐसा संकेत नहीं थी, कि वो भी मेरे साथ कोई सेक्स का रिश्ता चाहती थी। ये सब 1-2 महीने ऐसे ही चलता रहा। फिर एक दिन बस सब कुछ बदल गया। वो दिन मेरी जिंदगी का सब से खूबसूरत दिन था। सुबह का टाइम था, और मेरी अम्मी ने मुझे कहा-
अम्मी: जाओ स्टोर में से कुछ समान निकालना है। उसकी रानी की मदद करो।
मैंने कहा: ठीक है।
स्टोर अब एक छोटा कमरा था, जिस्म बहुत ज्यादा सामान पड़ा था। उसमें बिल्कुल ऊपर-नीचे चीज पड़ी थी, एक-दम फस्सी हुई। स्टोर के दरवाजे को खोल कर, और अंदर जा कर दरवाजा बंद करना पड़ता था। तब जाके 2 लोग स्टोर में खड़े हो सकते हैं।
मैं स्टोर में जब गया, तो रानी पहले से ही अंदर थी, और 2 कुर्सियों को निकालने की कोशिश कर रही थी. कुर्सियाँ बिलकुल फस्सी हुई थी। उनके ऊपर बहुत समान था। स्टोर के अंदर अब मैं और रानी थे, और जगह बहुत कम थी खड़े होने के लिए।
बहुत मज़ा आया मुझे और एक दम करंट सा महसूस हुआ बॉडी में। अब मुझे पक्का हो गया था, कि रानी के दिमाग में भी सेक्स चल रहा था। मैं अब इसी कोशिश में रहता था, कि जब भी वो मुझे चलती नजर आती है, तो मैं भी उसके पास से गुजारने की कोशिश करता हूं।
फिर वो हर बार मेरे लुंड पे हाथ फिरते हुई गुजर जाति। ये मामला 3-4 दिन चलता रहा। फिर स्टोर वाले इंसिडेंट के 5वें दिन मेरे घर वाले और मीना कहीं बाहर चले गए। अब घर में सिर्फ रानी और मैं ही द.
ये जुलाई का माहीना था और मेरी छुट्टियां चल रही थी। इस्लीये मैं घर पे होता था, और कोई स्कूल नहीं। जब मुझे पता चला कि हम घर पर अकेले हैं तो मैं बहुत उत्साहित हो गया। मेरा लुंड एक दम खड़ा हो गया, और मैं खुशी के मारे पागल हो गया था।
मुझे लगा, कि आज के दिन कुछ ना कुछ तो होगा ही। और शायद आज मुझे रानी के मम्मे टच करने का मौका मिले। हां हो सकता है सेक्स भी हो जाए। लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था, कि ये सब कैसे होगा, और किस तरह मैं शुरू करूंगा।
मैं भी सोच रहा था कि शायद रानी को सेक्स या किसी और चीज में कोई दिलचस्पी नहीं थी. शायद जो थोड़ी बहुत टचिंग अब तक हुई थी, शायद रानी सिर्फ यही करना चाहती थी, और कुछ नहीं। मैं अपने कमरे में बैठ के अपने आप को हिम्मत दे रहा था, कि जौ रानी के पास और सीधा उसके मम्मे पकड़ लू। (Pakistani Muslim Sex Story)
लेकिन फिर मैं सोचता था, कि ये सब कैसे करें। क्योंकि मैं कभी सोच भी नहीं सकता था, कि रानी मेरे साथ ऐसा कुछ करने के लिए तैयार हो सकती थी। मेरे अनुसार वो एक उचित शरीफ और थी। वो शादी शुद्ध थी और 5-6 बच्चे भी उसके। और उसकी बेटी मीना भी हमारे पास काम करती थी।
फिर मैंने थोड़ी हिम्मत पड़ी की, और मैं उठ कर कमरे से बहार आ गया। मैंने देखा, की रानी किचन में खाना पक्का रही थी। जब मैं थोड़ा आगे बढ़ा, तो किचन के अंदर से रानी ने मुझे देखा और स्माइल दी। मेरी एक-दम फट गई और किचन में जाने की बजाए, मैं दूसरे कामरे में चला गया।
वहा जाके मैं सोफे पे बैठा गया। मेरे दिल की धड़कन फुल तेज थी, और लंड फुल खड़ा था। और मैं अपने आप को गालियां दे रहा था, कि इतना फत्तू क्यों था मैं। 20 मिनट सोचने के बाद, मैं फिर उठा, और बहार निकला किचन की तरफ। रानी खाना पक्का रही थी, और उसकी पीठ मेरी तरफ थी।
मैं हिम्मत करके किचन में दाखिल हुआ। रानी की बंड और कमर देख के लुंड मेरा लुंड गाल मार रहा था। थोड़ी देर मैंने किचन में खड़े हुआ इंतजार किया। मैंने सोचा, कि शायद रानी ही कुछ सीन शुरू कर दे।
लेकिन वो खाना पकाती रही। मेरी फिर फट गई, और मैं फ्रिज से पानी निकला के बाहर आ गया किचन से. जब मैंने अपने कमरे में जाने से पहले पीछे मिट्टी के देखा तो रानी मुझे देख रही थी। वो मुस्कुरा कर रही थी। मैं एक-दम से कमरे में घुस गया और हंसने लगा कि क्या बकवास चल रहा है। वहां क्या हुआ, लोल। (Pakistani Muslim Sex Story)
मैं बस हार मान के बिस्तर पर गया और अपने और रानी के बारे में सोचने लग गया।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले हिस्से में पता चलेगा। फीडबैक ईमेल के लिए: [email protected] पर ईमेल करें