हेलो दोस्तों आज रितु जी की कहानी आसुतोष की ज़ुबानी, धन्यवाद Ritu ji आप ने मुझे यह अप्सर दिया की मै अपनी कहानी को प्रस्तुत करू। wildfantasystories की इस साईट की सभी पाठिकाओं, पाठकों को मेरा नमस्कार। हॉट कॉलेज गर्ल सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने कॉलेज कि एक लड़की की चुत की आग को चोद के ठंडा किया और उसकी वर्जिनिटी तोड़ दी।
उससे मेरी दोस्ती हो गयी. और कैसे मैंने उसेके साथ सेक्स कर के उसकी वर्जिनिटी तोड़ दी।
दोस्तो, मेरा नाम आशुतोष है. मेरी उम्र 30 साल है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ, मेरा रंग थोड़ा सांवला है, लेकिन मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ।
मेरे लंड का साइज़ बहुत अच्छा है. लंड का रंग भी थोड़ा सा गहरा है लेकिन लंड का टोपा थोड़ा गुलाबी है जो पूरा खुला हुआ है.
दोस्तो, ये हॉट कॉलेज गर्ल सेक्स स्टोरी जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ वो 100% सच्ची है।
इस कहानी को पढ़ने के बाद चाहे कुंवारी लड़की हो, या शादीशुदा, कॉलेज गर्ल हो या गर्लफ्रेंड… गारंटी है कि सबकी पैंटी खराब रस से गीली हो जाएगी।
बिना मुठ मारे लंडधारियों का पानी निकल जायेगा.
ये बात आज से 6 महीने पहले की है.
मैं सड़क पर अपने एक दोस्त का इंतज़ार कर रहा था.
पास में ही एक कॉलेज था.
कॉलेज की छुट्टियाँ होने वाली थीं.
छुट्टियाँ ख़त्म होते ही सभी छात्र कॉलेज से बाहर आने लगे।
मैं थोड़ा ही आगे बढ़ा था कि एक लड़की जल्दी में निकलते हुए मुझसे टकरा गई.
जैसे ही मेरी नजर उस लड़की पर गई तो मैं उसे देखता ही रह गया.
एकदम पीला, ऐसा लग रहा था मानो क़यामत हो।
कॉलेज ड्रेस में वो बहुत सेक्सी लग रही थी.
सफ़ेद शर्ट के ऊपर से उसके चूचे उभरे हुए थे।
ऐसा लग रहा था कि चुचियाँ शर्ट फाड़ कर बाहर आ जायेंगी।
नीचे उसकी स्कर्ट, जो उसके घुटनों तक आ रही थी.. उसकी वजह से उसकी गोरी टाँगें बहुत चमक रही थीं और बिजली की तरह गिर रही थीं।
सच कहूं तो मैं इसकी खूबसूरती को शब्दों में बयां नहीं कर सकता।
जैसे ही वह मुझसे टकराई, उसका बैग नीचे गिर गया.
उसने मुझसे प्यार भरे शब्दों में सॉरी कहा और बैग उठाने के लिए झुकी.
जैसे ही वो नीचे झुकी तो मैं भी उसका बैग उठाने के लिए नीचे झुक गया.
मेरा सिर उसके सिर से टकरा गया.
उसने फिर सॉरी कहा.
फिर उसने बैग उठाया और बोली- मैं जल्दी में थी, इसलिए टकरा गयी !
मैंने कहा- कोई बात नहीं.
फिर वो हल्की सी मुस्कुराहट के साथ जाने लगी।
जाते वक्त मैं उसे पीछे से देखने लगा.
थोड़ा आगे जाकर उसने भी एक बार इधर उधर देखा और स्माइल देकर जाने लगी.
अब मैं आपको उस लड़की के बारे में थोड़ा बताता हूं.
उसका नाम Shehnaaz था, जो मुझे बाद में पता चला. वह 18 या 19 साल का रही होगी।
उसके चूचों का साइज 34बी, कमर 30 और गांड का साइज 36 था, जो मुझे उसकी चुदाई के वक्त पता चला.
उसके बाद मैं भी अपने दोस्त से मिला और अपने कमरे पर आ गया.
कमरे में आने के बाद भी मुझे बार-बार उसकी याद आ रही थी.
उसके उभरे हुए गोल बिग बूब्स , उसके उभरे हुए चूतड़ मेरे लंड को खड़ा कर रहे थे.
उस रात उसे याद करके मैंने दो बार मुठ मारी.
मैं दूसरे दिन पुनः वहाँ गया; मुझे लगा कि शायद आज भी वह मिल जायेगी .
वही हुआ, वह छुट्टी के बाद बाहर आई।
मैंने उसे देखा और उसने भी मुझे देखा.
वह मुस्कुराती हुई आगे बढ़ गई.
मैंने भी उसे देख कर स्माइल दे दी.
वह थोड़ा आगे बढ़ी, फिर पीछे देखा और फिर से स्माइल देते हुए आगे बढ़ गई.
मैं भी वहां से निकल कर घर चला गया और सोचा कि कल उससे बात करूंगा.
मैं दूसरे दिन पुनः वहाँ गया। छुट्टी के बाद वह बाहर आई।
मैंने उसे देख कर स्माइल दे दी.
वो थोड़ा धीरे-धीरे आगे बढ़ी और एक जगह रुककर मुड़ गई और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी.
मैं उसके पास गया और मुस्कुराते हुए बोला- मैं आशुतोष हूं, सेल्स मार्केटिंग का काम करता हूं.
वो बोली- मैं हूँ जान.
मैंने पूछा- शहनाज तुम कौन सी ईयर में हो?
उसने बताया कि वह फोर्ट्स ईयर में है।
फिर हमने एक दूसरे का नंबर लिया और निकल गये.
कमरे में जाकर मैं शहनाज के मैसेज का इंतज़ार करने लगा.
रात साढ़े दस बजे मेरे मोबाइल पर एक मैसेज आया.
मैंने व्हाट्सएप खोला तो शहनाज का मैसेज देखा.
पहले हम दोनों एक दूसरे के बारे में सामान्य बातें करने लगे, एक दूसरे के बारे में जानने लगे.
फिर हमारे बीच कुछ सेक्स की बातें होने लगीं.
मैं उसे सेक्सी शायरी भेजने लगा.
उसे भी ये सब अच्छा लगता था.
फिर एक दिन शहनाज से पूछा- क्या तुम वर्जिन हो शहनाज?
शहनाज बोली- हां, मैं अभी तक वर्जिन हूं.
यह सुन कर मैं बहुत खुश हुआ कि शायद मुझे इसकी सील तोड़ने का मौका मिलेगा.
अब हम रोज सेक्सी सेक्सी बातें करने लगे.
एक दिन मैंने शहनाज से पूछा- तुम्हें कौन से रंग की ब्रा पैंटी पसंद है?
शहनाज बोली- मुझे लाल और गुलाबी रंग की ब्रा पैंटी पहनना पसंद है.
मैंने साइज पूछा तो शहनाज ने मुझे अपना साइज बताया.
मैंने उसे ब्रा पैंटी के दो सेट गिफ्ट किये, एक गुलाबी और दूसरा लाल था।
वह बहुत खुश हो गयी.
मैंने उससे कहा- पहन कर देखो?
वो बोलीं- हां, मैंने रेड सेट देखा था और अब वही पहन रही हूं.
मैंने कहा- काश मैं देख पाता!
वह हंसने लगी। हालांकि वह नहीं दिखे.
अब हमारी रोज सेक्सी बातें होने लगीं.
शहनाज को भी बहुत मजा आ रहा था. सेक्सी बातों से शहनाज गर्म होने लगी.
वो वर्जिन थी इसलिए जल्दी गर्म हो जाती थी.
मेरी सेक्सी बातें और सेक्सी शायरी उसे परेशान करने लगी थी.
शहनाज बोली- अब मेरा पढ़ाई में भी मन नहीं लगता … बस तुमसे सेक्सी बातें करने का मन करता है.
शायद वह सब कुछ करना चाहता था.
मैं भी उसे उकसाता था.
शहनाज बोली- आशुतोष कुछ करो, नहीं तो मैं फेल हो जाऊंगी.
मैं समझ गया कि शहनाज अब सेक्स के लिए तड़प रही है.
मैंने शहनाज को समझाया- तुम्हारे अंदर जो वासना जाग गई है, वो तभी दूर होगी जब हम दोनों मिलेंगे.
शहनाज ने पहले तो मना कर दिया लेकिन उसकी हवस उसे मेरे पास आने पर मजबूर कर रही थी.
उसका पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लगता था, उसे फेल होने का डर सताने लगा था.
आख़िर शहनाज मेरे पास आने को तैयार हो गयी.
मैं बाज़ार गया और शहनाज के लिए दो जोड़ी लाल और गुलाबी रंग की सेक्सी ब्रा पैंटी खरीदी।
छुट्टी के समय मैंने उसे ब्रा पैंटी दी और कमरे में आ गया.
हमने रात को बात की और अगले दिन मिलने का प्लान बनाया.
मैंने शहनाज को फोन किया. वो भी गुलाबी ब्रा पेंटी पहनने को तैयार हो गयी.
अगले दिन वह कॉलेज का बहाना बनाकर घर से निकली और रास्ते में मुझे मिल गई।
शहनाज अपनी कॉलेज ड्रेस में आई थी.
मैं तो उसे देख कर पागल हो गया.
मैंने उसे बाइक पर बैठाया और अपने कमरे में ले आया.
जैसे ही हम कमरे के अन्दर आये, मैंने कमरा बंद कर लिया और शहनाज को कसकर गले लगा लिया, उसके उभरे हुए मम्मे मेरी छाती से टकरा गये।
उसको बांहों में भरते हुए, उसके गोरे गोरे गालों को चूमने लगा.
गाल चूमते हुए उसके गुलाबी होंठों को मैंने अपने होंठों में ले लिया.
उसके गुलाबी होठों को चूमने के बाद ऐसा लगा, जैसे जन्नत में हूं.
शहनाज की सांसें भी तेज़ हो गई थीं और मेरी छुअन से उसकी सांसें और तेज़ हो रही थीं जो इस बात की गवाह थीं कि उसके लिए सब पहली बार हो रहा था.
अब शहनाज को अपनी गोद में उठा कर बेड पर लाया और बैठा दिया.
मैंने शहनाज की आंखों में देखा, वह शर्म से पूरी लाल हो गई थीं.
शहनाज कॉलेज ड्रेस में बहुत क़यामत लग रही थी.
उसकी स्कर्ट उसकी जांघों से थोड़े ही नीचे तक आ रही थी.
अगर उसके स्कर्ट थोड़ी सी भी ऊपर उठा दी जाती तो उसकी जांघों के बीच में फंसी उसकी पैंटी दिख जाती.
उसकी शर्ट के ऊपर से उसकी चूचियां इतनी सख्त हो गई थीं कि ऐसा लग रहा था बस ये गुब्बारे अभी उसकी शर्ट को फाड़ कर बाहर आ जाएंगे.
उसकी शर्ट के ऊपर से उसके निप्पल की चोटियां साफ साफ देखने को मिल रही थी जो काफ़ी टाइट हो चुकी थीं.
अब मैंने देर ना करते हुए, शहनाज को अपनी बांहों में भर लिया और उसे चूमने लगा.
वह भी मेरा साथ दे रही थी.
शहनाज को चूमते हुए हुए बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया.
मैं उसको अपनी बांहों में लेकर उसे चूमता रहा.
उसके गालों को, उसके होंठों को चूमते चूमते जैसे ही उसके कान के पास गया और उसके कान के लौ को अपने मुँह में लेकर जैसे ही चूसा, वह आअह्ह्ह करके मचल उठी.
उसके एक कान को चूसते हुए, जैसे ही मैंने उसके कान में फुसफुसाया- शहनाज, क्या मदमस्त जवानी है.
यह सुनते ही शहनाज और मचलने लगी. उसकी सांसें और तेज़ हो गईं.
उसके दोनों पैर आपस में रगड़ खाने लगे.
अब मैं शहनाज को चूमते हुए धीरे धीरे नीचे की ओर आने लगा.
मैंने शर्ट के ऊपर से ही उसकी टाइट बूब्स को दबाया और उसके निप्पल को मुँह में ले लिया.
शहनाज के मुँह से एक तेज़ सिसकारी निकली- आअह्ह्ह.
फिर एक एक करके शर्ट के ऊपर से ही दोनों चूचियों को मसल कर चूसने लगा.
इससे उसकी सिसकारियां और तेज़ हो गईं.
उसकी सिसकारियों के साथ पूरा रूम वासनामय हो गया.
अब मैं थोड़ा और नीचे आया, शर्ट के ऊपर से मैंने उसके पेट को चूम लिया.
जैसे ही मैंने उसके पेट को चूमा, उसकी चूचियां ऊपर को तन गईं.
मेरी चुसाई के कारण उसकी शर्ट के ऊपर से ही उसके निप्पलों का उभार दिखने लगा.
वह बहुत ही मादक दृश्य लग रहा था.
फिर मैं थोड़ा और नीचे आया और उसकी स्कर्ट के ऊपर से उसकी जांघों से होते हुए उसके पैरों तक गया.
उसकी टांगें बहुत गोरी और चिकनी दिख रही थीं.
उन गोरी गोरी टांगों पर मैंने जैसे ही हाथ फिराया, वह मचल उठी.
उसके मुँह से एक तेज़ सिसकारी निकली- उउफ्फ्फ … मम्मीई.
फिर जैसे ही मैंने उसके पैरों को सहलाते हुए उसकी गोरी टांगों को चूमना शुरू किया तो उसकी सिसकारियां और तेज़ हो गईं ‘आहहह … उउफ़्फ़्फ़ … उईई मां.’
वह अपने हाथों से चादर को भींच रही थी और वह इतनी ठरकी हो गई थी कि शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता.
अब मैंने शहनाज की टांगों को थोड़ा ऊपर उठा कर घुटनों से मोड़ दिया.
इस स्थिति में उसके पैर बेड पर थे और जांघें चौड़ा गई थीं.
जैसे ही मैंने शहनाज को इस पोजीशन में किया … उसकी स्कर्ट के नीचे से बिस्तर पर आ गई और उसकी गांड दिखने लगी.
उसकी मोटी गांड पिंक पैंटी में कसी हुई थी
मस्त गोरे और गोल चूतड़ थे शहनाज के!
समझने वाले समझ गए होंगे कि मैंने शहनाज को किस पोजीशन में किया था.
अब मैं अपने हाथों को शहनाज के घुटनों तक ले गया.
जैसे ही मेरे हाथ उसके घुटनों तक गए, मैंने उसके घुटने को पकड़ कर उसकी जांघें और ज्यादा खोल दीं.
उफ़्फ़्फ़ शानदार नजारा सामने था.
उसकी खुली हुई जांघों के बीच में उसकी कसी हुई भीगी सी पैंटी दिखने लगी.
मैं बता नहीं सकता कि कितना मादक दृश्य था.
उसकी दोनों जांघों के बीच में उसकी कसी हुई पैंटी के ऊपर से ही उसकी बुर देख कर मैं पागल हो उठा.
उसकी पैंटी के ऊपर से ही, उसकी फूली हुई बुर नजर आ रही थी.
उसकी बुर की फांकें पैंटी के ऊपर से साफ साफ फ़ूली हुई दिख रही थीं.
उसकी पैंटी बुर के मादक रस से पूरी तरह से भीग चुकी थी, जिसने गुलाबी पैंटी पर भीगने का साफ साफ धब्बा बना दिया.
उसकी पैंटी की ये हालत मुझे और भी ज्यादा पागल बना रही थी.
इधर मेरी हरकतों से शहनाज का बुरा हाल था, शहनाज पूरी तरह अंतरवासना के गिरफ्त में आ चुकी थी.
अब मैं शहनाज के ऊपर आ गया और उसकी शर्ट के बटन खोलने लगा.
ना चाहते हुए भी शहनाज मेरा पूरा साथ दे रही थी.
जैसे ही शर्ट के बटन खुले, शहनाज को पिंक ब्रा में देख कर मदमस्त हो गया.
उसकी चूचियां वासना के कारण पूरी टाइट हो चुकी थीं. ऐसा लग रहा था कि चूचियां ब्रा को फाड़ कर बाहर निकल आएंगी.
शर्ट निकालने के बाद जब शहनाज को निहारा, तो देख कर नशे में टल्ली हो गया.
उसका बदन इतना ज्यादा गोरा … इतना ज्यादा सेक्सी दिख रहा था कि लंड को काबू में कर पाना मुश्किल हो गया.
उसकी गोरी देह पर सपाट पेट के बीच में गहरी नाभि कहर ढहा रही थी.
मैं शहनाज की चूचियों को अपने हाथों में लेकर मसलने लगा.
मेरे हाथ का स्पर्श लगते ही शहनाज की वासना और बढ़ गई.
मैंने भी देर ना करते हुए उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.
जैसे ही ब्रा का हुक खुला, उसकी चूचियां उछल कर बाहर आ गईं.
ऐसा लग रहा था जैसे बरसों बाद किसी ने उन्हें आजाद किया हो.
बाहर आते ही दोनों चूचियां उछलने लगीं.
चूचियों के ऊपर से ब्राउन कलर का निप्पल ऐसा दिख रहा था मानो चॉकलेट से निप्पल रंग दिए गए हों.
मैं शहनाज की दोनों चूचियों को हाथ में लेकर मसलने लगा. शहनाज की सिसकारियां और ज्यादा बढ़ गईं.
जैसे ही मैंने उसके एक निप्पल को मुँह में लिया, शहनाज की तेज आवाज में आंह निकल गई- आह … उफ्फ.
उसके मुँह से मादक आवाजें आने लगीं.
‘उम्म्म आआह ओह्ह्ह …’ करके सीत्कारने लगीं.
वह अपने पैरों को रगड़ने लगी.
मैंने उसकी चूचियों को चूसते हुए धीरे धीरे उसके पेट पर आ गया.
उसके पेट पर हाथ फेरते हुए चूम लिया. इससे शहनाज अचानक से उछल पड़ी.
उसकी सिसकारियां और तेज़ हो गईं.
मैं उसके पेट को चूमते हुए, उसकी गहरी नाभि के पास आ गया, जो कि काफ़ी ज्यादा मादक दिख रही थी.
जैसे ही मेरे होंठों ने उसकी नाभि को छुआ, उसकी मुँह से फिर से एक जोर की सिसकारी निकली- आअह्ह.
इस तेज सिसकारी के साथ ही उसकी सांसें और तेज़ हो गईं. उसकी सांसों के साथ उसकी मस्त टाइट चूचियां भी ऊपर नीचे हो रही थीं.
उसकी चूचियों के ऊपर तनी हुई उसकी घुंडियां और भी ज्यादा कड़क हो गई थीं.
वह उसकी सांसों के साथ ऊपर नीचे होती हुई बड़ी ही कामुक लग रही थीं.
मैंने जैसे ही अपने जीभ को उसकी नाभि में घुसाया, उसने कसके चादर को अपने हाथों से भींच ली और जोर से सिसकारने लगी- आअह्ह उफ्फ!
मैं उसकी नाभि में जीभ और तेज़ फिराने लगा, वह भी पूरी तरह से मचलने लगी.
आख़िर वो एक जवान कुंवारी कली थी, उसके साथ ये सब पहली बार हो रहा था इसलिए वो जोर-जोर से चिल्ला रही थी।
मैंने उसकी नाभि चूसते हुए एक ही झटके में उसकी स्कर्ट भी खोल दी.
जैसे ही शहनाज की स्कर्ट खुली.. उफ़्फ़ क्या नज़ारा था।
शहनाज की गोरी मोटी जांघें मेरी आँखों के सामने आ गईं।
उसकी गोरी मोटी जांघें देख कर मेरा लंड बेकाबू होने लगा.
उसकी गुलाबी पैंटी उसकी मुलायम और चिकनी जाँघों के बीच फंसी हुई थी।
चूंकि अब उसकी पैंटी साफ दिखने लगी थी, उसकी फूली हुई बुर पैंटी के ऊपर से ही साफ दिखने लगी थी.
उन दरारों के बीच से निकल रहे उसके नमकीन चुत के पानी ने उसकी पैंटी को पूरी तरह भिगो दिया था.
पैंटी गीली होने के कारण उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी बुर की दरार साफ दिख रही थी.
उसकी मदमस्त फांकों का नजारा देख कर किसी बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाये तो मैं जवान घोड़े जैसी उसकी बुर देख कर बेकाबू हो रहा था.
अब मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए, सिर्फ अंडरवियर में रह गया.
मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरा लंड साफ साफ दिख रहा था. लंड काफी टाइट हो चुका था.
शहनाज मुझे अंडरवियर में देख कर मुस्कुरा दी पर लंड देख कर थोड़ी सहम भी गई.
अब मैं धीरे धीरे उसकी गोरी गोरी टांगों को चूमने लगा … और वह और भी ज्यादा मचलने लगी.
मैं धीरे धीरे उसकी टांगों को चूमते हुए ऊपर को आने लगा और उसकी गोरी मोटी जांघों पर हाथ फेरने लगा.
आप अपने मेल और कमेंट्स के माध्यम से बताएं कि सेक्स कहानी कैसी लग रही है.
मेरे हर स्पर्श से वो और भी तेजी से हिलने लगी.
उसकी साँसों की आवाज़ आ रही थी, वो अपनी आवाज़ की आवाज़ को अपने होठों से दबा रही थी।
जैसे ही मैंने उसकी गोरी जांघों पर अपने गर्म होठों से चूमा तो शहनाज खुद को रोक नहीं पाई और उसकी दबी हुई आवाज जोर-जोर से निकलने लगी।
वो सिसकारियाँ लेने लगी- आअहह उफ्फ्फ उई माँ मर गई… आह.
मैंने उसकी जाँघें खोलीं और उसकी जाँघों के बीच आ गया और उसकी टाँगें उठा कर अपने कंधे पर रख लीं।
उसकी टांगों को अपने कंधों पर रखने से मेरा सिर उसकी दोनों जांघों के बीच आ गया और उसकी पैंटी ठीक मेरी आंखों के सामने आ गयी.
उधर उसकी आँखों में गहरा नशा था और वो सिर्फ मेरी हरकतें देख रही थी.
मेरा नंगा बदन उससे वासना से मुक्त हो रहा था।
उसकी जांघें खुली होने के कारण उसकी क्लीवेज साफ दिख रही थी जो पूरी पैंटी को भिगो रही थी.
मैं उसकी जांघों को चूमते हुए आगे बढ़ा और जैसे ही मेरे होंठों ने उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी गांड को चूमा, शहनाज पूरी तरह से कांप उठी.
उसके मुँह से जोर की सिसकारी निकल गयी.
मैंने अपनी जीभ उसकी पैंटी के ऊपर से दिख रही दरार पर रख दी और ऊपर-नीचे जीभ फिराने लगा।
उसने अपने पैरों को समेटने की कोशिश की… लेकिन मेरे सिर की बाधा ने उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं दी।
वो मेरे चूमने में मस्त थी. सेक्स का मजा अभी मिलना बाकी था.
दोस्तो, हॉट कॉलेज गर्ल सेक्स स्टोरी के अगले भाग में मैं आपको शहनाज की सीलपैक बुर की चुदाई कहानी का विवरण लिखूंगा. आप अपने मेल और कमेंट्स के माध्यम से बताएं कि सेक्स कहानी कैसी लग रही है.