कॉलेज की गर्लफ्रेंड को चोदा दोस्त के घर पर

कॉलेज की गर्लफ्रेंड को चोदा दोस्त के घर पर

दोस्तो, मेरा नाम रोहन है और मैं द्वारका का रहने वाला हूँ। आज में आपको बताने जा रहा हु की कैसे मेने “कॉलेज की गर्लफ्रेंड को चोदा दोस्त के घर पर”

मैं 24 साल का एक ऐसा युवक हूँ जो प्यासी भाभियों और लड़कियों की शारीरिक प्यास बुझाने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ। यह सेक्स कहानी मेरी ग्रेजुएशन के समय से शुरू होती है.

मैंने दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले लिया था और वहीं पढ़ाई कर रहा था.कुछ देर बाद मुझे फेसबुक पर एक लड़की की रिक्वेस्ट मिली. उस वक्त मैं फ्री था इसलिए मैंने उनकी बात मान ली. मैं उससे खूब बातें करने लगा.

उस दिन के बाद भी मेरी उससे बातें होने लगीं और नतीजा ये हुआ कि कुछ ही दिनों में मेरी उससे अच्छी दोस्ती हो गयी. बाद में मुझे पता चला कि वो मेरे ही कॉलेज की है तो हम दोनों ने मिलने का प्लान बनाया.

उस दिन हम एक कॉफ़ी हाउस में मिले. हमने कुछ देर बातें की और हम दोनों वहां से निकल गये. लड़की सच में बहुत हॉट थी तो मैंने उसे पटाने के बारे में सोचा। (कॉलेज की गर्लफ्रेंड को चोदा)

फिर एक दिन उसने मुझसे पढ़ाई के लिए कुछ मदद मांगी, मैं इंतजार कर रहा था कि कब लड़की कुछ बोलेगी और कब मैं उससे अपनी बात को अगले लेवल पर ले जाने की पहल करूंगा।

मैंने उसकी मदद की और वो मुझसे बहुत खुश हो गयी. इसी तरह धीरे-धीरे हम करीब आते गए. अब शायद उसे भी मेरे बारे में कुछ अहसास होने लगा था.

एक दिन मौका देखकर मैंने उससे अपने दिल की बात कह दी और उसने भी मेरा प्रपोजल स्वीकार कर लिया. फिर हम अक्सर मिलने लगे. शुरुआती दिनों में हमारे बीच चूमा-चाटी और एक-दूसरे को सहलाना सीमित था।

लेकिन कहानी इससे भी आगे बढ़ी और हमारे दिलों की चाहत बढ़ने लगी. एक दिन मैंने उसके मम्मे मसल दिये और वो मेरी बांहों में समा गयी. फिर अब जब भी मैं उससे मिलता तो उसके मम्मों को दबाता और चूमता

कभी-कभी उसकी गांड भी धीरे से दबा देता। उसे भी ये सब बहुत अच्छा लगने लगा. मैंने अपने जीवन में पहले कभी सेक्स नहीं किया था इसलिए मैं मौके की तलाश में था कि कब मैं उसे चोद सकूँ।

इसी बीच उसका जन्मदिन आ गया तो मैंने उसका जन्मदिन बहुत अच्छे से मनाया. उस दिन मैंने उससे कहा कि मैं अच्छा खाना बनाता हूं, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें अपने हाथों से चिकन बनाकर खिलाऊं.

उन्होंने भी हां कहा. मैं उसे अपने दोस्त के कमरे पर ले गया. मैंने अपने दोस्त को पहले ही सब कुछ बता दिया था. जैसे ही हम उसके कमरे पर पहुँचे, मेरा दोस्त कुछ काम कहकर बाहर चला गया।

कमरे में सिर्फ हम दोनों ही अकेले रह गये थे. मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया, वो भी मेरी बांहों में सिमट गयी. मैं धीरे-धीरे उसे चूमने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी. कुछ ही देर में मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया। (कॉलेज की गर्लफ्रेंड को चोदा)

और मैं उसके ऊपर चढ़ गया. मैंने उसकी शर्ट के बटन खोले और उसके मम्मों को दबाने लगा. अन्दर उसने गहरे लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी. मैंने जल्दी से उसकी शर्ट और ब्रा के बटन खोले और पहली बार किसी जवान लड़की के दूध देखे।

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उसके चूचे इतने कसे हुए थे कि मन कर रहा था कि उन्हें निचोड़ कर उनका सारा दूध पी जाऊं. मैंने उसके दूध को सहलाया तो वो सिहर उठी और उसके शरीर में सिहरन दौड़ गयी. मैंने उसकी चूंचियां छोड़ कर उसकी पैंट भी खोल दी।

पहले तो उसने थोड़ा सा भी नहीं काटा, लेकिन जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरना शुरू किया. उसने तुरन्त अपने हथियार डाल दिये। मैं धीरे-धीरे उसके पूरे शरीर पर चूमता हुआ उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा।

उसकी चूत से इतनी सेक्सी मादक खुशबू आ रही थी कि क्या बताऊँ दोस्तों. जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी तो उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगी और वो तेजी से सिसकारियां लेने लगी.

मैं उसकी परवाह किये बिना उसकी चूत चाटने में लगा हुआ था। वो अपने दोनों हाथों से मेरा सिर अपनी चूत में ऐसे दबा रही थी जैसे मैं उसकी चूत में घुस जाऊँगा।

फिर थोड़ी देर के बाद वो झड़ने लगी तो कराहने लगी. आख़िरकार उसकी चूत ढीली हो गई और मैं उसकी एक-एक बूँद निचोड़ने की कोशिश कर रहा था ताकि एक भी बूँद बर्बाद न हो।

मैंने उसका पूरा चाटरस पी लिया. वह निढाल होकर लेट गयी. कुछ पल बाद मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया. मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह हो गया था, जो उसकी कुंवारी चूत को फाड़ने को बेताब था.

वो धीरे धीरे मेरे लंड को सहलाने लगी. मैं भी उसके चूचों को चूसने लगा. कुछ ही देर में हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये. जब कृतिका फिर से गर्म हो गई तो बोली- अब और नहीं रहा जाता. … जल्दी से अंदर डालो. (कॉलेज की गर्लफ्रेंड को चोदा)

मैंने देर न करते हुए तुरंत अपना लंड उसकी चूत पर रखा और डालने लगा. लेकिन मैं ठहरा अनाड़ी, इसलिए लंड चूत में जा ही नहीं रहा था. उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत के छेद पर रखा और बोली- अब धक्का मारो.

जैसे ही मैंने धक्का मारा उफ्फ्फ्फ़… मुझे लगा कि मेरा लंड किसी भट्टी में चला गया है. उसकी चूत बहुत गरम थी. उसने भी जोर से सिसकारी ली और मुझसे लंड बाहर निकालने को कहने लगी. उसे दर्द हो रहा था

लेकिन मुझे मजा आने लगा था. मैंने उसकी चीख को नजर अंदाज करते हुए धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिये. कुछ ही देर में मेरे लंड ने उसकी चूत में जगह बना ली थी. उसे भी मजा आने लगा था.

अब मैं उसकी चूत में जोर जोर से धक्के मारने लगा. कुछ ही देर में उसकी चूत लगातार पानी छोड़ने लगी. इससे दोस्त की चादर पर कहीं न कहीं दाग लग रहा था. इधर उसकी चूत पर मेरे धक्के लगातार बढ़ते जा रहे थे.

उसने भी मुझे अपनी बांहों में कस कर पकड़ लिया और अपने दोनों पैरों से मुझे बांध लिया. उसकी यह पोजीशन इतनी अधिक बेचैन कर देने वाली लग रही थी मानो वो मुझे अपनी चूत में ही घुसा लेगी.

वो भी मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ाने लगी. शायद वो फिर से झड़ने वाली थी. इस बार मेरा भी होने वाला था तो मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ? वो बोली- अन्दर ही डाल दो

मैं पहली बार महसूस करना चाहती हूँ. मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में भर दिया. वो भी जोर जोर से ‘आहह…’ की आवाज करते हुए मेरे वीर्य को महसूस करने लगी. (कॉलेज की गर्लफ्रेंड को चोदा)

कुछ देर तक मैं उसके ऊपर लेटा रहा और फिर उसके बगल में लेट गया. मैं तेजी से हांफ रहा था. वह भी अपनी मस्ती में डूबी हुई थी. उसकी चूत से उसका पानी और मेरा वीर्य बहकर चादर पर गिर रहा था. फिर हम सो गए.

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