नमस्ते दोस्तों मेरा नाम अमन है आज में आपको बताने जा रहा हु की कैसे मेने अपनी “चाची की चुदाई की और चाची को चुदाई का मजा दिया”
मेरी चाची की उम्र 45 साल है. हम एक ही घर में रहते हैं. मेरे चाचा और चाची ऊपरी मंजिल पर रहते हैं जबकि हम नीचे की मंजिल पर रहते हैं।
उम्र के इस पड़ाव पर भी मेरी चाची ने खुद को बहुत मेंटेन करके रखा हुआ है. आज भी वो माल ही लगती है. उनका फिगर बहुत मस्त है. उनके दूध 35-36 से कम नहीं हैं. (चाची की चुदाई की)
मैं अपनी चाची के प्रति बहुत पहले से ही आकर्षित था. जब मैं नया नया जवान हुआ था, तभी मैंने उसकी चूत देखने का मन बना लिया था. इसके लिए मैंने बाथरूम के दरवाजे में एक छोटा सा छेद भी कर दिया था.
वहां से मैं अपनी चाची को नहाते हुए देखता था. उसके बाद मैं कॉलेज की पढ़ाई के लिए बाहर चला गया और अभी एक साल पहले ही लौटा हूं. मुझे मेरी नौकरी मेरे शहर में ही मिल गयी.
जब मैं घर में रहने लगा तो उस समय मेरे चाचा की तबीयत ठीक नहीं थी. उन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या थी. धीरे-धीरे उनकी समस्या बढ़ती गई और डॉक्टर ने उन्हें कुछ महीनों के लिए बेड रेस्ट के लिए कहा।
अब मैं चाची की मदद करने जाता था क्योंकि चाचा को बिस्तर से उठाने और बैठाने में चाचा को मदद की ज़रूरत होती थी। वैसे तो चाची का एक लड़का और एक लड़की थी लेकिन वो दोनों बाहर पढ़ते थे।
इसलिए उनकी मदद करने के नाम पर घर में मैं ही अकेला था. इस दौरान कई बार चाचा को उठाते समय चाची के चूचे मेरे शरीर से छू जाते थे. कई बार तो मैं बहाने से चाची के दूध भी छू लेता था. चाची कुछ नहीं बोलती थी.
एक दिन की बात है कि हम मेरे भाई के जन्मदिन पर बाहर डिनर के लिए जा रहे थे. मेरे परिवार वाले भी मेरे साथ थे. हमने चाची को भी साथ चलने को कहा.
पहले तो उसने मना कर दिया क्योंकि घर पर चाचा की देखभाल के लिए कोई नहीं था। हमारे बहुत कहने पर चाची मान गईं. फिर हम कार में बैठे और जाने लगे.
लेकिन जगह बहुत कम थी इसलिए मैंने चाची को अपने पास बैठा लिया. वो इस तरह बैठी थी कि आधी मेरी गोद में और आधी कार की सीट पर थी.
हमको पहुंचने में आधा घंटा लग गया. इस दौरान मेरा लंड खड़ा हो गया था. मेरा लंड चाची की गांड को छू रहा था. मैंने धीरे से अपना एक हाथ आशिका चाची की कमर पर रख दिया.
चाची कुछ नहीं बोलीं. चाची को भी मेरा लंड अपनी गांड पर महसूस हो रहा था. फिर मैंने परेशान होने का नाटक करके चाची को पूरी तरह से अपनी गोद में बैठा लिया.
रात का समय था और कोई नहीं देख सका कि कार के अंदर क्या हो रहा है। अब मुझसे भी नहीं रुका जा रहा था तो मैंने अपना हाथ चाची के चूचों की तरफ बढ़ा दिया. (चाची की चुदाई की)
जैसे ही मेरा हाथ चाची के चूचों पर लगा तो वो थोड़ा हिल गईं. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा. अब मैं धीरे-धीरे अपने हाथों से चाची के मम्मों को सहलाने लगा.
मैं चाची को अपनी गोद में हल्के से उछाल रहा था और अपना लंड उनकी गांड में चुभा रहा था. मैं अपनी चाची को चोदना चाहता था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकता था.
चाची भी कुछ नहीं बोल रही थीं. मैं एक हाथ से चाची की कमर पकड़ कर उनके मम्मों को छेड़ रहा था और नीचे से मेरा लंड चाची की गांड को छू रहा था.
थोड़ी ही देर में चाची गर्म हो गईं, लेकिन तभी हमारा होटल भी आ गया. हमारा मजा खराब हो गया. लेकिन जब चाची कार से उतरीं तो वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थीं. मैं समझ गया कि चाची के अंदर भी प्यास है.
होटल पर खाना खाने के बाद हम फिर घर की ओर चलने के लिए तैयार थे। मैं रुकने वाला नहीं था. कार में बैठते ही मैंने पहले की तरह चाची को अपनी गोद में बैठा लिया और उछलने लगा.
अब मैं चाची के चूचों को जोर-जोर से दबा रहा था. चाची भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं. अब धीरे-धीरे मेरा एक हाथ चाची की चूत पर पहुंच गया था. मैं धीरे-धीरे अपने हाथ से चाची की चूत को रगड़ने लगा.
दस-पंद्रह मिनट में मैंने चाची की चूत को रगड़ कर उनकी चूत से पानी निकाल दिया. उसकी चूत गीली हो गयी. उसके बाद हम घर आ गये. अब मैं चाची को चोदने के लिए इंतज़ार नहीं कर सकता था. किसी तरह मैंने वो रात काटी.
अगले दिन सुबह मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली. मैं फ्रेश होकर ऊपर वाली मंजिल पर चाची के पास गया. उस वक्त चाची मेरे चाचा को नाश्ता करा रही थीं.
जब मैं गया तो चाची ने मुझसे नाश्ता करने को कहा. मैंने भी एक परांठा खाया. अब मैं इंतजार कर रहा था कि चाची जल्दी से चाचा को दवा दे दें. दवा लेने के बाद चाचा को नींद आने लगती थी.
उनकी दवाइयाँ बहुत भारी मात्रा में होती थीं। घर में और कोई नहीं था तो मैं कुछ देर तक चाचा के पास बैठा रहा. कुछ देर बाद मैंने चाचा से कहा- आप आराम करें और सो जाएं.
उसके बाद मैं चाचा के कमरे का दरवाजा बंद करके आ गया. चाची दूसरे कमरे में थीं. जब मैं चाची के कमरे में पहुंचा तो वो पहले से ही पेट के बल बिस्तर पर लेटी हुई थीं.
मैं बिना कुछ सोचे चाची के बिस्तर पर चढ़ गया. मैं रुकने वाला नहीं था. मैं सीधे चाची की गर्दन पर चूमने लगा. चाची ने पलट कर कहा- मैं तो तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी. (चाची की चुदाई की)
फिर क्या था, मैंने चाची को अपनी बांहों में ले लिया और उन्होंने भी मुझे अपनी बांहों में कस लिया, हम दोनों एक दूसरे से लिपटने लगे और एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
फिर मैं चाची के दूध दबाने लगा. मैं कभी उसके होंठों को चूस रहा था तो कभी उसके मम्मों को दबाते हुए उसे किस कर रहा था. कभी उनकी गर्दन काट लेता तो कभी गाल पर चूम लेता. चाची को भी मजा आने लगा.
अब मैंने उसकी मैक्सी उतार दी. उसने नीचे से ब्रा भी नहीं पहनी थी. जांघों में भी कुछ नहीं पहना था. मैक्सी उतारते ही चाची पूरी नंगी हो गईं.
दोस्तों जिस चाची के बदन को मैं छुप छुप कर देखा करता था आज वो मेरे सामने पूरी नंगी लेटी हुई थी. जिस चाची की चूत के बारे में सोच कर मैं मुठ मारा करता था, वो चूत आज मेरे लंड से चुदने के लिए तैयार थी.
चाची बोलीं- आज मेरी प्यास बुझा दो, कल जब मैंने तुम्हारा लंड अपनी गांड पर महसूस किया, तब से मेरी चूत में आग लगी हुई है. अब इसे चोदकर शांत कर दो।
ये सुनकर मैं चाची के नंगे बदन पर टूट पड़ा. कभी उसके मम्मों को चूसने लगता तो कभी उन्हें जोर से दबाने लगता. वो भी मस्ती में सिसकारने लगी.
ऐसा 15 मिनट तक चलता रहा. मैंने चाची के चूचों को दबा-दबा कर लाल कर दिया. फिर मैं उसके पूरे शरीर को चूमता हुआ नीचे जाने लगा. उसकी नाभि को चूमते हुए उसकी चूत तक पहुँच गया।
उसकी जाँघों के बीच उसकी खुशबूदार चूत को सूँघा। फिर मैंने चाची की चूत पर अपने होंठ रख दिए. उसके शरीर में बिजली का करंट दौड़ गया. मैंने अपनी जीभ डाल दी और चाची की चूत को चाटने लगा.
चाची ने मेरा मुँह अपनी जांघों के बीच दबा लिया. मैं भी पूरे जोश में चाची की चूत चाटता रहा. उसकी चूत के अन्दर अपनी जीभ डाल कर उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदता रहा. दस मिनट में ही चाची झड़ गईं.
चाची की चूत से निकला सारा रस मैं पी गया. उसके बाद चाची निश्चिंत हो गईं. लेकिन मेरा लंड अभी भी खड़ा था. मैंने अपना लंड चाची के हाथ में दे दिया. मैंने कहा – चाची, इसे भी खुशी दे दो। इसे अपने मुँह की गरमाहट तो दो।
चाची ने मेरा लंड चूसने से मना कर दिया. बहुत मनाने के बाद चाची ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं. पहले तो चाची ने बुझे मन से मेरा लंड मुँह में ले लिया, लेकिन फिर मैंने चाची का सिर पकड़ लिया और उनके मुँह को चोदने लगा.
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इससे चाची की आंखों में पानी आ गया और उनका चेहरा लाल हो गया, लेकिन फिर भी ऐसा लग रहा था जैसे उन्हें मजा आ रहा हो. चाची मेरा 6 इंच का लंड चूसते हुए मजा ले रही थीं और दस मिनट के अंदर मैं भी चाची के मुँह में झड़ गया.
चाची बोलीं- ये सब करना कहां से सीखा? मैंने कहा- चाची, मैंने अपना माल बहुतों को खिलाया है. मुझे लंड चुसवाने का बहुत अनुभव है. चाची ने मेरे लंड को छेड़ते हुए कहा- तभी तो ये इतना मोटा हो गया है. (चाची की चुदाई की)
जब चाची ने देखा कि मेरा लंड सो रहा है तो उन्होंने पहले मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाया और फिर मुँह में लेकर चूसने लगीं. पांच मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
फिर चाची बोलीं- अब मेरी चूत की प्यास बुझा दो. अपने लंड से चोदकर इसे खुश कर दो. तेरे चाचा ने मुझे तीन-चार महीने से नहीं चोदा है.
मैं समझ गया कि चाची की चुदाई बहुत दिनों से नहीं हुई है. चाचा की तबीयत काफी समय से खराब चल रही थी और बीमार होने से पहले भी वो चाची को ठीक से चोद नहीं पाए थे. इसलिए चाची की प्यास बहुत बढ़ गयी थी.
उनकी तड़प देख कर मैंने चाची को घोड़ी बनने को कहा. चाची तुरंत अपनी गांड उठाते हुए मेरे सामने झुक गईं. मैंने अपना लंड चाची की चूत पर रख दिया. मैं उसकी चूत पर लंड लगा कर उसकी चूत को सहलाने लगा.
चाची के मुँह से दर्द भरी सिसकारियाँ निकलने लगीं- आह्ह … अब ऐसे मत तड़पाओ. अपना यह लंड मेरी चूत में दे दो. जल्दी से चोदो इसे. अब बर्दाश्त नहीं होता.
मैंने चाची की चूत में एक जोरदार धक्का मारा और अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया. मेरा लंड आधा ही अन्दर जा सका. चाची ने बताया था कि चाचा का लंड भी ज्यादा मोटा नहीं है.
शायद इसीलिए लंड चाची की चूत में फंस गया. चाची की चूत वैसे भी टाइट लग रही थी. क्योकि चाचा का लंड पतला था और वो ज्यादा चुदाई भी नहीं कर पाते थे. तभी मैंने लंड पेल दिया तो चाची चिल्ला उठीं.
वो बोली- तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है. आराम से करो. दर्द हो रहा है. उसके मुँह से दर्द भरी आहें सुन कर मैं और जोश में आ गया. मैंने एक धक्का और मारा. उस धक्के में मैंने पूरा सामान चाची की चूत में उतार दिया.
अब चाची को अपनी चूत में मेरा सामान पूरा महसूस हो रहा था. अब मैंने भी अपनी स्पीड पकड़ ली और चाची की चूत को चोदने लगा. चाची को दर्द तो हो रहा था लेकिन चाचा के उठ जाने के डर से वो जोर से आवाज नहीं कर रही थीं.
अब चाची के मुँह से धीरे-धीरे आवाजें आने लगीं- आह्ह… आह… ओह… आई… आह्ह… आराम से… उन्ह… हह… धीरे, उफ्फ्फ…। ऐसा करते हुए चाची मेरे लंड से चुदने लगीं.
लेकिन जल्द ही चाची के सुर बदल गये. अब वो सिसकारते हुए कह रही थी- आह्ह… और तेज… आह्ह और तेज… करो… जोर से… आह्ह… उम्म्ह… याह…। हाय… मजा आ रहा है.
चाची की ये कामुक सिसकारियां अब मुझे भी चरम सीमा पर ले जा रही थीं. मैं पूरे जोश में चाची की चूत में लंड पेलने लगा. 20 मिनट की चुदाई में चाची पहले ही झड़ गयीं. (चाची की चुदाई की)
उसके बाद मैं भी चाची की चूत में ही झड़ गया. मैंने चाची की चूत में अपना माल गिरा दिया. जब चुदाई रुकी तो हम दोनों बुरी तरह हांफ रहे थे. चाची बोलीं- तुम सच में बड़े हो गये हो और अच्छे भी दिखते हो.
आपकी पत्नी आपसे हमेशा खुश रहेगी. ये कहते हुए चाची ने अपना हाथ मेरे लंड की तरफ बढ़ाया और उसे चूम लिया. चाची चूमते हुए बोलीं- तुम्हारा ये औज़ार बहुत काम का है. यह बहुत अच्छा है.
फिर चाची ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं. मेरा लंड एक बार फिर से चाची की चूत चोदने के लिए खड़ा हो गया. मैंने एक बार फिर से चाची की चूत चोदी. उसके बाद तो चाची की चुदाई का सिलसिला चलता रहा.