हेलो दोस्तों, मेरा नाम अमन है आज में आपको बताने जा रहा हु की कैसे मेने अपने “चाचा की लड़की को चोदा और उसे अपने बड़े लंड का मजा दिया”
यह बात तब की है जब मैं बैंगलोर में अपने चाचा-चाची के साथ रहता था। उनकी एक बेटी है उसका नाम आशिका है. ये उनका बदला हुआ नाम है.
मेरी चचेरी बहन अभी जवान हुई थी लेकिन उसका फिगर कमाल का था. मेरी बहन का बदन इतना नशीला है कि किसी की भी नियत खराब होने में वक्त नहीं लगेगा.
मुझे बहन की गांड सबसे ज्यादा पसंद है. उसका रंग थोड़ा सांवला है, लेकिन फिगर 34-30-38 का होगा. उसके होंठ क्या मस्त गुलाबी थे.
उसके रसीले होंठ देख कर मेरा अमन करता था कि उसे पकड़ कर इतना चूसूं कि सारा रस निकल जाये.
कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ. मैं 23 साल का 6 फीट लंबा और 80 किलो वजन वाला युवक हूं।
व्यायाम करने से मेरा शरीर जिम्नास्टिक्स जैसा दिखता है। मैंने अब तक सिर्फ सपनों में और ब्लू फिल्मों में ही लड़कियों को चोदते हुए देखा था।
अपनी सेक्सी बहन आशिका को देख कर मेरे बदन में आग लग गयी. खासकर तब जब वह मेरे बगल में बैठती थी. क्या बताऊँ दोस्तो.. उस वक्त मेरी क्या हालत थी.. ये तो मैं ही जानता हूँ।
मैंने उसे प्रभावित करने की हर कोशिश की, लेकिन हर बार असफल रहा। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ.
फिर एक दिन मेरे अमन में एक विचार आया. मैंने उसे दूसरे नंबर से व्हाट्सएप किया. मैं लड़की की आईडी से एक सिम ले आया ताकि ट्रूकॉलर पर भी उसे मेरा नाम लड़की जैसा दिखे.
मेरी उससे व्हाट्सएप पर बात होने लगी. कुछ ही दिनों में वो मुझसे खुलने लगी. बातों ही बातों में मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? वह बोला, नहीं।
फिर मैंने उससे पूछा- तो फिर तुम्हें मजा कैसे आता है? उसने कहा- आजकल किसी पर भरोसा करना ठीक नहीं है.. इसलिए बस उदास रहता हूँ।
जब मैंने और पूछा तो उसने बताया कि वह अपनी उंगलियों और हाथों से ही खुद को शांत कर लेती है. मैंने हम्म कह कर बात बंद कर दी. फिर उसने पूछा- कैसे करते हो?
मैंने पहले से ही अपने प्लान पर अमल करते हुए उससे बड़ी होशियारी से कहा- मैं अपने भाई के साथ करूंगी. यह सुनकर उसने बुरा चेहरा बनाया और तुरंत मुझे ब्लॉक कर दिया।
मैं झिझक रहा था कि अब बात कैसे शुरू करूं. थोड़ी देर बाद उसका मैसेज आया- क्या ये सही है? मैंने ख़ुशी को दिल में दबाते हुए कहा- हां ये सही भी है … और सेफ भी है.
वो बोलीं- ठीक है … मैं इस बारे में बाद में बात करूंगी. ये कह कर उसने मुझे फिर से ब्लॉक कर दिया. इस बार मुझे कोई चिंता नहीं थी. सुबह जब मैं उठा तो देखा कि आशिका बहुत गुस्से में थी.
वो मेरे पास आई और बोली- तुम बहुत गंदे हो. मैं समझ गया कि वो ये सब जानती है, लेकिन कैसे पता करूं, ये समझ नहीं आया.
कई महीनों तक उसने मुझसे बात नहीं की. लेकिन धीरे-धीरे समय बीतता गया और वह और जवान हो गयीं.
समय के साथ आशिका सब कुछ भूल गई और फिर से पहले की तरह सामान्य हो गई। हमारे बीच सब कुछ सामान्य चल रहा था, जैसे भाई-बहन के बीच होता है.
दोस्तों आप तो जानते ही होंगे कि किसी भी लड़की का 19वां साल उसके वश में नहीं होता है। लोग कोई न कोई गलती कर ही देते हैं और उनके साथ भी ऐसा ही हुआ.
मैं उसके साथ बिल्कुल सामान्य था, लेकिन कहीं न कहीं वह भी जानती थी कि मैं उसके बारे में क्या सोचता हूं। उनकी सोच की वजह से मैं अपनी मंजिल तक पहुंच गया।’
कुछ दिनों बाद मुझे एहसास हुआ कि वह फिर से मेरे साअमने बिंदास व्यवहार करने लगी है. वो मुझसे हंस कर बात करने लगी.
इस बार मैं सतर्क था और ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहता था, जिससे मेरी बहन चाचा-चाची से मेरी शिकायत कर दे.
हालाँकि, कुछ दिनों के बाद मैं भी उसके साअमने व्यायाम करते हुए उसे अपना जवान शरीर दिखाने लगी। वो कभी मेरे मसल्स देखती तो कभी मेरे एब्स पर हाथ फेर कर मेरा मजाक उड़ाने लगती.
ऐसे ही एक दिन मैं डिप्स लगा रहा था. वह साअमने से आई। इस वक्त मैंने सिर्फ एक टाइट सपोर्टर पहना हुआ था. ऊपरी हिस्सा बिल्कुल नंगा था. मेरे शरीर से पसीना निकल रहा था.
वह मेरे साअमने खड़ी होकर मुझे डिप्स लगाते हुए देखने लगी और गिनने लगी। यह मुझे सामान्य लगा. तभी वो बोली कि अगर में तुम्हारी पीठ पर चढ़ जाऊं तो क्या तुम डिप्स लगाओगे? मैने हां कह दिया।
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वो मेरी पीठ पर दोनों तरफ पैर करके चढ़ गई और मेरी पीठ पर बैठ गई और बोली- हां मेरे घोड़े पर आ जाओ टिक टिक टिक… शुरू करो.
मुझे उसकी चूत का हिस्सा अपनी कमर पर महसूस हुआ तो मेरे लंड में आग लग गई.. लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और डिप्स लगाने लगा।
वो कुछ देर तक बैठी रही और मुझसे डिप्स लगाने के लिए कहती रही. मैं रुका तो वो उतरी और हंसते हुए चली गयी.
अब उसका यह नियम रोज का हो गया था. वह मेरी पीठ पर बैठती थी और मुझे डिप्स लगाने के लिए कहती थी।
कुछ दिन बाद वो स्कर्ट पहनकर मेरे साअमने आई और मेरी पीठ पर चढ़ गई. उस दिन उसने चड्डी नहीं पहनी हुई थी. मुझे उसकी चूत की रगड़ महसूस हुई तो मैं समझ गया कि आशिका को मजा आने लगा है.
मुझे लगा कि मेरी पीठ उसकी चूत के पानी से गीली हो रही है, तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
जिस दिन से उसने बिना चड्डी के मेरी पीठ पर अपनी चूत रगड़ी, उसके दूसरे दिन से ही त्योहारों के दिन शुरू हो गये।
उन दिनों चाचा-चाची पूजा के लिए गाँव गये हुए थे। घर में हम दोनों ही बचे थे.
दूसरे दिन की बात है, जब मैं तैयार होकर ऑफिस के लिए निकलने वाला था, तभी आशिका आ गयी. वो बोली- भैया. देखो, कान में कुछ है क्या? मैंने कहा- दिखाओ.
मैंने उसे बिस्तर पर अपने बगल में बैठाया और अपना मुँह उसके कान के पास ले गया। क्या बताऊँ दोस्तो, मुझसे कण्ट्रोल नहीं हुआ… और साथ ही मैंने उसके होंठों को चूअमना शुरू कर दिया।
मुझे लगा कि वह फिर चिल्लायेगी. पर ऐसा हुआ नहीं। मेरे लिए यह सबसे बड़ा आश्चर्य था कि उसने मेरी इस हरकत का कोई विरोध नहीं किया.
मुझे कुछ समझ नहीं आया, मैंने भी सोचा कि जब ये मान जाएगा तो इससे अच्छा मौका मुझे नहीं मिलेगा… लगे रहो मुन्ना भाई।
मैं मौके का फायदा उठाते हुए उसे जोर-जोर से किस कर रहा था. वो उसके होठों को अपने होठों से ऐसे चूस रहा था जैसे कोई संतरे का रस चूसता है।
आशिका के होंठों को चूसते हुए मैं एक हाथ से उसके मम्मों को दबाने लगा. कुछ देर तक उसके होंठों को चूअमने और उसके मम्मों को दबाने के बाद मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया
और उसके माथे पर चूमते हुए उसकी गर्दन पर चूअमना शुरू कर दिया। आशिका ने घुटने तक की बेबी डॉल फ्रॉक पहनी हुई थी। उसकी फ्रॉक में आस्तीन की जगह डोआशिकाँ थीं, जिसे मैंने उसके कंधे से सरका कर हटा दिया।
वाह क्या फिगर है… क्या मक्खन जैसा बदन है। उसने अंदर पैंटी के अलावा कुछ नहीं पहना हुआ था.
मेरे साअमने मेरी बहन एक 19 साल की सेक्सी लड़की के रूप में सिर्फ पैंटी में अपनी आँखें बंद करके बिस्तर पर लेटी हुई थी।
मैं उसे ऐसे देख कर पागल हो रहा था. मैंने अपने सारे कपड़े उतार फेंके और सेक्स की हवस में अपनी बहन की जवानी पर हमला बोल दिया.
सबसे पहले मैंने उसके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे दूध को एक हाथ से दबाने लगा. मेरा दूसरा हाथ उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा.
आह्ह … क्या मजा आ रहा था उसका शरीर. वह कोमल स्पर्श स्वर्ग के समान शीतल था। मैं उसके दोनों मम्मों को बारी-बारी से अपने मुँह से चूसता और उसकी चूत को बारी-बारी से अपने हाथों से सहलाता रहा।
मैंने अपनी बहन की चूत को सहलाते हुए उसकी चड्डी भी उतार दी और उसकी चूत के होंठों के बीच अपनी उंगली फिराने लगा.
उसकी गाली-गलौज और भी बढ़ने लगी. उसके गले से मादक आवाजें निकलने लगीं. उसकी कामुक आवाजें सुनकर मैं और भी उत्तेजित हो गया.
अब मैं सीधे उसकी चूत पर पहुंच गया. उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी. मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था. सेक्स की उत्तेजना के कारण मेरा लंड बहुत सख्त हो गया था.
मैंने देर न करते हुए उसकी कमर के नीचे तकिया लगाया और अपना लंड उसकी चूत के होंठों पर सटाया और जोर से धक्का दे दिया.
चूत और लंड दोनों गीले होने के कारण मेरा लंड एक ही बार में उसकी चूत को फाड़ता हुआ पूरा अन्दर चला गया.
लंड अन्दर जाते ही मानो उसकी जान निकल गयी. वो बहुत जोर से चिल्लाई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ लेकिन घर में किसी के न होने के कारण उसकी चीख वहीं दब कर रह गई.
कुछ देर उसी अवस्था में रहकर मैंने उसे चूमा.. उसके मम्मों को सहलाया, तब उसका दर्द कुछ कम हुआ।
मैंने उसे चूअमना बंद कर दिया. वो मुझे अपनी तरफ खींचने लगी. मैं समझ गया कि इसका टैंक तैयार है, पेट्रोल डालने का काम शुरू कर देना चाहिए.
मैंने अपने लंड का साइज़ नहीं बताया क्योंकि एक कहावत है कि दूसरे की शान और अपना लंड.. हर किसी को बड़ा लगता है। मैं अभी भी लड़कियों को यह बताने के लिए लिख रहा हूं कि मेरा लिंग 7″ लंबा और 4″ मोटा है।
फिर मैंने उसकी टांगों को अपनी कमर पर रख कर शॉट लगाना शुरू कर दिया. मेरा लंड उसकी चूत में फंस गया और अन्दर-बाहर होने लगा. उसकी कुछ मीठी सिसकाआशिकाँ भी माहौल को मादक बना रही थीं.
मुझे अपनी बहन की चुत चोदने में बहुत मजा आ रहा था … मजा तो चुत में ही आता है … लेकिन जब लंड मेरी बहन की चुत में जाता है तो मजा दोगुना हो जाता है.
उसको चोदने का कार्यक्रम 20 मिनट तक चला, जिसमें वो दो बार झड़ गयी. पिछली बार हम साथ झड़ थे. मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
उसके झड़ते ही मैं उसके ऊपर गिर गया. आशिका ने एक लंबी सांस ली और मुझे अपनी बांहों में कस कर पकड़ कर वैसे ही पड़ी रही.