टूशन के बहाने बैंगलोर में की अभिलाषा की जोरदार चुदाई

टूशन के बहाने बैंगलोर में की अभिलाषा की जोरदार चुदाई

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम पंकज उदास है और मै लाया हू एक मजेदार स्टोरी, आज मै आपको बताने जा रहा हू की कैसे टूशन के बहाने बैंगलोर में की अभिलाषा की जोरदार चुदाई , मै दावे के साथ कह सकता हू इसे पढ़कर आपकी पैंट गीली हो जाएगी तो चलिए शुरू करते है बिना किसी देरी के,

दोस्तो, मेरा नाम रिंकू है मैं दिल्ली का रहने वाला हूं, लाया हू एक नई कहानी के साथ

जब मैं 6 महीने की ट्रेनिंग के लिए बैंगलोर गया तो वहां मैंने एक रूम किराये पर ले लिया। 4 मंजिल का था तो वहां भाड़े पर 11 लोग रहते थे।

बस 4 घंटे की ट्रेनिंग थी बाकी समय मैं घर पर ही रहता था। वहीं मेरे कमरे के सामने एक लड़की रहती थी, एमैंने पहले हे दिन उसको देख लिया था और देखेर लगा की कुछ दाल नहीं गलने वाली ,अभी तो नई जवानी मे आई है तो मैंने दिन नहीं दिया ।

एक दिन वो कमरे मे खड़ी अपने बालों मे कंघी कर रही थी, उसने टी-शर्ट पहने रखी थी। उसके चुचे मैंने देखे तो मेरी नजर ही नहीं हटी, 32-28-34. वो सुन्दर थी उसका रंग गेहुआ था वो बिलकुल मस्त थी

मैं तो बस देखता ही रह गया, वो शर्मा गया और दरवाजे के पीछे छिप गयी । अब तो मेरा लंड खड़ा हो गया, मैं तो जल्दी से बस बालकनी की तरफ आ गया और थोड़ी देर बाद वो भी आ गयी पर देखकर उप्पर वाली छत पर जाने लगी ।

मैंने भी इधर उधर देखा तो कोई दिखाई नहीं दिया शायद उसकी माँ नीचे वाली आंटी के पास आ गई थी थी, मैं भी उसके पीछे हो लिया ।

वो मुझे देखकर अब भी शर्मा रही थी, मैंने सोचा उस से बात करू की आप टूशन पढ़ने नहीं गई ?

तो उन्होंने भी जवाब में कहा- मुझे आज माँ ने रोक लिया है, वो आज मौसी के घर जा रही हैं। घर की देखभाल के लिए घर पर रहूंगी ।

मैंने पूछा- आपका नाम क्या है ?

उसने कहा- अभिलाषा ! उसने पूछा तुम्हारा

मैंने कहा- मेरा नाम रिंकू है!”

मैंने कहा- तुम किस क्लास में पढ़ते हो?

वो बोली- में कॉलेज में पढ़ती हूं और उसने कहा तुम क्या करते हो? घर वाले कहाँ हैं?

मैंने उसे अपने बारे में सारी बात बताई, वो बोली- क्या तुमने मुझे कंप्यूटर सीखा दोगे?

मैंने कहा हा , अगर तुम सीखना चाहते हो तो मेरे कमरे में आना।

वो बोली- माँ से पूछकर बताउंगी ।

“ठीक है।” अब मेरा लंड पूरा तंबू बना चुका था, मैं नीचे जाने लगा तो वो बोली- तुम खाना कहां खाते हो?

मैं बोला- होटल पर !

उन्होंने कहा- तुम किस टाइम मुझे कंप्यूटर सीखोगे, २ बजे तो में तुतिओं से आती हू

मैंने बोला- तुम जब कहो, रात में आ जाओ।

वो फिर हसकर अपने कमरे में चली गई, मैंने भी अपने कमरे में अपने लंड को हिलाने लगा और फिर ब्लू फिल्म देखकर लंड का पानी बहा दिया और सो गया।

फिर जब सुबह उठा तो वो पढ़ें के लिए जा चुकी थी और मई अपनी कंपनी जाने के लिए त्यार हो रहा था । पूरे दिन उसी के बारे में सोचता रहा और फिर घर आ गया। उस समय कुछ खा रही थी, मैं अपने फ्लैट के कमरे में चला गया। थोड़ी देर आराम करने के बाद मैं बाहर आया तो उसकी माँ ने रोका , बोली-अभिलाषा कह रही थी कि तुमने उसे कंप्यूटर सीखा दोगे, वो बहुत ज़िद्दी है, अगर तुम सिखाना चाहते हो तो सिखा देना !

मैं स्पष्ट बोला – मुझे क्या परेशानी हो सकती है। वैसे ही मैं भी पूरे दिन बिना काम के बैठा रहता हू !

फिर क्या, वो भी बाहर आ गई और देखने लगी- क्या मैं अभी अपनी किताब लेकर आ जाऊं?

मैंने कहा- अगर तुम फ्री हो तो आ जाओ !

फिर वो और उसकी माँ दोनों मेरे कमरे में चले गए। उसकी माँ ने मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी – तुम क्या करते हो? तुम यहाँ क्या कर रहे हो?

फिर उसकी मम्मी चली गयी।

अभी हमारा दरवाजा खुला था, मैं भी बंद नहीं कर सका वैसे मेरा हरदम का दरवाजा हर समय बंद रहता था ।

फिर में उस से पूछनाले लगा तुम्हे कंप्यूटर में क्या-क्या आता है

वो बोली बेसिकस आता है बस

फिर में उस से पूछने लगा तुमने उस दिन स्कूल वाली सूट सलवार पेहेन रखा था और आज भो भी तुमने चेंज क्यों नहीं की उसने कहा आज शनिवार है और कल छूटी है , उसने कहा कुछ प्रॉब्लम है

मैं बोला- नहीं ! वैसे तुम टीशर्ट में अच्छी लगती हो।

फिर वो शर्मा गई और उस दिन हम दोनों बाते कुछ सिखाया नहीं , फिर शाम को मई उप्पर जाने लगा और उसकी मम्मी भी मिल गई थी फिर वो मेरे लिए कॉफी लेकर आई एयर हम फिर बात करने लगे

वो बताने लगी कि तुम अभिलाषा को अच्छे लगे वर्ना यह तो किसी से बात भी नहीं करती है।

मैंने कहा आंटी जी वो तो सोच सोच की बात है वरना आज के समय कौन किसको पसंद करता है

मैंने पूछा- अभिलाषा के पिताजी क्या करते है ?

कहने लगी- वो न्यूज़ मे काम करते है कभी रात की ड्यूटी होती है तो कभी बहार जाना पड़ता है ।

फिर हम नीचे चले गए।

फिर रात को मैंने सोचा की अब तो में उस से कुछ कहकर हे रहूँगा फिर में सोचते सोचते सो गया , फिर सुबह गेट पर किसी की खटखटाने की आवाज आई और मैंने सिर्फ लोअर पहना हुआ था और मेरा लंड क़ुतुब मीनार की तरह खड़ा हुआ था मम्मी अकेला रहता हु तो नंगा हे सोता हू

मेरी आँखों मइ नींद थी और में लंड को सेट करके खोलने गया और सामने अभिलाषा कड़ी थी उसकी बड़े दूध के निप्पल टीशर्ट के बहार उफान मार रहे थे, ये देखकर मेरा लंड और ज्यादा टाइट हो गया

वो मेरे लिए चाय लाइ थी और हड़बड़ाकर बोली – च च च चाय देने आई थी !

मैं बोला- अंदर आजाओ !

वो बोली- नहीं, मुझे काम है.

मैंने भी कहा- आज तो रविवार है, बाद में काम करना।

उसकी निगाहे मेरे लोअर पर बार बार जा रही थी और मैं अपना लंड दिखने की कोशिश कर रहा था और मेरा लंड और भी ज्यादा जोश में आ रहा था

फिर उसकी माँ ने उसे आवाज दी दी- अभिलाष !

वो जाने लगी , मैंने बोला- पहले तो जगाया और अब कुछ बात भी नहीं कर रही है?

वो बोली- तुम इतनी फ्रेश हो लो !

फिर मुझे उम्मीदें जागते दिख रही थी , फिर मई फ्रेश होकर खाना खाकर लैपटॉप चलाने लगा , वो फिर कमरे में आई और बोली- आज खाना होटल से नहीं खाना, मम्मी ने कहा है।

मैं बोला- नहीं, मैं खाना होटल से ही ले लूँगा।

फिर वो गुस्से से वहा से चले गई और की वो कह रहा है की में बहार से ही लाऊगा – फिर उसकी मम्मी आई और बोली अगर तुम खाना नहीं खाओगे तो हम तुमसे बात नहीं करेंगे और अभिलाषा भी तुमसे कंप्यूटर पढ़ने नहीं आएगी ।

मैंने कहा- ठीक है , मैं आपका साथ खा लूँगा।

फिर क्या था, थोड़ी देर बाद वो खाना लेकर आई, मैंने कहा- तुम भी मेरे साथ खाओ।

तो देखने लगी- नहीं, तुम खाओ मैं बाद में खा लूंगी।

मैंने कहा- नाराज़ हो मुझसे?

बोली- नहीं !

वो भी अपना खाना साथ ले आई और खाने लगी, वो देखने लगी- आज तो मुझे पूरे दिन पढ़ना है , मैं आज फ्री हूं!

मैंने कहा- ठीक है !

फिर हम खाना खाने के बाद उसकी माँ आई, बोली- तुम घर पर नजर रखना, मुझे बाहर जाना है, थोड़ा काम है।

तो बोली- ठीक है ! मैं तो पूरे दिन आज कंप्यूटर ही सीखूंगी ।

“ठीक है।” उसकी माँ चली गई, फिर उसने अपने कमरे का काम खत्म कर दिया, मेरे लिए आज खुशी का दिन था, मुझे कुछ ऐसा लगा कि शायद उसकी माँ को पता चल गया कि आज क्या होने वाला है, वो उसको जानभूझकर छोर्ड कर गई हो !

फिर क्या था, जैसे ही वो मेरे कमरे में आई तो मैं लेता हुआ था , मूवी देख रहा था। फिल्म का नाम था ‘हमशकल ‘ वो देखकर बोली – कोई अच्छी सी फिल्म लगा दो!

मैंने हँसते हुए कहा- अच्छा सी कैसी होती है? क्या अच्छा लगता है?

वो बोली – कोई कॉमेडी मूवी लगाओ!

वो बिल्कुल मुझसे सटकर बैठ गई, मेरा लंड उसकी कमर को छू रहा था।

मैंने एक इंग्लिश मूवी चला दी ‘मेलेना’

हम देखने लगे, मैंने कहा- आराम से लेट कर देखो!

तो वो मन करने लगी फिर दो मिनट के बाद छोड़ दिया गया।

पलंग एक था, मैं पीछे की तरफ था वो आगे की तरफ और मैंने उसकी तरफ करवट ले रखी थी। हम दोनों के बीच अभी थोड़ा सा फांसला बचा था पर मेरा लंड था कि जोर से जगाने लगा कि उसे पकड़ कर उसकी चूत में डाल दूँ। दोस्तो ‘मेलेना’ फिल्म पूरी ब्लू फिल्म से कम नहीं है, कहानी के शुरू में है । अब हॉट सीन की शुरुआत हो गई, उसकी गांड मेरी तरफ थी, वो तो शायद भूल गई थी कि उसके पास कोई और भी है, और मस्त दिख रही थी।

मैंने मोके का फायदा उठाया और अपना लंड पीछे से उसके कपड़ो पर टच कर दिया । वो एकदम सिहर बैठ गयी ।

और बोली- क्या कर रहे हो?

मैंने कहा- कुछ नहीं ! बस मूवी देखती रहो !

फिर वो देखने लगी अब मैंने बिना डरे उसके चूचों की तरफ हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया। वो मेरी तरफ़ देखने लगी पर कहा कुछ नहीं।

फिर मैंने उसकी गर्दन को दबाकर उसके होठो पर एक जोरदार चुम्भन दिया उसने भी मेरा दिया और कुछ देर बाद मई उसकी टीशर्ट उतरने लगा और फिर मई उसे दुबारा चूमने लगा और और उसकी टीशर्ट मई हाथ डालकर उसके निप्पल मसल दिए ।

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसकी टीशर्ट उतार दी , उसने कुछ नहीं कहा । फिर मैंने भी अपने कपड़ो को उतारना शुरू कर दिया वो मेरे दर गई थी , उसने बोला – बस आज के लिए इतना ही इसके आगे हम कुछ नहीं करेंगे ।

“क्यों इतने करोगे ? आज हम पूरा करेंगे !” मैंने उसकी कपड़ो को उतारना शुरू कर दिया, वो मना करती रही- माँ आने वाली होगी, बहुत दर्द होगा, प्लीज़ आज मत करो ! किसी दिन फिर कर लेना।

मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े को उताड़ दिया और सिर्फ उसकी पेंटी छोर्ड दी और उसकी चूचियों को चूसना शुरू किया । फिर पैंटी के ऊपर से चूमना शुरु कर दिया, उसकी छूट पर हाथ फेरने लगा वो बुरी तरह उछलने लगी और अपना हाथ चूत पर ले गई और जोर जोर से अपनी चूत को रगड़ने लगी , बोली जल्दी करो !

मुझे तो बस इसी बात का इंतजार था, उसकी उंगली जो चूत के रस से भीगी हुई थी, मैंने अपने मुंह में लेकर चाट ली। क्या नमकीन पानी था ! अब मेरा भी बिल्कुल देरी करने का मन नहीं था, वो बहुत ही सिस्कारियां भर रही थी।

मैंने उसकी कच्छी उतारी, उसकी चूत से पानी निकल रहा था, उसकी चूत चाटने लगा , वो बोल रही थी- प्लीज जल्दी से अपनी अंदर दाल दो!

अब जल्दी से मैंने अपने लंड को निकला और वो मेरे लंड को देखकर अपनी चूत में लेने से डर रही थी ।

मैंने उसके तांगों को फैलाया और अपना लंड निकाल कर चूत पर रगड़ने फिर वो बोली जल्दी अब डाल दो इंतजार नहीं हो रहा ।

वो बिल्कुल पागल सी हो रही थी !

मेरा लंड अब बिल्कुल तैयार था, मैंने लंड पर एक झटका लगाया और एक झटका मारा लंड एक दो इंच ही गया वो चिल्ला पड़ी।।

अब मैंने उसके होठ अपने होठो से दबा लिया और हम ऐसे हे लेते रहे अब वो शांत हो चुकी थी चिल्ला नहीं रही थी । फिर मैंने एक और झटका मारा, उसके चूचों को साथ साथ मसलता रहा। अब मैंने उसको चोदना स्टार्ट किया ।

वो बोली- रुक नहीं सकते क्या? पता है, आज में मर जाती ।

मैंने कहा- कोई बात नहीं, अभी और बाकी है।

वो बोली- क्या? अब इतने पर ही झटके लगा लो ! फिर किसी दिन पूरा कर लेंगे ।

उसके कहने के बाद उसने एक बार पानी निकल दिया । अब उसकी चूत गीली थी, मैंने एक जोरदार झटका लगाया और अंदर चला गया
वो फिर से बुरी तरह से झटपटाने लगी ।

मैंने कहा- बस हो गया, पूरा अंदर चला गया , अब डरने की कोई बात नहीं ।

तो वह राहत की सांस ली। अब मैंने झटके मारने शुरू कर दिया, उसे भी शर्म आने लगी और अब वो भी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी, और कहा अंदर मत निकलना !

मैं बोला- क्यों?

तो उसने कहा- बस बाहर निकलो !

मेरा भी अब आ गया था तो मैंने कहा- बोलो, तुम मुंह में लोगी क्या?

उसने तुरंत मना कर दिया, बोली- मेरे पेट पर दो निकाल दो !

मैंने उसकी एक न सुनी और 8-10 ज़ोरदार धक्के मारे और उसकी चूत में ही झड़ गया और उसी समय वो भी एक बार फिर से झड़ गई। मैंने उसे इतनी ज़ोर से पकड़ लिया कि उसकी चीख निकल गयी और मैंने उसे तब तक नहीं छोड़ा जब तक एक एक बूँद उसकी चूत में नहीं चली गयी और फिर मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और चूमने लगा.

लेकिन उसने जल्द ही मुझे हटा दिया और अपनी चूत की तरफ देखने लगी और खून देखकर बोली- यह तो मेरे अंदर से ही निकला है ना?

मैने हां कह दिया! अब तू पूरी लड़की बन गयी है, अब तू कभी भी चुदेगी तो तुझे कोई दर्द नहीं होगा.

इतना कह कर मैंने उसे चूम लिया, मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा तो मैं उसे चूमने लगा।

वो बोली- मैं दोबारा तुम्हारे साथ ऐसा नहीं करूंगी.

मैंने कहा- क्यों नहीं करोगी?

तो वो बोली- जब मैंने तुमसे कहा था कि अपना वीर्य मेरे अन्दर मत डालना तो तुम नहीं माने, अगर मुझे कुछ हो गया तो क्या होगा?

मैंने उसे समझाया- देखो, तुम्हें मजा आया या नहीं? बाकी सब मुझ पर छोड़ दो, तुम्हें कुछ नहीं होगा.

मैंने कहा- मैं तुम्हारे लिए एक गोली ला दूँगा, तुम खाओगी तो कुछ नहीं होगा।

फिर काफी देर बाद उसने दोबारा सेक्स करने के लिए हां कहा. फिर हमने एक राउंड और किया. फिर वो जाने के लिए कहने लगी- मम्मी आती होंगी.

वह लड़खड़ाने लगी, मैंने उसे उसके बाथरूम तक छोड़ दिया। वो नहाने लगी. अब मैं अपने कमरे में आ गया और अपने खराब हुए कपड़े साफ करने की तैयारी करने लगा.

फिर कुछ देर बाद उसकी माँ आ गयी.

मुझे मेरी कहानियों पर बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. मुझे उम्मीद नहीं थी कि आप सबको मेरी कहानी इतनी पसंद आएगी. तो देखा आपने कैसे टूशन के बहाने बैंगलोर में की अभिलाषा की जोरदार चुदाई ,दोस्तों कैसी लगी मेरी स्टोरी मैंने कहा था आपकी पैंट गीली होने वाली है , तो चलिए मिलते है अगली स्टोरी मैं तब तक के लिए अपना दिन रखिये | और हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने के लिए हिंदी सेक्स स्टोरी पर क्लिक करे

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