हेलो दोस्तों मैं आभा सिंह, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “सेक्सी मौसी की जबरदस्त चूत चुदाई-xxx mausi chut chudai” यह कहानी यश की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।
दोस्तों, मेरा नाम यश है और मैं जबलपुर से हूँ.
मैं अपनी माँ, पिताजी और एक बड़ी बहन के साथ रहता हूँ.
मेरी बहन की शादी हो चुकी है, इसलिए घर में हम तीन ही लोग रहते हैं.
मैं पास के कॉलेज में पढ़ता हूँ.
मैं सरकारी परीक्षा की तैयारी भी कर रहा हूँ.(xxx mausi chut chudai)
मैं बहुत आकर्षक तो नहीं हूँ, लेकिन कुछ लड़कियाँ मुझे तवज्जो देती हैं. मेरा शरीर मजबूत है, इसलिए मैं अच्छा दिखता हूँ. मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है.
अब मैं आपको अपनी मौसी की सेक्स कहानी सुनाता हूँ
ये 1 साल पहले की बात है.
मैं अपनी माँ के साथ अपनी नानी के घर जा रहा था.
माँ को नानी से मिलने जाना था.
नानी का घर हमारे घर से इतना दूर था कि वहाँ पहुँचने में 4-5 घंटे लग जाते थे.
हम दिन में 10 बजे नानी के घर के लिए निकले, और वहाँ पहुँचते-पहुँचते शाम हो गई थी.
उस दिन हम बहुत थके हुए थे. खाना खाकर हम सो गए.
अगली सुबह मैं उठा.
जब तक मैंने नहाकर और फ्रेश होकर नाश्ता किया, तब तक मेरी मौसी भी मेरी नानी के घर पहुँच चुकी थी.
चूंकि मेरी मां भी वहां थी, इसलिए मेरी मौसी अपनी बहन से मिलने आई थीं।
मैं आपको अपनी मौसी के बारे में बता दूं। (xxx mausi chut chudai)
मेरी मौसी शादीशुदा हैं और पेशे से शिक्षिका हैं।
उनका फिगर 36-30-36 है। वे बहुत खूबसूरत दिखती हैं।
मेरी मौसी का शरीर गोरा है।
उन्होंने अपना बहुत ख्याल रखा है।
वे अपने खाने-पीने का ध्यान रखती हैं और थोड़ी-बहुत एक्सरसाइज भी करती हैं, ताकि उनका फिगर एकदम सही रहे।
मेरी मौसी के आने के बाद हमने खूब बातें कीं।
पूरा दिन खाने-पीने और बातों में बीत गया।
शाम हो गई और मैं टीवी देखने लगा।
डिनर तैयार हो गया और सबने खाना शुरू कर दिया।
फिर मैंने कुछ देर टीवी देखा और मुझे नींद आने लगी।
इसके बाद मैं एक कमरे में जाकर सो गया।
घर बहुत बड़ा नहीं था। (xxx mausi chut chudai)
कुछ देर बाद टीवी बंद हो गया।
मां और मौसी भी उसी कमरे में आकर सो गईं, जहां मैं सो रहा था।
मेरी मां मेरे बगल में सो रही थीं और मेरी मौसी दूसरे कोने में मेरी मां के बगल में सो रही थीं।
सर्दियां थीं, इसलिए मैं जल्दी सो गया।
मैं रात के करीब 12 बजे उठा।
मुझे पेशाब करना था. मैंने देखा कि मेरी माँ और मौसी अपने कम्बल में सो रही थीं.
लेकिन मौसी की एक टाँग कम्बल के बाहर थी.
मैं पेशाब करने के लिए उठा.
लेकिन मेरा ध्यान बार-बार मौसी की नंगी टाँग पर जा रहा था.
शायद कम्बल की वजह से उनकी मैक्सी ऊपर खिसक गई थी.
उनकी चिकनी टाँग बार-बार मुझे उस पर नज़र डालने पर मजबूर कर रही थी.
पेशाब करके मैं वापस आया.
लेकिन तब तक मेरी नींद उड़ चुकी थी. (xxx mausi chut chudai)
मैंने सोने की कोशिश की, लेकिन मेरा ध्यान बार-बार मौसी के शरीर पर जा रहा था.
मैंने सोचा कि आज रात अच्छा मौका है.
क्यों न मौसी के शरीर को करीब से देखा जाए?
मैं उठा और दूसरी तरफ जाकर मौसी के बगल में लेट गया.
मैं अपनी मौसी की टाँग को देखता रहा.
मुझे नींद नहीं आ रही थी.
फिर मैंने मौसी की तरफ़ करवट ली और अपना हाथ उनकी नंगी टाँग पर रख दिया.
मुझे डर था कि कहीं मौसी जाग न जाएँ.
लेकिन मुझे अच्छा भी लग रहा था.
मौसी की जाँघ बहुत मुलायम थी.
मैंने हिम्मत जुटाई और मौसी की टाँग को अपने हाथ से सहलाने लगा. (xxx mausi chut chudai)
मेरा हाथ और ऊपर जाना चाहता था क्योंकि आखिरी मंजिल मौसी की चूत थी.
आखिर मर्द को चूत चाहिए ही होती है. मौसी की चूत चोदने का ख्याल मेरे दिमाग में आया.
मेरे सहलाने की वजह से मौसी कोई हरकत नहीं कर रही थी.
मुझे पूरा यकीन था कि मौसी गहरी नींद में है.
इसलिए मेरी हिम्मत भी बढ़ती जा रही थी.
मेरा हाथ मौसी की जांघों के सबसे ऊपरी हिस्से में उनकी चूत के पास जाने को बेताब था.
धीरे-धीरे मेरी हिम्मत बढ़ती गई और मैं अपना हाथ ऊपर की तरफ बढ़ाने लगा.
एक समय ऐसा आया जब मेरा हाथ मौसी की पैंटी से टकराया.
जब मेरा हाथ पैंट पर लगा तो मेरे शरीर में सिहरन दौड़ गई.
जैसे ही मैं चूत वाले हिस्से के पास पहुंचा, मेरी इच्छाएं जागने लगीं.
मेरा लंड खड़ा होकर डंडे जैसा हो गया. (xxx mausi chut chudai)
लेकिन उत्तेजना इतनी ज्यादा थी कि मेरा मन कर रहा था कि मौसी की चूत को अपने हाथ से पकड़ कर दबा दूं.
फिर भी खुद पर काबू रखते हुए मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ उनकी पैंटी के अंदर डालने की कोशिश की.
मौसी की पैंट बहुत टाइट थी.
अचानक, कुछ हलचल हुई और मैं डर गया.
मैंने तुरंत अपना हाथ पीछे खींच लिया.
मौसी ने करवट बदली.
वो सीधी लेट गई और सोने लगी.
तब मुझे राहत महसूस हुई.
मैंने कुछ देर इंतज़ार किया.
फिर जब 2 मिनट बीत गए और मुझे लगा कि मौसी फिर से गहरी नींद में चली गई हैं,
तो मैंने फिर से मौसी की चूत को छूने की कोशिश की.
मैंने धीरे से अपना हाथ मौसी की पैंटी पर रख दिया.
मैं अपनी उंगलियों पर मौसी की चूत के होंठों का उभार महसूस कर सकता था.
मेरा लंड बुरी तरह से झटके खाने लगा. (xxx mausi chut chudai)
एक हाथ से मैं अपने लंड को सहलाने लगा और दूसरे हाथ से मैं मौसी की चूत को उनकी पैंटी के ऊपर से ही छेड़ रहा था.
पर मैं ये सब बहुत धीरे धीरे कर रहा था.
मेरी उंगलियाँ चूत को इतने धीरे धीरे सहला रही थी कि कोई दबाव ही नहीं पड़ रहा था.
मौसी की चूत को छेड़ने का एहसास बहुत ही आनंद दे रहा था.
मैंने धीरे से अपनी उँगली मौसी की पैंटी के अंदर डाल दी.
अब मैं सीधे मौसी की चूत तक पहुँच सकता था.
मेरी उँगलियाँ मौसी की चूत के होंठों के सीधे संपर्क में आ गई और मेरे शरीर में वासना का तूफ़ान उठ गया.
मैं उत्तेजना में मौसी की चूत पर अपनी उँगली को ऊपर नीचे करने लगा.
मुझे चूत में उँगली करने में मज़ा आ रहा था.
उत्तेजना इतनी थी कि मेरा मन कर रहा था कि मौसी की चूत में अपनी उँगली डालकर चोद दूँ.
शायद मौसी की नींद भी टूट गई थी क्योंकि वो अपनी चूत पर उँगली फिराते हुए थोड़ा हिलने लगी थी.
अब मैं और नहीं रुक पा रहा था.
मैंने सोचा कि जो भी होगा देखा जाएगा. (xxx mausi chut chudai)
मैंने अपनी उँगली मौसी की चूत के अंदर डाल दी.
मौसी थोड़ा उछली.
अब मेरे अंदर सेक्स का शैतान जाग चुका था और मैंने बिना कुछ सोचे समझे अपनी उँगली मौसी की चूत में हिलाना शुरू कर दिया.
तभी मौसी ने अपनी आँखें खोली और अपना हाथ सीधा मेरे लंड पर रख दिया।
एक बार तो मेरी ऊपर की साँस ऊपर ही रही और नीचे की साँस नीचे ही रही।
लेकिन इससे पहले कि मैं कुछ प्रतिक्रिया कर पाता, मौसी ने अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया।
वो मेरे लंड को मेरे लोअर के ऊपर से ही पकड़ कर अपने हाथ में भरने की कोशिश कर रही थी।
मौसी का हाथ मेरे लंड को बार-बार ऊपर से नीचे तक सहला रहा था मानो मौसी मेरे लंड को नाप रही हो।
वो अपने हाथ में लंड को अपनी उँगलियों से दबा कर उसकी कठोरता को जाँच रही थी।
जैसे ही मौसी का हाथ मेरे लंड पर लगा, मैं हवा में उड़ने लगा।
अब सब कुछ साफ़ था।
मौसी की चुदाई पक्की थी। (xxx mausi chut chudai)
मौसी भी उसी आग में जल रही थी जिसमें मैं जल रहा था।
मैंने मौसी की पैंटी खींचने की कोशिश की लेकिन वो उनकी भारी गांड के नीचे दबी हुई थी।
फिर मौसी ने खुद ही अपनी गांड को थोड़ा ऊपर उठाया और पैंटी खींच कर अपनी जांघों में फँसी रहने दी।
मैंने तुरंत अपनी उंगली मौसी की चूत में डाल दी और तेजी से मौसी की चूत में अपनी उंगली घुमाने लगा.
मेरा मन कर रहा था कि मौसी की चूत में अपना पूरा हाथ डाल दूँ लेकिन दूसरी तरफ मेरी माँ भी मौसी के बगल में सो रही थी.
तो बिना कोई आवाज़ किए सब कुछ करना था.
मौसी ने भी मेरी टी-शर्ट मेरे पेट से उतार दी और अपना हाथ मेरे लोअर पर रख दिया.
फिर उन्होंने अपना हाथ मेरे अंडरवियर की इलास्टिक के अंदर डाल दिया और मेरे तने हुए लंड को अपने हाथ में ले लिया और उसे मुठ मारने लगी.
उनका हाथ मेरी कमर के अंदर ऊपर नीचे होता हुआ दिख रहा था.
मेरे लंड की नसें फटने को हो रही थी.
मेरा मन कर रहा था कि अभी अपना लंड मौसी की चूत में डाल दूँ और उन्हें चोद दूँ.
मेरी उंगली की हरकत से मौसी की चूत गीली हो रही थी.
अब पच पच की हल्की आवाज़ आ रही थी. (xxx mausi chut chudai)
इधर मेरे लंड से माल भी निकल रहा था.
जिससे लंड का टोपा एकदम चिकना हो गया था और झाग बनने की वजह से पच-पच की हल्की आवाज़ आ रही थी.
पांच मिनट हो गए थे जब हम एक दूसरे के गुप्तांगों से खेल रहे थे।
तभी अचानक मौसी की चूत से ढेर सारा पानी निकल आया।
मेरा हाथ मौसी की चूत के पानी में पूरी तरह भीग गया।
इससे उत्तेजित होकर मैं भी झड़ गया और मौसी का पूरा हाथ मेरे गाढ़े माल से सन गया।
मौसी ने अपना हाथ मेरे अंडरवियर और लोअर से बाहर निकाला.
आधा माल मेरे अंडरवियर और लोअर से चिपक कर साफ हो गया था.
लेकिन मौसी का हाथ अभी भी पूरी तरह चिकना लग रहा था.
मैंने भी अपना हाथ मौसी की पैंट से बाहर निकाला.
दोनों शांत हो गईं और मौसी ने चुपके से मेरे कान में कहा- अब सो जाओ, तुम्हारी माँ जाग जाएगी.
अब बाकी का काम हम कल दिन में करेंगे (xxx mausi chut chudai)
मौसी के कहने पर मैं धीरे से वहाँ से उठा और अपनी जगह पर आकर लेट गया.
झड़ने के बाद मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और खुशी भी थी कि मुझे मौसी की चूत चुदाई के लिए मिलेगी.
फिर हम दोनों कंबल ओढ़ कर सो गए.
हम अगले दिन उठे.
मौसी और मैं दिन भर एक दूसरे से छेड़खानी करते रहे.
रात के इंतज़ार में दिन काटना मुश्किल हो रहा था.
हम दोनों बस अकेले होने का मौका तलाश रहे थे.
फिर शाम को मेरी माँ, नानी और मौसी को कहीं जाना था. पर मौसी ने बहाना बनाकर जाने से मना कर दिया।
फिर नानी और माँ चली गईं।
हम भी चाहते थे कि घर पर अकेले रहकर मौसी की चूत चोदने का मौका मिले।
मौसी की चूत की चुदाई शुरू हुई (xxx mausi chut chudai)
माँ और नानी के जाते ही मौसी ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।
फिर हम दोनों जल्दी से कमरे में गए और एक दूसरे पर टूट पड़े।
मौसी और मेरे होंठ मिल गए और मैं मौसी के होंठों को जोर से चूमने लगा।
मौसी भी मेरा साथ देने लगीं।
चूमते-चूमते हम दोनों एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे।
2-3 मिनट में ही हम दोनों बिल्कुल नंगे हो गए।
मौसी मेरे लंड को सहलाते हुए मुझे चूम रही थीं और मैं मौसी के चूतड़ों को दबाते हुए उसे चूस रहा था।
मैं कभी उनकी गर्दन को चूम रहा था, तो कभी उनके कंधों को।
फिर मैंने मौसी के चुचों को चूसना शुरू किया और मौसी के मुँह से कराह निकल गई।
वो मेरे सिर को अपने चुचों में दबाने लगीं और मैं उनके निप्पलों को अपने दांतों से खींचने लगा और हल्के-हल्के काटने लगा।
जैसे ही मैंने मौसी के निप्पल काटे, उनका हाथ मेरे लंड को कस कर रगड़ने लगा।
कुछ देर तक उनके चुचे चूसने के बाद मैं उनकी जांघों के पास घुटनों के बल बैठ गया।
मैंने मौसी की चूत को ध्यान से देखा।
मौसी की चूत बिल्कुल साफ थी। (xxx mausi chut chudai)
उत्तेजना के कारण मौसी की चूत गीली होने लगी थी।
मैंने तुरंत अपना मुँह मौसी की चूत पर रखा और उसे चूसने लगा।
अपनी जांघें फैलाते हुए मौसी ने भी अपनी चूत में मेरी जीभ का स्वागत किया और मैंने अपनी जीभ अंदर डाल दी।
मैं अपनी जीभ को तेजी से अंदर-बाहर करके मौसी की चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा।
मौसी पागल हो गई और मेरे मुँह को अपनी चूत में दबाने लगी।
काफी देर तक मैं अपनी जीभ मौसी की चूत में घुमाता रहा और वो स्स्स्स…आह…आह…आह… कहती हुई कराहती रही।
फिर उन्होंने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और मुझे कम्बल से ढक दिया।
कम्बल के अंदर मौसी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और जोर-जोर से चूसने लगी।
मैं सातवें आसमान पर घूमने लगा।
मौसी मेरे लंड पर अपनी जीभ फिराकर मुझे पागल कर रही थी। (xxx mausi chut chudai)
जब मैं और बर्दाश्त नहीं कर सका तो मैंने कम्बल उतार दिया और मौसी को अपने नीचे गिरा लिया।
मैंने अपना लंड मौसी की चूत पर रखा और लंड को मौसी की चूत पर ऊपर नीचे करने लगा।
मौसी अपनी चूत चुदवाने के लिए तड़पने लगी और अपने हाथों से अपने चुचों को दबाने लगी।
अब मैं भी और नहीं रुक सकता था।
मैंने हल्का सा धक्का दिया और मौसी थोड़ा तड़प उठी और बोली- धीरे धीरे करो।
फिर मैंने थोड़ा जोर लगाया और मेरा आधा लंड मौसी की चूत में घुस गया।
मौसी- मैंने कहा था ना धीरे धीरे करो।
मैंने कहा- सॉरी मौसी।
इसके बाद मैंने लंड को ऐसे ही रखा और मौसी के होंठों को चूमने लगा। (xxx mausi chut chudai)
धीरे धीरे मैं अपनी गांड को आगे पीछे करके अपने लंड को मौसी की चूत में अन्दर बाहर करने की कोशिश करने लगा।
मुझे इतना मजा आया कि मैंने अचानक एक और जोरदार धक्का दिया और पूरा लंड मौसी की चूत में घुसा दिया।
मौसी तड़प उठी और मैंने उसके होंठों को जोर से चूसना और काटना शुरू कर दिया.
अब मौसी खुद ही नीचे से अपनी चूत को मेरे लंड की तरफ धकेलने लगी.
मुझे इशारा मिल गया और मैंने मौसी को चोदना शुरू कर दिया.
हम दोनों चुदाई में खो गए.
हम दोनों के शरीर एक ही लय में आ गए.
मैं ऊपर से धक्का लगाता और मौसी नीचे से अपनी चूत को आगे की तरफ धकेलती.
मैं मौसी की चूत में अपना लंड घुसा कर उन्हें चोदने में स्वर्गिक सुख पाने लगा.
मौसी मेरी पीठ पर अपने नाखून भी चुभो रही थी, जिससे पता चल रहा था कि उन्हें मेरा लंड लेने में कितना मजा आ रहा था.
अब मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
चूंकि मैं पहली बार मौसी की चूत चोद रहा था, इसलिए उत्तेजना और भी ज्यादा थी. (xxx mausi chut chudai)
मैं पूरे जोश के साथ मौसी की चूत चोदने लगा और मौसी भी पूरी प्यास के साथ लंड को अंदर लेने का मजा ले रही थी.
मौसी की चूत 8-10 मिनट तक अच्छे से चुदी जा रही थी.
फिर मौसी का शरीर अकड़ गया और उसने मुझे कस कर गले लगा लिया.
मुझे मौसी की चूत का गर्म पानी अपने लंड पर महसूस हुआ.
चूत से पच-पच की आवाज़ आ रही थी, पर इसी बीच मौसी का शरीर ढीला पड़ने लगा.
अब मैंने भी चूत को जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया और 1-2 मिनट बाद मैं भी मौसी की चूत में ही झड़ गया.
मैं हांफते हुए मौसी के ऊपर लेट गया और वो मेरे बालों को सहलाने लगी.
हम कुछ देर तक लेटे रहे और उसके बाद हमने फिर से चुदाई का एक और राउंड खेला.
उस शाम मैंने मौसी की चूत 3 बार चोदी.
अब मम्मी और नानी के आने का समय हो गया था.
इसलिए हमने ज़्यादा जोखिम लेना ठीक नहीं समझा. (xxx mausi chut chudai)
फिर अगले दिन हम अपने घर के लिए निकलने लगे और मौसी अपने घर जाने लगी.
जाते समय मौसी मेरी तरफ़ देख कर मुस्कुरा रही थी.
मैंने भी मौसी की चूत चोद कर खूब मज़ा लिया.
दोस्तों, ये थी मेरी मौसी की सेक्स कहानी.
आपको मेरी देसी मौसी की चूत चुदाई की ये कहानी ज़रूर पसंद आई होगी. मुझे अपनी राय ज़रूर बताएँ.
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