भाभी की चुदाई मैंने लॉकडाउन में की. मैं वर्क फ्रॉम होम के कारण घर आ गया था. मैं किसी चूत की खोज में था जिससे काम चलाया जा सके. तो एक भाभी दिखी.
रसीली और चिकनी चूत के चाहने वालों को मेरा नमस्कार!
मेरा नाम राघव है और मेरी उम्र 27 साल की है. मुझे अपने से बड़ी उम्र की औरतें चोदना बहुत पसंद है.
शुरू से ही मन में था कि मुझे चालीस से पैंतालीस साल की औरत को चोदने का सुख कब नसीब होगा.
फिर लॉकडाउन में ऊपर वाले ने मेरी सुन ली. (Bhabhi sex story)
मैं : बैंगलोर का रहने वाला हूं. पिछले वर्ष लॉकडाउन में घर पर काम करने की वजह से मैं दिल्ली से वापस अपने घर बैंगलोर आ गया था.
अब मैं घर से ही काम करने लगा था.
परंतु बैंगलोर में आकर मुझे चूत मिलना बंद हो गई थी जैसे कि दिल्ली में मुझे मेरी गर्लफ्रेंड की चूत चोदने को मिल जाती थी.
कुछ दिनों तक तो मैंने हाथ से मुठ निकाल कर काम चलाया, पर दिल है कि मानता नहीं.
मैं सुबह शाम को घर से निकल आता था. नजर इसी पर रहती थी कि शायद कोई ऐसी मिल जाए, जिसको मैं चोदकर अपनी वासना शांत कर लूँ.
Xxx भाभी हॉट चुदाई के लिए मैं बेचैन हो रहा था.(Bhabhi sex story)
कुछ हफ्तों की मेहनत के बाद मुझे एक भाभी मिलीं भी, जो अपना कुत्ता टहलाने के लिए हमारी सोसाइटी में आती रहती थीं.
कुछ दिन तक तो मैं सिर्फ उन्हें देखता था कि वे अकेली आती हैं और अकेली ही कुत्ता टहला कर वापस हो जाती हैं.
धीरे-धीरे मैंने उनसे बात करने का तरीका ढूंढा और एक दिन ऐसे ही उनके पास जाकर पूछा- आपको पहले कभी नहीं देखा है … क्या आप नयी आई हैं?
उन्होंने मुझे जवाब दिया- मैं तो यहां पर नयी नहीं हूं. पर शायद आप नए हो, जो आप मुझे नहीं जानते हो.
इसके बाद बातों बातों में मालूम पड़ा कि उनके पति देश के बाहर कहीं जॉब करते हैं और वह लॉकडाउन की वजह से अपने देश वापस नहीं आ पाए.
मेरे मन में तुरंत लड्डू फूटा कि इनकी चूत प्यासी हो सकती है … और मैं इन्हें सैट करके इनकी व अपनी प्यास मिटा सकता हूँ.
अब मैं रोजाना उसी समय का इंतजार करने लगा कि कब शाम हो. कब वो अपना कुत्ता टहलाने के लिए सोसाइटी में आएं.
इस तरह से मेरी उसकी बातचीत लगभग रोज होने लगी.(Bhabhi sex story)
धीरे-धीरे बातों में हम दोनों ने एक दूसरे के नंबर शेयर किए और उसके बाद मोबाइल का इस्तेमाल शुरू हो गया.
मैं कभी-कभी उनको सामान्य मैसेज करने लगा.
एक दिन जानबूझकर मैंने उन्हें ऑनलाइन देख कर एक गंदा सा मैसेज भेजा और उसके बाद उसको डिलीट फॉर ऑल कर दिया.
इस पर उनका रिप्लाई आया कि क्या भेज दिया … देख कर भेजा करो.
मैं सकपका गया और मुझे लगा कि आज बात खत्म हो गयी.
तो मैं उनसे माफी मांगने लगा.
मुझे लगा कि आज शाम को वो कुत्ता घुमाने नहीं आएंगी. (Bhabhi sex story)
पर उस दिन शाम को वह लोअर और हाफ टी-शर्ट पहन कर आईं, जिसे देखकर मुझे समझ आ गया कि भाभी मूड में हैं.
मैंने उनके करीब जाकर उनकी तारीफ़ की जिससे वो खुश हो गईं.
फिर बात हुई तो साफ़ लगने लगा कि इनकी चूत का नशा मेरे लंड से ही उतरेगा.
बातों ही बातों में उन्होंने बताया- आजकल मैं घर पर अकेली ही रहती हूँ. मेरा बेटा भी अपनी मौसी के घर गया था पर लॉक डाउन होने की वजह से वह भी वापस नहीं आ सका है.
मैंने कहा- अरे तो आप कहें तो मैं आपका अकेलापन दूर करने आपके साथ आपके घर आ जाऊं?
वो हंस दीं और हम दोनों खुल कर बातें करने लगे.
मैंने अगले दिन अकेलापन दूर करने के लिए साथ में मिलकर घर पर पिक्चर देखने का प्लान बनाया जिससे कि उनका अकेलापन दूर हो सके और हम दोनों की दोस्ती हो जाए.
वह इस बात पर राजी हो गईं. (Bhabhi sex story)
बस फिर क्या था.
उस दिन मैं रात में अपने घर आया और मैंने अपने लंड के बाल साफ किए.
उस दौरान मुझे उनकी ही याद आ रही थी और लंड खड़ा हो गया था.
मैंने उसी रात में यह सोच कर एक बार अपने लंड का माल निकाल दिया कि मैं भाभी को चोद रहा हूं.
माल निकलने के बाद थकान हुई और मैं सो गया.
अगले दिन जब सुबह मैं उठा और उनके घर जाने की योजना बनाने लगा.
लेकिन उसके लिए मुझे अपने घर से जाने की इजाजत लेनी जरूरी थी क्योंकि लॉकडाउन चल रहा था.
बाद में मौक़ा पाकर मैंने मम्मी पापा को बताया कि इधर पास में ही एक दोस्त रहता है, मैं उसके जा रहा हूं. वापस आने में शाम हो जाएगी.
मम्मी ने हां कह दी. (Bhabhi sex story)
मैंने अपना लैपटॉप उठाया और गाड़ी उठा कर भाभी के साथ सुहागरात मनाने के लिए उनके घर पहुंच गया.
भाभी समझ गई थीं कि मामला एकदम गर्मागर्म है और मूवी देखने का तो सिर्फ बहाना है.
मैं भी जानता था कि हम दोनों को एक दूसरे की जरूरत है.
इसलिए उन्होंने ज्यादा वक्त बर्बाद नहीं किया और बैठकर बातों ही बातों में मुझसे पूछा- तुम अपनी फिजिकल जरूरत कैसे पूरी करते हो?
मैंने बताया कि दिल्ली में मेरी एक फ्रेंड है. उसके साथ में जब मेरा होता है या उसका मन होता है तो हम लोग सेक्स कर लेते हैं. आप बताइए आप कैसे करती हो?
तब उन्होंने शायराना अंदाज में कहा- क्या बताएं यार, मैं तो तन्हा ही उम्र गुजार रही हूँ … सनम की याद में!
मैंने हंस कर कहा- ऐसा मत कहिए. मैं आपकी तन्हाई दूर करूंगा.
ये कह कर मैंने आगे बढ़कर उनके गालों के नीचे गर्दन पर एक किस कर दिया.
वह पहले तो सकपका गईं, पर खुश भी हो गईं. (Bhabhi sex story)
उसके बाद भाभी ने मुस्कुरा कर मुझे देखा और उठकर गांड हिलाती हुई अपना गेट बंद करने लगीं.
उसके बाद उन्होंने वहीं से मुझे देखा और अपने होंठों पर जीभ फेरी.
मैंने आंख मार कर अपना लंड सहला दिया.
वो नशीली चाल से मेरे करीब आईं और मेरा हाथ पकड़ कर अन्दर वाले कमरे में ले गईं.
अन्दर आकर उन्होंने मुझे बेड की तरफ चलने का इशारा किया और कमरे का दरवाजा बंद कर दिया.
मैं उन्हें देखने लगा.
भाभी मादक भाव से चलती हुई बेड पर मेरे बाजू में बैठ गईं.
अब हम दोनों कमरे में बैठे थे.
उन्होंने मेरा खड़ा हुआ लंड देखकर कहा- अभी करना है … या थोड़ा मूड बनाना है? (Bhabhi sex story)
मैंने भाभी को अपने पास खींचते हुए किस करना शुरू कर दिया और ऊपर से ही उनके दूध दबाने लगा.
वो मेरे होंठों से लग गईं और कम से कम पांच मिनट तक ऐसे ही चूसने के बाद मैंने उनके टॉप के अन्दर से हाथ डाल कर मम्मों को दबाना शुरू कर दिया.
भाभी की आह आह निकलने लगी.
ऐसे ही दबाते दबाते भाभी के एक निप्पल को अपनी दो उंगलियों के बीच दबा कर उसको मींजते हुए कहा- भाभी मेरा तो मूड बना हुआ है, मुझे तो अभी करना है … आप अपनी बताओ कि अभी लेना है या बाद में लोगी?
मैंने भाभी जी से पूछा तो वो बोलीं- क्या दोगे?
तो मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने लौड़े पर रख दिया और कहा- ये … चैक कर लो … मस्त मूसल है.
लंड पर हाथ फेरते ही भाभी का मूड बन गया और पूछने लगीं- ऐसे ही रांड बना कर लोगे या दुल्हन बनाकर चोदना है?
मैंने कहा- रंडियां तो बहुत चोद चुका हूँ … अब तो मैं आपको दुल्हन बनाकर चोदना चाहता हूं. (Bhabhi sex story)
उन्होंने मुझसे कहा- ठीक है तुम थोड़ी देर बाहर बैठ कर टीवी देखो, तब तक मैं दुल्हन बन जाती हूँ. शादी वाला लहंगा चुनरिया पहन लेती हूं. उसके बाद मैं तुमको आवाज दूंगी. तब कमरे में आ जाना.
मैंने भाभी को चूमा और बाहर बैठकर टीवी पर पिक्चर देखने लगा.
तभी भाभी ने आवाज लगा कर कहा- तुम भी नहा लो.
मैंने कहा- ओके.
तब मैंने सोचा कि नहाने की कहने का मतलब है कि भाभी खुल कर मैच खेलना चाहती हैं. मतलब लंड चूत चूस कर मजा लेना चाहती हैं.
मैं नहाने चला गया.
नहाते समय मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि अभी अन्दर भाभी के साथ खुल कर मैच खेलना है और खूब देर तक दबा दबा कर भाभी को चोदना है.
इज्जत का सवाल है आज भाभी को अपने लंड का गुलाम बनाना ही है. (Bhabhi sex story)
मैं लंड को अच्छे से साफ़ करके बाथरूम से बाहर आ गया.
मैंने कुरता पजामा पहना हुआ था.
अभी मैं बैठा ही था कि कुछ ही देर बाद भाभी की आवाज आ गई- अन्दर आ जाओ देवर जी!
मैं जैसे ही अन्दर घुसा तो हतप्रभ रह गया.
मैंने देखा कि भाभी एक लाल लहंगा पहने हुए एक कोने में बैठी हुई थीं और बाजू की टेबल पर एक दूध का गिलास रखा हुआ था.
भाभी ने मुझे देखा तो तुरंत उठ कर मेरे करीब आईं और मेरे पैर छूकर मुझसे बोलीं- आप आज मेरे एक दिन के पति बन जाओ … आओ प्राणनाथ बैठो.
उनके इस तरह से झुक कर पैर छूने से मैं सकपका गया और ‘अरे अरे …’ कहते हुए मैंने उनकी बांहों को पकड़ कर उठाया.
आह … एकदम मलाई सी चिकनी बांहों को पकड़ते ही लंड ने झुरझुरी सी ली और लंड एकदम से अकड़ गया.
भाभी ने मुझे दूध का गिलास लाकर मेरे हाथों में दे दिया. (Bhabhi sex story)
मैंने एक घूंट पी लिया और उनके होंठों से गिलास लगा दिया.
भाभी भी उसी गिलास से दूध पीने लगीं.
फिर दूध का गिलास खत्म करके मैं उनके लिपस्टिक लगे होंठों को चूसने लगा.
भाभी भी मेरे मुँह में अपनी जीभ देती हुई चुम्बन का मजा लेने लगीं.
इसके बाद मैंने खुद अपने कपड़े उतारे और धीरे से भाभी के लहंगे का नाड़ा ढीला कर दिया.
लहंगा ढीला हुआ तो सरसराता हुआ नीचे सरकने लगा.
भाभी नीचे से पैंटी में रह गईं. (Bhabhi sex story)
उसके बाद मैंने उनको अपनी बांहों में भरा और उनके ब्लाउज के पीछे लगे बटन खोलने लगा.
ब्लाउज के हुक खोलने के बाद मैंने उसको उतारा नहीं, बस यूं ही ब्लाउज के साथ भाभी के मम्मों को मसलने लगा.
भाभी आह आह करने लगीं.
फिर मैंने एक झटके से हाथ से खींचकर ब्लाउज को हटा दिया.
अब भाभी मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं. उन्होंने जालीदार ब्रा पैंटी पहन रखी थी, जो नारंगी रंग की थी.
पैंटी की जाली से भाभी की सफाचट चूत साफ दिख रही थी.
चिकनी चूत देख कर एकदम साफ़ समझ आ रहा था कि भाभी ने आज ही झांटों को बनाया है. (Bhabhi sex story)
मैंने घुटनों के बल बैठ कर भाभी की पैंटी को बिना उतारे हुए हल्का सा किनारे कर दिया और उनकी चूत में अपनी जुबान डाल दी.
जुबान डालते ही गुदगुदी की वजह से वह कसमसाने लगीं और पीछे को हटने की कोशिश करने लगीं.
इसी कोशिश में भाभी बेड पर गिर पड़ीं.
वो कहने लगीं- मैं आजके लिए तुम्हारी बीवी हूं … इतनी जल्दी क्या है!
पर मैं भूखा शेर सा तड़फ रहा था, चूत का स्वाद चखने के बाद अब कहां रुकने वाला था.
मैं चूत पर टूट पड़ा और चाट चाट कर चूत का दाना लाल कर दिया.
भाभी की चूत विकट गर्म हो गई थी.
वो सीत्कार भरती हुई बोलीं- अब बस भी करो … क्या बिना चोदे ही रस निकाल दोगे? (Bhabhi sex story)
मैंने कहा- पहले तो बिना चोदे निकाल दूँगा … फिर चोद कर पानी निकाल दूँगा.
भाभी मस्त हुई पड़ी थीं.
इसके बाद मैं ऊपर उठा और उनके गले के पास जाकर अपना अंडरविअर हटाकर अपना लंड उनके मुँह में दे दिया.
मेरा मोटा और काला चिकना लंड देखकर भाभी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
उन्होंने मुझसे कहा- तुम्हारा लंड देख कर मेरी नीयत डबडबा गई है. मैं तुमको एक शर्त पर अपनी चूत दूंगी.
मैं नंगा लड़का चूत के लिए भाभी की हर शर्त मानने को तैयार था.
मैंने लंड हिलाते हुए कहा- आपकी हर शर्त मान लूंगा … पहले आप मेरे लंड को अपने मुँह में लो. (Bhabhi sex story)
उन्होंने कहा- ठीक है मैं ले लूंगी. पर मेरी शर्त यह है कि तुम जब तक यहां रहोगे, तब तक मुझे चोदने आया करोगे.
मैं उत्साह में था. मैंने झट से भाभी की बात मान ली और उनके मुँह में अपना लंड डाल दिया.
भाभी मेरे लंड को ठीक ऐसे चूस रही थीं जैसे कोई भूखा बच्चा लॉलीपॉप चूसता है.
मैं उनकी दोनों चूचियों को अपने हाथों से गोल गोल घुमाता हुआ रगड़ रगड़ कर मसल रहा था.
भाभी भी लंड की गोलियों को मुँह में ले रही थीं और कभी लंड को जीभ से चाट रही थीं.
उन्होंने लंड को चूस चाट कर एकदम से कड़क कर दिया था.
मुझसे रहा नहीं गया और मेरा लंड उनके मुँह में झड़ गया.
उन्होंने माल मुँह में ले लिया लेकिन खाया नहीं.
बाद में पूरा माल अपने कमरे के फर्श पर थूक दिया. (Bhabhi sex story)
मैंने कहा- अब लंड खाली हो गया है … अब हम लोग देर तक असली खेल खेलेंगे.
वो बोलीं- जरूर … पर पहले अपने लंड को वापस खड़ा कर लो.
मैंने कहा- हो जाएगा मेरी प्यारी भाभी जी. बस आप थोड़ी देर और चूस लो.
वो लंड को साफ़ करके फिर से चूसने लगीं और मैं उनकी चूचियां पीने और रगड़ने लगा.
दस मिनट के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने हल्का सा थूक लगाकर अपना लंड उनकी चूत में पेल दिया.
कई महीनों से ठुकाई नहीं कारण भाभी की चूत टाइट हो गई थी.
दो तीन झटके के बाद लंड खुद-ब-खुद चूत में सैट हो गया और मस्त चुदाई चालू हो गई.(Bhabhi sex story)
कम से कम 15 मिनट चोदने के बाद मैंने कंगना भाभी को बेड का किनारा पकड़ा कर घोड़ी बना दिया और उनकी गांड के छेद को साफ़ करके चाटने लगा.
गांड को चाट कर गीला कर दिया और उसमें अपना लंड डाल दिया.
जिस वजह से वह पागल हो गई थीं क्योंकि भाभी की गांड बहुत टाइट थी.
वो चिल्लाने लगी थीं- आंह मर गई … बाहर निकालो इसको … मैं मर जाऊंगी.
पर मैं कहां मानने वाला था … मैंने उनकी कमर को पकड़ कर दो तीन झटके में पूरा लंड गांड के अन्दर पेल दिया.
और दे धक्के दे धक्के मैं भाभी को चोदे जा रहा था.
भाभी की गांड चुदाई मुझे सामने लगे शीशे से साफ दिखाई पड़ रही थी.
मैं भाभी के बाल पकड़कर उन्हें घोड़ी की तरह चलाता हुआ चोद रहा था.
कंगना मेरे लंड को चाबुक समझ कर गांड हिलाती हुई दनादन दौड़ी जा रही थीं. (Bhabhi sex story)
तभी मुझे अपने लंड के पास हल्का गीला सा महसूस हुआ.
मैंने जैसे ही हाथ ले जाकर देखा, तो खून था. मैं समझ गया कि जिस घोड़ी की मैं सवारी कर रहा हूँ वो कुंवारी गांड वाली घोड़ी हैं.
मैंने भाभी को कुछ नहीं बताया और उनकी गांड मारता रहा.
कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने पूरा माल भाभी की गांड में छोड़ दिया और गांड में से लंड निकाल लिया.
अब मैंने अपने लंड को भाभी के कमरे के परदे से साफ किया और भाभी के बाजू में लेट गया.
कुछ देर तक भाभी ऐसे ही अचेत लेटी रहीं.
फिर मैंने भाभी की चूत को चूसना शुरू कर दिया.
मैंने उनकी चूत को चूस कर गीला किया और उनकी चूत में फिर से अपना चेतक उतार दिया. (Bhabhi sex story)
भाभी हल्की से कराहीं और उन्होंने लंड को चूत में समा लिया.
मेरा चेतक भाभी की गुफा में पूरी ताकत से दौड़ लगाये जा रहा था.
भाभी की चूत भी लगातार चुद चुद कर लाल हो गई थी और नाभि के नीचे की साइड सूज गयी थी.
पर मैं कहां मानने वाला था.
मैंने भाभी को तब तक चोदा, जब तक लंड ने उसकी चूत में उल्टियां करना शुरू नहीं कर दिया.
भाभी की चूत की फांकें सुर्ख लाल हो गयी थीं, पर चुदाई का सुख भाभी के चेहरे से साफ़ दिख रहा था.
मुझे भी लगा कि आज मेहनत सफल हो गई है.
इसके बाद मैं सो गया.
थोड़ी देर बाद जब मैं उठा तो मैंने देखा कि भाभी बाजू में नहीं हैं.
वो किचन में कुछ खाने को बना रही थीं. पर वो पैर फैला कर खड़ी थीं. (Bhabhi sex story)
मैं समझ गया कि मेरे लंड ने भाभी की गांड और चूत दोनों को मसल दिया है, इसलिए ये टांगें फैला कर खड़ी हैं.
मैंने पूछा- भाभी क्या बना रही हो?
उन्होंने कहा- पोहे और चाय बना रही हूँ, खा पी लो. उसके बाद फिर से खेलेंगे.
मैंने कहा- फिर से खेलना ही है, तो बाद क्या होता है?
भाभी हंसने लगीं.
मैंने उनको पकड़ कर किचन की पट्टी पर टिका कर फिर से घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर दिया. (Bhabhi sex story)
इस बार मैंने अपने खड़े लंड से भाभी की चूत को चोदा और चाय में उबाल आने से पहले मेरे लंड में उबाल आ गया.
मैं कंगना भाभी की चूत में झड़ गया और भाभी को खुश कर दिया.
इस तरह मैं 45 दिन तक बैंगलोर में रहा और लगातार उस भाभी की दिन में कई कई बार चुदाई की.
मैंने किसी भी दिन दो बार से कम नहीं खेला और उसकी चूत को और गांड को फैलाकर चौड़ा कर दिया था.
मैंने भाभी की चुदाई करके उनकी रसीली चूत को भोसड़ा बना दिया था. (Bhabhi sex story)
आज भी बात होती है तो भाभी कहती हैं कि बैंगलोर आना तो मुझसे जरूर मिलना.
मैं जब भी बैंगलोर जाता हूं और उस दिन अगर भाभी के पति घर नहीं होते हैं, तो कम से कम दो बार चोद कर आता हूं.
क्या करूँ अपने से बड़ी उम्र की भाभी मेरी कमजोरी है. फिर भाभी की रसीली चूत से कैसे दूर रह सकता हूँ.
तो दोस्तो, आपको मेरी भाभी की चुदाई कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं.
धन्यवाद.
मेरी मेल आईडी है
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