wild fantasy ki bhabhi sex story में पढ़ें कि कैसे मैंने मौक़ा मिलते ही अपनी मकान मालकिन की गांड मारी. उसकी चूत तो मैं पहले ही चोद चुका था.
wildfantasystories पढ़ने वाले सभी मित्रों को दीपक की तरफ से नमस्कार.
मेरी पिछली सेक्स कहानी
मकानमालकिन भाभी की चुदाई Part -1
में मैंने आपको बताया था कि किस तरह मैंने अपनी मकान मालकिन माया भाभी को रात को अपने कमरे में हचक कर चोदा था.
मेरा लंड भी नई चूत पाकर बहुत खुश था. (bhabhi sex story)
अब आगे पढ़ें bhabhi sex story :
मेरी माया भाभी से अच्छी दोस्ती हो चुकी थी.
उनके घर में मेरा आना जाना अब आम बात हो गई थी.
मैं जब भी फ्री होता तो कभी अम्मा जी के पास बैठकर बातें करने लगता तो कभी कभी दिव्या के साथ खेलने लगता.
धीरे धीरे मैं उनके घर का सदस्य बन गया था.
माया भाभी को मैंने उस रात जमकर चोदा था, जिससे वो भी मेरी चुदाई की दीवानी हो गई थीं.
हम दोनों को जब भी मौका मिलता तो हम दोनों चुम्मा चाटी करने लगे थे.
एक दिन मैं कंपनी में ओवरटाइम में काम कर रहा था, तभी माया भाभी का फोन आया.
वो बोलीं- दीपू क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ खास नहीं.
वो बोलीं- एक खुशखबरी है.
मैंने झट से पूछा- क्या है? (bhabhi sex story)
वो बोलीं- मेरी अम्मा जी दो दिन के लिए दिव्या और मुहल्ले की औरतों के साथ हरिद्वार जा रही हैं. तुम घर जल्दी आ जाना.
मैंने पूछा- अम्मा कितने बजे जाएंगी?
भाभी ने बताया कि बस वो दोनों दस मिनट बाद चली जाएंगी.
मैंने जल्दी से अपना काम ख़त्म किया और अपने रूम के लिए निकल पड़ा.
उस वक्त घड़ी में शाम के सात बज गए थे, जब मैं ऑफिस से घर के निकला था.
मैंने अपने रूम में पहुंच कर कपड़े बदले ही थे कि तभी माया भाभी का फोन आ गया- दीपू कहां हो तुम?
तो मैंने कहा- मैं अपने रूम में हूं.
माया भाभी बोलीं- तू नीचे आ जा. घर में अब मैं अकेली हूं.
मैं थोड़ी देर में उनके घर पहुंच गया और दरवाजा अन्दर से बंद कर लिया.
माया भाभी किचन में खाना बना रही थीं. (bhabhi sex story)
मैंने आवाज दी तो वो बोलीं- रूम में पहुंचो, मैं बस काम निपटा कर अभी आ रही हूं.
मैं कमरे में गया तो भाभी ने बेड में नई बेडशीट बिछाई थी और पूरा कमरा इत्र की सुगंध से महक रहा था.
थोड़ी देर में माया भाभी आ गईं.
उन्हें देख कर मेरी आंखें बड़ी हो गईं. वो एक पतली सी गुलाबी नाइटी में सज धजकर तैयार थीं.
मैं चुपचाप एकटक भाभी को देखने लगा.
माया भाभी बड़ी अदा से चलती हुई मेरे पास आकर बोलीं- दीपू , क्या हुआ? तुमने मुझे पहली बार देखा है क्या?
मैंने कहा- नहीं, लेकिन आज तो आप बहुत खूबसूरत लग रही हो.
मैंने भाभी का हाथ पकड़ कर उन्हें अपने पास खींच लिया.
माया भाभी बोलीं- आज की रात बस हम दोनों हैं. चलो पहले खाना खा लेते हैं.
फिर हम दोनों हॉल में आकर खाना खाने लगे.
आज माया भाभी ने मेरी पसंद का बैंगन भर्ता बनाया था.
हमने एक-दूसरे को खाना खिलाया और फिर दोनों बेडरूम में आ गए.
दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे और होंठों को चूसने लगे. (bhabhi sex story)
होंठों को चूसते चूसते हमने अपने कपड़े उतार दिए और दोनों नंगे हो गए.
आज माया भाभी की चूत बिल्कुल चिकनी लग रही थी.
साफ़ समझ आ रहा था कि मेरे आने से कुछ पहले ही उन्होंने अपनी चूत को चिकनी चमेली बना कर साफ की होगी.
मैंने देर ना करते हुए उन्हें लिटा दिया और उनकी चूत चाटने लगा.
वो आह आह उईई उईई करने लगीं. साथ ही खुद अपने हाथों से अपनी दोनों चूचियों को मसलने लगीं और होंठों को भींचती हुई मादक कराहें भरने लगीं.
मैंने भाभी की चूत में जीभ को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. वो और जोर जोर से ‘आह आह उईई उईई …’ करके चिल्लाने लगीं.
घर पर आज कोई नहीं था. माया भाभी खुल कर चिल्ला रही थीं और इससे मुझे भी मजा आने लगा था. मैं भी बेख़ौफ़, अपनी जीभ से उनकी चूत को चोदने लगा. जिसका नतीजा ये हुआ कि भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया.
मैं चूत चाटने लगा, नमकीन पानी चाटने में मुझे बेहद मजा आ रहा था.
माया भाभी बोलीं- दीपू मुझे भी चूसने दो. (bhabhi sex story)
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और वो गपागप गपागप लंड चूसने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने माया भाभी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिससे भाभी की फूली हुई चूत ऊपर उठ गई.
अब मैं ऊपर आकर चूत में लंड रगड़ने लगा.
माया भाभी बोलीं- दीपू डालो न प्लीज़.
मैंने उनके होंठों पर होंठ रख दिए और जोर से धक्का लगा दिया.
मेरा पूरा लंड सनसनाता हुआ अन्दर चला गया.
माया भाभी ‘आह मर गई …’ कह कर कसमसाने लगीं और मैं लंड अन्दर बाहर करने लगा.
अब धीरे धीरे माया भाभी को भी मज़ा आने लगा और वो अपनी कमर चलाने लगीं.
कुछ ही देर में मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार पहले से भी तेज कर दी और भाभी की ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.
अपने दोनों हाथों से चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा, दबाने लगा.
फिर माया भाभी को उठाकर गोद में बैठा लिया और तेजी से चोदने लगा.
वो भी कमर चलाती हुई मुझे किस करने लगीं.
माया भाभी अपनी दोनों टांगों से जर्क देती हुई खुलकर लंड लेने लगी थीं और लंड पर अपनी चूत का दबाव बढ़ाने लगी थीं.
कुछ ही देर में शायद माया भाभी की आग अपनी जवानी पर आ गई और उन्होंने मेरे गले में हाथ डाल लिए. (bhabhi sex story)
उनका इशारा मैं समझ गया और उनकी गांड को अपने हाथ से सहारा देकर खड़ा हो गया.
मैं भाभी को अपनी गोद में लेकर चोदने लगा और उनकी बड़ी सी मखमली गांड को अपने हाथों में लेकर उन्हें लंड पर उछालने लगा.
माया भाभी की सिसकारियां तेज़ होने लगीं और वो खुद से कमर दबाती हुई मेरे लंड पर चूत का दबाव डालने लगीं.
उनकी तेज आवाजों ने जता दिया था कि उनका काम तमाम होने वाला है.
अगले कुछ ही पलों में भाभी की चूत ने रस छोड़ दिया और उनकी जांघों से चूत की मलाई बहने लगी.
काफी चिकनाहट हो गई थी. लंड बार बार फिसल सा रहा था, तो मैंने माया भाभी को वापस बिस्तर पर लिटा दिया और लंड मुँह में डालकर चोदने लगा.
आज की रात हमें कोई रोकने वाला नहीं था.
कुछ देर बाद मैंने माया भाभी को घोड़ी बनाया और पीछे से लौड़ा पेल कर उन्हें चोदने लगा.
वो फिर से चार्ज हो गई थीं और ‘आहहह आह …’ करके अपनी गांड उठाती हुई चूत आगे पीछे करने लगी थीं.
मैंने उनकी दोनों चूचियों को पकड़ लिया और भरकर दबाने लगा.
उनकी ‘आंह उन्ह …’ निकलने लगीं और मैं तेजी से धक्के लगाने लगा.
माया भाभी- दीपू आंह आज जमकर चोदो मुझे … मैं कब से तड़प रही थी … आंह और तेज चोदो दीपू … आहहह आह लव यू मेरी जान.
मैं पूरे जोश में आकर भाभी को चोदने लगा. (bhabhi sex story)
अब दोनों एक दूसरे के धक्कों का जबाव पूरी ताकत से और वासना से भरी हुई सिसकारियों से दे रहे थे.
माया भाभी अपने पति से अलग होने के इतने साल बाद पहली बार पूरी खुलकर चुदवा रही थीं.
हम दोनों ने अपनी अपनी रफ़्तार बढ़ा दी थी और दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया.
माया भाभी बाथरूम चली गईं और वहां से आते समय मेरे लिए बादाम वाला दूध लेकर आ गईं.
भाभी मुझे अपने हाथों से दूध पिलाने लगीं.
दूध पीने के बाद मैंने भाभी को अपने बाजू में लिटा लिया और अपना फोन उठा कर उसमें एक सेक्सी मूवी लगा दी.
हम दोनों धीरे धीरे गर्म होने लगे.
भाभी ने फोन मेरे हाथ से लिया और उसे बंद करके मेरे होंठों से लग गईं.
हम एक दूसरे को मूवी के एक्टर्स की तरह चूमने लगे.
मैंने माया भाभी से धीरे से कहा- भाभी, मुझे आज आपकी गांड मारनी है.
माया भाभी ने साफ साफ मना कर दिया और बोलीं- दीपू , अपनी हद में रहो, तुमने मुझे क्या समझा है?
मैंने उनका हाथ पकड़ते हुए प्यार से कहा- माया भाभी आप तो मेरी जान हो.
वो बोलीं- फिर अकेले में माया भाभी क्यों बोल रहे हो? क्या माया बोलने में कोई दिक्कत है?
मैंने भाभी के गाल को चूमते हुए कहा- नहीं मेरी जान माया, प्लीज़ मान जाओ ना. (bhabhi sex story)
वो बार बार मना करने लगीं.
मेरे बार बार पूछने पर भाभी ने कहा- मैंने कभी गांड में लौड़ा नहीं लिया. मेरी सहेली ने बताया था कि उसका पति गांड मारता है, तो उसे बहुत ज्यादा दर्द होता है.
मैंने भाभी के होंठों को चूसना शुरू कर दिया और उनकी रसभरी चूचियों को चूसते चूसते नीचे आने लगा.
अब धीरे धीरे माया भाभी गर्म हो गईं.
मैंने धीरे से कान में कहा- आई लव यू जान … तुम्हें दर्द नहीं होगा, बल्कि मजा आएगा. और यदि दर्द होगा तो मैं नहीं करूंगा.
माया भाभी बोलीं- ठीक है, लेकिन अगर मुझे दर्द हुआ तो फिर मैं कभी नहीं करने दूंगी.
मैं मन में खुश हो गया और बोला- मैं वादा करता हूं डार्लिंग, मैं तुम्हें इतना मजा दूंगा कि तुम खुद बोलोगी आओ पीछे से चोदो. बस जल्दी से घी ले आओ.
मेरी बात सुनकर भाभी मुस्कुराती हुई रूम से बाहर चली गईं और हाथ में घी की कटोरी लेकर आ गईं.
मैं समझ गया कि भाभी का खुद से गांड मराने का मन है.
मैं उन्हें पकड़ कर चूमने लगा और उनकी गांड में हाथ फेरने लगा. (bhabhi sex story)
भाभी की गांड मस्त भरी हुई थी और मुझे मजा आने वाला था.
मैंने बिल्कुल भी जल्दी नहीं की और धीरे धीरे भाभी को गर्म करने लगा.
तब मैंने माया भाभी की जांघों को चूमना शुरू कर दिया. फिर धीरे धीरे उन्हें उल्टा लिटा दिया और चूत के नीचे तकिया लगा दिया.
इसके बाद मैंने भाभी की दोनों टांगों को फैला दिया और उनके दोनों चूतड़ों की खाई को सहलाने लगा.
भाभी की नर्म गांड खुलने बंद होने लगी.
मैंने कटोरी से अपनी उंगलियों की पोरों में घी लिया और गांड के छेद पर लगाने लगा.
भाभी की ‘उन्ह आंह …’ निकलने लगी.
फिर मैं गांड के छेद में एक उंगली पेल कर धीरे धीरे उनकी गांड को ढीला करने लगा.
उन्हें गुदगुदी हो रही थी.
मैं दूसरे हाथ से बीच बीच में उनकी चूचियों को दबाने लगा, पीठ पर चूमने लगा और कूल्हे पर हाथ फेरने लगा.
कुछ ही देर में माया भाभी गर्म हो चुकी थीं और ‘आहह आहह …’ करके धीरे धीरे गांड हिलाने लगी थीं.
मैं अब सामने आ गया और भाभी को लंड चुसाने लगा.
वो गप गप करके लंड को मजे से चूसने लगीं.
मैं पीठ पर हाथ फेरने लगा. (bhabhi sex story)
कुछ देर बाद मैं लंड हाथ में लेकर पीछे आ गया और उनकी गांड के छेद पर घी की कटोरी को लगा कर गांड में घी भर दिया. उंगली चला कर गांड को समझाया कि कुछ नहीं होगा.
भाभी की मस्ती के साथ उनकी गांड भी बेख़ौफ़ होने लगी थी तो वो अपनी गांड को खोल बंद करके घी गांड में लेने लगीं.
इधर मैंने अपने लंड के टोपे को घी में डुबो दिया और सुपारा घी से तर कर लिया.
फिर मैंने माया भाभी की कमर पकड़कर कर लंड को गांड के छेद में रखकर एक धक्का लगा दिया.
वो ‘उई उईई ईई उईई मर गई बचाओ मर गई … निकाल बाहर … आं मर गई निकाल बाहर …’ चिल्लाने लगीं.
मैंने लंड को रोक दिया और उनकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा, उनकी चूचियां दबाने लगा.
वो बोलने लगीं- जल्दी निकाल, मुझे नहीं करवाना!
मैं चुपचाप चूमता रहा और चूचियों को मसलता रहा. (bhabhi sex story)
अब धीरे धीरे माया भाभी की कामुक सिसकारियां आह आह निकलने लगी और उनकी कमर हिलने लगी.
मैंने भाभी को दोनों चूचियों को कसकर पकड़ लिया और जोर से धक्का लगा दिया.
इस बार मेरा पूरा लौड़ा अन्दर चला गया.
वो, ‘उईई उईई बचाओ बचाओ बचाओ मर गई मम्मी बचाओ मर गई मम्मी बचाओ …’ चिल्लाने लगीं.
मैंने भी जल्दी जल्दी झटके लगाना शुरू कर दिए.
उसकी दोनों चूचियों को मसलने लगा और धक्के पर धक्का लगाने लगा.
कुछ ही शॉट में माया भाभी की गांड का छेद खुल चुका था और वो भी आह आहहह आहहह करके तेजी से अपनी गांड आगे पीछे करने लगी थीं.
मैंने माया भाभी की चोटी पकड़ कर उन्हें चोदना शुरू कर दिया.
वो मस्ती से आह आह करके गांड चला चला कर लंड लेने लगी थीं.
मैंने पूरा लौड़ा निकाल लिया और गांड में घी लगाकर एक झटके में पूरा अन्दर डाल दिया और चोदने लगा.
माया भाभी- आह आह दीपू … दीपू और चोदो मजा आ रहा है तुम कितना अच्छा चोदते हो. (bhabhi sex story)
अब मैं और जोश में आकर चोटी पकड़ कर चोदने लगा और बोला- ले साली ले … आज तेरी गांड़ फाड़ दूंगा.
माया भाभी बोलने लगीं- दीपू गांड तो तूने फाड़ दी, अब तू मुझे जमकर चोद … मुझे बहुत मजा आ रहा है.
मैंने उन्हें लंड पर बैठने को कहा.
वो तुरंत मान गईं और मेरे लौड़े पर अपनी गांड रखकर बैठ गईं.
लंड सटाक से अन्दर चला गया.
वो ‘उईई उईई करके धीरे धीरे उछलने लगीं और मैं नीचे से धक्के लगाने लगा.
हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे.
माया भाभी की आंखों में चमक बढ़ने लगी थी.
उन्हें मेरी गांड चुदाई पसंद आ रही थी.
मैंने वापस माया भाभी को घोड़ी बनाया और चोदने लगा.
वो भी आह आहहह करके गांड तेजी से आगे पीछे करने लगीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ जान, दर्द हो रहा हो तो निकाल लूं? (bhabhi sex story)
वो बोलीं- नहीं मेरे दीपूा, मुझे बहुत मजा आ रहा है, आज से तुझे मेरी गांड भी मारनी पड़ेगी.
मैं सुनकर खुश हो गया और चोटी पकड़ कर भाभी की गांड चोदने लगा.
अब हर धक्के के साथ लंड में तनाव बढ़ने लगा. ऊपर से माया भाभी भी अपनी गांड को जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगीं.
मैंने माया भाभी की दोनों चूचियों को कसकर पकड़ लिया और जल्दी जल्दी झटके लगाने लगा.
तभी लंड ने ज्वालामुखी छोड़ दिया, वीर्य की पिचकारियां गांड में निकलने लगीं.
मैं उनके ऊपर आ गया और वो नीचे लेट गईं.
हम दोनों थक चुके थे और सो गए.
सुबह 5 बजे मेरी नींद खुली तो मैं माया भाभी के बगल में सो रहा था.
मैं उठकर बाथरूम में गया.
फिर मैं रूम में वापस आया तो मेरी नज़र माया भाभी की बड़ी सी गोल खुली गांड पर पड़ी.
मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.
भाभी मीठी नींद में सो रही थीं. (bhabhi sex story)
मैंने उनके मुँह में लौड़ा घुसा दिया और अन्दर बाहर करने लगा.
भाभी जाग गई थीं, उनकी आंखें बंद थीं लेकिन वो लंड चूसने लगी थीं.
फिर वो लंड बाहर निकाल कर बोलीं- दीपू , सुबह से ही लंड चुसाने लगे हो, क्या बात है?
मैंने कहा- क्या करूं जान, तेरी गांड देखकर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया है.
वो हंस कर बोलीं- ओ साले, तू बहुत बदमाश हो गया है.
और वो फिर से लंड चूसने लगीं.
हम दोनों जल्दी ही 69 में आ गए और लंड चूत की चुसाई चटाई करने लगे.
फिर मैंने जल्दी से माया भाभी को घोड़ी बनाया और चोदने लगा.
चुदाई के साथ मैं उनकी दोनों चूचियों को मसलने लगा.
वो भी अपनी गांड आगे पीछे करके मस्ती से आह आह करके लंड लेने लगी थीं. (bhabhi sex story)
माया भाभी बोलने लगीं- दीपू चोदो मुझे … आह और जोर से धक्का लगाओ … आहह आहहह लव यू जान तुम कितना अच्छा चोदते हो.
मैं और जोश में आकर भाभी की चोटी पकड़ कर चोदने लगा और वो किसी घोड़ी की तरह आगे पीछे करके मेरा लंड ले रही थीं.
मैंने लंड बाहर निकाल लिया और सामने रखी घी की कटोरी उठाकर बिस्तर में आ गया.
घोड़ी बनी माया की गांड में और लंड पर घी लगाकर झटके से गांड में लंड डालकर चोदने लगा.
वो ‘उईई ऊईईई आह आहहह मर गई बचाओ …’ चिल्लाने लगीं और मैं ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.
थोड़ी देर में ही माया की गांड तेज़ी से आगे पीछे होने लगी और वो ‘ दीपू और चोदो … और ज़ोर से चोदो चोदो … फ़ाड़ दो मेरी गांड … आं मेरे चोदू दीपू ा.’ चिल्लाने लगीं.
मैं जोश में आकर भाभी की चोटी पकड़ कर घोड़ी बनाकर पीछे से ताबड़तोड़ चोदने लगा.
भाभी की गांड मारने से ‘थप थप थप थप थप …’ से पूरा कमरा गूंज रहा था.
धीरे धीरे सुबह का उजाला होने लगा था. (bhabhi sex story)
मैंने लंड बाहर निकाल लिया और माया भाभी को सीधा लिटा दिया, उनके ऊपर चढ़कर चोदने लगा और दोनों चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा.
भाभी ‘आह आहहह …’ करके अपनी कमर उठा-उठा कर लंड का मज़ा ले रही थीं.
मैंने भी अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और सटासट सटासट लंस गांड में अन्दर बाहर करने लगा.
आखिर में माया की चूत हार गई और पानी छोड़ दिया.
अब गीली चूत से ‘फच्च फच्च फच्च फच्च …’ की सुरीली आवाज आने लगी और चूत रस बहने लगा.
मैंने लंड निकाला और हम दोनों 69 में आकर चूसने लगे.
कुछ देर बाद मैंने माया भाभी को उठाकर अपने लौड़े पर बैठा दिया और चूचियों को मसलने लगा.
वो धीरे धीरे लंड पर कूदने लगीं. उनकी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी और वो ‘आह आह …’ करके मदमस्त लौंडिया के जैसे अपनी चूत से मेरे लंड को चोदने लगी थीं.
मैं भाभी के होंठों को चूसने लगा, काटने लगा … वो भी काटने लगीं. (bhabhi sex story)
मैंने भाभी की चूचियों को मसलना शुरू कर दिया, वो तेज़ तेज़ अपनी गांड पटकने लगीं और बेहद मस्त थपाथप की आवाज़ आने लगी.
फिर मैंने भाभी को वापस घोड़ी बनाया और उनकी गांड में थूक लगाकर लंड घुसा दिया.
वो मादक आवाज करके अपनी गांड आगे पीछे करने लगीं और मस्ती से गांड की चुदाई करवाने लगीं.
मैं भाभी की चूचियों को दोनों हाथों में भरकर मसलने लगा और उनकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा.
मेरा लौड़ा और उसकी गांड की लड़ाई में जांघों से टकराने से थपाथप थपाथप का संगीत तेज होने लगा.
वो बोलीं- जान चूत में पेलो.
मैंने माया भाभी को फिर सीधा लिटा दिया और ऊपर आकर चोदने लगा.
हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे और तेजी से अपनी कमर चलाने लगे.
अब दोनों की सिसकारियां तेज़ होने लगीं और दोनों ने अपने होंठों को एक दूसरे के होंठों से चिपका लिया.
चुदाई चरम पर आ गई थी, हमें दीन दुनिया की कोई खबर नहीं थी. (bhabhi sex story)
थोड़ी देर बाद हम दोनों एक साथ डिस्चार्ज हो गए.
मैं भाभी के ऊपर ही ढह गया और वो भी बेजान लाश सी पड़ी रहीं.
कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर लेटे रहे.
फिर चेतना आने पर एक दूसरे को किस करने लगे.
सुबह के 6 बज चुके थे.
फिर मैंने अपने कपड़े पहने और अपने रूम में आ गया.
माया भाभी ने नाश्ता तैयार कर लिया.
नाश्ता करके मैं कंपनी ऑफिस चला गया. (bhabhi sex story)
उसके बाद दूसरे दिन हमने भाभी के घर में रात भर चुदाई की.
अगले दिन मैं ड्यूटी के लिए भी नहीं जाग पाया.
दिन में भाभी की अम्मा और बेटी वापस आ गई थीं.
दोस्तो, इस तरह मैंने अपनी मकान मालकिन माया भाभी की जमकर चुदाई की.
आपको मेरी wild fantasy ki bhabhi sex story कैसी लगी, मुझे मेल व कमेंट्स करके जरूर बताएं.
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