बेटे ने सिनेमा हॉल में माँ को चोदा-hot maa ki chudai–4

बेटे ने सिनेमा हॉल में माँ को चोदा-hot maa ki chudai–4

हेलो दोस्तों मैं आभा सिंह, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “बेटे ने सिनेमा हॉल में माँ को चोदा-hot maa ki chudai–4” यह कहानी रोशनी की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।

कहानी का पिछला भाग: बेटे ने सिनेमा हॉल में माँ को चोदा-3

मैं रोशनी, 38 साल की एक ऐसी औरत, जिसकी जवानी मुंबई की गलियों में मस्त माल का तमगा दिलाती थी।

मेरी गोरी चूचियाँ, पतली कमर, और चिकनी जांघें देखकर मर्द सिसकारियाँ भरते थे।

उस मॉनसून की उमस भरी शाम, मेरा बेटा राहुल मुझे सिनेमा ले गया, और मेरी ज़िंदगी पलट गई।

सवा घंटे में मैंने तीन मर्दों राहुल, महेश, और राकेश के साथ बेशर्मों सी मस्ती मारी। (hot maa ki chudai)

राकेश का नौ इंच का मूसल चूसकर, उसका गर्म, नमकीन रस निगलकर, मैं इतनी चुदासी हो गई थी कि घर लौटते वक्त मेरी चूत में आग धधक रही थी।

घर पहुँचते ही मैंने साड़ी, ब्लाउज, और साया फेंक दिया।

लिविंग रूम में नंगी खड़ी होकर मैंने राहुल से चिल्लाकर कहा, बेटा, चोद अपनी माँ को!

लेकिन उसका लौड़ा, जो सिनेमा हॉल में 30 मिनट मेरे हाथ में लोहे की तरह कड़क था, अब बिल्कुल ढीला पड़ गया।

मैंने उसे सहलाया, चूसा, अपनी चूचियों पर रगड़ा, लेकिन वो टस से मस न हुआ।

मेरी चूत की भट्टी धधक रही थी, और मैं गुस्से से राहुल को घूर रही थी।

राहुल उदास चेहरा लिए बोला, माँ, जब तक मैं किसी और को तुम्हारे साथ या अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मस्ती मारते ना देखूँ, मेरा लौड़ा टाइट नहीं होगा।

मैंने ऐसा कभी नहीं सुना था।

मेरे दिमाग में राकेश का मूसल और सुरेश की चुदाई की यादें तैर रही थीं।

तभी दरवाजे पर खटखट हुई। (hot maa ki chudai)

तेरे बाबा आए हैं, मैंने फुसफुसाया।

अगर मैं अभी नहीं चुदवाऊँगी, तो पागल हो जाऊँगी।

तू बाहर मत निकलना, चुपके से चुदाई देख।

राहुल अंदर की तरफ चला गया।

मैंने सुनिश्चित किया कि दरवाजे पर मेरे पति मुकेश ही हैं। फिर मैंने नंगी ही दरवाजा खोला।

मुकेश ने मुझे नंगा देखा, और उसकी आँखों में भूख जग गई।

उसे कुछ कहने की ज़रूरत नहीं थी।

वो पलक झपकते नंगा हो गया और लिविंग रूम में ही मुझे सोफे पर पटक दिया। (hot maa ki chudai)

उसका मूसल मेरी चूत में तूफान की तरह घुसा, और वो पूरी ताकत से धक्के मारने लगा।

उफ्फ, रोशनी, तेरी चूत अभी भी जवान लड़की सी टाइट है, वो सिसकारते हुए बोला।

मैंने अपनी टाँगें उसकी कमर पर लपेट दीं, मेरी चूचियाँ उसके सीने से रगड़ रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूंज रही थीं।

सिनेमा हॉल की मस्ती ने मेरी चूत को भट्टी बना दिया था, और मुकेश के धक्के उस आग को थोड़ा ठंडा कर रहे थे।

चुदाई के बीच मुकेश ने हाँफते हुए कहा, रानी, तुम अपनी कसम तोड़ दो।

ये बेटीचोद बनर्जी जब तक तुझे नहीं चोदेगा, मुझे प्रमोशन नहीं मिलेगा। (hot maa ki chudai)

तुम जिससे चाहो चुदवाओ, लेकिन एक बार जल्दी से बनर्जी को अपना माल खिला दो।

मुझे झटका लगा।

मेरे पति ने मुझे दूसरों से चुदवाने की खुली छूट दे दी थी।

मैंने सिनेमा हॉल की मस्ती—राकेश के मूसल का स्वाद, महेश की ढीली कोशिश, और राहुल की उंगलियाँ—के बारे में कुछ नहीं बताया।

मैं राहुल से चुदवाना चाहती थी, लेकिन मुकेश की चुदाई ने मेरी गर्मी को कुछ शांत कर दिया।

उसने 10 मिनट तक मुझे चोदा, और उसका गर्म रस मेरी चूत में भर गया।

मैंने सिसकारी भरी, ऐसी अचानक चुदाई में गज़ब का मज़ा आया। (hot maa ki chudai)

जा, अच्छे से नहा ले, मैंने कहा।

राहुल भी बस आने वाला होगा।

मैं भी कपड़े पहनती हूँ। मुकेश मुझे चूमकर नंगा ही बेडरूम में चला गया।

मैं सोच रही थी कि एक दिन में मुझमें कितना बदलाव आ गया।

सिनेमा हॉल की बेशर्मी ने मेरी जवानी को फिर से जगा दिया था। तभी राहुल नंगा मेरे पास आया, उसका मूसल फ्लैगपोस्ट की तरह कड़क था।

मैंने फुसफुसाया राहुल, कपड़े पहन ले, बाबा घर में हैं।

लेकिन उसने सुना ही नहीं।

वो मेरी टाँगों के बीच आया, और अपने कड़क मूसल को मेरी चूत में पेल दिया।

वो हाँफते हुए बोला माँ, मैं चार-पाँच साल से ये सपना देख रहा हूँ। उफ्फ माँ, तुम सबसे मस्त हो। जितना सोचा था, उससे ज़्यादा मज़ा आ रहा है।

उसके धक्के किसी जवान घोड़े की तरह थे।

उसका मूसल मेरे भोसड़े में तलवार की तरह चीर रहा था, और उसकी गर्म साँसें मेरी चूचियों पर टकरा रही थीं।

मज़ा तो मुझे भी आ रहा था

लेकिन डर था कि मुकेश बाहर आकर माँ-बेटे की चुदाई न देख ले।

मैंने अपनी टाँगें उसकी कमर पर कस दीं, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगीं।

राहुल ने बीस-बाइस मिनट तक जमकर धक्के मारे, और आखिरकार उसका गर्म रस मेरी चूत में भर गया।

मेरी चूत ने उसका सारा माल पी लिया। (hot maa ki chudai)

मैंने हाँफते हुए कहा तेरा लौड़ा भी तेरे बाबा से मस्त है। और तूने चुदाई भी गज़ब की।

लेकिन रात में अपने बाबा के सामने मुझे चोदना है।

सोच, कैसे चोदेगा? अगर आज नहीं चोदा, तो फिर कभी मेरी जवानी नहीं मिलेगी।

तेरे सामने दूसरों से चुदवाती रहूँगी।

मैं नंगी ही कॉमन बाथरूम में गई और नहाने लगी।

गर्म पानी मेरी चूचियों पर बह रहा था, और मैं उस दिन की घटनाओं के बारे में सोच रही थी।

सिनेमा हॉल में राकेश का मूसल, राहुल की उंगलियाँ, और अब घर में दो चुदाइयाँ।

मैंने फैसला किया कि मुकेश के बॉस बनर्जी से उसके सामने चुदवाकर, दूसरों के साथ चुदाई की स्थायी इजाज़त ले लूँगी।

नहाकर मैंने सिर्फ एक पतला बाथ गाउन पहना। गाउन का बेल्ट ढीला था, मेरी आधी चूचियाँ और पूरी जांघें खुली थीं।

मुकेश और राहुल की नज़रें मेरे जिस्म पर चिपक गईं।

मुकेश बोला, रोशनी, राहुल अब जवान हो गया है। (hot maa ki chudai)

अपनी गर्लफ्रेंड्स को नंगा देखता ही होगा।

ये गाउन उतार दे।

मैंने ताना मारा, गाउन ही क्यूँ, तुम्हारे सामने अपने बेटे से चुदवा भी लूँ।

फिर हँसते हुए कहा, राहुल, आज खाना बनाने का मूड नहीं। जा, बाहर से जो पसंद हो ले आ।

राहुल के चेहरे पर अपनी माँ को चोदने की खुशी चमक रही थी।

उसने मेरे पर्स से रुपये लिए और बाहर चला गया।

मुकेश ने दरवाजा अंदर से बंद नहीं किया, बस हल्का सा धक्का दिया।

रानी, आज तुम जितनी सेक्सी लग रही हो, वैसी पहले कभी नहीं लगी, उसने कहा, और मुझे अपनी गोद में बिठा लिया।

उसने गाउन का बेल्ट खोल दिया। मेरी नंगी जवानी देखकर वो मेरी चूत सहलाने लगा। (hot maa ki chudai)

उसकी उंगलियाँ मेरे भोसड़े में रेंग रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ फिर गूंजने लगीं।

मैं क्या कहती कि एक घंटे में मैंने तीन नए मूसल सहलाए, राकेश का लौड़ा चूसकर उसका रस पिया, और अपने बेटे से चुदवाया।

मैंने पढ़ा है, मैंने कहा, जब औरत 38 की होती है, उसकी जवानी फिर जागती है।

कुछ दिनों से मैं बहुत चुदासी हूँ।

राजा, जैसे पहले दिन में दो-तीन बार चोदते थे, फिर से शुरू करो।

लेकिन मुकेश में ना वो पुराना जोश था, ना ताकत।

शाम को ही देख लिया था कि राहुल ने अपने बाप से बेहतर चुदाई की।

हम सेक्स की बातें कर रहे थे कि राहुल अंदर घुसा।

उसने मुझे मुकेश की गोद में बैठे देखा, मेरा नंगा जिस्म, मेरी चूचियाँ, मेरी चूत—सब कुछ। (hot maa ki chudai)

मैं कैजुअली उठी, गाउन का बेल्ट बाँधते हुए उसके पास गई।

धीरे से फुसफुसाया, याद है ना, आज बाप के सामने माँ को चोदना है?

फिर जोर से बोली, तुम दोनों हाथ-पैर धो लो। मैं खाना लगाती हूँ। मैं किचन में चली गई, लेकिन मेरा ध्यान बाप-बेटे की बातों पर था।

राहुल बोला, सॉरी बाबा, मैंने माँ को पूरा नंगा देख लिया।

आपको दरवाजा बंद करना चाहिए था। लेकिन आप बहुत लकी हैं। माँ की चूचियाँ और जांघें कितनी खूबसूरत हैं।

मुकेश ने हँसते हुए कहा, किसी से बोलना मत कि माँ को नंगा देखा।

तेरी माँ जैसा मस्त माल इस इलाके में दूसरा नहीं।

तभी मेरे दोस्त, मेरा बॉस, सब तेरी माँ को चोदना चाहते हैं।

तू चोदेगा अपनी माँ को?

मुझे यकीन नहीं हुआ कि मुकेश अपने बेटे से मेरे साथ चुदाई की बात कर रहा था। (hot maa ki chudai)

राहुल ने जवाब दिया, बाबा, अगर ये औरत मेरी माँ ना होती, तो मैं आपकी घरवाली को किसी भी तरह चोद लेता।

लेकिन क्या करूँ, माँ की चूत में लौड़ा नहीं पेल सकता।

उसके नाम पर रोज़ मुठ मारता हूँ, और माँ को चोदने का सपना देखता हूँ।

माँ की नंगी जवानी से खेलकर, एक बार चुदाई करके राहुल में गज़ब की हिम्मत आ गई थी।

वो मेरी तरह बेशर्म हो गया था।

मैंने सोचा, आज किसी भी तरह अपने पति के सामने बेटे से चुदवाऊँगी।

मुकेश खुद राहुल से कहेगा कि hot maa ki chudai।

मैं प्लेट्स लेकर बाहर आई और खाना डाइनिंग टेबल पर सजा दिया।

गाउन को मैंने ऐसा सेट किया कि मेरे निप्पल्स की झलक बाप-बेटे को दिखती रहे।

राहुल में सचमुच हिम्मत आ गई थी।

बाबा, आज मैंने पहली बार किसी औरत की नंगी जवानी देखी।

मैं सेलिब्रेट करना चाहता हूँ, उसने कहा।

वो बेडरूम में गया और एक ट्रे में व्हिस्की की बोतल, तीन ग्लास, और आइस क्यूब्स लेकर आया।

मुकेश ने कुछ नहीं कहा। राहुल ने तीनों ग्लास में डबल पेग डाले, आइस क्यूब्स डाले, और बोला, बाबा, माँ की खूबसूरत, मस्त जवानी के लिए चियर्स!

मैंने भी ग्लास उठा लिया।

मुकेश ने तीसरा ग्लास लिया।

राहुल ने फिर कहा, बाबा, मेरी माँ, आपकी खूबसूरत पत्नी रोशनी सालों-साल ऐसी ही मस्त रहे।

अपनी मदमस्त जवानी से मर्दों को खुश करती रहे। चियर्स! हमने ग्लास टकराए और चियर्स कहा। (hot maa ki chudai)

मुझे यकीन हो गया कि आज रात राहुल मुझे अपने बाप के सामने चोदेगा।

खाने के दौरान हमने ग्लास खाली किए, और राहुल ने फिर तीनों में डबल पेग डाले।

ये सब यहीं रहने दो, मैंने कहा।

सुबह साफ कर देगी। ये व्हिस्की बहुत तेज़ है, मुझे नींद आ रही है।

मैं अपना ग्लास लेकर बेडरूम में चली गई।

कुछ देर बाद मुकेश और राहुल मेरे बेड पर आ गए।

मैं बेड के बीच में, बैकरेस्ट का सहारा लेकर बैठी थी।

मेरी दोनों टाँगें लगभग पूरी नंगी थीं।

मुकेश और राहुल मेरी एक-एक टाँग की तरफ बैठे थे।

हम तीनों व्हिस्की पी रहे थे, और राहुल की नज़रें मेरे जिस्म में छेद कर रही थीं। (hot maa ki chudai)

मैंने मुकेश से कहा, मुकेश, तुम मुझसे इतने दिनों से जो कह रहे हो, उस पर मैंने बहुत सोचा।

मैंने फैसला किया है कि तुम्हारी खुशी के लिए, तुम्हारे प्रमोशन के लिए, एक बार तुम्हारे बूढ़े बॉस बनर्जी से चुदवा लूँगी।

मैं कल सुबह उसे रात के डिनर के लिए बुलाऊँगी।

मेरी बात सुनकर मुकेश की आँखें चमक उठीं।

उसने ग्लास साइड में रखा और सिनेमा हॉल में राकेश की तरह मुझे अपनी बाँहों में जकड़ लिया।

बेटे के सामने उसने मुझे तीन बार चूमा। मुकेश चूम रहा था, और राहुल ने हाथ बढ़ाकर मेरी चूत मसलना शुरू कर दिया।

उफ्फ, रानी, तुम नहीं जानती कि तुम्हारे इस फैसले से मैं कितना खुश हूँ, मुकेश ने कहा। (hot maa ki chudai)

आगे की कहानी अगले हिस्से में।

कहानी का अगला भाग: बेटे ने सिनेमा हॉल में माँ को चोदा-5

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