हेलो दोस्तों मैं आभा सिंह, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “चोरनी की चूत मारी वॉचमैन बनकर-Chorni ki Chudai”। यह कहानी सान्वी की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।
वाइल्ड फैंटसी स्टोरीज़ डॉट कॉम में, एक लड़का गाँव से शहर आया और उसे चौकीदार की नौकरी मिल गई। पहली ही रात को उसने एक चोर को पकड़ लिया। वो लड़की जवान थी। इसलिए उसने लड़की को चोदने के बाद जाने दिया।
Chorni ki Chudai Main Apka Swagat Hai
दोस्तों, मैं ऋतिक आपको अपने किरदार तरुण की चुदाई की कहानी सुना रहा था।
मेरी पिछली कहानी
दोस्त की बीवी की चूत की प्यास बुझाई
में आपने पढ़ा था कि तरुण मुंबई आया और अपने दोस्त तनिश की बीवी बुशरा के साथ वाइल्ड फैंटसी स्टोरीज़ डॉट कॉम करके सेक्स किया।
अगले दिन तरुण तनिश के साथ फैक्ट्री जाने के लिए तैयार हो गया।
बुशरा ने चाय बनाई, तीनों ने चाय पी और दोनों आदमी ऑफिस के लिए निकल पड़े।
तनिश उसे अपने ऑफिस ले गया।
वहाँ उसने तरुण को मैनेजर से मिलवाया।
मैनेजर ने उसे चौकीदार के तौर पर रखा लेकिन उसे नाइट शिफ्ट पर लगा दिया।
मैनेजर ने तनिश से कहा- तुम उसे काम समझा दो।
तनिश ने तरुण को फैक्ट्री दिखाई। उसने उसे अपना घर दिखाया और चेतावनी दी कि रात को यहाँ मत सोना। यहाँ चोरी होती है।
अब तनिश और तरुण दोनों एक ही जगह एक ही पद पर काम करने लगे।
दोनों दिन की शिफ्ट और रात की शिफ्ट में काम करने लगे।
दिन में तनिश की ड्यूटी होती और रात में तरुण की।
सब कुछ समझाने के बाद तनिश ने तरुण को घर भेज दिया और कहा- रात को 8 बजे यहाँ आ जाना।
तरुण ने हाँ में सिर हिलाया।
फिर तनिश ने उससे पूछा- क्या तुम्हारी सैलरी ठीक है?
तरुण ने कहा- तनिश, तुमने मेरे लिए जो किया है, उसे मैं कभी नहीं भूल सकता। शुक्रिया भाई, अब मैं घर जा रहा हूँ और रात को तुमसे मिलूँगा।
इतना कहकर तरुण घर की ओर चल पड़ा।
घर जाने से पहले उसने मिठाई खरीदी और घर चला गया।
जब उसने घर आकर दरवाजा खटखटाया तो बुशरा ने दरवाजा खोला।
तरुण को देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई।
उसने तरुण को अंदर ले जाकर फिर से दरवाजा बंद कर दिया।
तरुण ने बुशरा को पकड़ कर गले लगाया और अपने हाथों से मिठाई खिलाई। एक टुकड़ा खुद भी खाया।
फिर तरुण ने कहा कि उसे नौकरी मिल गई है।
बुशरा बहुत खुश हुई।
उसने कहा- वहाँ क्या हुआ? सब ठीक से बताओ!
तो तरुण ने कहा- तनिश ने मुझे मैनेजर से मिलवाया। मैनेजर ने मेरी तरफ देखा, कुछ सवाल पूछे, फिर उसने तनिश से कहा कि उसे काम समझा दे और आज रात से ही काम पर बुला ले। तनिश ने मुझे कंपनी दिखाई, काम समझाया और मैं घर आ गया।
फिर तरुण ने कहा- बुशरा, तुमने मुझे जो प्यार दिया, उसके लिए मैं तुम्हारा आभारी हूँ। तुम दोनों ने मेरी सारी ज़रूरतें पूरी कीं। तुमने मुझे अपने घर में रहने के लिए जगह दी, काम पर रखा… और कल रात तुमने मेरी प्यार की प्यास बुझाई। अब तुम ही बताओ बुशरा, मैं तुम्हें क्या दूँ?
तो बुशरा ने कहा- तरुण, मुझे तुमसे एक प्यारा सा तोहफा चाहिए।
तरुण बोला- हां बोलो बुशरा, तुम्हें क्या चाहिए… अगर मेरे बस में हो तो मैं अपनी जान देकर भी तुम्हें दिलवा दूंगा।
तब बुशरा हंसते हुए बोली- मुझे जान नहीं चाहिए। बस मेरी कोख भर दो। मुझे अपने बच्चे की मां बना दो, मैं तुम्हारे बच्चे को जन्म देना चाहती हूं। क्या तुम मेरी इच्छा पूरी करोगे?
इस पर तरुण ने बुशरा को गले लगा लिया और उसने बुशरा के होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
किस करते-करते तरुण ने बुशरा के सारे कपड़े उतार दिए और उसे नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया।
उसने अपना तना हुआ लंड बुशरा के हाथ में थमा दिया। बुशरा उसके लंड को सहला रही थी।
तरुण ने उसका एक बूब्स मुंह में डाला और उसे चूसने लगा।
बुशरा लंड को बड़े ध्यान से देख रही थी।
तरुण ने बुशरा को अपना लंड चूसने का इशारा किया।
बुशरा ने भी उसकी इच्छा का सम्मान किया और उसका लंड मुंह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर बाद तरुण ने बुशरा को खूब चोदा।
वो उसे अलग-अलग कोनों में ले गया और अलग-अलग पोज़िशन में काफ़ी देर तक चोदा. उसने बुशरा की गांड भी चोदी.
दोनों पूरे दिन नंगे रहे.
न तो तरुण ने कपड़े पहने और न ही उसने बुशरा को कपड़े पहनने दिए.
दोनों ने नंगे ही खाना खाया.
बुशरा बहुत खुश थी.
चुदाई करते-करते शाम कब बीत गई, उन्हें पता ही नहीं चला.
शाम के 7 बज रहे थे.
बुशरा ने तरुण से कहा- तुम्हें भी तो काम पर जाना है न?
फिर तरुण ने बुशरा को उठाया और बाथरूम में ले गया.
उसने बुशरा को चोदते-चोदते नहाया, फिर बाहर आकर फैक्ट्री जाने के लिए तैयार हो गया.
कुछ देर बाद वो काम पर चला गया.
बुशरा ने उसे ऐसे अलविदा कहा जैसे वो पति-पत्नी हों.
तरुण बहुत खुश था.
उसने आज बुशरा को इतनी बार चोदा जितनी बार उसने अपनी माँ को एक दिन में नहीं चोदा था.
आज उसके पास रहने, खाने और कमाने का इंतज़ाम था.
तरुण काम पर पहुँच गया।
तो तनिश ने उससे पूछा कि दोपहर में नींद ठीक से आई? उसे पूरी रात जागना पड़ा।
तरुण ने कहा- मैं ठीक हूँ, तुम घर जाओ… भाभी तुम्हारा इंतज़ार कर रही हैं।
तनिश घर के लिए निकल पड़ा।
तरुण ड्यूटी पर आ गया।
रात बढ़ती गई, उसे बुशरा की चुदाई याद आने लगी और थकान भी होने लगी।
रात के 2 बजे होंगे जब थकान के कारण उसे झपकी आ गई।
वह कुर्सी पर बैठे-बैठे ही झपकी लेने लगा।
तभी उसे कुछ आवाज़ सुनाई दी।
वह तुरन्त आवाज़ की दिशा में जाने लगा।
वह चुपचाप गया और देखा कि एक महिला का हाथ दीवार में छेद करके कबाड़खाने से सामान चुराने की कोशिश कर रहा था।
तरुण चुपचाप दीवार के पीछे चला गया, जहाँ महिला दीवार के अंदर हाथ डाले खड़ी थी।
तनिश ने उसे देखा, वह एक पतली महिला थी।
उसने ध्यान नहीं दिया कि चौकीदार उसके पीछे आ गया था।
तरुण ने उसे पकड़ लिया और अंदर ले आया।
उसने उसके हाथ बाँध दिए और उसे खड़ा करके उस पर चिल्लाने लगा।
महिला डर गई थी इसलिए वह रोने लगी और माफ़ी मांगने लगी।
तरुण उसे देख रहा था।
तरुण ने महिला से उसका नाम पूछा, उसने उसे अपना नाम इमली बताया।
फिर तरुण ने उसे ध्यान से देखा, उसके बाल बिखरे हुए थे और उसने एक साधारण सी साड़ी पहनी हुई थी, लेकिन उसने साड़ी को ठीक से लपेटा हुआ था।
उसके बूब्स भी बहुत छोटे थे, उसके नितंब भी बहुत उभरे हुए नहीं थे।
तरुण ने डाँटते हुए पूछा- तुम कब से चोरी कर रही हो?
उसने कहा- मेरे पति
तरुण ने कहा- लेकिन मुझे पुलिस बुलानी पड़ेगी।
यह सुनकर इमली डर गई और बोली- नहीं साहब, आप जो भी कहेंगे… मैं वही करूंगी। मेरा घर आपके घर के बगल में ही है।
तब तरुण ने कहा- सोच लो, तुम्हें मेरी हर बात माननी पड़ेगी।
इमली ने कहा- तुम जो भी कहोगे मैं मानूंगी… बस पुलिस मत बुलाना।
इस पर तरुण उस महिला के पीछे जाकर खड़ा हो गया और वह उस महिला को वासना भरी नजरों से देखने लगा।
उसने इमली के कंधे पर हाथ रखा और कहा- चलो, अपने कपड़े उतारो!
यह सुनकर इमली चौंक गई, वह चुपचाप खड़ी रही।
तरुण जोर से चिल्लाया- तुम कपड़े उतारोगी या पुलिस बुलाऊं?
इमली डर गई और तरुण की तरफ देखने लगी।
फिर उसने अपनी सलवार उतारी और वहीं खड़ी हो गई।
तरुण ने उसकी शर्ट को छुआ और कहा- यह भी उतार दो!
इमली ने रोते हुए अपनी शर्ट भी उतार दी।
उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए उसके बूब्स खुले हुए थे।
तरुण के मुँह में पानी आ गया।
उसने इमली का चेहरा अपनी तरफ घुमाया और उसे चूमना शुरू कर दिया।
चूमते-चूमते तरुण ने उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया और उसका हाथ बाहर आ गया क्योंकि पैंटी फटी हुई थी।
तरुण ने देखा कि पैंटी फटी हुई है तो उसने पैंटी उतार कर अलग कर दी।
अब धीरे-धीरे तरुण का हाथ उसकी चूत से खेलने लगा।
इमली की चूत गीली होने लगी।
तरुण का दूसरा हाथ उसके बूब्स पर चला गया।
वह एक बूब्स को मसलने लगा।
इमली को नशा होने लगा।
तरुण ने उसका एक बूब्स मुँह में लिया और चूसने लगा।
इमली उत्तेजित होने लगी।
तरुण ने धीरे-धीरे अपनी बीच वाली उंगली इमली की चूत में घुसा दी।
इससे इमली उछल पड़ी।
कुछ देर इमली के बूब्स चूसने के बाद तरुण ने इमली को अपने हाथों में उठा लिया।
इमली डर गई, उसने अपनी बाहों से तरुण की गर्दन पकड़ ली।
तरुण ने उसे अपने सामने टेबल पर लिटा दिया और उसे ध्यान से देखने लगा।
क्या जवान लड़की थी।
वह अपनी टाँगें मोड़कर लेटी हुई थी।
तरुण ने उसकी टाँगें अलग कीं, पास में पड़ी कुर्सी खींची और उस पर बैठ गया।
इमली की टाँगें अलग होने की वजह से इमली की चूत उसके सामने खुल गई थी।
तरुण ने धीरे से अपनी जीभ की नोक उसकी चूत के होंठों पर फिराई।
उसे एक अजीब सी महक और एक अजीब सा स्वाद महसूस हुआ, तो तरुण खड़ा हो गया।
इमली की आँखें बंद थीं।
तरुण ने अपनी पैंट खोली, अपना अंडरवियर निकाला और उसकी चूत के होंठों को अलग करके अपना लंड उसकी चूत की दरार में रख दिया।
इमली की चूत बहुत गीली हो गई थी।
तरुण ने एक धक्का मारा और उसका पूरा लंड चूत के अंदर चला गया।
इमली की चूत का छेद बहुत छोटा था, इसलिए ऐसा लग रहा था जैसे तरुण का लंड अंदर जाकर फंस गया हो, चूत में बहुत कसाव था।
लंड के अंदर जाने से चूत में खिंचाव आ गया था, जिससे इमली को दर्द हो रहा था।
लेकिन उसे एक अनचाही खुशी भी थी, आज पहली बार कोई लंड उसकी चूत की जड़ तक गया था।
उसके पति का लंड बहुत छोटा था।
उसके पति की तुलना में तरुण का लंड 2 x 4 प्रतियोगिता जीत सकता था।
मतलब तरुण का देहाती लंड दोगुना बड़ा और मोटा था।
तरुण ने धक्के लगाने शुरू कर दिए।
हर धक्के के साथ इमली हिल रही थी।
जिस टेबल पर वो लेटी थी वो भी चरमरा रही थी।
उस टेबल के चरमराने की आवाज़ फैक्ट्री के बाहर तक जा रही थी।
लेकिन तरुण बिना किसी की परवाह किए उसे चोद रहा था।
अभी दस मिनट ही हुए थे कि इमली अकड़ गई, उसकी चूत ने तरुण के लंड पर ढेर सारा रस छोड़ दिया और वो शांत हो गई।
उसके चेहरे पर एक अजीब सी ख़ुशी थी।
जबकि तरुण अभी भी उसे चोद रहा था।
लगभग 5 मिनट के बाद, तरुण ने उसकी दोनों टाँगें ऊपर उठाईं और उसी पोजीशन में उसे चोदना शुरू कर दिया।
इमली के लिए यह पोजीशन नई थी, पति के सामने 5 मिनट तक टांगें फैलाकर चुपचाप लेटे रहने का अहसास खत्म हो चुका था।
पति के स्खलित होने के बाद वह खुद दूसरी तरफ मुंह करके सो जाता और इमली पूरी रात अपनी चूत की आधी बुझी प्यास से तड़पती रहती, लेकिन आज उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था।
दस मिनट बाद इमली की चूत का तालाब भर गया।
इस बार इमली ने तरुण के हाथ पकड़ लिए और आह्ह्ह की आवाज के साथ बहने लगी।
चूत में चिकनाई बढ़ गई और चूत से पानी निकलने लगा।
तरुण ने अब उसकी टांगें अपनी कमर में बांध लीं और उसकी बांहें अपनी गर्दन में डालकर उसे अपनी कमर पर उठा लिया और खड़े-खड़े ही उसे चोदने लगा।
वह इमली को उठाकर अपने लंड पर बैठा लेता, जिससे ठप ठप की आवाज गूंजने लगती।
तरुण के लंड के झटके बढ़ने लगे और जब वो झड़ने वाला था, तो उसने इमली को टेबल पर लिटा दिया और जोरदार धक्के लगाने लगा।
इमली फिर से कांपने लगी, तरुण भी अकड़ने लगा।
इमली का बांध टूट गया और वो बहने लगी, साथ ही तरुण के लंड ने भी अपनी धार इमली की चूत में छोड़ दी।
तरुण का लंड झटके खाकर खाली हो गया और इमली की चूत बह निकली।
उसकी चूत से पानी निकलने लगा।
तरुण कुछ देर इमली के ऊपर लेटा रहा।
इमली भी उसे प्यार से सहलाने लगी।
तरुण का लंड खाली होकर अपने आप बाहर आ गया।
इमली की चूत भर गई थी और बह रही थी।
फ्री चुदाई करने के बाद तरुण उठा और नल पर जाकर अपना लंड साफ किया और वापस आ गया।
तब तक इमली ने अपनी सलवार कमीज पहन ली थी।
तरुण इमली को कबाड़ रखने वाली जगह पर ले गया और बोला- जो चाहो ले लो! इमली को शर्म आ रही थी, पर उसे अपना पेट भी तो भरना था। उसने कुछ कबाड़ उठाया और तरुण ने उसे बाहर छोड़ दिया।
बाहर आते समय तरुण ने उसे गेट के बाहर रोका, इधर-उधर देखा…सब सुनसान था। उसने जेब से 50 रुपए निकाले और इमली को दिए।
उसने उससे कहा- इमली, तुम मुझे बहुत अच्छी लगी। हम फिर कब मिलेंगे? तब इमली बोली- साहब, मेरा घर वहीं है। दूर एक घर में दीया जल रहा था। उसने कहा- कभी मुझसे मिलना हो तो आ जाना…
मेरे पति शराब पीकर सो जाते हैं। तरुण बोला- देखता हूँ, समय मिला तो आ जाऊँगा। उसने इमली को पकड़ कर चूमा और जाने को कहा। इमली खुशी-खुशी जाने लगी।
तरुण ने गेट बंद किया। वह उस जगह पहुँचा जहाँ उसने इमली को चोदा था। नीचे उसकी फटी हुई पैंटी पड़ी थी। उसने पैंटी उठाई, उसे सूँघा।
ये एक अजीब सी गंध थी, पर अब तरुण को वो गंध अच्छी लग रही थी.
उसके बाद वो इमली के बारे में सोचता हुआ जागता रहा.
सुबह तनिश काम पर आया, उसने आकर उसका हालचाल पूछा… फिर उसे घर जाने को कहा.
घर जाकर उसे बुशरा को फिर से चोदना था.
तरुण खुशी-खुशी घर के लिए निकल गया.
ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा.
अगले महीने बुशरा को पीरियड नहीं आए.
उसने डॉक्टर से अपनी जांच करवाई और डॉक्टर ने उसे खुशखबरी दी कि वो माँ बनने वाली है.
उसने ये खुशखबरी सबसे पहले तरुण को दी.
तरुण खुश हुआ… उसका पहला नाजायज़ बच्चा होने वाला था.
फिर बुशरा ने ये खुशखबरी तनिश को दी.
तो तनिश भी बहुत खुश हुआ, उसने पूरे मोहल्ले में पेड़े बंटवाए.
यहाँ इमली के साथ क्या हुआ, मैं आपको अगली बार बताऊंगा.
आपको वाइल्ड फैंटसी स्टोरीज़ डॉट कॉम कैसी लगी?
मुझे मेल और कमेंट में बताइए.
धन्यवाद.
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