बहन की चूत में भाई का लंड Part -2 | Family sex story

बहन की चूत में भाई का लंड Part -2 | Family sex story

wildfantasystories family sex story में पढ़ें कि दीदी मायके आयी तो उन्होंने मुझे अपना जिस्म दिखाकर गर्म कर दिया. मुझे बाद में पता चला कि दीदी मुझसे क्या चाहती थी.

दोस्तो, मेरा नाम आमिर है और मैं आपको अपनी और मेरी सना दीदी की सेक्स कहानी बता रहा था.
family sex story का पिछले भाग
दीदी को अपना लंड चुसवाया Part – 1
में मैंने आपको बताया था कि एक दिन अचानक बड़ी दीदी सना घर आ गयी.


रात को मैंने उसको चूत में उंगली करते हुए देखा तो मेरा लंड भी खड़ा हो गया और मैंने दीदी को नंगी कर लिया.
फिर हम दोनों ने एक दूसरे गुप्तांगों को चूसा और रस पीया. हम दोनों फिर से गर्म हो गये. (Family sex story)

अब आगे बहन की चुदाई की कहानी

:

मैं भी अब दीदी की चुदाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार था.
मैंने भी अब अपने लंड पर थूक लगाया और पूरा लंड पर मल दिया.
अब मैंने थोड़ा और थूक लिया और दीदी की चूत के लिप्स पर लगा दिया.

दीदी भी अब चुदाई के लिए तैयार थी.

मैंने सना दीदी की चूत पर लंड को रखा और उसकी चूत के छेद को रगड़ने लगा.
मैं दीदी के ऊपर लेट गया और उसके होंठों को चूसते हुए मैंने दीदी की चूत में एक जोर का धक्का मारा.

मेरा आधा लंड दीदी की चूत में प्रवेश कर गया. (Family sex story)
दीदी की आंखें फैल गयीं और वो दर्द में छटपटाने लगी; उसकी आंखों में आंसू आ गये.

मैं दीदी की चूत में लंड देकर कुछ देर तक उसके ऊपर ऐसे ही शांत पड़ा रहा और उसके होंठों को चूसता रहा.

कुछ समय बाद मैंने उसके होंठों से अपने होंठों को हटा लिया.

दीदी को मौका मिलते ही वो बोली- बहुत दर्द हो रहा है आमिर ! तुम अपना लंड एक बार बाहर निकाल लो.
मैंने दीदी की बात का कोई जवाब नहीं दिया और उसकी चूचियों से अपनी छाती को सटाये हुए लेटा रहा.

मैं उसकी गर्दन पर होंठों से चूसते हुए लंड को उसकी चूत में धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.
धीरे धीरे मैं उसकी चूत में लंड को चलाता रहा और वो शांत होती चली गयी.

दो मिनट के बाद फिर से मैंने दीदी के होंठों पर अपने होंठों को रख लिया और उनको चूसते हुए दीदी को जोर जोर से धक्के देने शुरू कर दिये. (Family sex story)
अब मेरा लंड दीदी की चूत में और अंदर घुसने लगा.

वो फिर से कराहने लगी लेकिन मैं धीरे धीरे करके दीदी की चूत में लंड फंसाता रहा और मैंने लंड को दीदी की चूत में पूरा का पूरा उतार दिया.

मेरा 7 इंच का लंड अब मेरी बहन की चूत में पूरा का पूरा उतर चुका था.
मेरा लंड शायद दीदी की बच्चेदानी तक पहुंच गया था.

दीदी ने मुझे जोर से भींच लिया था.
वो दर्द को सहन करते हुए मेरे लंड को अपनी चूत में अंदर तक सेट करने की कोशिश कर रही थी.

पूरा लंड अंदर तक घुसाने के बाद मैं एक बार फिर से शांत हो गया और दीदी के ऊपर ही आराम से लेटा रहा.
फिर मैंने दो मिनट के बाद फिर से लंड को आगे पीछे करना शुरू किया.

थोड़े समय के बाद दीदी भी मेरा साथ देने लगी.

अब दोनों एक दूसरे को चूमने लगे और बांहों में कसने लगे. (Family sex story)
धीरे धीऱे हम दोनों एक दूसरे में समाते जा रहे थे.

ऐसे ही होते होते मेरी स्पीड अपने आप बढ़ने लगी और चुदाई अब जोरों से चलने लगी.
हम दोनों चुदाई में मस्त हो गये थे. दीदी अपनी चूत को मेरे लंड की तरफ धकेल रही थी.

मैं सना दीदी की चूत में गच गच करके लंड को पेल रहा था.
चोदते हुए अचानक मुझे कुछ आहट का अहसास हुआ.
मैंने पीछे गर्दन घुमाकर देखा तो रूम का दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था.

पता नहीं क्यों मुझे ऐसा लगा कि कोई हमें छुपकर देख रहा था.

मगर जब मैंने देखा तो दरवाजे पर कोई भी नहीं था.

इस बारे में मैंने दीदी से कुछ नहीं कहा. (Family sex story)
मैंने दीदी की चुदाई जारी रखी.

अब मैं तेजी से दीदी की चूत में लंड को अंदर बाहर कर पा रहा था.
दीदी भी पूरे जोश में थी और अपनी टांगें फैलाकर आराम से पूरा का पूरा लंड अपनी चूत में अंदर बाहर होने दे रही थी.

मैं दीदी की चूचियों को मुंह लगाकर पीने लगा.
दीदी के बूब्स के निप्पल एकदम से कड़क हो गये थे.
जब मैंने उनको दांतों में भींचकर देखा तो वो काफी कसे हुए लग रहे थे.

अब मैं धीरे धीरे दीदी के बूब्स के निप्पलों को हल्के हल्के काटने लगा.
दीदी जोर से सिसकारने लगी- आह्ह … आमिर … क्या कर रहा है … आह्ह … तेज तेज चोद … आह्ह .. पी जा मेरे बूब्स को … जोर जोर से पीते हुए चोद भाई।

मैं दीदी की बातें सुनकर और ज्यादा जोश में चोदने लगता था और मैं भी अब धीरे धीरे झड़ने के करीब पहुंच रहा था.
फिर जब दीदी की चुदाई करते हुए 10 से 12 मिनट हो गये तो मैंने हांफते हुए दीदी के कान में कहा- दीदी … मेरा निकलने वाला है.
दीदी बोली- तू अंदर ही निकाल दे. (Family sex story)

ये सुनकर मैंने पूरी स्पीड में सना दीदी की चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिये.
उस समय दीदी की चूत कुछ ज्यादा ही टाइट होना शुरू हो गयी थी. शायद वो भी अपने क्लाइमेक्स बिंदू पर पहुंच रही थी.

उसकी चूत मेरे लंड पर जकड़ रही थी.
दीदी की चूत एकदम से मेरे लंड को कसने लगी तो मैं समझ गया कि अब दीदी किसी भी वक्त झड़ सकती है.

फिर उसके कुछ पल बाद ही दीदी ने मुझे अपनी तरफ खींच कर मुझे अपने बदन से लिपटा लिया और मेरी पीठ पर नाखून से गड़ाने लगी.

मेरी दीदी की चूत का गर्म झरना मुझे मेरे लंड पर महसूस हुआ और इसी अहसास को पाकर मेरे लंड से भी मेरा वीर्य छूटने लगा.
मैं और दीदी दोनों ही साथ साथ झड़ने लगे और फिर झटके देते हुए शांत हो गये.

झड़ने के बाद दीदी और मैंने एक दूसरे को कसकर बांहों में जकड़ लिया.
कुछ समय तक ऐसे ही पड़े रहने के बाद हम दोनों अलग हुए और दीदी ने मेरी टीशर्ट से अपनी चूत को साफ किया.
फिर उसने मेरे लंड को भी साफ कर दिया. (Family sex story)

उसके बाद दीदी बाथरूम में चली गयी. मैं उठा और मैंने जल्दी से अपने रूम का दरवाजा बंद कर दिया क्योंकि दरवाजा हल्का खुला हुआ था.
थोड़ी देर के बाद दीदी बाथरूम से बाहर निकल आई.

दीदी के आने के बाद मैं बाथरूम में गया और मैंने भी अपने आप को साफ किया.
जब मैं बाहर आया तो दीदी ने अपनी नाइटी पहन ली थी.

मैंने भी बाहर आकर अपने शॉर्ट्स पहन लिये.

अब हम दोनों थक गये थे और दोनों को ही नींद आ रही थी.
मैं अपने बेड पर सोने के लिए चला गया और दीदी अपने बेड पर सो गयी.

अगले दिन मेरी छुट्टी थी; मैं देर तक सोता रहा.

मगर दीदी भी देर तक सोती रही क्योंकि वो भी रात की चुदाई में काफी थक गयी थी.

मेरी आंख सुबह के 8.30 बजे खुली थी और दीदी तब तक सो रही थी. (Family sex story)

मैंने देखा कि उसकी नाइटी उसके पेट पर थी.
उसने नीचे से पैंटी नहीं पहनी थी और जिसके कारण उसकी चूत साफ दिख रही थी.

रात की चुदाई के बाद दीदी की चूत काफी मस्त लग रही थी और वो अभी भी हल्की सूजी हुई थी.
मेरा लंड दीदी की चूत को देखकर फिर से खड़ा होने लगा था.

उठकर मैं दीदी के पास गया और उसकी चूत पर किस कर दिया.
फिर मैंने दीदी की चूत पर हल्के हल्के से जीभ फेरना शुरू कर दिया.

वो नींद में थी और मुझे दीदी को ऐसे नींद में खुली चूत के साथ देखकर बहुत उत्तेजना हो रही थी.

मेरी जीभ उसकी चूत पर चलने लगी तो उसने नींद में ही अपने टांगें खोल लीं.
मेरी जीभ अब दीदी की चूत में अंदर भी जा सकती थी क्योंकि चूत खोलकर दीदी ने मेरी जीभ के लिए रास्ता दे दिया था.

मुझे भी जोश आ गया और मैं कुत्ते की तरह दीदी की चूत को जीभ से चाटने लगा. (Family sex story)

इतने में ही दीदी की नींद खुल गयी और वो मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत चटवाने लगी.

फिर वो अपनी चूत में मेरे होंठों को दबाने लगी.

उसके बाद वो उठी और उसने मेरे शॉर्ट्स में हाथ डाल दिया, अंदर हाथ डालकर उसने लंड को हाथ में पकड़ कर देखा.

मेरा लंड पहले से ही तना हुआ था.
दीदी मेरी तरफ देखकर मुस्कराई और फिर उसने मेरे लंड को मेरे शॉर्ट्स में सहलाना शुरू कर दिया.

दीदी चुदासी हो गयी थी और अब उसकी चूत उससे कह रही थी कि उसको लंड चाहिए.
इसलिए दीदी ने मेरे कान में चुपके से कहा- अब मेरे ऊपर आ जा!

मैंने दीदी की नाइटी को और ऊपर तक उठा दिया जिससे उसकी चूचियां भी अब नंगी हो गयीं.
रात से ही दीदी ने चूचियों पर ब्रा नहीं पहनी थी.

मैंने अपने शॉर्टस को भी उतार दिया. (Family sex story)
दीदी ने मेरे तने हुए लंड को सहलाया और फिर उसकी चमड़ी को खींचकर सुपारा पूरा बाहर निकाल दिया.
फिर उसने झुक कर मेरे लंड के सुपारे को किस कर लिया.

अचानक से उसने मेरे लंड के सुपारे पर होंठ खोले और लंड को मुंह में भर लिया.

दीदी के गर्म मुंह में लंड गया तो मैं एकदम से आनंद में हो गया.
वो मेरे लंड को मस्ती में चूसने लगी और मेरी आंखें बंद हो गयीं.

Family sex story

कुछ देर चूसने के बाद सना दीदी लेट गयी और अपनी चूत में लंड डालने के लिए इशारा किया.
मैंने अपना लंड दीदी की चूत के मुंह पर रखा और एक धक्के में लंड को जड़ तक दीदी की चूत में डाल दिया.

दीदी ने दर्द को बर्दाश्त करने के लिए अपने मुंह पर अपना ही हाथ रख लिया. (Family sex story)
लंड अंदर घुसते ही मैं दीदी की चूत में धक्के मारने लगा और एक बार फिर से सुबह सुबह दीदी की चुदाई शुरू हो गयी.

रात की चुदाई के बाद अब आराम मिल गया था और मुझमें नयी ऊर्जा आ गयी थी और मैं दीदी को नये जोश के साथ चोद रहा था.
अब दीदी की चुदाई करने में ज्यादा मजा आ रहा था.

चुदते हुए अब दीदी ने भी अपनी गांड उठाकर मेरा साथ देना शुरू कर दिया.
चोदते हुए ही मैं दीदी के बूब्स को चूसने लगा.

दीदी के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं.
अब उसको चूत और चूचियों पर दोनों जगह ही मजा मिल रहा था.

मैंने दीदी के मुंह पर हाथ रखते हुए इशारा किया कि आवाज ज्यादा तेज न निकाले वर्ना अम्मी सुन लेगी.
दीदी ने आवाज को धीमी किया और फिर आराम से चुदवाने लगी.

मैं भी दीदी को मस्त होकर चोदने लगा.

15-20 मिनट के लगभग चुदाई चली और फिर हम दोनों झड़कर शांत हो गये. (Family sex story)

मैंने लंड का पानी दीदी की चूत में ही छोड़ दिया.
फिर मैं उठकर फ्रेश होने लगा.

जब मैं नहा धोकर बाहर आया तो दीदी अभी भी वैसे ही चूत फैलाये हुए लेटी हुई थी.
वो शायद फिर से सो गयी थी.

मैंने दीदी को हल्के से हिलाया तो वो उठ गयी और नंगी ही बाथरूम में चली गयी.
उसके बाद मैंने अपने कपड़े पहन लिये.

मैंने धीरे से अपने रूम का दरवाजा खोला और फिर बाहर आ गया.

उस वक्त मम्मी रसोई में काम कर रही थी.
मुझे देखकर अम्मी बोली- उठ गया बेटा? आज बहुत देर तक सोया है तू? रात में देर से सोया था क्या?

अम्मी मेरी तरफ देख रही थी और मुझे घबराहट सी हो रही थी क्योंकि अम्मी ऐसे सवाल अक्सर नहीं पूछा करती थी.
मैं दीदी की चुदाई करके आया था और घबरा रहा था.

फिर मुझे ध्यान आया कि रात में मुझे कुछ शक भी हुआ था कि कोई जैसे हमें भाई बहन को चुदाई करते देख रहा हो.
कहीं अम्मी ने देख तो नहीं लिया?

सोचकर मैंने किसी तरह से जवाब दिया- हां, रात में देर तक पढ़ाई कर रहा था और लेट सोया था. (Family sex story)
अम्मी बोली- ठीक है, तुझे काफी भूख लगी होगी. नाश्ते में क्या दूं तुझे? और ये तेरी ट्रैक पैंट पर क्या लग गया है?

मैं- पता नहीं, शायद कुछ चिकना पदार्थ गिर गया है, शायद तेल गिर गया होगा.
अम्मी बोली- ये सफेद रंग का तेल कौन सा है?
मैं- मम्मी आप खुद ही आकर देख लेना. मुझे नहीं पता कि क्या लगा हुआ है.

अम्मी बोली- ठीक है, बाद में चेक करूंगी. पहले तुझे नाश्ता दे देती हूं.
फिर अम्मी ने मुझे एक बड़े गिलास में दूध भरकर दिया. फिर एक अंडे की ऑमलेट बना कर दी और साथ में दो परांठे भी दे दिये.

मैं बोला- क्या बात है अम्मी , आज इतना टेस्टी और पोषक खाना?
अम्मी बोली- आजकल तू इतनी मेहनत जो कर रहा है! जॉब भी करता है. देर रात तक पढ़ाई भी करता है.
मैं- थैक्स अम्मी !

कुछ देर के बाद फिर दीदी भी खाने की मेज पर आ गयी.
दीदी- अम्मी मुझे बहुत भूख लगी है. जल्दी से कुछ खाने का दो. (Family sex story)
अम्मी – हां बेटा, तू बैठ. मैं तेरे लिए नाश्ता लेकर आती हूं.

उस समय दीदी ने एक गहरे गले का टॉप और मिनी स्कर्ट पहना हुआ था.
मैं दीदी को देखकर अपने लंड पर हाथ फेरने लगा.

दीदी ने मुझे मेरे लंड पर हाथ फिराते हुए देख लिया और मुस्कराने लगी.

तभी अम्मी दीदी के लिए नाश्ता लेकर आ गयी.
दीदी और मैं एकदम से संभल गये.

अम्मी – तू भी आज काफी देर तक सो रही थी?
दीदी- हां अम्मी , रात को बहुत अच्छी और गहरी नींद आई. (Family sex story)

अम्मी – हां, आज तो तू एकदम से फ्रेश लग रही है.
दीदी- कल रात को मैंने बहुत ही सुंदर सपना देखा.
अम्मी – अल्लाह तेरे हर सपने को पूरा करे.
दीदी- हां अम्मी , बस आपकी दुआ चाहिए.

उसके बाद अम्मी रसोई में चली गयी और मुझसे कहा कि नाश्ता करने के बाद बाजार से कुछ सब्जी और सामान ले आना. कुछ नॉनवेज भी लाना है.

मैं बोला- क्या बात है अम्मी … आज तो नॉनवेज बनाओगी?
वो बोली- हां, तुझे प्रोटीन की बहुत जरूरत है, इतनी मेहनत जो कर रहा है. (Family sex story)

अम्मी की बातें सुनकर मैं सोच में पड़ गया था कि आज वो कुछ ज्यादा ही सोच रही है मेरे बारे में!
मैं सोच में पड़ गया और अम्मी बोली- क्या सोच रहा है?
मैंने कहा- कुछ नहीं, मुझे पैसे दे दो. मैं मार्केट जा रहा हूं.

फिर अम्मी ने अपने ब्लाउज में से एक सिंगल चाबी निकाली और मेरे हाथ में देते हुए कहा कि अलमारी से ले लो.
मैंने अलमारी खोलकर दो हजार रूपये निकाल लिए और कुछ पैसे अम्मी से कहकर जेब खर्च के लिए भी रख लिये.

मैं बाजार में चला गया. (Family sex story)

जब मैं वहां से सामान लेकर वापस आया तो अम्मी और दीदी दोनों ही हॉल में बैठी हुई कुछ बातें कर रही थीं.

मैंने सामान को किचन में रखा और फ्रिज से पानी की एक ठंडी बोतल निकाली.

फिर अम्मी बोली- अपनी बहन को बाइक पर कहीं बाहर घुमाकर ले आ. ये यहां पर बैठी हुई बोर हो रही है.
मैं- आज तो काफी गर्मी है अम्मी बाहर … शाम को चले जायेंगे और कोई अच्छी सी मूवी देखकर आयेंगे.

तभी दीदी बोली- हां भाई, मूवी देखे हुए तीन महीने हो गये हैं. आज मूवी देखने ही चलेंगे.
उसके बाद मैंने ओके कहा और फिर मैं अपने रूम में जाकर बेड पर लेट गया.

कुछ देर के बाद दीदी भी रूम में ही आ गयी.
दीदी ने स्कर्ट काफी छोटी पहनी हुई थी. उसकी गांड भी मुझे साफ दिख रही थी.

ये देखकर मेरे लंड में फिर से हलचल होने लगी. (Family sex story)
मैं दीदी के सामने ही अपने लंड को सहलाने लगा.

दीदी ने मुझे लंड सहलाते हुए देख लिया और फिर मुस्कराने लगी.

उसको मुस्कराते देखकर मैं उसके पास गया और उसको साइड वाली दीवार के साथ सटा दिया.
मैंने सना दीदी की स्कर्ट में हाथ डाला और उसकी पैंटी को नीचे कर दिया.
फिर मैं दीदी के पैरों में बैठ गया, दीदी की चूत पर मुंह लगाकर उसकी चूत को चाटने लगा.

धीरे धीरे दीदी की सिसकारियां निकलने लगीं.

उस वक्त घर में केवल मैं, दीदी और अम्मी ही थे. अब्बू तो सुबह ऑफिस के लिए निकल जाते थे.

मैं दीदी की चूत को चाटता जा रहा था और वो जोर जोर से सिसकारने लगी.
मैं- थोड़ा धीरे आवाज करो दीदी, अम्मी सुन लेगी. (Family sex story)
दीदी- सुनती है तो सुनने दे. तू चाट यार … मजा आ रहा है.

फिर मैं दीदी की चूत को चाटने लगा.
दीदी को बहुत मजा आ रहा था और मैं भी उसकी चूत को चाटने का पूरा मजा ले रहा था.

वो मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत में दबाये जा रही थी.

अब दीदी से रहा नहीं जा रहा था. वो सिसकारते हुए बोली- आमिर . चोद दो मुझे. मुझे अब तेरा लंड चाहिए है. मेरी चूत को लंड चाहिए है. चोद मुझे आमिर !
मैं- दीदी, मेरा लंड तो हमेशा से ही तुम्हारा है.

हम दोनों तेज आवाज में बातें कर रहे थे.
शायद अम्मी को हमारी आवाज सुन गयी थी. (Family sex story)

मैं दीदी को बांहों में उठाकर बेड पर लेकर गया और मैंने उसे बेड पर लिटाया.
उसकी टांगें जमीन पर थीं और उसकी गांड बेड के कोने पर टिकी हुई थी.

फिर मैंने उसकी टांगों को अच्छी तरह से चौड़ी करके खोला और उसकी चूत को चाटने लगा.
दीदी जोर जोर से सिसकारने लगी.

इस पोजीशन में मेरी जीभ दीदी की चूत में अंदर तक जाकर चाट रही थी.
दीदी की गर्म चूत की गहराई में जीभ देकर मैं भी पागल सा होने लगा था अब!

वो सिसकारते हुए बोली- आह्ह … चूसो और जोर से चूसो. खा जा मेरी चूत को! तेरे जीजा के लंड में तो दम नहीं रहा है. तू ही मुझे अब प्रेग्नेंट कर दे. मुझे चोदकर अपने बच्चे की अम्मी बना दे।

उसकी चूत को चाटना मैंने जारी रखा. (Family sex story)
कुछ देर तक चूत चाटने के बाद मैंने अपनी लोअर उतार दी और अपने लंड को सहलाने लगा.

अब दीदी ने हाथ आगे बढ़ाकर मेरे लंड को पकड़ लिया और मेरे लंड को सहलाने लगी.

वो मेरे लंड को सहलाती रही और मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा, उसकी चूचियों को जोर जोर से भींचने लगा.

फिर मैंने उसको बेड पर दोबारा से लिटाया और हम 69 की पोजीशन में आ गये.

मैं दीदी की चूत को फिर से चाटने लगा और दीदी मेरे लंड को चूसने लगी.
हम दोनों फिर से एक दूसरे को चूसने और चाटने में खो ही गये.
दोनों के मुंह से पूच .. पूच .. आह्ह … मुच .. म्च्च … की आवाज हो रही थीं.

हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे के गुप्तांगों का रसपान करते रहे.
दीदी- बस कर अब … मेरी चूत में अब लंड डाल दे.
मैं- दीदी, थोड़ी और चाटने दो प्लीज … बहुत मजा आ रहा है. उसके बाद मैं पक्का चोदूंगा. (Family sex story)

दीदी- नहीं, अब मुझे तेरा लंड चाहिए. तेरे लंड का पानी अपनी चूत में गिरवाना है. इस बार अपने ससुराल लौटने से पहले मैं प्रेग्नेंट होना चाहती हूं.
मैं- आप चिंता मत करो दीदी, अगर हमारा प्रेम मिलाप इसी तरह से चलता रहा तो तुम जरूर प्रेग्नेंट हो जाओगी.

वो बोली- अब तू अपने जीजा की तरह केवल बातें ही करता रहेगा या फिर मुझे चोदेगा भी?

उसकी बात सुनकर मुझे भी जोश आ गया.
मैंने अपना लंड दीदी की चूत पर सटा दिया और एक ही धक्के में आधे से ज्यादा घुसा दिया.

दीदी के मुंह से आह्ह … निकल गयी लेकिन वो आवाज को अंदर ही दबा गयी.
फिर मैं उसके ऊपर लेट गया और फिर से एक धक्का मारा और मेरा पूरा लंड दीदी की चूत में चला गया.

चूत में पूरा लंड डालकर मैं तेजी से धक्के मारने लगा.
दीदी भी अपनी टांगों को मेरी कमर पर लपेट कर चुदने लगी. (Family sex story)

मैंने दीदी को पागलों की तरह चोदना शुरू कर दिया.
दीदी जोर से सिसकारती रही और मैं उसे चोदता रहा.

थोड़ी देर के बाद दीदी झड़ गयी और मैं उसकी चूत में अभी भी धक्के लगाता रहा.
उसके पांच मिनट बाद मेरा भी वीर्य निकलने को हो गया.
मैंने दीदी से कहा- निकलने वाला है मेरा माल … अब कहां गिराना है?

वो बोली- अंदर ही निकाल अपना माल. मैं तेरे बीज को अपनी चूत में लेकर अपने गर्भ में पहुंचाना चाहती हूं ताकि मैं भी अम्मी बन सकूं.
मैं अब पूरी ताकत के साथ दीदी की चूत में धक्के लगाने लगा.

फिर मैं चोदते हुए दीदी की चूत में ही झड़ गया.
दीदी भी चुदकर शांत हो गयी. (Family sex story)

मैं भी जोर जोर से हांफ रहा था और अपनी सांसों को सामान्य करने की कोशिश कर रहा था.

रात से लेकर दोपहर तक के समय में ये दीदी की तीसरी चुदाई थी.
मैं भी थक गया था.

उसके बाद दीदी 20 दिनों तक हमारे यहां रही. मैं और दीदी रोज चुदाई करते थे.

रविवार को अम्मी और अब्बू दोनों बाहर चले जाते थे. फिर हम दिन भर चुदाई करते थे.

इस तरह से मैंने अपनी बहन की चूत की चुदाई न जाने कितनी बार की.

आपको ये बहन की चुदाई  सेक्स कहानी अच्छी लगी या नहीं, मेल में बताना.
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