नमस्कार दोस्तों, मैं दिल्ली से अमन हूँ आज में आपको बताने जा रहा हूँ की कैसे मेने “बीवी की सहेली की चुदाई की और उसके पति की कमी को पूरा किया”
मैं शादीशुदा हूं और अपनी पत्नी और बच्चे के साथ शानदार जिंदगी जी रहा हूं। बात इसी जून महीने की है, मेरी पत्नी के उसकी एक दोस्त का फोन आया। उसने मेरी पत्नी से कहा कि वह कल हमारे घर आ रही है.
मेरी पत्नी ने मुझसे कहा कि उसकी पक्की सहेली आशिका कल आ रही है और तुम उसे ले आना. चूँकि मैं उससे कभी मिला नहीं था तो मैंने कहा- मैं उसे पहचानूँगा कैसे? (बीवी की सहेली की चुदाई की)
मेरी बीवी बोली- वो तुम्हें जानती है. बाकी फोन तो है, सब हो जाएगा. मैं उससे सहमत था. अगले दिन मैं अपनी पत्नी की बताई जगह पर बस स्टैंड पहुंच गया. मैं सोच ही रहा था कि अपनी पत्नी को फोन करके बता दूँ कि मैं पहुँच गया हूँ
तभी मेरे सामने एक बेहद खूबसूरत औरत आ खड़ी हुई और मैं सब कुछ भूल कर उसे देखने लगा। उसका दूध सा सफेद रंग, सीधे काले लंबे बाल और उसके कसे हुए गाल देख कर मेरे दिल ने कहा कि ऐसी सुन्दरी को चोदने को मिल जाए.. तो जीवन सफल हो जाए।
मैं भूल गया कि मैं यहां किसी को लेने आया हूं. तभी अचानक उसने मेरी बांह पकड़ ली और बोली- कहां खो गए जीजाजी? उसकी इस बात से मैं एकदम से हड़बड़ा गया और बहुत ही ज्यादा गिल्टी फील करने लगा।
खैर मैंने उसे चलने के लिए कहा। वह मेरे पीछे बैठ गई और मैं उसे अपने घर ले आया। पूरे रास्ते मैंने उससे कोई बात नहीं की. क्योंकि मुझे डर था कि कहीं वो मेरी बीवी को ना बता दे.
लेकिन रास्ते भर मैं यही सोचता रहा कि कोई इतना खूबसूरत भी हो सकता है. घर आकर चाय नाश्ता करने के बाद मेरी पत्नी रसोई में खाना बनाने लगी और मैं छुपी नजरों से उसकी सहेली को ही देख रहा था.
कुछ देर बाद मेरी पत्नी ने खाना लगाया और दोनों ने खाना खाया. मैंने खाना नहीं खाया क्योंकि उसका चेहरा देखकर ही मेरा पेट भर गया था. उसके बाद वो बोली- मुझे अब जाना होगा. पत्नी ने मुझसे उसे छोड़ने के लिए कहा।
इसलिए मैं उसे अपनी बाइक पर छोड़ने गया। रास्ते भर मैं भगवान से प्रार्थना करता रहा कि हे भगवान मैं इसे सिर्फ एक बार चोदना चाहता हूँ। बस यही कामना करते हुए मैं उसके शरीर के स्पर्श का आनंद लेता रहा.
मैंने अभी तक उससे बात नहीं की है. कुछ देर बाद हम दोनों बस स्टैंड पहुंच गये. अब उसने कहा कि जीजाजी घर पहुंच कर फोन करना. मैंने कहा- मेरे पास आपका नंबर नहीं है.
यह सुनकर उसने मुस्कुराते हुए मेरा नंबर मांगा और मुझे अपने फोन से मिस्ड कॉल दी. घर पहुँच कर मैंने अपनी पत्नी से कहा कि वह आशिका को फोन करके बता दे कि मैं घर पहुँच गया हूँ।
कुछ देर बाद मेरी पत्नी ने उसे फोन किया और बताया कि मैं घर पहुंच गया हूं. वहां से उसने यह भी बताया कि वह भी घर पहुंच गयी है. उस दिन कुछ खास नहीं हुआ. अगली सुबह मेरे फोन पर गुड मॉर्निंग का मैसेज आया.
मैंने भी रिप्लाई किया और पूछा कि रात कैसी कटी? वो बोली- आज नींद ही नहीं आई. मैंने कहा- नींद क्यों नहीं आई.. साढू साहब ने सोने नहीं दिया क्या? उसने जवाब दिया- वो मुंबई में काम करता है और 6 महीने में ही घर आते है.
तभी मेरी पत्नी चाय लेकर आ गई और हमारी बातें बंद हो गईं. चाय नाश्ते के बाद मुझे ड्यूटी पर भी जाना था तो मैं तैयार होकर ड्यूटी के लिए निकल गया. मैं सोचने लगा कि उसका पति उसके पास नहीं रहता है
तो उसे भी किसी मर्द की जरूरत होगी. ये सब सोचते ही मुझे उसकी कल की मुस्कराहट में कुछ दिखने लगा. सुबह करीब 11 बजे उनका फोन आया. वो बोली- कहां हो जीजाजी? मैंने कहा- मैं ड्यूटी पर हूं.
उसने पूछा- क्या मैं बात कर सकती हूँ? मैंने हाँ में जवाब देते हुए पूछा- रात को नींद क्यों नहीं आई? आपने बताया नहीं. वो बोली- बस ऐसे ही. मैंने कहा- ठीक है. जब बताना हो तो बता देना.
फिर वो बोली- जीजाजी, मैं एक बात कहना चाहती थी. मैंने कहा- बोलो? वो बोली- मैं तुम्हें पसंद करती हूँ. मैंने कहा- तुम भी मुझे अच्छी लगीं. फिर वो बोली- क्या तुम मेरे घर आ सकते हो? मैंने कहा- मैं कल आ सकता हूँ.
क्या कोई खास काम है? उसने कहा कि उसे कुछ शॉपिंग करनी है. मैंने ठीक है कहते हुए उससे पूछा कि तुम्हारे घर में और कौन-कौन है? वो बोली- मैं अकेली रहती हूँ. मेरे पति ने यहां मेरे मायके के पास ही एक मकान ले लिया है.
उसकी बात सुनकर मैंने ईश्वर को धन्यवाद दिया। अगले दिन मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मुझे हौज खास जाना है, कुछ जरूरी काम है. मुझे आने में देर हो जायेगी. वो बोली- ठीक है. (बीवी की सहेली की चुदाई की)
मैं सुबह करीब 9:30 बजे घर से निकला, रास्ते में मेडिकल स्टोर से कंडोम ले लिया और एक दुकान से चॉकलेट ले ली और उसके घर चला गया. उनका घर मेरे घर से केवल बीस मिनट की दूरी पर था।
मैंने उसे फ़ोन किया और पूछा कि तुम्हारा घर कहाँ है? उसने मुझे अपने घर का रास्ता बताया और मैं उसके घर पहुंच गया. मैंने उससे नमस्ते करके पूछा- शॉपिंग के लिए कहाँ जाना है?
वो बोली- पास के शहर में एक मार्केट है.. हमें वहीं जाना है। मैं उसे बाज़ार ले गया और उसने कुछ खरीदारी की और पैसे निकालने लगी। मैंने कहा कि मैं बिल का भुगतान करता हूं. वो बोली- नहीं जीजू … मैं खुद ही कर लूंगी.
उसके बाद हम दोनों वापस उसके घर आ गये. घर आकर मैंने कहा कि मैं अब जा रहा हूं. तभी वो मेरे ठीक सामने आकर खड़ी हो गयी और बोली- आपने कुछ नहीं लिया. मैं उसकी तरफ देखने लगा तो बोली- मेरा मतलब है कुछ चाय-पानी.
मैंने हंस कर कहा- मैंने तो कुछ और ही समझा था. वो मुस्कुराई और बोली- क्या सोचा? मैंने उसके दूध देखते हुए कहा- कुछ नहीं. शायद वो भी कुछ समझ गयी थी.
फिर वह चाय के साथ भुने हुए काजू लेकर आई और इस बार वह बिना दुपट्टे के थी। उसके गहरे गले के कुर्ते से उसके स्तनों की रेखा साफ़ दिख रही थी। जब वो चाय रखने के लिए झुकी तो मेरी नज़र उसके चुचो पर गयी.
उसने मुझे उसके मम्मे देखते हुए देख लिया और मस्त आवाज में बोली- क्या देख रहे हो? मैंने कहा कि मैं चाय नहीं पीता.. अगर पीने के लिए दूध मिल जाए तो मजा आ जाए.
उसने थोड़ा ज्यादा झुक कर मेरी चाय का कप उठाया और मेरी आंखों में देखते हुए बोली- मैं दूध लेकर आती हूं. मैंने भी उसकी नजरें पढ़ लीं और कहा- मुझे तुम्हारा दूध पीना है. वो मुझे बहुत गुस्से से देखने लगी.
मैंने सोचा कि ये क्या हो गया.. आज तो गड़बड़ हो गई। लेकिन तभी उसने कहा- साली भी आधी घरवाली होती हैं, तो दूध तो दे ही सकती हूँ. उसके बोलने की देर ही थी कि मैंने उसे पकड़ लिया और अपने पास खींच लिया
और उसके होंठों से अपने होंठ मिला दिये। वो कसमसा कर मुझसे छूटने की ऐसी कोशिश करने लगी कि मुझसे छूट ही न सके. मैं उसके होंठों को चूसने लगा. थोड़ी देर बाद वो भी साथ देने लगी.
मैं उसके एक दूध को हाथ से मसलने लगा और उसके होंठों का रस पीता रहा. फिर मैंने उसका सूट जो उसने पहना हुआ था, पकड़ कर ऊपर कर दिया. इस बार सूट उतारने में उसने भी मदद की.
उसने नीले रंग की ब्रा पहनी हुई थी. मैंने उसकी ब्रा उठा दी और उसकी चुचियाँ देखने लगा. उसके निपल्स गुलाबी रंग के थे. मैंने उसके एक निपल्स को मुँह में ले लिया और उसका दूध पीने लगा. फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी.
इसके साथ ही वो बोलीं- तुम भी अपने कपड़े उतारो. मैंने कहा कि आप इसे उतार दीजिए. उसने मेरी शर्ट पैंट और बनियान उतार दी. मैंने उसका प्लाज़ो भी उतार दिया. वो सिर्फ पैंटी में थी. मैं सिर्फ अंडरवियर में.
मैंने फिर से उसके बूब्स को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा. वो भी अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी. मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी और उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी और आगे-पीछे करने लगा।
वो गर्म सिसकारियां ले रही थी. मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. जैसे ही मैंने उसके बूब्स को छोड़ा तो मैंने अपना मुँह उसकी चूत की तरफ कर दिया. वो बोली- क्या कर रहे हो? मैंने कहा कि मैं तुम्हारा अमृत पीने जा रहा हूँ.
उन्होंने कहा कि मेरे पति कभी ऐसा नहीं करते. मैंने कहा- देख तो सही.. मजा आएगा। इतना कहते ही मेने अपनी जीभ से उसकी चुत को चूसना शुरू कर दिया। वो अपना सिर इधर-उधर मारने लगी और मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी और आगे-पीछे करने लगा। (बीवी की सहेली की चुदाई की)
वो पागल हो गयी और न जाने क्या क्या कहती रही. 5 मिनट में ही उसकी चूत का अमृत निकल गया. वह निढाल होकर लेट गयी. मैंने उसकी पूरी चूत का रस चाट कर पी लिया, वो फिर से गर्म होने लगी थी।
जब मैंने उसे छोड़ा और अपना अंडरवियर निकाला तो उसने मेरे लंड को देखा और कहा कि यह तो बहुत बड़ा है.. मेरे पति का तो इससे बहुत छोटा है. मेरा लिंग छह इंच लंबा और ढाई इंच मोटा है.
मैंने उससे लंड मुँह में लेने को कहा. उसने कहा कि मेने कभी मुंह में नहीं लिया. मेरे बहुत ज़ोर देने पर वो लंड मुँह में लेने को तैयार हो गयी. सबसे पहले वो मेरे सुपारे पर अपनी जीभ घुमाने लगी.
थोड़ी देर में वो सुपारे को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. लेकिन वो सिर्फ सुपारे को ही चूस रही थी और लंड को अन्दर नहीं ले रही थी. मैं 69 की पोजीशन में आ गया और उसे लिटा दिया.
अब मैं उसकी चूत को चूसने लगा और वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. थोड़ी देर बाद उसे मजा आने लगा और वो पूरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. थोड़ी देर बाद उसने पानी छोड़ दिया और मेरा भी होने वाला था.
मैंने पूछा- कहां गिराऊं? वो बोली- मेरे बूब्ज़ पर गिरा दो। मैंने उसके मुँह से लंड निकाला और उसकी चुचियों को माल से भर दिया. कुछ देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे और फिर उसने टिश्यू पेपर से मेरा लंड और अपनी चुचियाँ और चूत साफ की.
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मैंने उससे पूछा- कैसा लगा? वो हंस पड़ी और बोली कि उसने अपनी जिंदगी में इतना मजा कभी नहीं किया. ये कहते हुए उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये. मैं भी उसका साथ देने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उसे लिटा दिया और खुद उसके ऊपर आ गया. मेरा लंड उसकी चूत से सट गया. वो आँखें बंद करके लेट गयी. मैंने कोई हलचल नहीं की. वो बोली- जीजा जी, अब डाल भी दो … क्यों तड़पा रहे हो.
मैंने झटका मारा और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. वो धीरे से चिल्लाई. मैंने पूछा- क्या हुआ? उसने कहा कि मैंने 4 महीने से चुदाई नहीं की है धीरे – धीरे करो।
मैं उसकी गर्दन पर चूमने लगा और लंड पीछे खींच कर एक और झटका मारा. वो फिर से चिल्लाई और चादर को मुट्ठी में लेकर भींचने लगी. मैंने कुछ देर तक उसके होंठों को चूसा और एक हाथ से उसकी चुचियों को मसलता रहा.
अब वो सामान्य हो गयी थी और अपनी गांड हिलाने लगी थी. मैंने धीरे-धीरे करना शुरू कर दिया। वो भी अपनी गांड आगे-पीछे करने लगी तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. वो भी कामुक आवाजें निकालने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उससे डॉगी स्टाइल में आने को कहा, तो वो झट से डॉगी स्टाइल में आ गयी. मैंने लंड को उसकी चूत के मुँह पर सेट किया और एक ही झटके में पूरा लंड डाल दिया और फुल स्पीड में चोदने लगा.
पूरा कमरा फच-फच और उसकी कामुक सिसकारियों से गूंजने लगा. फिर मैं लेट गया और उससे ऊपर आने को कहा. उसने अपने हाथों से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर सेट किया और लंड पर बैठ कर पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया.
वो भी ऐसे ऊपर-नीचे होने लगी जैसे कोई घोड़े पर सवार होकर ऊपर-नीचे होता है। इस समय मुझे उसकी मदमस्त चुचियां देखने में बहुत मजा आ रहा था, वो अपने दोनों मम्मों को बारी-बारी से चुसवाते हुए लंड पर उछल रही थी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था. फिर मैंने उसे लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया और पूरी स्पीड से उसे चोदने लगा. इस तरह कुल 15 मिनट की चुदाई के बाद मेरा होने वाला था. (बीवी की सहेली की चुदाई की)
मैंने पूछा- माल कहां से लोगी? वो बोली- मेरा भी होने वाला है, चूत में ही छोड़ दो। मैंने 10-12 झटकों के बाद अपना वीर्य उसकी चूत में गिरा दिया और मेरे साथ-साथ वो भी निढाल हो गई.. क्योंकि उसकी चूत ने भी रस छोड़ दिया था।