चुदक्कद मौसी की चूत का भोसड़ा बनाया | Family sex story

चुदक्कद मौसी की चूत का भोसड़ा बनाया | Family sex story

 wildfantasystories family sex story में मेरी मौसी ने मेरे साथ सेक्स करके मजा लिया और मुझे भी खूब अच्छा लगा मोसी की चूत चोद कर! असल में मोसी को मौसा से मजा नहीं आता था.

आज मैं आपको अपनी और अपनी माया मोसी के साथ हुई घटना के बारे में इस  सेक्स कहानी में बताना चाहता हूं.

मेरी मोसी एकदम जवान हैं और उनकी अभी कोई सन्तान नहीं हुई है.
उनका फिगर देख कर मुझे उन्हें चोदने का बड़ा मन करता था.

दोस्तो, मैं कुलदीप बैंगलोर का रहने वाला हूं.

मोसी के घर में मौसा और उनकी मां ही रहती हैं.
मौसा किसी कम्पनी में सेल्स मैनेजर हैं. वे अधिकतर घर से बाहर रहते हैं. (Family sex story)

जबकि मोसी की सास अपना अधिकतर समय मंदिर देवालय में बिताती हैं तो घर में अक्सर मोसी ही अकेली रहती हैं.

यह बात उस समय की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था.
मैं एक दिन मोसी के यहां गया.
जब मैं उनके घर के बाहर आया तो देखा कि उनके घर का दरवाजा खुला हुआ था.

मैं सीधा उनके घर में अन्दर चला गया और उनको आवाज दी.

उस समय मोसी जी नहा रही थीं.
उन्होंने उत्तर में कहा- तुम बैठो, मैं अभी नहा कर आ रही हूं.

मोसी की नहाने की बात सुनकर मेरे मन में उनको नहाते हुए देखने की कामना घर करने लगी.

मैंने एक बार अपने आस-पास देखा और उसके बाद धीरे से मैं उनके बाथरूम के दरवाजे के पास आ गया.
तब मैंने देखा कि उनके बाथरूम के दरवाजे में एक छोटा सा छेद है.

मैंने छेद में से अन्दर की तरफ देखा, तो मैं एकदम से गनगना उठा. (Family sex story)
अन्दर मोसी पूरी नंगी होकर नहा रही थीं, उन्होंने कुछ भी नहीं पहना हुआ था और अपने अपने मम्मों को मसल मसल कर साफ कर रही थीं.

यह दृश्य देख कर मेरा लंड एकदम से अकड़ कर खड़ा हो गया और मेरा मन करने लगा था कि उन्हें अभी पकड़ कर चोद दूँ.

मोसी अपने चूचों से खेलती रहीं और मैं उनको देखता रहा.
वे दरवाजे की तरफ ही मुँह करके अपनी चूचियां मसल रही थीं और साथ में चूत में उंगली कर रही थीं.

मैं समझ रहा था कि मौसी को ये नहीं मालूम है कि मैं बाहर खड़ा सब देख रहा हूँ.
लेकिन मोसी इस बात को समझ गई थीं कि मैं बाथरूम के बाहर खड़ा हूँ.

तब मैं इतना अधिक मदहोश हो गया था कि मुझे होश ही नहीं रहा कि मैं किधर खड़ा हूँ और क्या कर रहा हूँ.
उसी दौरान मेरा हाथ मेरे लौड़े पर चलने लगा था और मैं अपने लंड को मुठियाने लगा था.

तभी न जाने कैसे एकदम से बिजली सी गिरी और मोसी ने झटके से दरवाजा खोल दिया.

मैं उस वक्त अपना लंड हाथ में पकड़े हुए मुठ मार रहा था. (Family sex story)

उन्होंने मुझको लंड हिलाते हुए देख लिया.
वे बोलने लगीं- क्या देख रहे थे तुम अन्दर … और ये क्या कर रहे हो? तुम्हें शर्म नहीं आती?

मैं सकपका गया कि ये क्या हो गया.
मेरे सामने मेरी माया मोसी एकदम नंगी खड़ी थीं, उनकी हल्की हल्की झांटों वाली चूत मुझे बड़ी फूली फूली सी लग रही थी.

वे मेरे लंड को देखी जा रही थीं.
मैं एकदम से डर गया और सॉरी बोलने लगा.

मैं उस वक्त काफी पेशोपेश की स्थिति में था.
पर न जाने कैसे उस समय मेरी दिमाग की बत्ती जल गई. (Family sex story)
मैंने सोचा कि मोसी ने अचानक से दरवाजा खोला और मेरे सामने एकदम नंगी खड़ी हैं. ऐसा क्यों किया मोसी ने?

बस ये ध्यान आते ही मैंने अपने लंड को एक बार फिर से पकड़ कर हिलाया.
तभी उन्होंने इधर उधर देख कर अपने होंठों पर मुस्कान ला दी.

मोसी ने मेरे लंड को एकदम कड़क अवस्था में खड़ा देख कर कहा- तुम्हें किसी को देखा नहीं है क्या?
मैंने धीमी आवाज में कहा- नहीं तो!

उन्होंने मेरे हाथ पकड़ कर अन्दर खींचते हुए कहा- अन्दर आ जाओ, देख लो सब. वैसे भी तुमने सब तो देख ही लिया है.
यह सुनकर मेरी तो मानो लॉटरी लग गई.

मैं अन्दर घुसा और दरवाजे को अपनी गांड से धक्का देकर बंद कर दिया.

मोसी ने मुझे बाथरूम में अन्दर लेती हुई बोलीं- चलो, अब मैं तुमको भी नहला देती हूं. तुम जल्दी से अपने कपड़े उतारो और मेरे साथ नहा लो.

यह कहती हुई मौसी ने मेरे कपड़े उतार दिए और मैंने अपने कपड़े बाथरूम में बनी सेल्फ के ऊपर रख दिए.

मैं एकदम नंगा था और मोसी ने मेरे ऊपर पानी डालना शुरू कर दिया था. (Family sex story)

उनके साथ मैं भी नहाने लगा और नहाते नहाते मेरा लंड मोसी के पेट पर टच होने लगा, जिसे वे अपने पेट से ही रगड़ने जैसा कर रही थीं.

मैंने मोसी से कहा- क्या मैं आपके बूब्स दबा सकता हूँ?
 माया मोसी ने मेरे लंड को पेट से मसलते हुए कहा- हां, दबाओ भी और पियो भी!

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यह सुनते ही मैंने मोसी के मम्मों को दबाना शुरू किया और उनके दोनों मम्मों को बारी बारी से पीने लगा.

मोसी को सेक्स चढ़ गया और वे मादक सिसकारियां लेने लगीं.
वे आ आ की आवाज निकालती हुई मुझे अपने दूध पिलाने लगीं.

मैंने उन्हें दीवार  से चिपकाया और उनके दोनों थन भर भर कर चूसने मसलने चालू कर दिए.

मोसी भी अपने हाथ से अपने दूध पकड़ कर मुझे पिला रही थीं और साथ ही अपने पेट से मेरे लौड़े ही दबाए जा रही थीं.

मेरा लंड एकदम खूंटा सा कड़क होकर उनके पेट में घुसने की कोशिश कर रहा था.

फिर जब उनसे रहा नहीं गया तो उन्होंने मेरा लंड पकड़ ही लिया और उसको सहलाने लगीं. (Family sex story)
वे बोलीं- ये तो एकदम लोहे सा कड़ा हो गया है. मुझे बड़ी आग लग रही है कुलदीप बस अब ज्यादा मत तड़पाओ … अब तो जल्दी से इसे मेरे अन्दर डाल दो.

मैंने मोसी से कहा- ओके मोसी, फर्श पर ही लेट जाओ. मैं अभी आपकी चूत में अपना लंड पेल देता हूँ.
मोसी ने लंड सहलाते हुए कहा- इधर सही से नहीं हो पाएगा. चलो बेड पर चलते हैं.

मैं और मोसी उनके बेडरूम के अन्दर उनके पलंग पर आ गए और मैं मोसी को पकड़ कर किस करने लगा.
मोसी भी मेरा साथ देने लगीं.

मैं उनके होंठों पर किस करने लगा और बूब्स पीने लगा.
फिर माया मोसी की चूत को चाटने लगा.
तो मोसी और ज्यादा तड़पने लगीं.

वे गांड उठाती हुई बोलने लगीं- जल्दी से अन्दर डाल दो … अब और मत तड़पाओ.
मैंने कहा- मोसी एक बार चूस देतीं तो लंड चिकना हो जाता. उससे आपको भी ज्यादा मजा आएगा. (Family sex story)

मोसी ने ये सुनते ही घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड पर ऐसे हमला किया मानो वे मेरे कहने भर का इन्तजार कर रही थीं.

उनके लंड चूसने का अंदाज एकदम रफ था.
शायद उन्हें मेरे लंड के जैसे लंड को चूसने का बिल्कुल भी अनुभव नहीं था.

एक तो मेरा लंड काफी लम्बा और किसी खीरे के जैसा मोटा.
मोसी के मुँह में लंड का सुपारा ही बड़ी मुश्किल से गया था.

फिर मोसी ने लंड पकड़ा और सुपारे पर जीभ से चाटना चालू कर दिया.
मुझे झुरझुरी सी आ गई थी. पहली बार ऐसा लग रहा था मानो किसी कुंवारी लौंडिया से लंड चुसवा रहा हूँ.

कुछ देर बाद मैंने मोसी के दूध दबाते हुए उनसे कहा- चलो अब चुदाई की बारी आ गई.
वे झट से किलकारी मारती हुई चित लेट गईं.

मैंने उनकी दोनों टांगों को फैलाया और चूत पर अपनी जीभ लगा दी. (Family sex story)
बस इतने में ही मोसी की चूत मानो छटपटा उठी और वे बिस्तर की चादर पकड़ कर सिसयाने लगीं- आह आह कुलदीप क्या कर रहा है … आह लंड पेल दे ना!
मैंने उनकी एक ना सुनी और चूत चाट कर अच्छी तरह से रसीली कर दी.

फिर मैंने मोसी को घोड़ी बनाया और उनकी चूत पर अपना लंड रख कर अन्दर डालने लगा.

मेरे मोटे लंड का सुपारा उनकी चूत को फाड़ने लगा तो मोसी चिल्लाने लगीं- धीमे पेल आह … तेरा बहुत मोटा है.
मैंने कमर पकड़ी और आधा लंड पेल दिया.

मैंने कहा- मोसी न जाने कितनी बार तो लंड खा चुकी हो मौसा का … फिर भी चिल्ला रही हो.
मोसी ने कराहते हुए कहा- आह मार डाला तूने तो … तेरे मौसा का लंड होता तो तुझसे चुदवाती ही क्यों … आह उनका तो लंड के नाम पर एक पुलपुला सा खिलौना झूलता रहता है, जिससे बस मूतने का काम ही सही से हो पाता है. तेरा बहुत मोटा है … आह मेरी फट रही है.

मैं- अभी तो आधा ही अन्दर गया है मोसी … आज तो मैं आपकी फाड़ कर ही दम लूंगा.
मोसी बोलीं- आंह … तुम्हारा बहुत बड़ा है. ये पूरा अन्दर नहीं जाएगा. जितना गया है उतने से ही कर ले. (Family sex story)

हाथ आगे बढ़ाकर मैंने उनका दूध मसला और कहा- चिंता मत करो मोसी, पूरा चला जाएगा … बस थोड़ा सा दर्द होगा. लो आह … पूरा ले लो.

मैंने एक जोरदार झटका दे दिया और पूरा लंड एक ही बार में उनकी चूत को चीरता हुया अन्दर चला गया.
मोसी दर्द के मारे तड़पने लगीं.

मैं थोड़ा रूक गया.
फिर थोड़ी देर बाद मैं धीरे धीरे झटके देने लगा.

कुछ ही देर बाद मोसी को मजा आने लगा.
वे गांड हिलाती हुई बोलीं- आह थोड़ा और तेज करो … अच्छा लग रहा है. आह थोड़ा तेज … अब बहुत मजा आने लगा.

बस मैं माया मोसी की चूत को भोसड़ा बनाने के काम पर लग गया.

यूं ही धकापेल सेक्स करते हुए हमको 20 मिनट हो गए. (Family sex story)

मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने मोसी से कहा- मोसी बारिश होने वाली है. लौड़े पर छतरी भी नहीं है. जल्दी बोलो माल कहां निकालूँ?
मोसी ने कहा- अन्दर ही निकाल दो … मेरी चूत की प्यास बुझा दो.

मैं बिंदास ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा और हम दोनों साथ में ही झड़ गए.
दस मिनट ऐसे ही हम एक दूसरे से लिपटे पड़े रहे.

कुछ देर बाद मेरे लंड में फिर से हरकत होने लगी और हम लोगों ने दुबारा से सेक्स का मजा लेना शुरू कर दिया.
चुदाई के बाद हम दोनों साथ में बाथरूम में दुबारा से नहाने के लिए आ गए.

वहां पर नहाते हुए मुझको शरारत सूझी, तो मैं मोसी के बूब्स पकड़कर उनको सहलाने लगा और मोसी ने मेरा लंड पकड़ कर खड़ा कर दिया.
मैंने मोसी को बाथरूम में एक बार फिर से चोद दिया.

फिर हम दोनों नहा कर बाहर आए और कपड़े पहनने लगे. (Family sex story)
मोसी ने कहा- ये बात किसी को बताना नहीं.

मैंने मोसी को किस किया और पूछा- मोसी मजा आया?
मोसी ने हंस कर कहा- हां … बहुत ज्यादा मजा आया. तुम बहुत अच्छे से चुदाई करते हो. तुम्हारे मौसा जी के साथ मुझे कभी भी सेक्स का सुख नहीं मिला है. उनका लंड छोटा सा है.

मैंने कहा- अब मैं हूं ना आपके लिए!
मोसी हंसने लगीं.

फ़िर मुझको भूख लगने लगी तो मोसी किचन में खाना बनाने चली गईं.
मैं भी उनके साथ आ गया.

मोसी ने खाना बनाते समय एक गाउन पहना हुआ था.
मैंने पीछे से उनका गाउन को ऊपर किया और उनके बूब्स दबाने लगा.
वे भी मस्ताने लगीं.

मैंने उनके गाउन को ऊपर करके पीछे से उनकी चूत के अन्दर लंड पेल दिया और चोदने लगा.
वे भी मेरे साथ सेक्स का मजा लेने लगीं. इस तरह से हम दोनों ने किचन सेक्स भी किया. (Family sex story)

उस दिन हमने 4 बार सेक्स किया.
चुदाई का मजा लेने के बाद हम दोनों खाना खाकर सो गए.

अब जब भी मेरा मन करता या मोसी का मन होता, तो मैं उनके घर आ जाता हूँ. हम दोनों मिल कर बहुत चुदाई करते हैं.

मैं हफ्ते में 2 या 3 बार मोसी के घर जाता ही हूँ और मौका पाते ही उनको चोद देता हूँ.

दोस्तो, आप लोगों को मेरी wildfantasystories family sex story कहानी कैसी लगी, मेल करके जरूर बताएं.
[email protected] (Family sex story)

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