दोस्तो, मैं आपकी अपनी फातिमा भाभी।
उम्र 32 साल एक घरेलू महिला हूं लेकिन हूं बिल्कुल ठरकी। मुझे हर बार एक नया लन्ड चाहिए होता है।
मैंने अपनी सारी इंट्रो पहली कहानी में दे दी थी। मै बैंगलोर से हूं
मेरी पहली कहानी
टीचर ने मेरी सील तोड़ी Part-1
आपने पढ़ी होगी।
उसमें मैंने बताया था कि मैं एक कमसिन लड़की अपनी अम्मी का ठरकपन देखते हुए बड़ी हो रही थी।
यह wildfantasystories माँ बेटी सेक्स कहानी बहुत समय पहले की है.
मेरी अम्मी अज़रा खान, एक 39 साल की ठरकी और सेक्सी औरत थी उस समय … जो ना जाने कितने लन्ड अपने चूत, मुंह और गांड में ले चुकी है और हर बार कोई नया लन्ड लेना चाहती हैं।
और ये भी बात है कि अम्मी को जवान लौड़े ज्यादा पसंद है। तो अम्मी अपनी बुटीक से गुठलियां मार कर नए लौड़े ले लेती।
हमारी कॉलोनी के, बिरादरी के, और न जाने कितने लौड़ों पर उसकी हमेशा नजर रहती।
वो अपनी अदाओं से और सुडौल काया से हर एक पुरुष को अपनी और आकर्षित करती। (Lesbian sex story)
न जाने कितने लन्ड वो चलते फिरते खड़े करती और कितनों से उसे आभास करवा के मुठ मरवाती।
मेरी अम्मी एकदम कड़क आंटी माल थी।
उसकी बड़ी बड़ी आंखें, नर्म गुलाबी ओंठ और उन पर शरारती मुस्कान, बड़ी और मांसल चूचियां जो हर वक्त लो कट ब्लाउज में आधे से ज्यादा बाहर आती।
मादक और सेक्सी नाभी, बिल्कुल मल्लू आंटी।
उसके मोटे मोटे चूतड किसी सेक्स देवी से तुलनात्मक बनाते।
अम्मी अक्सर साड़ी ही पहनती और साथ में स्लीवलेस ब्लाउज … तो उसमें वो और भी मादक दिखती।
उस समय अम्मी की उम्र लगभग 40 के आसपास थी. मगर वो लगती नहीं थी. इतना कसा हुआ जिस्म था मेरी अम्मी का।
मर्द तो मर्द मैं भी अम्मी की जवानी और मादकता की दीवानी हो रही थी।
अक्सर मैं उसे नहाते हुए या कपड़े बदलते देखती और उसकी कामुकता की कायल होती। (Lesbian sex story)
जैसा कि मैंने बताया था कि मेरी अम्मी कितनी बड़ी ठरकी और चुदक्कड़ औरत है.
और उसके एक एक कारनामे अब मैं भी जानने लगी थी।
वो हर प्रकार से अपने आप को संतुष्ट करती, मतलब कि लड़के, मर्द साथ ही साथ औरतें भी।
एक दिन की बात है, मैं उसके बुटीक पे गई तो मैंने उसे उसके एक फ्रेंड सना आंटी के साथ चुम्मा चाटी करते वक्त खुद देख लिया।
दोपहर का वक्त था तो बुटीक में कोई नहीं था।
मैं उसे बिना बताए ही वहां गई।
वहां एकदम सन्नाटा था।
मैं इधर उधर अम्मी को ढूंढती हुई ट्रायल रूम तक गई, तो वहाँ से मुझे कुछ आवाजें आ रही थी।
तो मैंने की होल से देखने की कोशिश की तो अंदर का नजारा देखने लायक था। (Lesbian sex story)
अम्मी और सना आंटी एक दूसरे से लिपटी हुई थी और जबरदस्त फोरप्ले किस करने में लगी थी।
मेरी अम्मी साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज में थी और आंटी बड़े गले वाले टी शर्ट और जींस में!
मैं तो हैरान रह गई कि मेरी अम्मी कितनी बाजारू किस्म की औरत है जो अपनी प्यास बुझाने के लिए एक औरत तक को नहीं छोड़ती।
खैर मैं यह नजारा मिस नहीं करना चाहती थी।
मेरी तो उत्सुकता और बढ़ती जा रही थी।
अब मैंने देखा कि अम्मी सना आंटी को किस करते हुए उनके मम्मे दबाने लगी थी।
आंटी भी अम्मी को पूरा साथ दे रही थी।
अब वो भी अम्मी के बड़े बड़े बूब्स को दोनो हाथों से मसल रही थी और अपनी चूत को अम्मी के चूत से कपड़ों के ऊपर से ही घिसने की कोशिश कर रही थी। (Lesbian sex story)
फिर आंटी ने अम्मी को घुमाया और बोली- साली कितनी आग हैं तुझमें, छीनाल कहीं की … कितने लन्ड तो लेती है. और फिर मुझे भी अपना शिकार बना दिया है। जो ब्लू फिल्मों में देखती है, वो सब तुझे करना होता है।
अम्मी बोली- क्या करूं यार, मेरी प्यास है कि बुझती ही नहीं। मर्द तो मर्द … मुझे तो औरतों में भी अब रुचि आने लगी है … तो सबसे पहले मैं तुझे ही ट्राई करती ना बहन की लौड़ी। आखिर आज तक हमने बहुत सारे चुदाई कांड साथ ही किए हैं या अपने सब सीक्रेट हम दोनों को पता है ना?
इस पर वो दोनों खिल खिलाकर हंसने लगी।
आंटी अम्मी को घोड़ी स्टाईल में चोदने की कोशिश कर रही थी, कोशिश भी ऐसी कपड़ों के ऊपर से!
मुझे हंसी भी आ रही थी और वो सीन हॉर्नी भी फील कर रहा था। (Lesbian sex story)
फिर अम्मी ने पीछे मुड़कर अपनी साड़ी और पेटिकोट को ऊपर उठाया और आंटी ने उनकी पैंटी को नीचे सरका दिया अब अम्मी की चूत खुली हुई थी।
जो मुझे साफ साफ दिख रही थी, अम्मी की गोरी गोरी जांघें बीच में हल्के बालों वाली चूत कितनी सेक्सी लग रही थी।
अब आंटी अपनी उंगलियों से अम्मी की चूत में फिंगरिंग करने लगी।
अम्मी साड़ी को उठाए आंखें बंद करके खड़ी थी और सिसकारियां भरने लगी- अह्ह्ह … उह्ह्ह्ह … उम्म्ह्ह … डार्लिंग और तेज और तेज … हय्य यय … ओ माआ … आआआआ!
अम्मी इतनी उत्तेजित थी कि जल्दी ही झड़ने लगी और उनकी चूत से पानी निकलने लगा।
अब जाकर वो शांत हो गई और रूमाल निकाल कर अपना पानी जो उनकी टांगों तक गया था उसे पौंछने लगी।
फिर उन्होंने अपनी साड़ी ठीक की।
सना आंटी ने अम्मी के चूतड़ पर चांटा मारते हुए कहा- साली राण्ड, मुझे क्यों परेशान करती है तेरी लेस्बियन फैंटेसी के लिए! तेरी फातिमा भी तो पटाका हो गई है। उसके साथ क्यों नहीं करती? और वो भी तुझसे बड़ी आवारा है। सुना है मैंने … 2-4 अफेयर चल रहे है उसके! काफी रफ्तार पकड़ी है उसने! (Lesbian sex story)
इस पर अम्मी ने कहा- पता है मुझे, मैं मजे लेती हूं, वो भी ले! लेकिन बात तेरी सही है, देखती हूं उस पे डोरे डाल के … घर में भी मजे लूंगी फिर!
और दोनों शैतानी हंसी हंस पड़ी।
मैं जल्द से वहां से निकल गई और घर आकर सोचने लगी।
बात तो सही थी, मैंने भी तब तक लेस्बियन सेक्स नहीं किया था।
मैं भी ठरकी थी, मेरी सेक्स बॉम्ब अम्मी के साथ ये सब करने के विचार भर से मेरी चूत में पानी आ गया।
अब मेरे शैतानी दिमाग में आइडिया आया कि क्यों न आज रात अम्मी को लेस्बियन लव का गिफ्ट दिया जाए।
मुझे पता था कि शुरुआत मैं भी करूं तो अम्मी ना कर ही नहीं पायेंगी।
मैंने जानबूझ कर अपने रूम का ए सी खराब होने का नाटक करने का सोचा और इसी तरह मैं रात को अम्मी के बेडरूम में जाने का प्लान बनाया। (Lesbian sex story)
रात 8 बजे अम्मी बुटीक से वापस आई।
अब्बू भी दुकान से आ गए।
कामवाली ने खाना तैयार रखा था तो हम सबने खाना खाया और सब अपने अपने रूम में चले गए।
गौर करने वाली बात थी कि अब्बू अम्मी भी अलग अलग रूम में सोते थे।
मेरी रण्डी अम्मी अब्बू को करीब भी आने ना देती, उसे तो रोज नया लौड़ा चाहिए होता, और अब्बू से वो बोर हो चुकी थीं।
यह बात अब्बू जानते थे … पर करते भी क्या … अम्मी उनकी एक न चलने देती।
मेरा प्लान तैयार था, रूम में जाने के बाद थोड़ी ही देर में मैं अम्मी के पास गई और अम्मी बेड पर बैठे हुए किसी के साथ चैट कर रही थी।
मैं अंदर गई और बोली- अम्मी, मेरे रूम का एसी खराब हुआ है तो मुझे वहां नींद नहीं आ रही। (Lesbian sex story)
अम्मी बोली- कोई बात नहीं … आज रात यहाँ सो जा।
मुझे पता था वो ना तो कहेंगी नहीं।
अम्मी का डबल बेड था तो अम्मी एक साइड खिसक गई और मुझे जगह कर दी।
कंबल एक ही था तो मैं पीठ के नीचे तकिया लगा कर अपना फोन लिए तिरछी नजर से अम्मी के मोबाइल में देखने की कोशिश कर रही थी।
मेरे आने से भी उसको कोई फर्क नहीं पड़ा, वो मुस्कुराते हुए अपने किसी आशिक से बात कर रही थी।
मैंने गौर से देखा तो मेरी बेशर्म अम्मी उसे अपने बेटी के सामने की न्यूडस भेज रही थी और नालायकों सी हंस रही थी।
थोड़ी देर बाद अम्मी सोने लगी तो उन्होंने ने लाइट ऑफ कर दी और नाईट लैंप चालू रखा और मुझे गुड नाईट बोलकर लेट गई।
मैंने भी कुछ पल बाद मोबाइल रख दिया और सोने लगी।
अम्मी ने बिना ब्रा के पिंक कलर की नाइटी पहनी हुई थी तो उसकी मोटी चूचियां का उभार मुझे लैंप की रोशनी में साफ साफ दिखाई दे रहा था। अम्मी ने कंबल सिर्फ कमर तक ही ओढ़ा हुआ था।
बुटीक पे हुई आंटी और अम्मी की बातें मुझे याद आ रही थी तो मैंने सोचा कि अब पहल अम्मी करे … उससे पहले मैं ही करती हूं। (Lesbian sex story)
10 मिनट बाद मैंने करवट बदली और अम्मी के पेट पर हाथ रखा और अब धीरे धीरे उसे सहलाने लगी।
मुझे पता था कि अम्मी जागी हुई हैं.
मगर उन्होंने कुछ रिस्पॉन्स नहीं दिया।
शायद वो इसका मजा भी लेना था और देखना था की उसकी पटाका बच्ची क्या क्या करती है।
अब मैंने अम्मी के नाइटी के डोरी की गांठ खोल दी और नाइटी को थोड़ा हटा दिया।
अम्मी ने ब्रा नहीं पहनी थी तो अब उसके चूचे मेरे सामने नंगे हो गए।
अपनी अम्मी के चूचों की तो मैं पहले से कायल थी तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अब एक चूचे पे हाथ रखा और उसे हल्के से दबाया.
तो अम्मी ने आंखें खोली और शरारती मुस्कान दी और बोली- मेरा बच्चा, तू इतनी बड़ी कब हो गई?
मैंने कहा- अम्मी, आपको फुर्सत कहां अपने ठरकपन से! हर रोज एक नया बकरा ढूंढती रहती हैं।
अम्मी बोली- क्या करूं बेटा, तेरे अब्बू तो मुझे वो सुख देते हैं नहीं! तो मुझे कहीं न कहीं मुंह मार के ही मेरी प्यास बुझानी पड़ती है।
“पर इतने लोगों से अम्मी?” मैंने पूछा। (Lesbian sex story)
अम्मी ने कहा- ये तू मुझसे पूछ रही है?
और हंसने लगी- बेटू, इतनी कम उम्र में तू तो झंडे गाड़े जा रही है। मुझे सब पता है। तेरी भी तो प्यास कुछ कम नहीं है।
तो मैंने कहा- ये गुण तो आपसे ही मुझे मिले हैं अम्मी! क्या करें हमारी ट्रेन एक जगह पे रुकती ही नहीं है। इसे तो हर बार कोई नया यात्री चाहिए होता है।
“हां बेटू, और ये रुकनी भी नहीं चाहिए, धड़ाधड़ इसे आगे बढ़ते रहना ही ठीक है। उसी से तो हमें परम आनंद मिलेगा न!” अम्मी ने कहा। (Lesbian sex story)
मैं हंस पड़ी और बोली- आपकी बेटी हूं तो शरीफ तो नहीं बनूंगी। मगर आपका रिकॉर्ड जरूर तोड़ना चाहती हूं।
अम्मी बोली- इशाअल्लाह !
और हम हंसने लगे।
तब अम्मी ने कहा- अब हम इतना खुल गए हैं तो फिर कैसी शर्म, अब हमारे बीच सब खुल्लम खुल्ला होगा, ओके बेटू?
मैंने कहा- आपका हुक्म सर आंखों पर मेरी सेक्स की अम्मी!
कहते ही मैं अम्मी के ऊपर चढ़ गई और अम्मी के होठों पे अपने होंठ रख दिए और किस करने लगी।
बहुत रोमांचक और हसीन पल था वो मेरे लिए!
मेरी हॉर्नी अम्मी मेरे नीचे थी।
अम्मी भी मुझे बड़े मजे से साथ दे रही थी। (Lesbian sex story)
हम डीप किस कर रहे थे, कभी मेरी जीभ अम्मी चूसती तो कभी उसकी मैं!
हम दोनों ने ना आज तक कितनों की हवस मिटाई थी, अम्मी तो उसमें ऑस्कर विजेता थी।
और आज हम दोनों के मिलन की बारी थी, माँ बेटी सेक्स होने वाला था.
मेरी चूत तो पानी से लबालब भरी हुई थी और मेरी पूरी पैंटी गीली थी।
मैं टी शर्ट और शॉर्ट्स में थी, अंदर सिर्फ पैंटी।
अब मैंने उठकर अपनी टी शर्ट उतार दी और ऊपर से नंगी हो गई।
और अम्मी को उठाकर उसकी नाइटी खींच कर निकाल दी।
अब अम्मी सिर्फ पैंटी में थी।
मैंने अम्मी के गालों पर कानों पर पप्पियों की झड़ी लगा दी। मैंने अम्मी का पूरा चेहरा चाट चाट कर गीला कर दिया।
अब मैंने अम्मी के हाथों को ऊपर करके उसकी दायीं बगल में मुंह घुसा दिया।
इससे अम्मी बहुत उत्तेजित हुई और मीठी मीठी आहें भरने लगी- अह्ह्ह्ह ह … … मेला बच्चा! (Lesbian sex story)
उनकी भीनी खुशबू मुझे और भी ज्यादा पागल कर रही थी।
अब मैं थोड़ा नीचे आई और अम्मी के बड़े बड़े बूब्स को चूसने और दबाने लगी।
मेरे ऐसा करने से उसके चूचुक एकदम तन गए।
मैं उन्हें एक एक करके चूसती और दांत से काट रही थी।
इससे अम्मी के गोरे बूब्स लाल हो चुके थे।
अम्मी मस्ती से इस समय का मजा ले रही थी।
अब मैं अम्मी के नाभि पे पहुंची।
मैं नाभि में अपनी जीभ डाल कर उसे चूस रही थी। (Lesbian sex story)
अम्मी बोल पड़ी- आज तक मैंने कितनों के साथ चूदाई का खेल खेला मगर ऐसा मजा मुझे नहीं आया। अह्ह्ह … … मेरी जान … मुझे क्या पता तू इतनी माहिर खिलाड़िन है इस खेल की! अय्यय्य … आय लव यू मेला बच्चा!
“अम्मी आगे देखो और क्या क्या करता है तेला बच्चा..”
मैं और अम्मी हंस पड़ी।
अम्मी बोली- जो करना है कर मेरी जान, आज तो मैं पूरी रात तेरी हूं।
मैं नाभि से खेल के अब उनकी जांघों की ओर बढ़ी।
अम्मी रेड कलर की पैंटी में गजब लग रही थी। उनकी गोरी चिकनी जांघों से क्या महक आ रही थी।
मैं उसकी जांघें चाटने लगी और धीरे से उनकी पैंटी उतार दी।
अम्मी की गुलाबी और कामरस से लबालब चूत मेरे मुंह के सामने थी।
मैं उतावली थी तो सीधा अम्मी के चूत पर मुंह लगा दिया। (Lesbian sex story)
अम्मी मस्ती से चिल्ला उठी- आउच … !
तो मैंने ऊंगली अम्मी के मुंह में डाली।
अब मेरे नाक और मुंह पर अम्मी का चूत रस लगा।
मैं वापिस ऊपर गई और मुंह अम्मी के मुंह पर रख दिया।
अम्मी अपनी ही चूत का रस मेरे मुंह से चाटने लगी।
मैंने उसको लिप लॉक किस दिया।
अब मैं वापिस चूत चाटने लगी, साथ ही मैंने एक उंगली अम्मी की चूत में घुसाई।
अम्मी आंखें मूंद कर कराहने लगी और एक्साइटमेंट में जल्द ही सरसराकर झड़ने लगी- तूने तो मुझे स्वर्ग का सुख दिया मेरी जान ! हय्य ययय … उह्ह्ह … अह्ह्ह!
मैंने कहा- अम्मी रुको … जरा सब्र करो, अभी रात बाकी है!
“आज मैं तेरी गुलाम हूं, बेबी चाहे वो कर ले मेरे साथ!” अम्मी ने कहा। (Lesbian sex story)
अब मैंने अपना शॉर्ट निकाल दिया, साथ ही मेरी गीली पैंटी भी!
मैं बिल्कुल नंगी हुई और अम्मी के बगल में लेट गई.
अब अम्मी नंगी मेरे ऊपर सवार हुई और मेरी चूत पर अपनी चूत लगाकर रगड़ने लगी जैसे कोई मर्द औरत को चोदता है।
मैं भी अब आहें भरने लगी.
अम्मी बहुत ज्यादा हॉर्नी होकर मुझे किस करते हुए मेरे चूचों को दबाने लगी और चूसने लगी।
मैंने अम्मी को इशारा किया तो अम्मी सीधा मेरी जांघों पर हाथ फेरते हुए मेरी चूत में उंगली करने लगी।
मैं और मेरी रण्डी अम्मी वासना के समंदर में गोते खा रहे थे।
हम मर्यादा भूल कर काम क्रीड़ा करने में व्यस्त थी।
अम्मी एक मंझी हुई खिलाड़ी थी।
उंगली से एक औरत को कैसे संतुष्टि देना है … उसमें वो माहिर खिलाड़ी थी। (Lesbian sex story)
उनकी इस हरकत से मेरा बांध टूट गया और मैं चरम पर थी।
“अह्ह्ह … अम्मी … जोर से … और जोर से!” कहते हुए खुद को रोक न सकी और चिल्लाते हुए झड़ गई।
मैंने कहा- अम्मी, आज रात तू मेरी गुलाम है ना?
“हां मेरी जान ” अम्मी ने कहा।
मैं बोली- फिर रुको दो मिनट।
तब मैं उठी और अपने कमरे में गई और वहां से एक बैग लायी जिसमें डिल्डो और कुछ सेक्स टॉयज थे।
अम्मी उठ गई, मैंने बैग खोला और उसमें से एक डिल्डो और हथकड़ी निकाली जो मैं अक्सर यूज किया करती थी।
अम्मी ये देख के बोली- साली छीनाल, तू भी मुझसे बड़ी रण्डी है। ये क्या क्या जमा कर रखा है?
“क्या करूं अम्मी, जरूरत पड़ती है सबकी! और आप ही का खून है मुझमें! 40 की उमर में आप कहर बरपा रही हो, तो मैं तो ठीक से 19 की भी नहीं हूं।” मैंने जवाब दिया।
अम्मी ने कहा- बात तो सही है तेरी, लेकिन मेरे सारे रिकॉर्ड्स तोड़ेगी तू!
हम दोनों हंस पड़ी। (Lesbian sex story)
अब मैंने हथकड़ी से अम्मी के हाथ बांध दिए और डिल्डो को बेल्ट के जरिए अपने जांघ पर फिट किया।
मैंने अम्मी को कहा- मैं तुझे बेदर्दी से चोदना चाहती हूं। आज देखना है तुझमें कितनी आग हैं, साली रण्डी।
“हां मेरी जान, जो जी चाहे कर आज। मैं कुछ नहीं बोलूंगी। आज तू मेरी मालकिन है, और मैं तेरी दासी।”
डिल्डो आठ इंच का होगा जिससे मैं अपनी अम्मी की गांड़ फाड़ चूदाई करने वाली थी। (Lesbian sex story)
मैंने डिल्डो बांध कर अम्मी को उठाया और उसे चूसने को कहा।
खड़ी होकर मैंने डिल्डो को अम्मी के मुंह में दिया।
अम्मी ने भी उसे किसी असली लन्ड की तरह थूक लगा कर चूसा।
मैं अब बेरहम होना चाहती थी, तो अम्मी को चांटे मारने लगी।
अम्मी चिल्ला उठी। अम्मी भी हार्ड सेक्स की आदी थी।
जोरदार चांटों से अम्मी का गोरा मुंह लाल लाल हो गया।
अब मैंने अम्मी को कहा- अज़रा रण्डी चल कुतिया बन!
अम्मी जल्द से पलटी और कुतिया बनी। (Lesbian sex story)
अब मैंने उसके चूतड़ों पर तबला बजाना शुरू किया, दोनो हाथों से मैं कस कस के थप्पड़ जड़ दिए।
अम्मी कराहने लगी।
मुझे बहुत मजा आ गया।
“मजा आ गया अज़रा रण्डी! क्या कड़क माल है साली छीनाल तू!” मैं बोली।
अम्मी चिल्लाती हुई इस पल का मजा भी ले रही थीं।
मैंने अम्मी की चूत पर डिल्डो घिस दिया।
अम्मी को लगा कि मैं चूत में डालने वाली हूं! (Lesbian sex story)
मगर मैं ठहरी ठरकी … मैंने अगले ही पल इरादा बदला और एक झटके में उसे अम्मी की गांड में पेल दिया।
अम्मी इस अचानक हमले से दर्द के मारे बिलबिला उठी- , साली इतनी बेरहमी से पेलता है कोई? बता तो देती!
मेरी अम्मी ने रोती सूरत से कह दिया।
मैंने कहा- चुप साली ठरकी औरत!
मैं हंस रही थी और अम्मी रोने को आई थीं।
वैसे अम्मी की गांड का छेद इतना टाइट तो था नहीं, कितने लन्ड उसमें घुस चुके होंगे।
मगर अचानक था इसलिए अम्मी को दर्द हुआ था।
अब मैंने डिल्डो को अंदर बाहर करना शुरू किया।
अम्मी सिसकारियां भरने लगी।
मैं साथ ही में अम्मी के चूतड़ों का बाजा बजा रहा थी और स्पीड बढ़ा कर अम्मी की गांड चोद रही थी।
“अह्ह्ह … उह्ह … बेबी … कम ऑन … फक मी हार्डर बेबी!” अम्मी दर्द में बड़बड़ाने लगी। (Lesbian sex story)
मैं 8 इंच लम्बा डिल्डो अम्मी की गांड में एकदम डीप डालकर बेरहमी से उसे चोद रही थी।
लगभग 10 मिनट तक चोदने बाद मैंने डिल्डो बाहर निकाला और अम्मी को पीठ के बल लिटाया।
मैंने अम्मी की पीठ के नीचे एक तकिया लगाया.
अब अम्मी चूत फूल कर मेरे सामने थी।
मैंने जल्द से अम्मी के ऊपर सवार होकर डिल्डो उसकी चूत के मुंह पर रखा और जोरदार धक्का लगाया।
चूत का गीलापन और अम्मी की अनगिनत बार चुदी चूत में 8 इंच का डिल्डो आसानी से अंदर चूत की गहराई में जड़ तक पहुंच गया।
अम्मी मादक आहें भर रही थी। (Lesbian sex story)
इधर इस सब कामक्रीड़ा की वजह से मैं भी एक बार झड़ चुकी थी।
कुछ देर तक अम्मी की धमाकेदार चूदाई के बाद मेरी चूत ने एक बार फिर पानी छोड़ा।
अब अम्मी की बारी थी, मैंने स्पीड बढ़ा दी।
चार पांच बेरहम धक्कों के साथ ही अज़रा रण्डी आखिरकार झड़ने लगी।
अम्मी की चूत से पानी की तेज धार निकली। अम्मी निढाल और संतुष्ट हो गई थी।
हम दोनों का पूरा बदन अकड़ गया था।
दोनों मां बेटी पसीने से लथपथ हुई थी।
मैं अम्मी के ऊपर ही लेटी हुई उसे किस करने लगी। (Lesbian sex story)
अम्मी एकदम निश्चिन्त सी थी, उनके चेहरे पर चरम सुख का भाव था।
उन्होंने भी मुझे बेतहाशा चूम लिया।
पूरी रात हम दोनों माँ बेटी एक ही कंबल में लिपट कर सो गई।
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी माँ बेटी सेक्स कहानी? मुझे जरूर बताइएगा।
एक और मस्त कहानी के साथ मिलते हैं बाद में!
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