चाची की चूत में अपना लंड देके चुदक्कड़ चाची की चूत की गर्मी मिटाई
wildfantasystories family sex story में पढ़ें कि एक रात मैंने चाची चाचा की चुदाई देखी. चाचा दो मिनट में झड़ गए. चाची प्यासी रह गयी. मैंने अपनी चाची को मजा दिया.
मैं wildfantasystories का एक नियमित पाठक हूँ.
आज मैं जो चुदाई कहानी लिख रहा हूँ, वो मेरी चाची की चुदाई के बारे में है.
मेरा नाम दीपक है मै बैंगलोर में रहता हु मेरी उम्र 24 साल की है और मेरा लंड 6 इंच लंबा ढाई इंच मोटा है. (Family sex story)
यह चाची की चुदाई कहानी 3 साल पहले उस वक्त की है, जब मैं अपनी एक दिन की छुट्टी को बिताने के लिए अपने घर से थोड़ी दूर रहने वाले चाचा के घर गया था.
मेरे चाचा की उम्र 49 साल है उनका नाम रमेश है. चाची 34 साल की हैं और उनका नाम माया है.
चाचा ने पहली पत्नी के मर जाने के बाद इन चाची से दूसरी शादी की थी इसलिए उन दिनों की उम्र में ज्यादा फर्क था.
चाचा के पहली चाची से दो बेटे हैं.
मेरे चाचा का एक कमरे का घर बहुत छोटा है. उनके घर में मुश्किल से 5 लोग रह पाते हैं.
मैं घर गया तब चाची एकदम जवान दिखती थीं और उनका फिगर 34-30-38 का था. (Family sex story)
चाची की गांड बहुत बड़ी थी.
उस दिन चाची ने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी और मैचिंग का ब्लाउज पहना था.
चाची का ये ब्लाउज काफी गहरे गले का और एकदम चुस्त था जिसमें से उनकी आधी से ज्यादा चूचियां साफ़ दिखाई दे रही थीं. चाची ने अपनी साड़ी नाभि के नीचे बांधी हुई थी.
मैं उनके घर शाम को गया था तो उस समय चाची घर के कामों से एकदम फ्री थीं.
शायद वो चाचा जी के आने से पहले एकदम सज संवर कर रहना पसंद करती थीं.
अचानक से मेरे आते ही चाची बड़ी खुश हुईं और उन्होंने बड़ी आत्मीयता से मेरा स्वागत किया.
मैं भी अपनी चाची की खूबसूरत जवानी को देख कर एकदम से कामातुर हो गया.
हालांकि इस समय मुझे कोई ख़ास अंदाजा नहीं था कि चाची के लिए मुझे क्या सोचना चाहिए.
मगर एक जवान लंड को कौन समझाए कि सामने दिखने वाली हर हसीना चोदने के लिए उपलब्ध नहीं होती.
खैर … चाची ने मुझे बिठाया और चाय बना कर ले आईं. (Family sex story)
मैंने चाय पी और हम दोनों ने बातें की.
चाची घर के बारे में पूछती रहीं और मेरा मादरचोद लंड मेरी आंखों को उनकी चूचियां देखने के लिए उकसाता रहा.
फिर रात हुई तो चाचा जी भी आ गए.
हम सभी ने खाना खाया और अब सोने की बारी आ गई थी.
चाची ने अपनी साड़ी बदल कर एक लाल रंग की नाइटी पहनी ली.
उन्होंने शायद ब्रा उतार दी थी क्योंकि उनके मम्मों का आकार अब कुछ अलग दिखने लगा था और उनके चूचे मस्ती से हिलने लगे थे, जो कि साड़ी ब्लाउज में ब्रा पहने होने के कारण उनकी ब्रा में कैद थे और हिल-डुल नहीं पा रहे थे.
उस समय उनके गहरे गले से आधे से अधिक झांकते चूचों की छटा कुछ और थी और इस वक्त बिना ब्रा के होलते हुए चूचों की अदा कुछ और थी. कुछ भी हो … मगर मेरा लंड बड़ा खुश था. (Family sex story)
मुझे चाची की इस पतले कपड़े की नाइटी में उनके निप्पल की नोकें साफ़ दिख रही थीं.
अब हम चारों नीचे जमीन पर सोए थे जबकि चाची सोफे पर सो गई थीं.
वहां एक ही जन सो सकता था.
कमरे में नाइट लैंप चालू था, जिसकी मद्धिम नीली रोशनी बड़ा ही कामुक नजारा पेश कर रही थी.
सब लोग गहरी नींद में सो गए थे और मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैंने घड़ी में देखा, रात के 2 बजे हुए थे. मैंने सोफे की तरफ देखा तब चाची की नाइटी उनकी कमर तक आ गई थी. उनकी काली पैंटी पूरी साफ़ दिख रही थी.
मेरे मन में उनके लिए तब से पहले कुछ गलत नहीं था.
मगर ये सीन देख कर मेरी आंखें खुली की खुली ही रह गईं और लंड ने अपना मादरचोदपन दिखाना शुरू कर दिया. साला एकदम से अकड़ने लगा. (Family sex story)
उसी समय चाचा की तरफ से कुछ हलचल हुई तो मैंने देखा कि वो उठ कर गए और चाची के ऊपर लेट गए.
चाचा जी सिर्फ एक अंडरवियर में थे.
अब सोफे पर जहां एक नहीं आदमी ठीक से सो सकता था, वहां वो दोनों लेट गए थे.
चाची भी जाग गयी थीं.
वो बोलीं- क्या कर रहे हो … जय उठ जाएगा.
चाचा बोले- मुझे अभी चाहिए … अन्दर आग बहुत ज्यादा लगी है. सब सोए हैं कुछ नहीं होगा. तुम जल्दी से खोलो.
ये कह कर चाचा जी ने चाची की नाइटी उतार दी.
चाची ने ब्रा तो नहीं पहनी नहीं थी, वो सिर्फ पैंटी में रह गईं.
उन दोनों को सिर्फ पैंटी और अंडरवियर में देख कर मेरे लंड का बुरा हाल होने लगा.
चाची भी कामुक हो गईं और वो दोनों किस करने लगे.
चाचा ने चाची के दूध सहलाए और एक दूध मुँह में भर लिया. (Family sex story)
चाची मस्ती से अपने दूध चुखाने लगीं.
कुछ देर दूध चूसने के बाद चाचा ने चाची की चड्डी भी उतार दी और खुद भी पूरे नंगे हो गए.
चाचा चुदाई के मूड में आ गए थे.
उन्होंने चाची की टांगें उनके चूचों पर कर दीं और नीचे से चाची की खुली चूत में लंड का सुपारा घुसाने लगे.
चाची ने टांगें खोल दीं और उनकी चूत में लंड घुस गया.
चाचा ने झटके से पूरा लंड चूत में पेला और हुच्च हुच्च करने लगे.
चाची जब तक गर्म होतीं तब तक चाचा जी के लंड का काम लग गया.
वो बस 2 मिनट तक ही मेहनत कर पाए और झड़ गए.
चाची उदास हो गईं और चाचा सॉरी बोलकर नीचे आ गए. (Family sex story)
मैंने देखा चाची जी ने काफी उदास मन से अपनी चूत में उंगली की … और चूत की शांत करके वो भी सो गईं.
मुझे ये सब देख कर बहुत बुरा लगा.
कुछ देर बाद मैं भी सो गया.
सुबह चाचा जल्दी ही काम पर निकल गए और उनके जाने के बाद चाची नहाने घुस गईं.
वो नहा कर आईं.
उन्होंने लाल रंग की साड़ी पहनी और मैचिंग का ब्लाउज मम्मों पर फंसाया.
इसके बाद चाची ने मुझे उठाया और नहाने भेज दिया.
मैंने बाथरूम में देखा तो पागल हो गया.
नीचे फर्श पर काली ब्रा और पैंटी पड़ी थी. वो चाची ने उतारी थी. (Family sex story)
मैंने पैंटी को उठाया और सूंघा, आह क्या मस्त महक आ रही थी.
फिर मैंने पैंटी के चूत की तरफ के हिस्से को मुँह में डाला, तो चाची की चूत का माल स्वाद देने लगा.
मुझे कल रात की याद आने लगी.
फिर मैंने उसे लंड पर पहना और उसे पहने पहने ही मुठ मार ली.
मेरा वीर्य चाची की पैंटी में निकल गया.
मैंने उनकी पैंटी को उतारा और वैसे ही फर्श पर एक तरफ डाल कर कर नहाने लगा.
अब मेरा मूड चाची की चुदाई का करने लगा था.
मुझे उस दिन मुझे कोई ऐसा मौका नहीं मिला जिससे मैं चाची की जवानी को अपने लंड से शांत कर सकूँ.
शाम को मैं अपने घर आ गया.
मुझे अब चाची की चूत चोदनी थी पर मौका नहीं मिल रहा था. (Family sex story)
फिर एक दिन उस वक्त सही मौका मिला.
हमारे रिश्तेदार के घर शादी थी, मेरे घर के सब लोग एक हफ्ते के लिए जाने वाले थे.
मेरे एग्जाम थे, जिस वजह से में नहीं गया था.
जाने से पहले मम्मी ने मेरे खाने आदि का पूछा तो मैंने कहा कि मैं बाजार में खा लूंगा.
मगर मम्मी ने चाची को मेरे साथ रहने आने का बोल दिया.
चाची के बच्चे उनके मामा के घर गए थे और चाचा को काम से छुट्टी नहीं मिल रही थी. चाची ने मेरे घर आना मान लिया.
मैं इस बात से बेहद खुश हो गया कि अब मौका मिल सकता है.(Family sex story)
मुझे मालूम था कि चाची आसानी से नहीं मानेंगी.
मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.
मैंने चाची को सिड्यूस करने का सोचा.
दूसरे दिन सुबह चाची मेरे घर आईं तो मैं उनके सामने सिर्फ एक तौलिया पहन कर नहाने जाने लगा और चाची से कहा- आप मेरे लिए कुछ नाश्ता बना दो चाची, मुझे एग्जाम देने जाना है.
मैं बाथरूम में नंगा नहाने लगा और मैंने चाची को याद करने लंड सहलाना शुरू कर दिया.
तभी मेरा ध्यान बाथरूम के दरवाजे के नीचे कुछ परछाई पर गया तो मैं समझ गया कि चाची की चूत भी चुदने के लिए मचल रही है.
मैंने बाथरूम में लगे आईने से ध्यान से देखना शुरू किया तो समझ गया कि चाची के पंजे थे. मतलब वो मुझे किसी दरार में से नंगा देख रही थीं. (Family sex story)
अब मैंने हल्की आवाज में चाची के लिए कहना शुरू कर दिया- हाय माया रानी … तेरी चूत में मुझे अपना लौड़ा पेल कर तुझे मस्त चोदने का दिल करता है. बस एक बार तू हां कर दे … सच में तेरी चूत की आग को ठंडा कर दूंगा. मुझे मालूम है कि चाचा के लंड में जान नहीं है. आह आह … आज एग्जाम से वापस आकर तेरी चूत चोदने मिल जाए तो सच में मजा जाए.
चाची मेरी बातें सुनकर गर्मा गईं और उनकी गर्म सांसों की आवाजें मुझे सुनाई देने लगीं.
कुछ देर बाद मैं बाहर निकलने को हुआ तो चाची झट से चली गई थीं. (Family sex story)
बाहर आकर मैंने अंजान बनते हुए अपना तौलिया एकदम से खोला और खड़ा लंड चाची को दिखाते हुए फिर से पहन लिया.
चाची भी मेरे खड़े लंड को देख कर एकदम से स्तब्ध रह गईं.
कुछ देर बाद मैं चला गया और चाची घर में अपना काम करने लगीं.
उस दिन मेरा एग्जाम काफी जल्दी खत्म हो गया था तो मैं घर आ गया.
मैंने घर में आकर चाची को आवाज दी तो चाची की आवाज आई- मैं बाथरूम में हूँ.
मैंने बाथरूम के पास जाकर झिरी में से देखा, तब चाची नंगी थीं और अपनी चूत में उंगली कर रही थीं.
वो शायद सुसु करने गई थीं और चूत में उंगली करने लगी थीं.
मैं समझ गया कि चाची की चूत सुलग रही है और उनकी लंड की जरूरत है. (Family sex story)
मैंने दरवाजे से दूर होकर कहा- चाची, मैं कोचिंग जा रहा हूँ.
चाची ने हामी भर दी और मैं चला गया.
फिर मैं कोचिंग से जल्दी घर आ गया.
उस समय एक बजा था.
मैं घर के बाहर आया और बेल बजाई.
चाची ने दरवाजा खोला तो मैं उन्हें देखता ही रह गया. चाची पूरी भीगी हुई थीं.
मैंने पूछा तो वो बोलीं- मैं कपड़े धो रही थी, इसलिए भीग गई हूँ.
अपनी काली साड़ी चाची ने नाभि के नीचे बांधी हुई थी और उसे नीचे से उठा कर कमर में खौंसा हुआ था जिससे उनकी पिंडलियां मस्त दिख रही थीं. (Family sex story)
चाची का गहरे गले वाला ब्लाउज भी पूरा भीगा हुआ और साड़ी का पल्लू भी उनकी कमर पर बंधा था जिससे चाची के मम्मे बड़े ही कातिल लग रहे थे.
मैं एक पल के लिए तो उन्हें देख कर मानो बौरा गया था.
चाची मुझे यूं देखती हुईं इठला कर बोलीं- जय, तू बड़ी जल्दी आ गया.
मैं बोला- हां वो एग्जाम के कारण कोचिंग में ज्यादा समय तक नहीं रुकता हूँ. बड़ी भूख लगी है चाची … जल्दी से कुछ खाना दे दो.
वो बोलीं- तुम कुछ देर बैठो, मैं कपड़े सूखने डालकर आती हूँ. (Family sex story)
वो मुड़ीं, तो मैं पीछे से उनकी मटकती गांड की दरार को देखने लगा था.
पांच मिनट बाद चाची आई तो वो इस बार पहले से ज्यादा गीली थीं.
उन्होंने मुझे ऐसे ही गीले रह कर खाना परोस दिया.
मैं खाना खाने लगा.
चाची बोलीं- मैं साड़ी बदल लेती हूँ.
वो कमरे में चली गईं और दरवाजा बंद करना भूल गईं.
मैंने खुले दरवाजे से देखा कि चाची ने अपनी साड़ी उतारी, पेटीकोट ब्लाउज भी उतार दिया.
ये सीन देख कर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैं अन्दर आ गया.
वो मुझे अन्दर आया देख कर एकदम घबराने का ड्रामा करने लगीं.
चाची बोलीं- जय तुम … तुम बाहर जाओ.
वो पिंक पैंटी और ब्रा में थीं और खुद को छुपाने का नाटक कर रही थीं.
मैं बोला- सॉरी चाची. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है. प्लीज़ मुझे करने दीजिए.
ये कह कर मैंने उनको पकड़ लिया.
वो छूटने का ड्रामा करती हुई बोलीं- मैं तुम्हारी चाची हूँ, कुछ तो शर्म करो.
उनके बोलने में इतना दम नहीं था. (Family sex story)
मैं बोला- चाची शर्म करूंगा, तो मुझसे आपका दुख दूर नहीं हो पाएगा. आज मुझे आपके साथ सेक्स करना है, प्लीज़ मान जाइए.
वो कुछ नहीं बोलीं.
उनकी मूक स्वीकारोक्ति बता रही थी कि वो मुझसे चुदवाने के लिए मान गयी थीं.
मैंने उनकी चूचियों को मसला तो वो खुल गईं और आह आह करने लगीं.
मैंने कहा- चाची, लंड की जरूरत है न!
चाची बोलीं- हां जय, जब से तुमने मेरी पैंटी में मुठ मारी थी, मैं तभी तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही हूँ.
मैं समझ गया कि चाची उसी समय से मेरे लौड़े के लिए मचल रही थीं. (Family sex story)
मैं उनको बेड पर ले गया और लिटा कर बोला- चाची, आप बहुत सेक्सी हो.
चाची बोलीं- आज से चाची नहीं माया बोल!
मैं बोला- ओके माया डार्लिंग.
हम दोनों लिपट कर चूमाचाटी करने लगे.
चाची ने मेरी पैंट निकाल दी फिर शर्ट भी हटा दी.
वो रुक गईं तो मैंने कहा- अंडरवियर भी निकालो डार्लिंग … तुम्हारा लंड तो अंडरवियर में ही छिपा है.
चाची ने अंडरवियर भी उतारा दिया.
जब मेरा 6 इंच का लंड एकदम सामने आया तो चाची लंड चलाती हुई बोलीं- कितना बड़ा है. मुझे आदत नहीं है इतना बड़ा लेने की.
मैं बोला- आदत पड़ जाएगी चाची … मेरा भी पहली बार है. बस जरा चूत चोदना सिखा देना!
वो खुश हो गईं और बोलीं- मैं तुझे चोदना सिखा देती हूँ.
मैंने चाची की ब्रा ओर पैंटी निकाली. (Family sex story)
उनकी चूत पर बाल नहीं थे.
फिर हम दोनों ने कुछ मिनट किस किया और मैंने उनके दूध चूसना शुरू कर दिए.
वो मुझे दूध चुसवा कर मजा लेने लगीं.
फिर चुदक्कड़ चाची ने मेरा लंड मुँह में ले लिया और कुछ मिनट तक लंड चूसा.
इतने में ही मैं झड़ने को आ गया.
मैंने बताया, तो चाची बोलीं- मेरे मुँह में माल निकाल दो.
तो मैंने लंड का रस माया चाची के मुँह में छोड़ दिया.
वो सारा माल पी गईं और बोलीं- मस्त माल है.
मैंने कहा- चाची मैं इतनी जल्दी क्यों झड़ गया?
चाची बोलीं- पहली बार था न इसलिए जल्दी हुआ. मुझे मालूम था इसलिए मैंने जानबूझ कर तुम्हारा लंड खाली किया. अब तुम मेरा कमाल देखो. इसे मैं कैसे खड़ा करती हूँ.
मैं बोला- ओके माया डार्लिंग, अपना कमाल दिखाओ.
चाची ने मेरा लंड फिर से मुँह में ले लिया और चूसने लगीं. जवान लंड था सो जल्दी से फिर खड़ा हो गया.
अब चाची बोलीं- आ जाओ, मेरे ऊपर चढ़ जाओ.
चाची ने चूत खोल कर हाथ फेरा और मुझे चढ़ जाने का इशारा किया.
मैंने लंड चूत पर रखा और चाची ने हाथ से लंड पकड़ कर फांकों में सैट कर दिया.
उन्होंने इशारा किया तो मैंने झटका दे मारा. (Family sex story)
मेरा आधा लंड चूत में अन्दर चला गया.
वो चिल्लाईं- आह आह बहुत बड़ा है तेरा … धीरे चोद साले.
मैंने फिर से झटका मारा. इस बार पूरा लंड अन्दर घुस गया.
चाची रोने लगीं.
मैंने उनके मुँह में मुँह लगाया और किस किया.
वो अब आवाज नहीं निकाल पा रही थीं.
मैंने उसी समय ताबड़तोड़ झटके मारने शुरू कर दिए.
वो कसमसाने लगीं.
फिर मैंने मुँह हटाया तो चाची मस्ती से ‘आह आह उंम्ह उंम्ह …’ करने लगीं.
धकापेल चुदाई चलने लगी.
लगातार 15 मिनट के बाद चाची झड़ गईं पर मेरा नहीं हुआ था. (Family sex story)
वो हंस कर बोलीं- चोदना सीख गया मेरा हीरो.
मैंने उन्हें चूमा और मस्ती से लंड अन्दर बाहर करने लगा.
चाची दूध पीते हुए चोदने का कहने लगीं.
मैंने उनकी चूचियों को चूसता हुआ उन्हें चोदने लगा.
फिर मेरा होने वाला था, मैं पूछा- रबड़ी किधर निकालूं डार्लिंग?
चाची बोलीं- अन्दर ही टपका दो राजा. कुछ नहीं होने वाला है मेरा ऑपरेशन हुआ है.
मैंने चाची की चूत के अन्दर माल डाल दिया और हम दोनों वैसे ही नंगे चिपक कर सो गए.
एक घंटा बाद वो मुझे जगाती हुई बोलीं अब उठ जाओ … एग्जाम है पढ़ना नहीं है.
मैं बोला- हां, चाय बना लाओ.
वो कपड़े पहनने लगीं.
मैं बोला- बाद में पहन लेना रानी … नंगी ही बना लाओ.
चाची हंस दीं और हम दोनों रसोई में नंगे ही चाय बनाने आ गए. (Family sex story)
चाय पीने के बाद मैं चाची की एक बार फिर से चूत चोदी और नहाकर फ्रेश हो गए.
वो बोलीं- जय तुमने मेरी चूत की आग ठण्डी कर दी धन्यवाद. तुम्हारे चाचा से अब कुछ नहीं हो पाता.
मैं बोला- आप जब चाहो, बुला लिया करो.
अगले सात दिन तक हम दोनों ने मस्त चुदाई की. मैंने चाची की गांड भी मारी.
आपको मेरी ये चाची की चुदाई कहानी कैसी लगी, मेल करके बताये .
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