ससुर जी का लंड चूसा part-1 | Family sex story

ससुर जी का लंड चूसा part-1 | Family sex story

wildfantasystories family sex story में पढ़ें कि मैं गोरी चिट्टी माल लड़की हूँ और चुदाई की शौकीन हूँ. मेरी छोटी बहन की शादी में ही उसके ससुर की नजर मेरी जवानी पर पड़ गयी.

नमस्कार दोस्तो, मैं आयुषी खनना एक नई सेक्स कहानी में अपने सभी पाठकों का स्वागत करती हूं.

आज जो कहानी आप लोग पढ़ने वाले हैं, उसे मेरे पास देवांगना शर्मा जी ने भेजा था और उनकी कहानी मुझे काफी अच्छी लगी.
तो चलिए उनकी कहानी का आनन्द लेते हैं.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम देवांगना शर्मा है और मेरी उम्र 34 साल है.,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,̣ (Family sex story)
मैं पहले अपने बारे में बताना चाहूंगी.

मेरा फिगर 36-32-38 का है और मैं अपने घर परिवार में सबसे ज्यादा गोरी औरत हूँ.
जब मैं कॉलेज में थी तो भी मुझसे ज्यादा गोरी लड़की दूसरी कोई नहीं थी.

मेरी शादी को 11 साल हो चुके हैं और मेरा एक 9 साल का बेटा भी है.
मेरी शादी मुझसे 17 साल बड़े आदमी के साथ हुई मगर उनसे मैं सेक्स में पूरी तरह से संतुष्ट हूं और वो मुझे बहुत प्यार करते हैं.

उनके अलावा भी मेरे कुछ और लोगों के साथ सम्बंध बने, जिनके बारे में मैं आगे कहानी में बताऊंगी.

मैं आपको अपनी कोई भी चुदाई की कहानी बता सकती थी लेकिन ये कहानी इसलिए बता रही हूं क्योंकि मैं बाहर के लोगों से तो चुदी थी.
पर मैं नजदीक के रिश्ते में किसी मर्द से पहली बार चुदी और उनकी चुदाई मुझे बेहद ही पसंद आई. (Family sex story)
ये चुदाई मेरे लिए बहुत ही ज्यादा खास थी.

जैसा कि मैंने पहले ही बताया कि मैं अपने परिवार में ही नहीं बल्कि पूरे कॉलेज में सबसे ज्यादा गोरी लड़की थी.
उस समय भी मेरी चूत गुलाबी रंग की थी और आज भी मेरी चूत का वही गुलाबी रंग बरकरार है.

ये मेरा गोरा भरा हुआ बदन ही है कि लोग मेरी ओर ज्यादा ही आकर्षित होते हैं.
परिवार का कोई कार्यक्रम हो या बाजार की भीड़भाड़ … लोगों की नजर मुझ पर जरूर आती है.

मैं हमेशा साड़ी पहनती हूँ इसलिए लोगों की नजर मेरी गोरी चमकदार कमर और मेरे भरे हुए बड़े बड़े दूध पर टिक जाती है.

जैसा कि मैंने आप लोगों को बताया कि मेरे पति मुझसे 17 साल बड़े हैं और शादी के बाद से ही वो मुझे बेहद प्यार करते हैं.
लेकिन दोस्तो, मैं हमेशा से ही एक चुदक्कड़ लड़की रही हूं और कॉलेज के समय से ही भिन्न भिन्न लंड से चुदाई का मजा ले रही हूं. (Family sex story)

शादी के बाद भी मेरे कुछ और लोगों के साथ संबंध बने, जिनके साथ भी मैंने बिस्तर पर बहुत मजे किए.

लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था कि मैं किसी के साथ भी चुदाई कर लेती हूं.
जिसके ऊपर मेरा दिल आता है, मैं उसके साथ ही ऐसा करती हूं.
मैं हमेशा ही ऐसे मर्दों को पसंद करती हूं, जो मुझसे भी हट्टा-कट्टा और मजबूत बदन वाला हो ताकि मुझे अच्छे से दबा कर चोद सके.

शादी के बाद मेरे बॉयफ्रेंड अब अपने काम के कारण यहां नहीं रहते हैं. अब मैं केवल अपने पति के साथ ही चुदाई का मजा लेती हूँ.

जब मेरी जिंदगी से मेरे दोनों ख़ास बॉयफ्रेंड चले गए तो उसके बाद काफी दिनों तक मुझे कोई ऐसा मिला नहीं … और मैं केवल अपने पति के साथ ही खुश बनी रही थी. (Family sex story)

ऐसा ज्यादा दिन तक नहीं हुआ.
लंड मेरी कमजोरी थी है और इसी कमजोरी के चलते मैंने अपने लिए नया लंड तलाश कर ही लिया.
इस बार मेरे ही नजदीक के रिश्ते में मुझे ऐसा मर्द मिला जिसने मुझे जमकर चोदा.

कौन था वो मर्द … जानते हैं.

मेरी एक छोटी बहन है, जिसकी शादी 2020 में हुई.
हम सब उस शादी में शामिल थे. शादी बड़ी अच्छे तरीके से हुई.

शादी में जो दूल्हे के पिता थे … मतलब मेरी बहन के ससुर, उनसे मेरी काफी अच्छी जान पहचान हो गई.
वो एक रिटायर्ड आर्मी मैन हैं. बहन के ससुर का नाम मनोज था.

शुरू में तो वो मुझसे काफी अच्छे से बातें करते रहे … मगर कहीं कहीं मुझसे ऐसा मजाक कर देते कि उनके ऊपर भी मुझे शक होता कि इनकी नजर मेरे ऊपर है. (Family sex story)

पूरी शादी में अगर वो मुझे अकेली देखते, तो तुरंत ही मेरे पास आते और बातें करने लगते.
कई बार मैंने गौर किया कि जब मैं उनके पास से गुजरती, तो उनकी नजर मेरे लहराती हुई कमर पर रहती.

शादी हो गई और कुछ दिन में मैं अपने घर वापस आ गई.
मेरी बहन का ससुराल मेरे घर से करीब 50 किलोमीटर दूर है.

एक दिन सुबह सुबह मेरे पति के फोन पर मेरी बहन के ससुर ने फोन किया और बताया कि कल सुबह हम लोग बनारस घूमने के लिए जा रहे हैं और आप लोगों को भी चलना पड़ेगा.

मेरे पति ने तो जाने से मना कर दिया क्योंकि उन्हें काफी काम था. (Family sex story)
मगर उन्होंने मुझे ले जाने की इजाजत दे दी.

मेरे पति ने मुझे ये बात बताई और मैंने अपनी तैयारी कर ली.
दोपहर 2 बजे बहन के ससुर अपनी कार लेकर मुझे लेने के लिए आ गए और मैं उनके साथ चली गई.

रास्ते भर वो मुझसे हंसी मजाक करते रहे और करीब एक घंटे में मैं बहन की ससुराल पहुंच गई.
सभी से मिलना-जुलना हुआ और मुझे एक अलग कमरा दे दिया गया जो कि घर के बगल में ही बना था और वो कमरा मेहमानों के लिए ही बनवाया गया था.

अगली सुबह हमें बनारस के लिए निकलना था.

उसी शाम को मैं अकेली घर की छत पर टहल रही थी कि वहां मनोज जी भी आ गए. (Family sex story)
अप्रैल का महीना था और शाम को छत पर ठंडी हवा चल रही थी.

मैं उस वक्त गाउन पहने हुई थी और एक दुपट्टा सर से ओढ़े हुई थी.
मेरे गाउन के सामने के दो बटन खुले हुए थे और उनके बीच से मेरे दूध की लाइन दिख रही थी.
मनोज जी की नजर बार बार वहीं जा रही थी.

मैं सब समझ रही थी मगर जानबूझकर सामने दुपट्टा नहीं लगा रही थी क्योंकि मर्दों को तड़पाना मेरी आदत है.
यह बात भी मैं जानती थी कि मनोज जी के दिल में मेरे प्रति कुछ तो है मगर मैं उनसे ऐसा कुछ भी नहीं कहना चाहती थी क्योंकि मेरी सोच गलत भी हो सकती थी.

वो एक मर्द हैं … और मैं जानती हूँ कि मर्द कितनी जल्दी किसी के ऊपर भी पिघल जाते हैं.
जिस तरह से वो मुझसे बात कर रहे थे, उससे साफ पता चलता था कि वो मेरे ऊपर लट्टू हो गए थे. (Family sex story)

काफी देर तक हम दोनों छत पर टहलते रहे.
उसके बाद नीचे आकर सबने खाना खाया और अपने कमरों में जाकर सो गए.

सुबह 4 बजे हम लोग बनारस के लिए निकल गए.
हम लोग कुल आठ लोग थे,जिनमें 5 औरतें और 3 मर्द थे.

गाड़ी मेरी बहन के पति चला रहे थे और उनके बगल में एक और सज्जन बैठे थे.
बीच वाली सीट पर मेरी बहन और तीन औरतें बैठी हुई थीं.
सबसे पीछे वाली सीट पर केवल मैं और मनोज जी बैठे हुए थे.

सभी लोग बाते करते हुए और हंसी-मजाक करते हुए जा रहे थे. (Family sex story)
कब 6 घन्टे बीत गए, पता ही नहीं चला.

सुबह 10 बजे हम लोग बनारस के घाट पर पहुंच गए.

घाट पर काफी भीड़ थी इसलिए मनोज जी ने गाड़ी थोड़ी अलग जगह पर लगवाई ताकि हम लोग आराम से नहा सकें.

नहाने के लिए जगह तो अच्छी थी लेकिन कपड़े बदलने के लिए कोई जगह नहीं थी.

जहां पर हमारी गाड़ी खड़ी हुई थी, उसके पीछे दीवार थी और हमने सोचा कि गाड़ी और दीवार के बीच में ही कपड़े बदल लेंगे.

हम सभी नदी में स्नान करने के लिए चले गए.

सभी लोग नदी में स्नान कर रहे थे और बहुत मस्ती कर रहे थे.
तभी मैंने गौर किया कि मनोज जी की नजर बार बार मुझ पर ही टिक रही थी.

मैंने ये भी गौर किया कि मेरा पूरा बदन पानी से भीग गया था जिससे मेरे गीले कपड़े मेरे बदन पर चिपके हुए थे और मेरे ब्लाउज के सामने से मेरे गोरे गोरे दूध साफ साफ झलक रहे थे. (Family sex story)
मैं समझ गई कि मनोज जी क्या देख रहे हैं.

फिर मैंने सोचा कि क्यों न उनको और तड़पाया जाए और उनके अन्दर क्या चल रहा है, इसका जायजा लिया जाए.

आहिस्ता आहिस्ता मैं पानी में ही उनके पास जा पहुंची.
मैं जानबूझकर अपने पैर उनके पैरों पर लगाने लगी.
बस यहीं पर मुझसे गलती हो गई और मैं बहक सी गई.

सभी लोग पानी में पूरी मस्ती के रंग में थे और किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था, सभी अपने आप में मस्त थे.

जब मैंने कई बार मनोज जी के पैरों पर अपना पैर लगाया तो वो भी अब इसका फायदा लेते हुए मेरे साथ खेलने लगे.

शुरू में तो उन्होंने भी अपना पैर लगाया और जब मेरी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो उनकी हिम्मत बढ़ गई. (Family sex story)
अब वो पानी में डुबकी लगाते और मेरे पैरों के पास तैरते हुए आ जाते और पानी के अन्दर ही अपने हाथ मेरी साड़ी के ऊपर से ही जांघों पर लगा देते.
मेरी तरफ से कोई विरोध न देखते हुए उनकी हिम्मत बढ़ती जा रही थी.

फिर उन्होंने डुबकी लगाई और अपना एक हाथ मेरे पेटीकोट के अन्दर डालते हुए मेरी नंगी जांघ पर रख दिया.
उनके हाथ जैसे ही मेरे जांघ पर गए, मुझे गुदगुदी सी हुई और करंट सा लगा.

मैंने तुरंत ही उनका हाथ हटाया और उनसे दूर हो गई.
जब वो गोता लगा कर बाहर आए तो मुझे देख मुस्कुराने लगे. (Family sex story)
मैं भी उनको देख मुस्कुरा दी.

बस इतना उनके लिए काफी था.
मेरी मुस्कान देख उनके अन्दर का डर खत्म हो गया था.

अब वो बार बार पानी के अन्दर जाते और मेरी जांघों को सहला देते.
हम दोनों ही मस्ती कर रहे थे और पानी के अन्दर क्या खेल चल रहा है, किसी को पता भी नहीं चल रहा था.

अगली बार जब वो डुबकी लगा कर मेरे पास आए तो मैंने उनका हाथ पकड़ लिया.
वो मेरे पास ही खड़े हो गए, उन्होंने अपना हाथ मुझसे छुड़ाया और अपना हाथ मेरे पेटीकोट के अन्दर डाल कर मेरी नंगी जांघों को सहलाने लगे. (Family sex story)

मैं चुपके से बोली- क्या कर रहे हैं, कोई देख लेगा!
बस मेरा इतना कहना था कि उनको मेरी पूरी इजाजत ही मिल गई.

वो अपना हाथ मेरी चड्डी तब लेकर चले गए और मेरी चूत को चड्डी के ऊपर से ही दबाने लगे.
मैंने उनका हाथ झटक कर दूर किया और किसी तरह से उनसे अलग होकर दूर हो गई.

कुछ ही देर में हम सभी औरतें नदी से बाहर आ गईं.
मर्द लोग तो नदी किनारे ही कपड़े बदलने लगे और हम पांचों औरतें गाड़ी के पीछे आकर कपड़े बदलने लगीं.

गाड़ी के पीछे जगह कम थी इसलिए जहां पर मैं खड़ी हुई थी, वहां से मनोज जी मुझे साफ साफ दिख रहे थे और वो भी मुझे ही देख रहे थे. (Family sex story)
मैंने उन्हें अनदेखा कर दिया जैसे कि मैंने उन्हें देखा ही नहीं है.

उसके बाद मैंने अपनी गीली साड़ी निकाल कर अलग कर दी और मनोज जी की तरफ अपनी पीठ करते हुए अपना ब्लाउज निकाल दिया.
मुझे पता था कि मनोज जी की नजर मेरी तरफ ही होगी और वो मेरी ब्रा वाली पीठ को ताड़ रहे होंगे.

Family sex story

मैंने एक तौलिया लपेटा और अपनी ब्रा भी निकाल दी.
इसके बाद नीचे से मैंने अपना पेटीकोट भी निकाल दिया.

मेरे घुटनों के ऊपर तक तौलिया था और आधी जांघें दिख रही थीं.
फिर नीचे झुककर मैंने अपनी पैंटी निकाली और एक नजर पीछे मनोज जी की तरफ डाली. (Family sex story)

मेरा अंदाजा बिल्कुल सही था, वो एकटक मुझे ही देख रहे थे और बाकी के लोग कपड़े बदलकर दूसरे काम में व्यस्त थे.

मैंने फिर अपनी दूसरी पैंटी पहनी और एक पल के लिए टॉवेल को अपनी गांड तक उठा दी जिससे मेरी गोरी गांड के हल्के से दीदार मनोज जी को हो गए.

उसके बाद मैंने ब्रा पहनी और बाकी के कपड़े पहनने के बाद गीले कपड़े बैग में रखकर तैयार हो गई.

उसके बाद हम सब लोग तैयार होकर पैदल ही बनारस में शॉपिंग के लिए निकल गए.
करीब दो घंटे बाद हम लोगों ने एक होटल में खाना खाया और शाम करीब पांच बजे वहां से वापस लौटने लगे.

वापसी में सभी लोग उसी प्रकार से गाड़ी में बैठे हुए थे जिस प्रकार से आए थे. (Family sex story)
मैं और मनोज जी पीछे वाली सीट पर बैठे हुए थे.
हम लोगों को घर पहुंचने में करीब 6 घंटे का समय लगने वाला था.

कुछ देर हम सभी लोग हंसी मजाक करते रहे थे लेकिन करीब एक घंटा के सफर के बाद ही सभी लोग सोने लगे.
मुझे किसी तरह से भी नींद नहीं आ रही थी क्योंकि मेरे बगल में ही मनोज जी बैठे हुए थे और नदी में हुई घटना के बाद उनके प्रति मेरा नजरिया बदल गया था.
मैं जान चुकी थी कि उनके अन्दर भी मुझे लेकर कामुक विचार आ रहे होंगे.

नदी में ही मैंने उनको इतनी छूट दे दी थी कि अब गाड़ी में भी वो जरूर कुछ गलत हरकत करेंगे क्योंकि उनको मेरे द्वारा नदी में ही छूट मिल गई थी.

कुछ समय में ही बाहर अंधेरा छा गया और गाड़ी के अन्दर भी लाइट बंद होने के कारण अंधेरा था.
सभी लोग सो चुके थे बस केवल मेरी बहन के हसबैंड ही जाग रहे थे क्योंकि वो गाड़ी चला रहे थे. (Family sex story)
उनके अलावा पीछे की सीट पर बैठे हुए मैं और मनोज जी भी जाग रहे थे.

मैं और मनोज जी बिल्कुल ही शांत बैठे हुए थे.
कुछ देर बाद मनोज जी ने अपना हाथ आगे करते हुए मेरा हाथ पकड़ना चाहा, लेकिन मैंने अपना हाथ हटा लिया.

उन्होंने मेरे चेहरे की तरफ देखा और मैंने उनकी तरफ देखा.
उन्हें देखते ही फिर से एक बार मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई और फिर से उनको मेरी तरफ से एक अनुमति मिल गई.

उन्होंने एक बार फिर से अपना हाथ आगे बढ़ाया और मेरे हाथ को अपने हाथ में ले लिया.
मेरे एक हाथ को अपने दोनो हाथों के बीच रखकर सहलाने लगे.

धीरे धीरे उन्होंने मेरे सर को अपने कंधे पर रख लिया और मैं आंख बंद किए उनके कंधे पर अपना सर रखी हुई थी. (Family sex story)

वो हाथ को आगे बढ़ाते हुए मेरी बांह को सहलाने लगे और उनके सहलाने से मेरे बदन के रोम खड़े हो गए.

कुछ देर बाद उन्होंने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और साड़ी के ऊपर से ही मेरी जांघ को सहलाने लगे.

अब मैं उनका किसी तरह का कोई विरोध नहीं कर रही थी और उन्हें भी इसका अहसास हो गया था इसलिए वो अपना हाथ नीचे की तरफ ले गए और साड़ी के नीचे से अपना हाथ अन्दर डालते हुए मेरी जांघ पर ले आए.

अब वो मेरी गर्म गर्म कोमल जांघ को सहलाने लगे.
उनके ऐसा करने से मेरी वासना जाग उठी और मेरी गर्म सांसें उनके कानों में पड़ने लगीं.
मेरे मुँह से हल्की हल्की सिसकारी सी सी सी निकलने लगी. (Family sex story)

जल्द ही उनका हाथ मेरी पैंटी पर पहुंच गया और वो पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को अपनी उंगली से सहलाने लगे.

जल्द ही मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया और मेरी पैंटी सामने से गीली होने लगी.

उस वक्त तक गाड़ी में सभी लोग गहरी नींद सो चुके थे और इसका फायदा उठाकर उन्होंने मुझे अपनी गोद में लिटा लिया.
मैं उनके गोद में सर रखी हुई थी और अपने पैरों को सीट पर फैला ली थी.

अब उनका हाथ मेरी बांहों को सहलाते हुए मेरे सीने तक पहुंच गया और वो ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे बड़े बड़े मम्मों को सहलाने लगे.
वहीं उनका दूसरा हाथ मेरी साड़ी को मेरी जांघ तक उठाते हुए मेरी जांघ को सहलाने लगा.
इतने में ही मेरी हालत खराब हो गई थी और ऐसा लग रहा था कि वो अभी ही मुझे चोद दें. लेकिन गाड़ी में हम लोग जितना कर पा रहे थे, उतना काफी था. (Family sex story)

कुछ ही देर में उन्होंने अपना हाथ मेरी पैंटी के अन्दर डाल दिया और मेरी गीली हो चुकी चूत को सहलाने लगे.
उनके ऐसा करने से मैं अपने आपको सम्हाल नहीं पा रही थी और जल्द ही मैं उठकर बैठ गई.

कुछ देर तो हम लोग शांत रहे लेकिन उन्होंने फिर से मेरा हाथ पकड़कर अपने पैंट के ऊपर रख दिया, जहां पर उनका लंड खड़ा था.
अब मैंने भी अपनी सारी शर्म छोड़ दी और उनके लंड को पैंट के ऊपर से ही थाम कर सहलाने लगी.

मेरी हिम्मत को देखते हुए उन्होंने अपने पैंट का बटन खोल दिया और अपनी चड्डी के ऊपर से अपना लंड बाहर निकाल कर मेरे हाथ में दे दिया.
जैसे ही मैंने उनके लंड को थामा, मैं उनके लंड के साइज को देख दंग रह गई.

उनके लंड की लंबाई करीब 7 इंच थी और मोटाई भी इतनी थी, जितनी आज तक मेरे किसी बॉयफ्रेंड की नहीं थी.
मैं उनके लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी. (Family sex story)

उनका सुपारा काफी बड़ा था और मैं सुपारे को चमड़ी से बाहर निकाल कर अंगूठे से सहलाते हुए जोर जोर से हिलाने लगी.

बीच में उन्होंने मुझे रोक दिया और मुझे फिर से अपनी गोद में लिटा लिया.
अब उनका लंड मेरे चेहरे के सामने था और लंड की उत्तेजक महक मेरे नाक में आ रही थी.
उस महक से मैं और ज्यादा मदहोश हो गई और उनके सुपारे को अपने मुँह में डाल कर चुसकने लगी.

इधर उन्होंने भी अपने हाथ को मेरी पैंटी में डाल दिया और अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाल दी.
अब इधर मैं उनके लंड को चूस रही थी और वो मेरी चूत में जोर से उंगली कर रहे थे.

करीब पांच मिनट बाद ही मैं झड़ गई और उसके कुछ मिनट बाद ही वो भी झड़ गए.
जैसे ही वो झड़े मैंने उनका लंड मुँह से बाहर निकाल लिया और उनका सारा पानी मेरे चेहरे पर फच फच करके पड़ने लगा.

फिर उन्होंने मुझे अपना रूमाल दिया और मैंने अपने चेहरे को साफ किया.
के पश्चात् उन्होंने अपना लंड पैंट के अन्दर किया और मैंने भी अपनी साड़ी ठीक की. (Family sex story)

हम दोनों ही अपनी प्यास बुझाने के बाद सो गए.
उसके बाद सफर कैसे कट गया, पता ही नहीं चला और 11 बजे रात हम लोग घर पहुंच गए.

उस सफर के दौरान हम दोनों के बीच एक अलग ही रिश्ते की शुरुआत हो चुकी थी.

लेकिन ये रिश्ता ऐसा था कि अगर किसी को इसके बारे में पता चलता तो पूरा परिवार बिखर सकता था इसलिए हम दोनों को ही बहुत हिसाब से और सावधानी बरतने की जरूरत थी.

तब भी अब वो मुझे चोदने के लिए बेताब हो गए थे.
उन्होंने घर पहुंचकर ही मुझसे अकेले में कहा कि तुम्हें अब कुछ दिन यहां रुकना होगा.

वो ऐसा क्यों बोले, मैं समझ गई थी.
लेकिन वो मुझे कैसे चोद सकते थे क्योंकि घर पर तो हमेशा इतने लोग रहते थे. (Family sex story)
फिर भी मैंने उनसे 2 दिन तक रुकने के लिए बोल दिया.

दोस्तो, अब कहानी के अगले भाग में आप पढ़िए कि किस तरह से मनोज जी ने मुझे चोदा और उन्होंने मेरी चुदाई करने के लिए क्या प्लान बनाया.
मैं उनके साथ 2 दिन तक अकेली रही और उन्होंने जबरदस्त तरीके से मेरी चुदाई की.
धन्यवाद.
मेल जरूर करें.
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(Family sex story)

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