भाभी की चूत गांड एक करदी-Bhabhi ko Sex Machine Banaya

भाभी की चूत गांड एक करदी-Bhabhi ko Sex Machine Banaya

हेलो दोस्तों मैं आभा सिंह, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “भाभी की चूत गांड एक करदी-Bhabhi ko Sex Machine Banaya”। यह कहानी रोहित की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।

वाइल्ड फैंटसी स्टोरीज़ डॉट कॉम का सुख मुझे मेरी पड़ोसन भाभी ने दिया, जिसे मैं पिछले दस सालों से चोदना चाहता था। हमारे उनसे पारिवारिक संबंध थे। एक दिन मैंने उन्हें नंगी देखा।

Bhabhi ko Sex Machine Banaya Main Apka Swagat Ha

दोस्तों, मैं हिमाचल से हूँ।

मैं 23 साल का हूँ।

यह घटना अभी कुछ समय पुरानी है।

मेरी एक भाभी है। मैं उसे पिछले दस सालों से पसंद करता हूँ।

उसकी शादी को दस साल हो गए हैं, मतलब जब से भाभी घर आई है, मैं उसे चोदना चाहता था।

लेकिन आज तक मैं उसे कभी नहीं बता पाया कि मैं उसे पसंद करता हूँ, हालाँकि मैं उसके घर जाता रहता हूँ।

आज भाभी 35 साल की हो गई है, लेकिन उसकी खूबसूरती का आकर्षण लगातार बढ़ता जा रहा है और साथ ही मेरी बेसब्री भी।

क्या माल है भाभी… मतलब बहुत हॉट माल है।

खैर…भाभी तो सबको पसंद होती है, तो आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि मैं जिस भाभी की बात कर रहा हूँ, वह कैसी दिखती होगी।

भरे हुए बूब्सों और उभरी हुई गांड के अलावा भाभी के तीखे चेहरे… बस एक बार उन्हें देखते ही ऐसा लगता है कि मैं उन पर झपट पड़ूँ।

लॉकडाउन में कुछ ऐसा हुआ कि मैं उनसे बात करने लगा और लॉकडाउन खत्म होने के बाद मैं उनसे और भी बातें करने लगा।

हमारे बीच सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन फिर भी मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं उन्हें बता सकूँ कि मैं उन्हें पसंद करता हूँ।

हमारे पड़ोस में एक और भाभी रहती है।

वो थोड़ी फ़्लर्ट है, फ़र्कुल मतलब वो थोड़ी ज़्यादा फ़्लर्ट है।

अब मैं भाभी से खुलकर बात करने लगा था और उन्हें बताता रहता था कि मोहल्ले में कौन किस पद पर है।

एक दिन जब हमारी पड़ोसन भाभी वहाँ से गुज़र रही थी तो मैंने अपनी भाभी से कहा- देखो, इस भाभी ने मोहल्ले के 4-5 लड़कों को पटा रखा है।

भाभी कुछ नहीं बोलीं, बस हँस दीं।

एक दिन मेरी भाभी के घर पर कोई नहीं था। जब मैं उनके घर गया तो पता चला कि वो टहलने गई हैं और रात को वापस आएंगी।

उसके घर की चाबी हमेशा पायदान के नीचे छिपी रहती थी।

मैंने चाबी निकाली और उसके घर आ गया।

मैंने दरवाजा भी अंदर से बंद कर लिया।

अब मैंने भाभी की पैंटी ढूँढी।

वो वॉशरूम में रखी थी।

मैं वॉशरूम में आया और उसकी पैंटी उठाई और उसे सूंघने लगा।

उसकी पैंटी के चूत वाले हिस्से से अच्छी खुशबू आ रही थी।

भाभी की चूत की खुशबू सूंघते हुए मैंने अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया और हस्तमैथुन करने लगा।

दोपहर हो चुकी थी।

मैंने हस्तमैथुन खत्म किया और उसके कमरे में जाकर बिस्तर पर बैठ गया।

थोड़ी देर बाद मैंने भाभी की अलमारी चेक की।

उसमें भाभी की बहुत सारी खूबसूरत ब्रा और पैंटी रखी हुई थीं।

मैंने अपनी आँखें बंद की और सोचने लगा कि इन ब्रा और पैंटी में भाभी कितनी हॉट दिखेंगी।

ये सोचते ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैंने फिर से हस्तमैथुन किया और घर वापस आ गया।

इस घटना के दस दिन बाद भैया, भाभी के पति कहीं बाहर गए थे, इसलिए मैं रात को भाभी के घर पर ही रुका।

मैंने उनसे बात की, खाना खाया और सो गया।

भाभी भी मेरे पास आकर लेट गई।

हम दोनों अपने मोबाइल फोन में व्यस्त हो गए।

मोबाइल चलाने के साथ-साथ हम एक दूसरे से बात भी कर रहे थे।

रात के 11 बजे तक हम सो गए।

मैं उनके साथ सो रहा था, मतलब लेटा हुआ था, मुझे नींद नहीं आ रही थी।

मेरा लंड यह सोचकर खड़ा हो गया था कि मैं भाभी के बगल में लेटा हूँ और मुझे कभी भी मौका मिल सकता है।

बस यही सोचते-सोचते मेरा लंड फुफकारता रहा और कोई नतीजा नहीं निकला, इसलिए मैं सो गया।

रात को करीब 2 बजे मेरी आँख खुली।

मुझे अब नींद नहीं आ रही थी।

भाभी मेरी तरफ पीठ करके लेटी हुई थीं, वो मुझसे चिपकी हुई थीं।

मेरा लंड उसकी गांड की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था, इसलिए मैंने भाभी के चूतड़ों में अपना लंड घुसाना शुरू कर दिया.

मुझे कपड़े पहनने में मज़ा आ रहा था और साथ ही डर भी लग रहा था.

इस वजह से कुछ नहीं हो पाया और मैं सो गया.

अगले दिन सुबह मैं अपने घर आ गया.

फिर मेरी नौकरी लग गई और मैं बाहर चला गया.

इस दिवाली जब मैं अपने घर आया था, तो मैं उसके घर गया था.

वाकई, भाभी बहुत हॉट लग रही थी.

जब उसने मुझे देखा, तो बोली- तुम कब आए?

मैंने कहा- मैं आज सुबह ही आया हूँ.

भाभी बोली- अब मेरे साथ चलो, मुझे सबको गिफ्ट देने हैं, तुम्हारे भाई के पास समय नहीं है.

मैंने उसके साथ गिफ्ट बांटे और उस दिन रात को मैं उसके घर पर रुका और पटाखे फोड़े.
रात काफी हो गई थी, इसलिए मैं वहीं सो गया.

सुबह भैया जल्दी उठ गए.

उन्हें एक दोस्त के पास जाना था, इसलिए वो चले गए.

मैं उठा और चाय पीकर घर आ गया.

भाभी भी नहाने चली गई थी।

जैसे ही मैं घर पहुंचा, मुझे याद आया कि मैं अपना फोन उनके घर पर ही भूल आया था।

जब मैं दौड़कर वापस आया, तो दरवाजा खुला था।

मैं सीधा अंदर गया और मोबाइल लेकर कमरे से बाहर आ गया।

दूसरी तरफ देसी भाभी तौलिया लपेटे बाथरूम से बाहर आ रही थी।

हम दोनों टकरा गए और दोनों गिर पड़े।

भाभी का तौलिया खुल गया और उसे पूरी नंगी देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया।

वह कराह रही थी, तो मैंने उसे सहारा देकर उठाया और आंखें नीचे करके सीधा अपने घर आ गया।

शाम को जब मैं उनके घर गया, तो भाभी बोली- आज भी यहीं रुक जाना!

मैं रुक गया।
भैया और भाभी साथ में सो रहे थे।

भैया सुबह जल्दी उठ गए थे इसलिए उन्हें नींद आ गई।

अगले दिन भी उन्हें जल्दी उठकर कहीं जाना था।

वे जल्दी सो गए।

रात के 12 बजे भाभी मेरे पास आईं और बोलीं- मुझे दर्द हो रहा है। गिरने की वजह से मेरे घुटने में चोट लग गई है। दर्द की वजह से मैं सो नहीं पा रही हूँ।

मैंने कहा- क्या मैं मालिश कर दूँ?

वे कुछ नहीं बोलीं और मैं मालिश करने लगी।

पता नहीं मुझमें इतनी हिम्मत कहाँ से आई।

मैंने कहा- भाभी, आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं!

वे मुस्कुराकर बोलीं- अच्छा…क्या आप पहले भी ऐसी नहीं दिखती थीं?

मैंने कहा- आप पहले भी ऐसी दिखती थीं लेकिन आज कुछ अलग है।

वे मुझे अर्थपूर्ण निगाहों से देखने लगीं।

हमारे बीच खामोशी से बातचीत हुई कि आज मैंने उनका नंगा बदन देखा है।

भाभी मेरे पास से उठकर चली गईं।

उनके पति रात के 3 बजे चले गए थे, उन्हें कहीं बाहर जाना था।

वो शायद अगले दिन या उसके अगले दिन आने वाला था।

भैया के जाने के बाद भाभी मेरे पास आकर लेट गई।

मेरी आँख खुल गई पर मैंने सोने का नाटक किया और भाभी से चिपक गया।

भाभी ने कोई विरोध नहीं किया।

थोड़ी देर बाद मैंने भाभी के एकबूब्स पर हाथ रखा और अपना लंड उनके नितंबों पर दबाने लगा।

भाभी भी पीछे की ओर झुक कर अपनी गांड मेरे लंड पर दबा रही थी।

अब भाभी ने खुद ही अपनी नाइटी ऊपर उठाई और मैंने भी अपना लंड अपनी पैंट से बाहर निकाल लिया।

मैंने अपना लंड भाभी की नंगी चूत में डालना शुरू किया।

जब नहीं घुसा तो भाभी ने पलट कर मेरे कान में कहा- ऐसे नहीं घुसेगा।

यह सुनते ही मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

मैंने कहा- तो फिर घुसेगा कैसे?

वो बोली- तेल लाओ!

मैंने बहुत सारी पोर्न फिल्में देखी थीं, उनमें बिना तेल लगाए गांड चोदी जाती है।

फिर मैंने कहा- भाभी, क्या मैं आपकी चूत चाट सकता हूँ?

भाभी बोली- मैं तो खुद ही कहने वाली थी कि चाटने से भी काम चल जाता है.

अब मैंने भाभी को पीठ के बल लिटा दिया और अपना मुँह उनकी चूत पर रख दिया.

सूजी हुई चूत का स्वाद नमकीन था.

उसके बाद मैंने भाभी के सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी उतार दिए.

अब मैंने अपना लंड सेट किया और अंदर घुसा दिया.

भाभी कराहने लगी.

मैं और जोर से वाइल्ड फैंटसी स्टोरीज़ डॉट कॉम का मजा लेने लगा.

उसे चोदते हुए मैंने कहा- भाभी, मैं तुम्हें पिछले दस सालों से चोदना चाहता था.

भाभी बोली- अब तुमने मुझे चोद दिया है… तुम्हें मजा आया ना?

मैंने कहा- मुझे बहुत मजा आ रहा है भाभी.

सुबह 4 बजे तक सेक्स खत्म करके हम दोनों सो गए.

जब मैं सुबह उठा तो भाभी घर की सफाई करके चाय बना रही थी.

मैं उठकर उसके पीछे गया और उसे चूमने लगा.

फिर वो पलटी और मैं उसके होंठों को चूमने लगा.

थोड़ी देर बाद भाभी ने चाय बनाई और हम दोनों ने चाय खत्म की.

भाभी बोली- नहा लो!

मैंने कहा- चलो, हम दोनों नहाते हैं।

वो हंस पड़ी और हम दोनों नंगे ही नहा लिए।

नहाते समय मैंने अपने लंड पर साबुन लगाया और भाभी की गांड पर साबुन लगाने के बाद मैंने अपना लंड अंदर धकेलना शुरू कर दिया।

मेरे लंड को भी थोड़ा दर्द हुआ लेकिन मुझे भाभी की गांड चोदने में मज़ा आने लगा।

उनकी गांड चोदने के बाद मैंने उनकी चूत भी चोदी और अपने लंड का माल भाभी के चेहरे पर लगा दिया।

भाभी ने मेरे माल को अपने चेहरे पर फेस पैक की तरह फैला लिया और मुझे मदहोश होकर देखने लगी।

थोड़ी देर बाद हम दोनों नहाए और बाहर आकर मूवी देखने लगे।

पता नहीं उस समय मेरे दिमाग में क्या आया, मैंने भाभी से कहा- भाभी, आज आप दुल्हन बन जाओ। आज मैं आपके साथ सुहाग दिवस मनाना चाहता हूँ।

भाभी तुरंत मान गई।

एक घंटे बाद मैं भाभी के कमरे में गया।

भाभी एकदम नई दुल्हन लग रही थी।

मैं उसके पास बैठ गया और उसका घूंघट उठाकर उसके होंठों पर किस किया.

कुछ देर तक मैं उसे धीरे-धीरे मदहोश करता रहा और मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए.

वो ब्रा और पैंटी में थी.

अब मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और भाभी की ब्रा और पैंटी भी उतार दी.

मैंने भाभी को वहीं रखी कुर्सी पर बैठा दिया और उसकी टांगें फैलाकर उसकी चूत चाटने लगा.

कुछ मिनट तक उसकी चूत चाटने के बाद मैं भी कुर्सी पर चढ़ गया.

मैंने भाभी को चोदना शुरू कर दिया.

उस पोजीशन में भाभी की चुदाई बहुत अच्छी हो रही थी.

उस दिन मैंने भाभी को दो घंटे तक रुक-रुक कर चोदा.

जब भी मैं स्खलित होता तो भाभी मेरा लंड चूसती और उसे सख्त कर देती. कभी-कभी जब वो स्खलित होती तो मैं उसकी चूत चाटता और उसे फिर से गर्म कर देता.

कभी किचन में, कभी डाइनिंग टेबल पर, कभी बाथरूम में… मतलब मैंने उसे हर जगह चोदा.

शायद भाभी भैया से संतुष्ट नहीं थी, लेकिन उसने एक बार भी नहीं कहा कि भैया उसे ठीक से नहीं चोदते।

अगले दिन मैं घर आ गया।

फिर मैं अपनी जॉब पर आ गया।

अब जब भी मुझे समय मिलता है, मैं भाभी के पास जाता हूँ और उन्हें चोदता हूँ।

या यूँ कह सकते हैं कि भाभी खुद मुझे फ़ोन करके कहती हैं कि आ जाओ क्योंकि तुम्हारे भैया यहाँ नहीं हैं।

तो दोस्तों, आपको ये वाइल्ड फैंटसी स्टोरीज़ डॉट कॉम कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताएँ।

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