हेलो दोस्तों मैं आभा सिंह, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “मैने पापा के दोस्त के साथ सुहागरात बनायीं- Suhagrat ki Chudai”। यह कहानी दीपिका की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।
वाइल्ड फैंटसी स्टोरी डॉट कॉम में, मेरी शादी के बाद मेरे अंकल ने मेरी सुहागरात का इंतज़ाम किया और मुझे और मेरे पति को अपने साथ ले गए. वहाँ उन्होंने मेरे पति को खूब शराब पिलाकर बेहोश कर दिया.
Suhagrat ki Chudai Main Apka Swagat Hai
नमस्ते दोस्तों, मैं दीपिका एक नई कहानी लेकर हाजिर हूँ!
यह कहानी मेरी सुहागरात के बारे में है.
आपने मेरी पिछली कहानी में पढ़ा
मेरे पापा के दोस्त ने मुझे चोदा
कि मेरे पापा के दोस्त यानी मेरे अंकल ने मुझे 20 साल की कली से फूल बना दिया था और फिर मुझे अपनी रखैल बनाकर रखा.
चुदाई के एक दिन बाद मैंने अंकल से कहा- मेरी शादी तय हो गई है.
तो उन्होंने कहा- देख रांड, तू किसी से भी शादी कर ले, तू मेरी कुतिया है और रहेगी. और मैं तेरे साथ सुहागरात मनाऊँगा मादरचोद!
मैं उनसे चिपक गई और बोली- अंकल, मैं आपकी हूँ और आपकी कुतिया ही रहूँगी, आप मेरे साथ सुहागरात मनाएँगे.
मेरी शादी चेतन नाम के लड़के से तय हुई थी. अंकल ने पापा की मदद की, उन्होंने खुद ही शादी की सारी व्यवस्था संभाली।
शादी के बाद अंकल ने अपने फार्म हाउस में मेरी सुहागरात का इंतजाम किया। नाम था चेतन और दीपिका की सुहागरात का… लेकिन असली बात क्या थी, ये तो आप जानते ही हैं।
ये वाइल्ड फैंटसी स्टोरी डॉट कॉम मेरी सुहागरात के बारे में है।
शादी के दूसरे दिन जब सारी रस्में हो गईं, अंकल मुझे और चेतन को फार्म हाउस ले आए।
मैं दुल्हन के जोड़े में थी।
फार्म हाउस के एक कमरे में सुहागरात का इंतजाम किया गया था।
सुहागसेज की सेज फूलों से सजी हुई थी।
मैंने कहा- वाह अंकल, कितनी खूबसूरत सजावट है।
मेरे पति चेतन ने कहा- अंकल आप बेवजह परेशान हो गए।
अंकल बोले- नहीं चेतन बेटा, ये कुछ नहीं है। बाहर सोमरस का भी इंतजाम है।
मैंने कहा- चेतन जी, ज्यादा मत पीना!
अंकल बोले- दीपिका , चिंता मत करो।
मैं सुहागसेज पर बैठ गई और इंतजार करने लगी।
करीब एक घंटे बाद अंकल चेतन को बेहोशी की हालत में ले आए.
उन्होंने चेतन को सोफे पर लिटा दिया और कहा- दीपिका बहनचोद… सुहागरात के लिए तैयार हो जा मेरी रंडी!
मैं हंस पड़ी और उनसे चिपक गई.
उन्होंने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
मैंने उन्हें कस कर पकड़ लिया और अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी.
वे मेरी जीभ चूसने लगे.
थोड़ी देर बाद मैं अलग हुई और सुहागसेज पर बैठ गई और बोली- अंकल जी, इधर आइए न!
अंकल ने अपने कपड़े उतार दिए और नंगे हो गए और मेरी तरफ आने लगे.
उनका लंड फड़क रहा था… मैं अपनी नज़र उनके लंड से हटा नहीं पा रही थी. मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था.
मैंने अपना आँचल हटाया और लेट गई और अंकल मेरे ऊपर चढ़ गए और मुझे चूमने लगे.
वे मेरे बूब्स को मसलने लगे. मैं भी गर्म हो गई और उसके बदन से चिपक कर कराहने लगी- आह्ह ह्ह इस्स्स्स्स स्स्स्स ह्ह्ह… धीरे धीरे आह्ह आह्ह… ना आआ धीरे रगड़ो अंकल जी… दर्द हो रहा है… इईइ… आह!
उसने अपना हाथ मेरी पैंटी में डाल दिया और अपनी उंगली मेरी चूत में तेज़ी से रगड़ने लगा।
और मैं कराहने लगी- आह्ह ह्ह इस्स्स्स आह… प्लीज़ ऐसा मत करो अंकल जी!
उसने अपनी उंगली मेरे मुँह में डाल दी और मैं उसकी उंगली चूसने लगी।
वो समझ गया कि मैं सेक्स के लिए तैयार हूँ।
तो उसने जल्दी से मेरे कपड़े उतारे और मुझे नंगी कर दिया।
जब मैं गहने उतारने लगी तो वो बोला- गहने मत उतारो… मैं सुहागरात ऐसे ही मनाऊँगी।
तो मैंने कहा- प्लीज़ अंकल जी, जल्दी से मेरी प्यास बुझा दो। मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ!
और मैं उसके बदन से चिपक गई।
वो बोले- वाह कुतिया, तो तू सेक्स के लिए तैयार है कुतिया! पहले लंड चूस!
मैं कुतिया बन गई और लंड चूसने और चाटने लगी.
अंकल का लंड काफी मोटा है, मैंने कई बार लिया है.
फिर भी मैंने कहा- वाह अंकल, क्या मस्त लंड है… आज सुहागरात को खूब मजा दूँगी.
वो मेरे बालों को सहलाते हुए बोले- दीपिका कुतिया, मुझे पता है कि तुझे बड़े लंड पसंद हैं.
मैंने कहा- हाँ अंकल! पर मुझे नहीं पता कि मेरे पति का कितना बड़ा होगा?
अंकल बोले- इस बारे में बात मत कर मादरचोद… तू मेरा चूस!
मैंने लंड मुँह में डाला और सिर आगे-पीछे करते हुए उसे चूसती रही.
तभी मैंने देखा कि कमरे में दो आदमी भी आ गए हैं.
अंकल बोले- दीपिका , ये दोनों मेरे दोस्त हैं, ये भी तेरे साथ सुहागरात मनाएँगे.
इससे पहले कि मैं कुछ बोल पाती… दोनों ने मेरे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया.
अंकल ने मेरा सिर पकड़ा और तेजी से मेरे मुँह में लंड रगड़ने लगे.
मैं ‘औक औक आक अम्म उम्म’ जैसी आवाजें निकालने लगी।
अंकल बोले- अरे अनुराग और मोहन यार… तुम दोनों भी इस दुल्हन के साथ सुहागरात मनाओ!
मैंने देखा कि वो दोनों भी नंगे हो गए थे और उनके भी लंबे मोटे लंड थे।
मैं समझ गई कि ये तीनों दूल्हे मेरे साथ खुशी-खुशी सुहागरात मनाएंगे।
मोहन अपना लंड मेरे मुँह में रगड़ने लगा।
वो बोला- कुतिया तू लंड कितना अच्छा चूसती है। मादरचोद कितना अच्छा लग रहा है… चूस बहनचोद चूस!
थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया।
मैं अनुराग का लंड चूसने लगी।
तीनों मेरे स्तन मसलने लगे।
मैंने कहा- प्लीज इस्स्स्स आह आह… ऊऊऊ आआआह… दर्द हो रहा है… धीरे-धीरे मसलो।
उन्होंने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरे शरीर पर शराब डाल कर चाटने लगे।
थोड़ी देर में तीनों ने मेरे शरीर से पूरी शराब चाट ली।
मैं बहुत गर्म हो गई और अपनी टाँगें फैला कर बोली- प्लीज जल्दी से मेरी प्यास बुझा दे… आआ प्लीज!
अंकल बोले- मादरचोद कितनी चिकनी चूत है बहनचोद… आज मैं तुझे खूब चोदूँगा रंडी!
मैंने कहा- मैं ब्यूटी पार्लर से पूरा शरीर चिकना करवा कर आई हूँ।
उनकी स्पीड बढ़ गई और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और कमरा फच फच फच की आवाज से गूंजने लगा।
अनुराग ने भी अपना वीर्य मेरी चूत में बरसा दिया।
मैंने कहा- अंकल जी, मजा आ गया। वाह… आप तीनों कितनी अच्छी चुदाई करते हैं, मैं आपकी मुरीद हो गई हूँ।
वे बोले- साली रंडी, अभी तो सुहागरात की शुरुआत है।
फिर वे तीनों खड़े हो गए और मैं एक-एक करके उनके लंड चूसने लगी।
मेरे मुँह की गर्मी से तीनों के लंड फिर से खड़े हो गए।
वे तेल की बोतल ले आए।
तीनों ने तेल से मेरे शरीर की मालिश की और मेरा शरीर चमकने लगा।
अनुराग सुहागसेज पर लेट गया और बोला- चल बहनचोद, लंड पर बैठ जा!
मैंने उसका लंड अपनी चूत में डाला और बैठ गई।
मोहन ने अपना लंड मेरी गांड पर रखा और दबाने लगा।
लंड आराम से अंदर घुसने लगा।
मोहन ने मेरे अंकल से कहा- तुमने इस रंडी की गांड पूरी खोल दी है, साली ने लंड को इतने आराम से गांड में ले लिया.
थोड़ी ही देर में दो लंड मेरे अंदर थे.
मोहन बोला, कुतिया, क्या हम चुदाई शुरू करें?
मैंने हंसते हुए कहा, किस बात का इंतज़ार कर रही हो, जल्दी से चोदो मुझे!
दोनों ने मुझे तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया और मैं मजे में चिल्लाने लगी- आईई ऊईई… मम्मीईई… बचाओ मुझे… ऊऊ आईई आ आआ… दर्द हो रहा है… मैं मर रही हूँ ईईई आआआह्ह!
दोनों ने मेरे दोनों छेद बेरहमी से चोदना शुरू कर दिया.
मोहन बोला- वाह कुतिया वाह… क्या चीज़ है, तेरी गांड तो तेरी चूत से भी ज़्यादा कमाल की है. तेरी गांड चोदने से ज़्यादा मज़ा तेरी गांड चोदने में आ रहा है.
अंकल बोले- कुतिया, ऐसी सुहागरात की रात तूने सपने में भी नहीं सोची होगी.
मैं मजे लेने लगी- वाह आआआह्ह… क्या लंड है… क्या तरीके से मेरी गांड चोदते हो… मुझे मजा आ रहा है हाहाहा हाआआह, मुझे जोर से चोदो!
उन्होंने मुझे खूब चोदा और फिर उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल लिया।
मैंने उसका लंड चाटते हुए कहा- मोहन यार… शादी की रात डबल चुदाई का मजा आया।
फिर उन्होंने मेरे पति को नंगा कर दिया। उसका छोटा लंड लंड की तरह सो रहा था।
थोड़ी देर बाद अनुराग ने अपना लंड मेरी गांड में फिट कर दिया और झटके से मेरी गांड चोदने लगा।
मैं कराहने लगी- वाह चेतन… देखो ये तीनों तुम्हारी दुल्हन को कितने अच्छे से चोद रहे हैं! मजा आ रहा है आह ऊऊ आआ आआह्ह्ह।
अनुराग ने मेरी गांड का फालूदा बनाया और फिर मेरी गांड में ही स्खलित हो गया।
अंकल सोफे के पास लेट गए और मैं उनका लंड अपनी चूत में लेकर बैठ गई।
मोहन भी अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा।
मैं कराहने लगी- उफ्फ आह चेतन… मुझे बचा लो… ये मुझे मार डालेंगे। देखो ये मेरी चूत में दो लंड डाल रहे हैं।
मोहन ने जोर लगाया और उसका लंड मेरी चूत में घुसने लगा।
मैंने कहा- प्लीज आह… आह मोहन कमीने… धीरे से डालना… मेरी चूत फट जाएगी! उम्मम्म इई मैं मर गई मम्मीइइइइइ आआह्ह!
अनुराग ने अपना लंड मेरे मुँह में डाला और मुझे चुप करवाया।
थोड़ी देर बाद दो लंड मेरी चूत में थे।
दोनों ही मेरी चूत को बहुत तेज़ी से भोसड़ा बनाने लगे।
थोड़ी देर बाद मेरी चूत फ़ैल गई और मैंने अनुराग का लंड मुँह से निकाला और कहा- अंकल जी, तुमने मेरी चूत को भोसड़ा बना दिया है, मैं चेतन से क्या कहूँगी?
वो बोला- अरे मादरचोद रंडी…तू सिर्फ़ चुदने के लिए ही बनी है बहनचोद!
अब अनुराग भी पीछे गया और मेरी गांड चोदने लगा।
तीनों बहुत देर तक चोदते रहे।
दोनों ने मेरी चूत को वीर्य से भर दिया।
अनुराग भी मेरी गांड में ही स्खलित हो गया।
उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल लिया।
मैं उठी और बोली- अंकल जी, मुझे अपनी सुहागरात बहुत अच्छी लगी, मैंने ऐसा सेक्स सिर्फ़ ब्लू फ़िल्मों में ही देखा था।
वो बोले- चिंता मत कर बहनचोद…हम तेरी सुहागरात बार-बार ऐसे ही मनाएँगे।
उन्होंने मिलकर पूरी रात मुझे जम कर चोदा, वाइल्ड फैंटसी स्टोरी डॉट कॉम का मजा लिया।
सुबह तक मेरी चूत और गांड का फालूदा बन गया।
उन्होंने मेरे पति को नंगा करके सुहागसेज पर सुला दिया।
सुबह मैं और मेरे पति वापस आ गए।
कुछ दिन रुकने के बाद चेतन दुबई चला गया।
मेरा वीजा नहीं बना था तो मैं एक महीने भोपाल में रही।
मैंने पूरे महीने उन तीनों में से किसी एक या तीनों के साथ सुहागरात मनाई।
फिर मैं दुबई चली गई।
चेतन चोदने में नालायक है, उसका लंड भी ज्यादा लंबा या मोटा नहीं है।
जब भी मैं दुबई से भोपाल आती हूँ तो अंकल और उनके दो दोस्त मुझे चोदने आते हैं।
उन तीनों ने मुझे प्रेग्नेंट भी किया लेकिन उन्होंने मेरा गर्भपात करवा दिया।
आपको वाइल्ड फैंटसी स्टोरी डॉट कॉम कैसी लगी?
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