मज़बूरी का फ़ायदा उठा के मालिक ने मारी कामवाली की गांड

मज़बूरी का फ़ायदा उठा के मालिक ने मारी कामवाली की गांड

मेरा नाम अमित है और मैं 26 साल का हूं। मैं एक कंपनी में इंजीनियर हूं। मुझे काम के सिलसिले में छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल बहुत घुमना होता है।

माइनिंग साइट पर ज्यादा तर मुझे माइनिंग कंपनी के गेस्ट हाउस पर रुकाया जाता है मशीन इंस्टालेशन और ऑपरेशन शुरू होने तक। एक बार मैं झारखंड और बंगाल की सीमा पर एक साइट पर था।

वो बहुत पिचड़ा हुआ इलाका है और लोग बहुत ही साधरण से है। गेस्ट हाउस में अकेला था। और खाना बनाने के लिए एक औरत थी जिसी उमर लगबाग 43 से 45 साल के बीच होगी।

उसका नाम सविता था। वो दिखने में सावली और बहुत साधरण सी है। लेकिन उसका बदन स्तन और गांड बहुत  बड़े लगबाग 38 और 42 की साइज।

एक दिन मैं सुभा बाथरूम में नहा  रहा था तो मुझे ऐसा लगा जैसे  कोई आया है। मैंने अपने बाथरूम का दरवाजा हल्के से खोल के देखा तो सविता मेरे वॉलेट से 500 रुपये निकाल रही थी। मुझे बाथरूम में मोबाइल ले जाने की आदत है।

मैने तुरंत उस्का पैसे चुराते हुए वीडियो शूट कर लिया। जब वो शाम को खाना बनाने आई तो मैंने उसे पूछा  की मेरे वॉलेट से पैसे क्यों चुराए। वो थोड़ी डर  गई और बोली, “साहब मैंने पैसे नहीं लिए।” मैंने कहा मेरे पास सबूत है और मैं ये वीडियो पुलिस को दूंगा।

मैने उसे वीडियो दिखाया तो वो रोने लगी और बोली, “साहब मुझे मेरे बच्चे के स्कूल फीस के लिए पैसे चाहिए।” मैंने उसे कहा तुझे जो ये काम कर के पैसे मिलते हैं उससे क्यों नहीं दी स्कूल की फीस । वो बोली उसका पति शराब  पिता है और वो सब चुरा के दारू पर उडाता  है।

मैंने उसे बोला, “नहीं मैं तो पुलिस थाना में जाउंगा और तुम्हें गिरफ्तार भी करेगी पुलिस।” वो बोली, “साहब मैं पैसे वापस कर दूंगी । पुलिस को मत बताना गांव में बदनामी हो जाएगी। मैं कुछ भी करने को तयार हूं कोई भी काम करवा लो।”

मैंने उसे बोला, “तेरे लायक कोई काम नहीं है मेरे पास।” वो रोने लगी और ज़ोर ज़ोर से। मुझे तबी ख्याल आया की इस रंडी को चोदा जा सकता है थोड़ा डरा के। मैंने उसे कहा, “ठीक है, रो मत और जो मैं बोलूंगा वो कर।” वो बोली, “क्या करना है?”

मैंने कहा, “चल कमरे में बताता हूं और दरवाजा बंद कर के आना गेस्ट हाउस का।” हम कमरे  में आए और मैंने कहा, “सविता मालिश कर दो मेरे शुद्ध बदन की।” वो बोली, “जी साहब।” वो तेल लेने गई तब तक मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए।

सारे मतलब सारे कपड़े और पूरा नंगा हो कर ले गया बिस्तर पर। वो आई तो मुझे पूरा नंगा देख कर थोड़ी घबरा  और शर्मा गई। वो बोली, “ये क्या साहब?” मैने कहा, “मालिश कपडे दाल के होती है क्या?”

“पर साहब आप तो शुद्ध नंगे हैं।”

मैंने कहा, “चल आजा मालिश  कर दे,” और मैं पेट के बल लेट गया। वो डरते हुए आई और पुरे बदन पर तेल लगा के मालिश करने लगी । मालिश करते करते मैं घूम गया। मेरा 8 इंच का लंड खड़ा था वो देख कर शर्मा गई। मैने कहा, “इसकी भी मालिक कर दे।”

वो चुप चाप बैठी रही बिना कुछ करे। मैंने उसे कहा, “तुम जाओ, नहीं करना है तो मत करो। मैं पुलिस से बात करुंगा। इज्जत और नौकरी दोनो जाएगी।” वो डर गई बोली, “नहीं साहब मैं करती  हूं।” मैंने कहा, “हाथ से नहीं करना है।”

तो वो बोली, “फ़िर?” मैने कहा, “मुँह में लेके मालिश कर ।” वो बोली, “क्या? मैंने कभी नहीं किया है।” मैं खड़ा हुआ और उस के बाल पकडे । जैसे सविता ने मुँह ह खोला अपना 8 इंच का लंड म में घुसेड़ दिया ।

पुरा लंड उसके गले तक चला गया और वो तड़प ने लगी। मैंने उसका चेहरा पपकड़ के रखा था की वो हिला न पाए। मै ये समझ गया था कीउसने कभी किसी का मुँह में नहीं लिया था। मैने खड़े होक उसके बाल पकडे और उसके मु को चोदने लगा । उसके गले से आवाज तक नहीं निकाल पा रही थी।

थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और बिस्तर पर बैठा गया। वो साइड में बैठी रही चुप चाप। थोड़ी देर बाद वो खड़ी हुई और कमरे से बाहर जाने लगी। मैं पीछे से गया उसकी कमर में हाथ डाल के पकड लिया और उस की गर्दन को चूमने लगा 

अब वो समझ गई थी उसे चोदे बेगार नहीं छोडूंगा। मैंने उसे कहा, “तुझे पैसे की ज़रुरत है ना? तो तू वो 500 रख ले और  बदले में 1 बार चोदने  दे।” वो शांत हो गई थी और उसने अपने आप को अब मेरे हवाले  कर दिया था।

मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और साड़ी पेटीकोट ऊपर कर दी। अंदर पैंटी नहीं थी और चुत पर हल्के बाल थे। मैंने उसकी टांग फेला दी और उसकी चुत पर थूक लगा के ऊँगली करने लगा। वो थोड़ी देर में गीली हो गई। मुझे अब समझ में आ गया की वो चुदाने के लिए तय है।

मै अपना लंड पकड़ के उसकी चुत पर रगड़ने लग गया । थोड़ी देर रगड़ने के बाद मैंने एक ही झटके में पुरा 8 इंच का लंड चुत में घुस्सा दिया। सविता के मुँह  से चीख निकाल गई। मुझे समझ आ गया था की वो बहुत दिनों से चुदी नहीं थी  । मैंने फिर धीरे धीरे लंड अंदर  बाहर करना चालू किया।

वो सिसकिया लेने लगी। फिर मै निचे झुका और उसके होठ चूसने लगा और ज़ोर से लंड अंदर  बाहर कर के चोदने  लगा। वो धीरे ‘आह’ की आवाज़ निकाल रही थी। थोड़ी देर चोदने के बाद मैंने उसका ब्लाउज के बटन खोला।

अंदर ब्रा नहीं पहनी थी  ब्लाउज के बटन खोलते ही उसके  बड़े बड़े चूचे बाहर आ गए। मेरा दिमाग खराब हुआ उसके  चुचो को देख के मेरा लंड और भी टाइट हो गया। मै उससे चोदते चोदते उसके चुचे चूसने लगा  । वो भी मजे  लेने लगी थी।

मैंने उसे अपने गोद  में बैठा लिया और निचे से झटके देने लगा। उसका ब्लाउज पुरा निकाल दिया और उसे  चिपका लिया। मैंने हमें के पीठ पर हाथ फेरा और आला चुट पलटा रहा।

फिर मैंने उसे साड़ी और पेटीकोट खोल के पुरा नंगा कर दिया। – क्या लग रही थी। मैंने उससे कुत्तिया बनने को बोला  । जैसे ही वो कुत्तिया बनी मैंने पीछे से लंड उसकी चुत में डाल दिया । 

वो मदमस्त हो के अपनी गांड  हिला हिला के मेरा लंड में ले रही थी। मैं उसकी गांड को देख के पागल हुआ जा रहा था और फिर मैं उसकी गांड को झपटा मारने लगा। वो दर्द से ‘आहा आहा’ की आवाज निकाल रही थी। “साहब धीरे मारो मेरी गांड पर दर्द हो रहा है।”

मैंने उसे प्यार से कहा, “रानी मजा आ रहा है ना?” वो शर्मा के धीरे से बोली हां। मैंने उसे पूछा, “तेरा पति तुझे चोदता नहीं है क्या?”

वो बोली, “आप को कैसे पता चला? मेरा मरद एक नंबर का शराबी  है और रोज़ शराब  पी कर आता है और सो जाता है। मुझे 1 साल से हाथ भी नहीं लगाया  हरामी ने।”

मैंने उसे बोला, “मैं जब तक हूं तुझे खुश कर दूंगा।” मै उससे और ज़ोर से चोदने लगा। उसकी चुत पूरी गीली थी और लंड चुत में घुसने के बाद ‘फच फच’ आवाज कर रहा था। मेरे दिमाग में शैतान जागा और मैंने सोचा की क्यों न इसकी गांड मारी जाए।

मैंने उसकी गांड खोली और अपना लंड घुस्साना चालू किया। इस के पहले को वो कुछ समझ पाती मेरा आधा लंड उसकी गांड के होल में जा चुका था। वो चिल्लाने लगी, “साहब मर जाऊगी गांड में मत डालो।”

मैंने उसकी एक न सुनी और दम लगा के धीरे-धीरे 8 इंच पुरा गांड में  घुसेड़ दिया। वो झटपटा  रही और दर्द से चिल्ला रही थी। मैने उसे बिस्तर पर पेट के बल लिटा दिया और पुरा लंड अंदर बाहर करने लगा। वो दर्द से खूब चिल्ला रही थी।

मैंने एक हाथ से उसका मुँह  दबा दिया था ताकि उसकी आवाज ज्यादा न आए। मै उसकी कमर और गर्दन चूमता रहा और पिचे से उसकी गांड मारता रहा। उसकी गांड बहुत टाइट  थी और मुझे  ये खुशी हो रही थी की मैं शायद एक कुंवारी गांड चोद  रहा हूं।

मैंने उसकी गांड मारी और उसकी गांड में ही झाड़ दिया । पानी निकलने  के बाद मैंने उसके मुँह से हाथ हटाया और उसकी गांड से अपना लंड बाहर निकाला ।

मैंने उसे और 500 रुपये दिए और बोला, “मुझे अपनी गांड देने के लिए ।” उसे 500 रख लिए  लेकिन बोली, “साहब गांड में बोहुत तकलीफ हो रही है।” मैंने उसके होठो को चूमा  और बोला, “जाओ आराम करो।”

उस शाम मैंने उसे दुबारा चोदा । और मेरे वापस आने तक उसे दिन में 2-3 बार तो कम से कम चोदता  रहा। उसकी मजबूरी का फ़ायदा उठाता रहा ।

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